धातु

  1. धातु
  2. Kriya in Hindi
  3. वद् (बोलना) धातु के रूप
  4. Class 10 science Chapter 3 धातु एवं अधातु Notes in Hindi
  5. गम्/गच्छ धातु के रूप
  6. भ्वादिगण धातु १
  7. धातु (धात) रोग रोकने, बंद करने का इलाज के लिए सबसे अच्छे देसी घरेलु उपाय क्या है?
  8. Metal
  9. पठ् धातु रूप टेबल
  10. धातु (धात) रोग का आयुर्वेदिक इलाज, उपचार और दवा


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धातु

Contents • 1 Hindi • 1.1 Noun • 1.1.1 Declension • 1.2 References • 2 Pali • 2.1 Alternative forms • 2.2 Noun • 2.2.1 Declension • 2.3 Noun • 2.3.1 Declension • 3 Sanskrit • 3.1 Etymology • 3.2 Pronunciation • 3.3 Noun • 3.3.1 Declension • 3.3.2 Derived terms • 3.3.3 Descendants • 3.3.4 References • 3.3.5 Further reading Hindi [ ] Noun [ ] धातु dhātu) f • Declension [ ] Case \ Number Singular Plural Nominative (first) धातु ( dhātu ) ( dhātuyo ) or ( dhātū ) Accusative (second) ( dhātuṃ ) ( dhātuyo ) or ( dhātū ) Instrumental (third) ( dhātuyā ) ( dhātūhi ) or ( dhātūbhi ) Dative (fourth) ( dhātuyā ) ( dhātūnaṃ ) Ablative (fifth) ( dhātuyā ) ( dhātūhi ) or ( dhātūbhi ) Genitive (sixth) ( dhātuyā ) ( dhātūnaṃ ) Locative (seventh) ( dhātuyā ) or ( dhātuyaṃ ) ( dhātūsu ) Vocative (calling) धातु ( dhātu ) ( dhātuyo ) or ( dhātū ) Noun [ ] धातु m • Case \ Number Singular Plural Nominative (first) धातु ( dhātu ) ( dhātavo ) or ( dhātū ) Accusative (second) ( dhātuṃ ) ( dhātavo ) or ( dhātū ) Instrumental (third) ( dhātunā ) ( dhātūhi ) or ( dhātūbhi ) Dative (fourth) ( dhātussa ) or ( dhātuno ) ( dhātūnaṃ ) Ablative (fifth) ( dhātusmā ) or ( dhātumhā ) ( dhātūhi ) or ( dhātūbhi ) Genitive (sixth) ( dhātussa ) or ( dhātuno ) ( dhātūnaṃ ) Locative (seventh) ( dhātusmiṃ ) or ( dhātumhi ) ( dhātūsu ) Vocative (calling) धातु ( dhātu ) ( dhātave ) or ( dhātavo ) Sanskrit [ ] Etymology [ ] Maybe inherited from ( vīδātu, “ justification, providence ” ), ( “ putting, placing ”, ) ( dated ...

Kriya in Hindi

हमें एक ऐसी व्यावहारिक व्याकरण की पुस्तक की आवश्यकता महसूस हुई जो विद्यार्थियों को हिंदी भाषा का शुद्ध लिखना, पढ़ना, बोलना एवं व्यवहार करना सिखा सके। ‘ क्रिया (Kriya) की परिभाषा भेद और उदाहरण – Verb in Hindi Grammar Examples जिस शब्द से कार्य का करना या होना पाया जाए, उसे क्रिया कहते हैं; जैसे : (क) राम खाना खा रहा है। (ख) बच्चे खेल रहे हैं। यदि इन वाक्यों के साथ हम क्या करता है?’ या ‘क्या कर रहा है?’ आदि प्रश्नों को जोड़कर उनका उत्तर ढूँढें तो क्रमशः ‘खाना खा रहा है’ तथा ‘खेल रहे हैं उत्तर प्राप्त होंगे। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि वाक्य का जो अंश इन प्रश्नों का उत्तर देता है, उसे ‘क्रिया’ कहते हैं। बिना क्रिया के कोई भी वाक्य पूर्ण नहीं होता। क्रिया को देखकर ही कर्ता या कर्म का अनुमान लगाया जा सकता है। कर्ता एकवचन है या बहुवचन, पुल्लिग है या स्त्रीलिंग, सजीव है या निर्जीव, उत्तम पुरुष में ,मध्यम पुरुष में या अन्य पुरुष में है, इसकी जानकारी भी क्रिया के द्वारा ही होती है। काल का ज्ञान भी क्रिया से ही होता है। धातु क्रिया किसे कहते हैं: धातु (Root)-धातु का अर्थ है : मूल या बीजाक्षर। किसी क्रिया के विभिन्न रूपों में जो अंश समान रूप से मिलता है, उसे उस क्रिया की धातु कहा जाता है। इस प्रकार “क्रिया के मूल रूप को धातु’ कहते हैं।” जिस प्रकार सोना, चाँदी आदि धातुओं से हार, कंगन, झुमके, बालियाँ, नथ इत्यादि आभूषण बनाए जाते हैं, उसी प्रकार ‘चल’ धातु से चलना, चला, चले, चलो, चलेंगे; ‘पढ़’ धातु से पढ़ना, पढ़े, पढ़ेगा इत्यादि क्रिया पद रूप बनाए जाते हैं। आ, जा, खा, पी, चल, सुन, देख, पढ़ आदि प्रत्येक धातु के मूल रूप में ‘ना’ जोड़कर क्रिया का सामान्य रूप बनाया जाता है; जैसे-आना, जाना,...

वद् (बोलना) धातु के रूप

Vad Dhatu वद् धातु (बोलना, to speak): वद् धातु भ्वादिगणीय धातु शब्द है। अतः Vad Dhatu के Dhatu Roop की तरह वद् जैसे सभी भ्वादिगणीय धातु के धातु रूप ( वद् धातु का गण (Conjugation): भ्वादिगण (प्रथम गण – First Conjugation) वद् का अर्थ: वद् का अर्थ बोलना, to speak होता है। वद् के धातु रूप (Dhatu Roop of Vad) – परस्मैपदी वद् धातु के धातु रूप संस्कृत में सभी लकारों, पुरुष एवं तीनों वचन में वद् धातु रूप (Vad Dhatu Roop) नीचे दिये गये हैं। 1. लट् लकार – वर्तमान काल पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुष वदति वदत: वदन्ति मध्यम पुरुष वदसि वदथः वदथ उत्तम पुरुष वदामि वदावः वदामः 2. लोट् लकार – अनुज्ञा पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुष वदतु वदताम् वदन्तु मध्यम पुरुष वद वदतम् वदत उत्तम पुरुष वदानि वदाव वदाम 3. लङ् लकार – भूतकाल पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुष अवदत् अवदातम् अवदन् मध्यम पुरुष अवदः अवदतम् अवदत उत्तम पुरुष अवदम् अवदाव अवदाम 4. विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुष वदेत् वदेताम् वदेयुः मध्यम पुरुष वदेः वदेतम् वदेत उत्तम पुरुष वदेयम् वदेव वदेम 5. लृट् लकार – भविष्यत् पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुष वदिष्यति वदिष्यतः वदिष्यन्ति मध्यम पुरुष वदिष्यसि वदिष्यथः वदिष्यथ उत्तम पुरुष वदिष्यामि वदिष्यावः वदिष्यामः संस्कृत में शब्द रूप देखने के लिए • • • • • • •

Class 10 science Chapter 3 धातु एवं अधातु Notes in Hindi

10 Class Science Chapter 3 धातु एवं अधातु notes in hindi Textbook NCERT Class Class 10 Subject विज्ञान Chapter Chapter 3 Chapter Name धातु एवं अधातु Category Class 10 Science Notes Medium Hindi Class 10 scienceChapter 3 अम्ल , क्षारक एवं लवण notesin hindi. जिसमे हम धातु एवं अधातु , धातुओं एवं अधातुओं के भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्म , धातुओं की प्राप्ति एवं उनके संक्षारणआदि के बारे में पड़ेंगे । Class 10 science Chapter 3 धातु एवं अधातु Notes in hindi 📚 Chapter = 3 📚 💠 धातु एवं अधातु💠 🔹वर्तमान में 118 तत्व ज्ञात हैं । इनमें 90 से अधिक धातुऐं , 22 अधातुऐं और कुछ उपधातु हैं । ❇️धातु :- • पदार्थ जो कठोर , चमकीले , आघातवर्ध्य , तन्य , ध्वानिक और ऊष्मा तथा विद्युत के सुचालक होते हैं , धातु कहलाते हैं । • जैसे :- सोडियम ( Na ) , पोटाशियम ( K ) , मैग्नीशियम ( Mg ) , लोहा ( Fc ) , एलूमिनियम ( AI ) , कैल्शियम ( Ca ) , बेरियम ( Ba ) धातुऐं हैं । ❇️धातुओं के उपयोग :- 🔹 धातुओं का उपयोग इमारत , पुल , रेल पटरी को बनाने में , हवाईजहाज , समुद्री जहाज , गाड़ियों के निर्माण में , घर में उपयोग होने वाले बर्तन , आभूषण , मशीन के पुर्जे आदि के निर्माण में किया जाता है । ❇️अधातु :- • जो पदार्थ नरम , मलिन , भंगुर , ऊष्मा तथा विद्युत के कुचालक होते हैं , एवं जो ध्वानिक नहीं होते हैं अधातु कहलाते हैं । • जैसे :- ऑक्सजीन ( O ) , हाइड्रोजन ( H ) , नाइट्रोजन ( N ) , सल्फर ( S ) , फास्फोरस ( P ) , फ्लूओरीन ( F ) , क्लोरीन ( CI ) , ब्रोमीन ( Br ) , आयोडिन ( I ) , अधातुऐं हैं । ❇️अधातुओं के उपयोग :- • ऑक्सीजन हमारे जीवन के लिए आवश्यक है , जिसे सजीव श्वसन के समय अन्दर लेते हैं । • नाइट्रोजन का उपयोग उर्वरकों...

गम्/गच्छ धातु के रूप

Gam, Gachchh Dhatu गम् – गच्छ धातु (जाना, to go): गम् – गच्छ धातु भ्वादिगणीय धातु शब्द है। अतः Gam, Gachchh Dhatu के Dhatu Roop की तरह गम् – गच्छ जैसे सभी भ्वादिगणीय धातु के धातु रूप ( गम् – गच्छ धातु का गण (Conjugation): भ्वादिगण (प्रथम गण – First Conjugation) गम् – गच्छ का अर्थ: गम् – गच्छ का अर्थ जाना, to go होता है। गम् – गच्छ के धातु रूप (Dhatu Roop of Gam, Gachchh) – परस्मैपदी गम् – गच्छ धातु के धातु रूप संस्कृत में सभी लकारों, पुरुष एवं तीनों वचन में गम् – गच्छ धातु रूप (Gam, Gachchh Dhatu Roop) नीचे दिये गये हैं। लट् लकार – वर्तमान काल, Present Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः गच्छति गच्छतः गच्छन्ति मध्यमपुरुषः गच्छसि गच्छथः गच्छथ उत्तमपुरुषः गच्छामि गच्छावः गच्छामः लिट् लकार – Past Perfect Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः जगाम जग्मतुः जग्मुः मध्यमपुरुषः जगमिथ/जगन्थ जग्मथुः जगम उत्तमपुरुषः जगम/जगाम जग्मिव जग्मिम लुट् लकार – First Future Tense or Periphrastic पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः गन्ता गन्तारौ गन्तारः मध्यमपुरुषः गन्तासि गन्तास्थः गन्तास्थ उत्तमपुरुषः गन्तास्मि गन्तास्वः गन्तास्मः लृट् लकार – भविष्यत्, Second Future Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः गमिष्यति गमिष्यतः गमिष्यन्ति मध्यमपुरुषः गमिष्यसि गमिष्यथः गमिष्यथ उत्तमपुरुषः गमिष्यामि गमिष्यावः गमिष्यामः लोट् लकार – अनुज्ञा, Imperative Mood पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः गच्छतु/गच्छतात् गच्छताम् गच्छन्तु मध्यमपुरुषः गच्छ/गच्छतात् गच्छतम् गच्छत उत्तमपुरुषः गच्छानि गच्छाव गच्छाम लङ् लकार – भूतकाल, Past Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः अगच्छत् अ...

भ्वादिगण धातु १

सार्थ पाणिनीय धातुपाठ। पाणिनि जी ने अपने पाणिनीय धातुपाठ में लगभग २००० संस्कृत धातुओं को समाविष्ट किया है। सभी संस्कृतप्रेमी, शिक्षक, छात्र तथा अध्येताओं की सुविधा के लिए हम ने सार्थ पाणिनीय धातुपाठ को उपलब्ध कराने का यह प्रयत्न किया है। आशा है कि आप सभी को यह मददगार साबित हो। प्रस्तुत सार्थ पाणिनीय धातुपाठ में हम ने संस्कृत धातुओं के हिन्दी तथा अंग्रेजी अर्थों के साथ साथ धातुओं का पद, इडागम तथा सकर्मक-अकर्मक इ॰ महत्त्वपूर्ण जानकारी दी है। पारायण के लिए पाणिनीय धातुपाठ सार्थ पाणिनीय धातुपाठ में प्रत्येक धातु के बारे में जानकारी दी है। इस वजह से जिन्हे पाणिनीय व्याकरण का अभ्यास करना है, उन छात्रों की तो सुविधा होती है, परन्तु जो छात्र धातुपाठ को कण्ठस्थ करना चाहते हैं उनके लिए यह ठीक नहीं है। धातुपाठ को कण्ठस्थ करने के लिए उसका पारायण करना होता है। अतः जिन संस्कृत छात्रों को केवल धातुपाठ कण्ठस्थ करने के लिए पारायण करना है, उनके लिए भी हमने अलग लेख में पाणिनीय धातुपाठ। पारायण के लिए उपलब्ध कराया है। जिसका जालसूत्र (लिंक) नीचे है। १।१ भू सत्तायाम् धातु भू का हिन्दी अर्थ * १।१ भू = अस्तित्व होना, बनना, होना, तो होना English meaning of the Dhatu भू * 1| 1 भू = to exist , to become , to be , to happen • पद – परस्मैपद • कर्म – अकर्मक • इडागम – सेट् __ १।२ एधँ वृद्धौ धातु एध् का हिन्दी अर्थ * १।२ एध् = वृद्धि करना, विकसित करना, समृद्ध, विस्तार करना, प्रफुल्लित करना, वृद्धि करना, English meaning of the Dhatu एध् * 1|2 एध् = to grow , to increase , to prosper , to extend , to swell , to rise • पद – आत्मनेपद • कर्म – अकर्मक • इडागम – सेट् __ १।३ स्पर्धँ सङ्घर्षे धातु स्पर्ध् का हिन्द...

धातु (धात) रोग रोकने, बंद करने का इलाज के लिए सबसे अच्छे देसी घरेलु उपाय क्या है?

धात रोग कैसे रोकें या बंद करें | धातु गिरना बीमारी का इलाज की जानकारी धात रोग या धातु रोग में धात यानि वीर्य का गिरना बिना आपकी मर्जी के होता है धात रोग के कारण आप में मानसिक और शारीरिक कमजोर आने लगती है| dhat rog in English में बिना आपकी इच्छा जैसे मूत्र करते समय या मॉल त्याग के समय या रगड़ लगने से वीर्य गिरता रहता है या सरल शब्दों में कहें तो वीर्य जैसा चिपचिपा पदार्थ सखलित होता है| धत गिरना रोकने के लिए आप धातु रोग का जड़ से ख़तम करने के लिए gharelu इलाज कर सकते हैं जिसके लिए आप धात रोग रोकने या बंद करने के लिए या धात गिरना का इलाज के लिए देसी घरेलु नुस्खे या उपाय अपना सकते हैं| loading... Drop of water from the Faucet तो चलिए जानते हैं की धातु रोग या धात का इलाज करने के लिए सबसे असरदार या रामबाण नुस्खे और उपाय कौनसे हैं जिनसे धात का गिरना रोका जा सकता है और आप धात रोग से छुटकारा या मुक्ति पा सकते हैं| धातु (धात) रोग के लिए घरेलू इलाज – Dhatu Rog Ke ilaj ke liye Gharelu Upay in Hindi यहाँ कुछ धात रोग से जड़ से छुटकारा पाने के देसी घरेलु इलाज के उपाय और नुस्खे दिए जा रहे हैं| लिंग और अंडकोष का तापमान कम रखिये | गर्म ताप से बढती है धात की बीमारी See also धात रोग क्या है और क्यों होता है धातु रोग का देसी इलाज है मालिश कराना – Dhat rog rokne ka aasan upay धात रोग को दूर करने का एक आसान रामबाण नुस्खा होता है कि आप रोजाना अपने लिंग और लिंग के आसपास तेलिया देसी घी की मालिश करें| मालिश करने से आप की नसों में मजबूती आएगी जिससे कि धात का गिरना बंद हो जाएगा | इसलिए आप सरसों का तेल, जैतून का तेल या धात रोग का बेस्ट उपचार है परहेज करना– Dhat rog ka gharelu ilaj me kya khaye kya nahi धात...

Metal

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पठ् धातु रूप टेबल

पठ् धातु (पढ़ना, to read) भ्वादिगणीय धातु है। Path Dhatu के Dhatu Roop की तरह पठ् जैसे सभी भ्वादिगणीय धातु के धातु रूप ( पठ् धातु का गण (Conjugation)‘भ्वादिगण (प्रथम गण – First Conjugation)’ है। पठ् का अर्थ पढ़ना (to read) होता है। पठ् धातु के रूप संस्कृत में (Path Dhatu Roop In Sanskrit) पठ् धातु रूप के पांच लकार इस प्रकार है- • • • • • पठ् धातु के धातु रूप संस्कृत में सभी लकारों (All Lakar), पुरुष एवं तीनों वचन में पठ् धातु रूप (Path Dhatu Roop) नीचे दिये गये हैं- पठ् धातु के लट् लकार में रूप – वर्तमान काल, Present Tense संस्कृत में पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुष पठति पठत: पठन्ति मध्यम पुरुष पठसि पठथः पठथ उत्तम पुरुष पठामि पठावः पठामः पठ् धातु के लट् लकार में वाक्य और उदाहरण- • वह पढ़ता है। – सः पठति। • वह पढ़ती है। – सा पठति। • वे दोनों पढ़ते हैं। – तौ पठतः। • वे दोनों पढ़ती हैं। – ते पठतः। • वे सब पढ़ते हैं। – ते पठन्ति। • वे सब पढ़ती हैं। – ता पठन्ति। • तुम पढ़ते हो। – त्वं पठसि। • तुम दोनों पढ़ते हो। – युवां पठथः। • तुम सब पढ़ते हो। – यूयं पठथ। • मैं पढ़ता हूँ। – अहं पठामि। • हम दोनों पढ़ते हैं। – आवां पठावः। • हम सब पढ़ते हैं। – वयं पठामः। पठ् धातु के लृट् लकार में रूप – भविष्यत् काल, Future Tense संस्कृत में पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुष पठिष्यति पठिष्यतः पठिष्यन्ति मध्यम पुरुष पठिष्यसि पठिष्यथः पठिष्यथ उत्तम पुरुष पठिष्यामि पठिष्यावः पठिष्यामः पठ् धातु के लृट् लकार में उदाहरण- • सः पठिष्यति। = वह पढ़ेगा। • सः कुत्र पठिष्यति? = वह कहाँ पढ़ेगा? • ते पठिष्यन्ति। = वे सब पढ़ेंगे। पठ् धातु के लङ् लकार में रूप – भूतकाल, Past Tense पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन ...

धातु (धात) रोग का आयुर्वेदिक इलाज, उपचार और दवा

(और पढ़ें - आयुर्वेद में धातु रोग को धात सिंड्रोम बताया गया है जिसमें वीर्य का नुकसान होने लगता है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार पुरुषों के शरीर में वीर्य एक महत्‍वपूर्ण तत्‍व होता है और इसका शरीर से अधिक निकलना वीर्य के नुकसान को दर्शाता है। धात रोग जैसे प्रजनन प्रणाली से संबंधित रोगों के इलाज के लिए खानपान में बदलाव और हर्बल उपचार की सलाह दी जाती है। • • • • • • • आयुर्वेद के अनुसार शुक्र पुरुषों में पाया जाने वाला एक सफेद, चिकना, गाढ़ा और मीठा पदार्थ हैजो कि गर्भोत्‍पादन (प्रजनन) का कार्य करता है। इसके अलावा ये पुरुषों के आकर्षण, शारीरिक मजबूती, बुद्धि और याददाश्‍त में सुधार लाने में मदद करता है। इस वजह से वीर्य के नुकसान का संबंध पुरुषों की यौन शक्‍ति में कमी के साथ-साथ याददाश्‍त कम होने और मानसिक असंतुष्टि से होता है। चरक संहिता में वीर्य के नुकसान या वीर्य के जैसे पदार्थ को शुक्‍लमेह (पेशाब में सफेद पदार्थ), शुक्रमेह (वीर्य का अपने आप निकलना) और सीतमेह (मीठा और ठंडा पेशाब) के रूप में उल्लिखित किया गया है। शादी से पहले यौन संबंध बनाने, कम (और पढ़ें - बढ़ती उम्र और अन्‍य धातु के खराब होने की वजह से भी धात रोग हो सकता है। धात सिंड्रोम से ग्रस्‍त पुरुषों को एनर्जी में कमी, लिंग का आकार घटने, पेशाब के दौरान जलन, प्रोत्‍साहन में कमी, (और पढ़ें - शमन (शांत करना) और शोधन (शुद्धिकरण) थेरेपी से शुक्र धातु को वापिस से संतुलन में लाया जाता है। myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है...