डायलिसिस मशीन द्वारा रक्त का शुद्धिकरण की प्रक्रिया कहलाती है

  1. डायलिसिस मशीन द्वारा रक्त के शुद्धिकरण की प्रक्रिया कहलाती है
  2. डायलिसिस की सम्पूर्ण जानकारी, प्रक्रिया एवं खर्च
  3. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम
  4. [Solved] डायलिसिस एक प्रक्रिया है, जो______ के कुछ सामान्य
  5. डायलिसिस : प्रक्रिया, खर्च, डाइट, साइड इफेक्ट्स
  6. जानिए डायलिसिस की प्रक्रिया और उसके प्रकारों को
  7. डायलिसिस मशीन किस तरह का कार्य करता है?


Download: डायलिसिस मशीन द्वारा रक्त का शुद्धिकरण की प्रक्रिया कहलाती है
Size: 55.73 MB

डायलिसिस मशीन द्वारा रक्त के शुद्धिकरण की प्रक्रिया कहलाती है

Categories • • (31.9k) • (8.8k) • (764k) • (261k) • (257k) • (218k) • (248k) • (2.9k) • (5.2k) • (664) • (121k) • (72.1k) • (3.8k) • (19.6k) • (1.4k) • (14.2k) • (12.5k) • (9.3k) • (7.7k) • (3.9k) • (6.7k) • (63.8k) • (26.6k) • (23.7k) • (14.6k) • (25.7k) • (530) • (84) • (765) • (49.1k) • (63.8k) • (1.8k) • (59.3k) • (24.5k)

डायलिसिस की सम्पूर्ण जानकारी, प्रक्रिया एवं खर्च

डायलिसिस एक महत्वपूर्ण तकनीक है जो कुछ लोगों के लिए अपने जीवन के लिए आवश्यक होती है। यह एक उपचार है जो किसी व्यक्ति के शरीर से विषैले पदार्थों को हटाने में मदद करता है। यह विधि एक मशीन का उपयोग करते हुए किया जाता है, जो रक्त में मौजूद अतिरिक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करती है। इस लेख में हम डायलिसिस के बारे में विस्तार से जानेंगे और इस तकनीक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे जैसे डायलिसिस के प्रकार, इससे जुड़े खर्च इत्यादि। डायलिसिस क्या है? डायलिसिस एक महत्वपूर्ण तकनीक है जो शरीर की अतिरिक्त विषैले पदार्थों को निकालने में मदद करती है। डायलिसिस एक उपचार है जो गुर्दे के नुकसान को कम करने में मदद करता है। गुर्दे शरीर में अतिरिक्त पानी और अन्य विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। जब किसी व्यक्ति के गुर्दे अस्थायी या स्थायी रूप से नुकसान उठाते हैं तो उन्हें डायलिसिस की आवश्यकता होती है। डायलिसिस मशीन द्वारा या एक कैथेटर के माध्यम से किया जा सकता है। डायलिसिस मशीन द्वारा डायलिसिस करने के लिए, रक्त को मशीन में ले जाया जाता है। फिर इसे एक विशेष फ़िल्टर से गुजारा दिया जाता है जिससे विषैले पदार्थ और अतिरिक्त पानी को निकाला जाता है। फिर, साफ किया गया रक्त वापस शरीर में डाला जाता है। डायलिसिस एक लंबी समय तक चलने वाली प्रक्रिया है। एक सतत चिकित्सा प्रक्रिया के तहत, यह व्यक्ति को हर दो-तीन दिन में डायलिसिस करवाने की जरूरत होती है। डायलिसिस एक जीवन बचाने वाली तकनीक है जो गुर्दे के नुकसान वाले व्यक्तियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इसके बावजूद, इसे ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं और इसके बारे में सही जानकारी नहीं होती है। इसलिए, जहां भी संभव हो, इस तकनीक के बारे म...

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम

• हमारे बारे में • • • • • • • सिविल सेवा परीक्षा • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • प्रारंभिक परीक्षा • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • मुख्य परीक्षा • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • प्रैक्टिस टेस्ट • • • • • • • • • • • • • • • • • पी.सी.एस. • • • • • • • • • टेस्ट सीरीज़ • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • करेंट अफेयर्स • • • • • • • • • दृष्टि स्पेशल्स • • • • • • • • • • • • • • • • • • • डाउनलोड्स • • • • • • • • • • • • • • • • • • • वीडियो सेक्शन • • • • • • • • • • • • और देखें प्रीलिम्स के लिये: प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम, पेरिटोनिअल डायलिसिस मेन्स के लिये: पेरिटोनिअल डायलिसिस सेवाओं को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम में शामिल करने के संदर्भ में जारी दिशा-निर्देशों का उद्देश्य चर्चा में क्यों? हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम’ (Pradhanmantri National Dialysis Programme) के अंतर्गत ‘पेरिटोनिअल डायलिसिस’ सेवाओं (Peritoneal Dialysis Services) की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये दिशा-निर्देशों की एक सूची जारी की है। मुख्य बिंदु: • केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उद्देश्य पेरिटोनिअल डायलिसिस सेवाओं को उनके प्रदाताओं के बीच बेहतर कार्य प्रणाली के साथ स्थापित करना तथा किडनी से संबंधित रोगों से ग्रस्त रोगियों को उच्च गुणवत्ता और कम लागत में डायलिसिस सेवाएँ प्रदान करना है। • इस कार्यक्रम का एक उद्देश्य किडनी से संबंधित रोगियों को संसाधनों का उचित प्रयोग करके, नि...

[Solved] डायलिसिस एक प्रक्रिया है, जो______ के कुछ सामान्य

अवधारणा: अपोहन (डायलिसिस): • जब वृक्क ठीक से कार्य करना बंद कर देते हैं, तब रक्त से अपशिष्ट उत्पादों और अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालने के लिए अपोहन प्रक्रियाका उपयोग किया जाता है। व्याख्या: वृक्क: • मनुष्यों में, उत्सर्जन प्रणाली में एक जोड़ी वृक्क होते हैं। • वृक्कलाल-भूरे रंग के, सेम के आकार की संरचनाएं हैं। • यह उदर गुहा की पृष्ठीय भीतरी भित्ति के निकटअंतिम वक्ष और तीसरे काठ कशेरुका के स्तरों के बीच स्थित होता है। Important Points अपोहन प्रक्रिया : • इस प्रक्रिया को कभी-कभी कृत्रिम वृक्क के रूप में जाना जाता है। • इसमें अक्सर रक्त को साफ करने के लिए एक मशीन का उपयोग करनाशामिल होता है। • एक मशीन द्वारा शरीर से रक्त निकाला जाता है, जो इसे तंत्र में पुनः प्रवेशितकरने से पहले एक कृत्रिम वृक्क के माध्यम से निस्यन्दित करता है जिसे अपोहक (डायलाइज़र) कहा जाता है। • अपोहन सुविधा सप्ताह में तीन बार अपोहन करती है। इस प्रकार, अपोहनएक ऐसी प्रक्रिया है जो वृक्क के कुछ सामान्य कार्यों को बदल सकती है। Additional Informationनेत्र : • मानव नेत्र मानव शरीर के महत्वपूर्ण संवेदी अंगों में से एक है। • नेत्रगोलक एक कैमरे के रूप में कार्य करता है, और नेत्र द्वारा प्राप्त वस्तुओं की छवि मस्तिष्क को संचालित करताहै। • नेत्र मानव खोपड़ी की एक खोखली शंकु के आकार की गुहा में होतीहैं जिसे कक्षा कहा जाता है। फेफड़े : • फेफड़े श्वसन तंत्र का हिस्सा होते हैं। • मनुष्य के दो फेफड़े होते हैं जो दो परतों वाले फुप्फुसावरण से ढके होते हैं। • फेफड़े वक्ष कक्ष में स्थित होते हैं जो शारीरिक रूप से एक वायुरोधी कक्ष होता है। ह्रदय: • हृदय शरीर के संचार तंत्र का अंग है। • हृदय का मुख्य कार्य आपके पूरे शरीर में रक्...

डायलिसिस : प्रक्रिया, खर्च, डाइट, साइड इफेक्ट्स

किडनी हमारे शरीर में विभिन्न अम्ल-क्षारों, विषाक्त पदार्थों और पानी की मात्रा का संतुलन बनाए रखने का काम करती है। किडनी के काम करने की इस जटिल प्रक्रिया से हमारा जीवन सुचारू रूप से चलता है। लेकिन जब किसी कारण से किडनी अपने इस काम को करने की गति धीमी कर दे या बंद कर दे तो स्थिति जान पर बन जाती है। उस प्राणघातक स्थिति को किडनी की विफलता (Kidney failure) कहा जाता है, इस स्थिति में इन दोनों ही प्रक्रियाओं की जरूरत किडनी की विफलता यानि CKD के अंतिम चरण पर पड़ती है। किडनी के बहुत से मरीजों को इन सवालों के जवाब जानने की इच्छा होती है कि, क्या है CKD के मरीजों के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया डायलिसिस, इसे क्यों किया जाता है, इसकी जरूरत कब पड़ती है, इसमें खर्च कितना आता है और इससे शरीर पर कोई नकारात्मक प्रभाव तो नहीं पड़ता आदि। जानिए इन सभी के जवाब- क्या होती है डायलिसिस ( dialysis) की प्रक्रिया- डायलिसिस जिसे हिंदी में अपोहन कहा जाता है, रक्त को मशीनों के माध्यम से साफ करने की एक विधि है। आमतौर पर डायलिसिस सप्ताह में 3 बार किया जाता है और इसे करने में लगभग 4 घंटे लगते हैं। इसकी जरूरत जब पड़ती है तब किडनी क्षतिग्रस्त होने के कारण रक्त में विषाक्त पदार्थों, अम्ल-क्षारों और पानी की मात्रा का संतुलन नहीं बना पाती। बढ़े हुए पदार्थों की यह मात्रा शरीर के लिए प्राणघातक सिद्ध हो सकती है। इसी बात को ध्यान में रख कर विशेषज्ञ CKD के मरीजों के लिए डायलिसिस की प्रक्रिया को अपनाते हैं। कब होती है किडनी के मरीज को डायलिसिस( dialysis) की जरूरत- सामान्य तौर पर CKD के मरीजों को डायलिसिस की जरूरततब पड़ती है और जब किडनी लगभग 85 प्रतिशत तक खराब हो चुकि होती हैं तब लक्षण जो बताते हैं कि मरीज को डायलिस...

जानिए डायलिसिस की प्रक्रिया और उसके प्रकारों को

परिचय गुर्दे की विफलता तब होती है जब गुर्दे रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थों को छानने का अपना कार्य करने में सक्षम नहीं होते हैं। यह कई कारणों से हो सकता है, जिनमें क्रोनिक किडनी रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अन्य चिकित्सा स्थितियां शामिल हैं। उचित उपचार के बिना, गुर्दे की विफलता हृदय रोग, स्ट्रोक और यहां तक ​​​​कि मृत्यु सहित गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकती है। डायलिसिस गुर्दे की विफलता वाले रोगियों के लिए जीवन रक्षक उपचार है। यह शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालने में मदद करता है और रक्त में सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखता है। डायलिसिस रक्तचाप को नियंत्रित करने, एनीमिया को रोकने और गुर्दे की विफलता वाले रोगियों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद कर सकता है। जानिए डायलिसिस की प्रक्रिया और उसके प्रकारों को डायलिसिस के प्रकार डायलिसिस एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसका उपयोग गुर्दे की विफलता वाले रोगियों के शरीर से अतिरिक्त अपशिष्ट और तरल पदार्थ को हटाकर किया जाता है। यह एक जीवन रक्षक प्रक्रिया है जो शरीर को संतुलन में रखने में मदद करती है जब किडनी ऐसा नहीं कर पाती है। डायलिसिस के दो मुख्य प्रकार हैं: हेमोडायलिसिस और पेरिटोनियल डायलिसिस। इस लेख में, हम दोनों प्रकार के डायलिसिस, वे कैसे काम करते हैं, और प्रक्रिया के दौरान रोगी क्या उम्मीद कर सकते हैं, पर चर्चा करेंगे। हीमोडायलिसिस हेमोडायलिसिस डायलिसिस का सबसे आम प्रकार है। हेमोडायलिसिस के दौरान, रोगी के रक्त को शरीर से निकाल दिया जाता है और डायलाइज़र नामक मशीन के माध्यम से पारित किया जाता है, जो कृत्रिम किडनी के रूप में कार्य करता है। अपोहक दो ...

डायलिसिस मशीन किस तरह का कार्य करता है?

हेलो फ्रेंड से आप आराम एक प्रश्न दिया हुआ कृष्ण महाराज प्रकार से हैं डायलिसिस मशीन किस तरह का कार्य करता है इसके लिए गए समाचारों से लिए गए हैं पहला ऑप्शन हमारे पास एक कृतिम यकृत का दूसरा एक रात अमृतसर का तीसरा है कृतिम व्रत का चौथा प्रथम ग्रंथि का डायलिसिस मशीन की डायलिसिस मशीन लेथ मशीन होती है जब मानव के जो एक होते हैं वो खराब हो जाते हैं तभी उसकी जाती है कृतिम व्रत की तरह कार्य करती है किस की तरह कार्य करती है डायलिसिस मशीन कृत्य कृत्य आर्टिफिशियल किडनी की तरह कार्य करती है एक वृक्ष की तरह कार्य करती है और यह काफी कॉस्टली होती है मतलब नहीं मशीन होती है जो कि जब उत्सर्जन तंत्र कार्य करना बंद हमारी किडनी फेल हो जाती है तब मैंने इनकी हमें आवश्यकता पड़ती है डायलिसिस मशीन की और यह काफी महंगा इलाज होता है कैसा होता है महंगा इलाज तो अब हम देख लेते हमारे ऑप्शंस की तरफ पहला ऑप्शन में दिया जाएगा इस क्या कर्तव्य करत का देखे यहां पर या गलत नहीं है यहां पर क्या हो जाएगा किडनी तो यह वाला ऑप्शन हमारा नहीं होगा तो यह गलत हो जाएगा में लिया हुआ है क्या कृतिम वृषण का तो देखिए वृषण यहां से रिलेटेड है वह किससे रिलेटेड है जन्म से और यह जो हमारे लिए रिलेटेड है वो किससे है पाचन से हमारे दोनों ही क्या