डॉ भीमराव अंबेडकर के बारे में 10 लाइन

  1. 10 Lines on Dr. Bhimrao Ambedkar in Hindi
  2. डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जीवनी, जयंती 2023
  3. भीमराव अंबेडकर के सामाजिक विचार
  4. भीमराव आंबेडकर के 20 रोचक तथ्य । Dr. BR Ambedkar In Hindi


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10 Lines on Dr. Bhimrao Ambedkar in Hindi

10 Lines on Dr. Bhimrao Ambedkar in Hindi | डॉ. भीमराव आम्बेडकर पर 10 लाइन डॉ भीमराव अंबेडकर एक भारतीय अर्थशास्त्री, लेखक, समाज सुधारक और राजनीतिक नेता थे। उन्हें बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को वर्तमान मध्य प्रदेश, भारत में हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई सकपाल था। उनके पिता भारतीय सेना में सूबेदार थे। उन्हें भारतीय संविधान के पिता के रूप में भी जाना जाता है। वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री थे। डॉ. भीमराव अम्बेडकर विदेश से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट (पीएचडी) की उपाधि प्राप्त करने वाले पहले भारतीय थे। 31 मार्च 1990 को उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 14 अप्रैल को उनका जन्मदिन अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है। उनके निजी पुस्तकालय “राजगीर” में 50,000 से अधिक पुस्तकें शामिल थीं और यह दुनिया का सबसे बड़ा निजी पुस्तकालय था। उन्होंने 14 अक्टूबर 1956 को दीक्षाभूमि (नागपुर) में बौद्ध धर्म अपना लिया था। अम्बेडकर ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 का विरोध किया था। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह मसौदा समिति के अध्यक्ष भी थे, जिसे नए स्वतंत्र भारत के शासन के लिए एक संविधान तैयार करने का काम सौंपा गया था। 10 Lines on Dr Bhimrao Ambedkar in English Dr Bhimrao Ambedkar was an Indian economist, writer, social reformer and political leader. He is popularly known as Babasaheb Dr. Bhimrao Ambedkar. Dr Bhimrao Ambedkar was born on 14 April 1891 in present-day Madhya Pradesh, India. His father’s name...

डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जीवनी, जयंती 2023

4/5 - (1 vote) डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जीवनी, जयंती, पुण्यतिथि, इतिहास, जन्म, उम्र, जाति, शिक्षा, पत्नी, परिवार, बच्चे, पुस्तकें, मृत्यु, हिस्ट्री, राजनीतिक विचार, भाषण, सम्मान, (Dr B R Ambedkar Biography in Hindi, 67th Death Anniversary, Age, Birthday, Speech, Death, Wife, Child, Family, Book, Award, University, Quotes, Cast) Bhim Rao Ambedkar Jayanti 2023 :- वैदिक काल में समाज में जाति व्यवस्था नहीं थी और इसीलिए अस्पृश्यता या छुआछूत भी नहीं थी। हम निश्चित रूप से नहीं जानते कि यह बुराई हिन्दू समाज में कब आ घुसी। वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था के चलते शूद्रों को प्राचीन भारत का उद्यमी वर्ग माना है। अथर्ववेद में अपने श्रम के पसीने से विविध उत्पादकीय कार्य में रत वर्ग को शूद्र कहा गया है. इस प्रकार वैदिक काल में सामाजिक सौह्यार्द व समरसता का माहौल देखने को मिलता है परन्तु कालान्तर में कुछ बुराई हिन्दू समाज को प्रदूषित करने लगी और इसी के फलस्वरूप कई विचारकों, महापुरुषों ने इसी बुराई की जड़ता को मिटाने का भरसक प्रयत्न किया। और इन्हीं महापुरुषों में से एक थे बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर। हिन्दू समाज में ऊँच-नीच व भेदभाव के विरुद्ध तथा देश की एकता व अखण्डता के लिए डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने अद्वितीय कार्य, विशाल आंदोलन तथा जागृति पैदा की। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जीवनी (Bhimrao Ambedkar Biography in Hindi) नाम (Name) डॉ. भीमराव अम्बेडकर पूरा नाम ( Full Name) डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर (Bhimrao Ramji Ambedkar) जन्म तारीख (Date of birth) 14 अप्रैल, 1891 भीमराव अंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti 2023) 14 अप्रैल भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथ...

भीमराव अंबेडकर के सामाजिक विचार

प्रश्न; डाॅ. भीमराव अम्बेडकर 'राजनीतिक विचारक की अपेक्षा एक समाज सुधारक अधिक थे।' इस कथन की विवेचना कीजिए। अथवा" डाॅ. अंबेडकर दलित वर्ग के मसीहा के रूप में जाने जाते हैं। समझाइए। अथवा" डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की आदर्श समाज की अवधारण की विवेचना कीजिए। अथवा" डाॅक्टर भीमराव अम्बेडकर के सामाजिक विचार लिखिए। उत्तर-- डाॅ. भीमराव अंबेडकर के सामाजिक विचार bhim rao ambedkar ke samajik vichar;डॉ. भीमराव अम्बेडकर मूलतः एक समाज सुधारक अथवा समाजिक चिंतक थे। वह हिन्दु समाज द्वारा स्थापित समाजिक व्यवस्था से काफी असंतुष्ट थे और उन में सुधार की मांग करते थे ताकि सर्व धर्म सम्भाव पर आधारित समाज की स्थापना की जा सके। अम्बेडकर ने अस्पृश्यता के उन्मूलन और अस्पृश्यों की भौतिक प्रगति के लिए अथक प्रयास किय । वे 1924 से जीवन पर्यन्त अस्पृश्यों का आंदोलन चलाते रहे। उनका दृढ विश्वास था कि अस्पृश्यता के उन्मूलन के बिना देश की प्रगति नहीं हो सकती। अम्बेडकर का मानना था कि अस्पृश्यता का उन्मूलन जाति-व्यवस्था की समाप्ति के साथ जुड़ा हुआ है और जाति व्यवस्था धार्मिक अवधारणा से संबद्ध है। समाजिक सुधारों को प्रमुखता समाज सुधार हमेशा डॉ. अम्बेडकर की प्रथम वरीयता रही। उनका विश्वास था कि आर्थिक और राजनीतिक मामले समाजिक न्याय के लक्ष्य की प्राप्ति के बाद निपटाये जाने चाहिए। अम्बेडकर का विचार था कि अर्थिक विकास सभी समाजिक समस्याओं का समाधान कर देगा। जातिवादी हिंदुओं की मानसिक दासता की अभिव्यक्ति है। इस प्रकार जातिवाद के पिशाच/बुराई के निवारण के बिना कोई वास्तविक परिवर्तन नहीं लाया जा सकता। हमारे समाज में क्रांतिकारी बदलाव के लिए समाजिक सुधार पूर्व शर्त है समाजिक सुधारों में परिवार व्यवस्था में सुधार और धार्मिक सुधार...

भीमराव आंबेडकर के 20 रोचक तथ्य । Dr. BR Ambedkar In Hindi

आज हम बात करेंगे एक ऐसे शख्स की जिनका जन्म हुआ अछूत जाति में, लेकिन उन्होंने दुखी होकर मरने से पहले अपना धर्म बदल लिया. जिसने ताउम्र देश के अनुसूचित जातियों को हक दिलाने में बिता दी. लेकिन पूरी तरह से सफल नहीं हो सके. जी हां, हम बात कर रहे हैं मेहनत, संघर्ष और सफलता की इबारत लिखने वाले बी.आर आंबेडकर की, चलिए लेख के जरिए इनके बारे में विस्तार से जानतें हैं. भीमराव आंबेडकर जीवन परिचय । BR Bhimrao Ambedkar in Hindi BR Bhimrao Ambedkar14 अप्रैल 1891, के दिन मध्य प्रदेश के महू गांव में रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई के घर चौदहवीं और आखिरी संतान के रुप में पैदा हुए थे. शुरुआत में इनका नाम भीमराव अंबाडवेकर था, जो समय के साथ परिवर्तित होकर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर बन गया. भीमराव अम्बेडर की शिक्षा • BR Bhimrao Ambedkar करीब 9 भाषाओं के ज्ञाता थे, इन्होंने 21 सालों तक सभी धर्मों का ज्ञान लिया था. • अंबेडकर की शादी 1906 में नौ साल की रमाबाई से हुई थी. 1908 में वे एलफिंस्टन कॉलेज में दाखिला लेने वाले पहले दलित बच्चे बनें. • डॉ. भीमराव के पास कुल 32 डिग्री थी. वो विदेश जाकर अर्थशास्त्र में P.H.D करने वाले पहले भारतीय थे. नोबेल प्राइज जीतने वाले अमर्त्य सेन अर्थशास्त्र में इन्हें माता पिता मानते थे. • बी.आर अंबेडकर पेशे से वकील थे, इन्होंने 2 साल तक मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज में प्रिंसिपल के पद पर काम किया है. • तिरंगे झंडे में अशोक चक्र लगवाने वाले भीमराव अम्बेडकर ही थे. • वर्तमान समय में जो उद्योगों में 8 घंटे की शिफ्ट होती है, यह सब BR Bhimrao Ambedkar की ही देन है. इससे पूर्व 12-14 घंटे श्रमिकों को काम करना पड़ता था. • भीमराव अंबेडकर संविधान निर्माण करने वाली समिति के अध्यक्ष थे,...