धातु के विद्युत शोधन से आप क्या समझते हैं

  1. NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 3 Metals and Non
  2. किसी धातु अशुद्ध ताम्बे के विद्युत अपघटनी परिष्करण में आप ऐनोड, कैथोड
  3. विद्यत अपघटनी शोधन से आप क्या समझते हैं ? What do you understand by electrolytic refining?
  4. RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 2 धातु और अधातु
  5. विद्युत अपघटनी शोधन से आप क्या समझते हैं? Answer :... MP
  6. धातुओं का शोधन, आसवन, विद्युत अपघटनी परिष्करण, वाॅन आर्कल, वाष्प प्रावस्था, मंडल विधि
  7. NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 Chemical Reactions and Equations in Hindi
  8. विद्यत अपघटनी शोधन से आप क्या समझते हैं ? What do you understand by electrolytic refining?
  9. विद्युत अपघटनी शोधन से आप क्या समझते हैं? Answer :... MP


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NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 3 Metals and Non

• NCERT Solutions for Social Science • Class 10 Social Science in Hindi Medium • Class 9 Social Science in Hindi Medium • Class 8 Social Science in Hindi Medium • Class 7 Social Science in Hindi Medium • Class 6 Social Science in Hindi Medium • NCERT Solutions for Class 10 • NCERT Solutions for Class 9 • NCERT Solutions for Class 11 • तत्व तीन प्रकार के होते हैं – धातु, अधातु एवं उपधातु | • प्रकृति में धातुएँ स्वतंत्र अवस्था में या अपने यौगिकों के रूप में पाई जाती हैं। • खनिज पृथ्वी के अन्दर पाए वाले वह प्राकृतिक पदार्थ है जिसमें धातुऐें के यौगिक पाये जाते है। जैसे मैग्निज, बाक्साइड आदि। • अयस्क वह खनिज होते हैं। जिनसे धातुओं का निष्कर्षण लाभप्रद हो और जिनमें धातु की मात्रा अधिक हो | • धातुओं का वह गुण जिनसे उनकों हथौड़े से पीट कर पतली चादर बनाई जा सकती है । धातुओं के इस गुण को अघातवर्ध्यता कहते हैं । सोना तथा चॉदी सबसे अधिक अघातवर्ध्य धातुऐ हैं | • धातुओं का वह गुण जिनसे उनकों खीचकर पतली तार बनाया जा सकता है धातुओं के इस गुण को तन्यता कहते हैं । • किसी धातु का अन्य धातु या अधातु के साथ समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं | उन्हे पिघली अवस्था मे रख कर प्राप्त किया जाता है । • पृथ्वी से प्राप्त खनिज अयस्कों में मिटटी, रेत आदि जैसे कई अशुद्धियाँ होती है जिन्हें गैंग कहते है। • किसी धातु पर जस्ता लेपन की प्रक्रिया को जस्तीकरण या गैल्वीनीकरण कहते है। • अयस्क से धातु का निष्कर्षण तथा उसका परिष्करण कर उपयोगी बनाने के प्रक्रम को धातुकर्म कहते हैं। • धातुएँ तन्य, आघातवर्ध्य, चमकीली एवं ऊष्मा तथा विद्युत की सुचालक होती हैं। पारद के अलावा सभी धातुएँ कमरे के ताप पर ठोस होती हैं। कमरे ...

किसी धातु अशुद्ध ताम्बे के विद्युत अपघटनी परिष्करण में आप ऐनोड, कैथोड

इस प्रक्रिया में अशुद्ध धातु को ऐनोड बनाया जाता है तथा शुद्ध धातु की पतली पट्टी को कैथोड बनाया जाता है। धात्विक लवण का उपयोग विद्युत अपघट्य के रूप में लिया जाता है। उपकरणों में दिए गए चित्र के ताँबे का विद्युत अपघटनी परिष्करण, अम्लीकृत कॉपर सल्फेट विलयन का विलयन विद्युत अपघट्य है। अशुद्ध ताँबा ऐनोड है जबकि शुद्ध ताँबे की पट्टी कैथोड का कार्य करती है। विद्युत धारा प्रवाहित करने पर शुद्ध ताँबा कैथोड पर निक्षेपित हो जाता है|चित्र के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है। विद्युत अपघट्य से विद्युत प्रवाहित करने पर ऐनोड पर स्थित शुद्ध धातु विद्युत अपघट्य में घुल जाता है। शुद्ध धातु की इतनी ही मात्रा कैथोड पर जमा हो जाती है। विलयशील अशुद्धियाँ विलयन में पहुँच जाती हैं जबकि अविलयशील अशुद्धियाँ ऐनोड के नीचे जम जाती हैं, जिन्हें ऐनोड पंक कहा जाता है।

विद्यत अपघटनी शोधन से आप क्या समझते हैं ? What do you understand by electrolytic refining?

कॉपर, जिंक, टिन, निकेल, चाँदी, सोना आदि जैसे अनेक धातुओं का शोधन विद्युत् अपघटन द्वारा किया जाता है । इस प्रक्रिया में अशुद्ध धातु को ऐनोड तथा शुद्ध धातु की पतली परत को कैथोड बनाया जाता है । धातु के लवण विलयन का उपयोग विद्युत्-अपघट्य के रूप में होता है। विद्युत-अपघट्य में जब धारा प्रवाहित होती है तब एनोड पर स्थित शुद्ध धातु विद्युत्-अपघट्य में घुल जाता है । इतनी ही मात्रा में शद्ध धात विद्यत-अपघटय से कैथोड पर निक्षेपित हो जाता है। विलयशील अशुद्धियाँ विलयन में चली जाती हैं तथा अविलयशील अशुद्धियाँ ऐनोड के नीचे निक्षेपित हो जाती हैं जिसे ऐनोड अवपंक कहते हैं।

RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 2 धातु और अधातु

Dhatu Adhatu Class 8 प्रश्न 1. द्युति (चमक) केआधारपरपदार्थोंकीपहचानकरनेकाप्रयासकीजिएतथानिम्नसारणीमेंसारणीबद्धकीजिए। उत्तर: सारणी-द्युति (चमक) केआधारपरपदार्थोंकीपहचान क्र.सं. पदार्थकानाम चमकदारयाचमकरहित 1. ताँबेकालोटा चमकदार 2. ऐलुमिनियमकीशीट चमकदार 3. कोयलेकाचूर्ण चमकरहित 4. मिट्टी चमकरहित 5. लकड़ीकीकुर्सी चमकरहित पाठ्यपुस्तककेप्रश्न धातुऔरअधातुकक्षा 8 Question Answer प्रश्न 1. आघातवर्धनीयताकिसेकहतेहैं? उत्तर: आघातकाअर्थहै-पीटनातथावर्धनकाअर्थहै-बढ़ना।अतःआघातवर्धनीयताकाअर्थहैपीटनेपरफैलनायाबढ़ना।धातुओंकेइसीगुणकेकारणहथौड़ेसेपीटकरइनकीचादर (शीट) बनाईजासकतीहै। धातुऔरअधातुकक्षा 8 प्रश्न 2. मिश्रधातुकिसेकहतेहैं? अथवा मिश्रधातुसेआपक्यासमझतेहैं? दोउदाहरणभीदीजिए। उत्तर: दोयादोसेअधिकधातुओं (अथवाधातुऔरअधातु) कीनिश्चितमात्रामिलाकरउसमेंवांछितगुणधर्मप्राप्तकिएजासकतेहैं।ऐसेसमांगीमिश्रणकोमिश्रधातुकहतेहैं।उदाहरण-कांसा, पीतलऔरस्टेनलेसस्टीलआदि। Dhatu Aur Adhatu 8th Hindi Medium प्रश्न 3. पदार्थकागलनांककिसेकहतेहैं? उत्तर: गलनांक-वहतापजिसपरकोईठोसपदार्थद्रवअवस्थामेंपरिवर्तितहोताहै, उसेपदार्थकागलनांककहतेहैं।धातुओंकागलनांकअधिकतथाअधातुओंकेगलनांकप्रायःकमहोतेहैं। Dhatu Aur Adhatu Notes Class 8 प्रश्न 4. ग्रेफाइटविद्युतकासुचालकहै।क्यों? उत्तर: ग्रेफाइटकीसंरचनामेंमुक्तइलेक्ट्रॉनहोनेकेकारणयहअधातुहोतेहुएभीविद्युतकासुचालकहै। प्रश्न 1. सोडियमधातुकोमिट्टीकेतेल (केरोसिन) मेंक्योंरखाजाताहै? अथवा सोडियमधातुकोमिट्टीकेतेलमेंरखाजाताहै।इसकेऑक्सीजनएवंजलकेसम्पर्कमेंआनेपरक्याक्रियाहोतीहै? क्रियाकासमीकरणभीलिखिए। उत्तर: सोडियमधातुअत्यधिकक्रियाशीलहैऔरऑक्सीजनवजलकेसाथअत्यन्ततीव्रगतिसेक्रियाकरसोडियमहाइड्रॉक्साइडवहाइड्रोजनगै...

विद्युत अपघटनी शोधन से आप क्या समझते हैं? Answer :... MP

Q.64: विद्युत अपघटनी शोधन से आप क्या समझते हैं? उत्तर : विद्युत अपघटनी शोधन-कॉपर, जिंक, टिन, निकेल, चांदी, सोना आदि जैसे अनेक धातुओं का शोधन विद्युत अपघटन द्वारा किया जाता है। इस प्रक्रिया में अशुद्ध धातु को ऐनोड तथा शुद्ध धातु की पतली परत को कैथोड बनाया जाता है। धातु के लवण विलयन का उपयोग विद्युत-अपघट्य के रूप में होता है। विद्युत-अपघट्य में जब धारा प्रवाहित होती है तब एनोड पर स्थित शुद्ध विद्युत अपघट्य में घुल जाता है। इतनी ही मात्रा में शुद्ध धातु विद्युत-अपघट्य से कैथोड पर निक्षेपित हो जाता है। विलयशील अशुद्धियां विलयन में चली जाती हैं तथा अविलयशील अशुद्धियां ऐनोड के नीचे निक्षेपित हो जाती हैं जिसे ऐनोड अवपंक कहते हैं।

धातुओं का शोधन, आसवन, विद्युत अपघटनी परिष्करण, वाॅन आर्कल, वाष्प प्रावस्था, मंडल विधि

अपचयन विधियों से धातुएं पूर्णतः शुद्ध नहीं होती हैं अतः इन्हें निम्न विधियों द्वारा शुद्ध किया जाता है। धातुओं के शोधन की अनेक विधियां हैं। जैसे – (1) आसवन (2) मंडल परिष्करण (3) द्रावगलन परिष्करण (4) विद्युत अपघटनी शोधन (5) वाष्प प्रावस्था परिष्करण (6) वर्णलेखिकी या क्रोमैटोग्राफी विधि 1. आसवन इस विधि का उपयोग कम क्वथनांक वाली धातुओं जैसे – जिंक तथा मरकरी में किया जाता है। इसमें अशुद्ध धातु को वाष्पीकृत करके शुद्ध धातु को आसुत के रूप में प्राप्त कर लेते हैं। 2. मंडल परिष्करण इस विधि का उपयोग अर्धचालकों जैसे – जर्मेनियम, सिलिकॉन तथा गैलियम आदि के शोधन में किया जाता है। इसमें गलित अशुद्ध धातु को पिघलाकर जब ठंडा करते हैं तो शुद्ध धातु के क्रिस्टल बनकर अलग हो जाते हैं। एवं अशुद्ध धातु गलित अवस्था में अलग हो जाती है यह प्रक्रिया निष्क्रिय वातावरण में कराई जाती है। 3. द्रावगलन परिष्करण इस विधि का उपयोग कम गलनांक वाली धातु जैसे टिन आदि से अशुद्धियां दूर करने में किया जाता है। इसमें अशुद्ध धातु को पिघलाकर ढालू सतह पर बहने दिया जाता है जिससे अधिक गलनांक वाली अशुद्धियां पृथक हो जाती हैं। 4. विद्युत अपघटनी शोधन इस विधि द्वारा काॅपर, सिल्वर, निकिल, एल्युमीनियम, सोना आदि धातुओं का शोधन किया जाता है। विद्युत अपघटनी शोधन इस शोधन में शुद्ध धातु का कैथोड तथा अधातु का एनोड बनाते हैं। इसमें धातु के लवण के विलयन को विद्युत अपघट्य के रूप काम में लेते हैं। जब विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो शुद्ध धातु कैथोड पर एकत्र हो जाती है तथा अशुद्धियां एनोड मड के नीचे बैठ जाती हैं। इसमें निम्न अभिक्रियाएं संपन्न होती हैं। एनोड पर M \longrightarrow M n+ + ne – कैथोड पर M n+ + ne – \longrightarrow M 5. ...

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 Chemical Reactions and Equations in Hindi

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विद्युत

विद्युत्‌-धातुकर्म विज्ञान (Electrometallurgy) विद्युत्‌ विज्ञान तथा टेकनॉलोजी की एक महत्वपूर्ण शाखा है, जो धातुओं के निष्कर्षण तथा शोधन से विद्युत्‌ रासायनिक प्रयोगों द्वारा संबधित है। यह सामान्यत: दो वर्गों में विभाजित है, एक में उष्णता और दूसरे में रासायनिक क्रियाएँ प्रधान हैं। विद्युत्‌ भट्ठी में बिजली से ऊष्मा उत्पन्न कर धातु खनिजों का गलन करते हैं। प्रतिरोधक तथा प्रेरण भट्ठियों में धातुओं के दृढ़ीकरण और शोधन के साथ साथ बिजली से भलाई की कला इसी श्रेणी में आती है। बिजली के रासायनिक प्रयोगों में विद्युत्‌-लेपन, रासायनिक यौगिकों का अपघटन, धातु परिष्कार तथा पृथक्करण निहित हैं। विद्युत्‌ धातुकर्म बहुत से उद्योगों और व्यवसायों का आधार है। इस प्रविधि से निर्मित वस्तुएँ गुण तथा मजबूती में उच्च कोटि की होती हैं। इतिहास [ ] सर हफ्रीं डेवी (सन्‌ 1778-1829) ने सर्वप्रथम पिघले लवणों के विद्युत्‌-अपघटन से क्षारीय धातुओं को प्राप्त किया। परिचय [ ] विद्युत्‌ धातुकर्मक क्रियाओं के समझने के लिए दोनों प्रकार के विद्युत्‌-चालन प्रक्रम (इलेक्ट्रॉनिक तथा आयोनिक), आयोनिक स्थानांतरण गति, गैल्वेनिक और इलेक्ट्रोलीटिक सेल, सेलों की ऊष्मागति की और विद्युदग्रलेपन आदि रासायनिक सिद्धातों का ज्ञान परमावश्यक है तथा इनका महत्वपूर्ण स्थान है। विद्युत्‌-धातुकर्मक परिचालन विधियाँ तीन महत्वपूर्ण भागों में विभाजित की जा सकती हैं वैद्युतप्राप्ति (Electro-winning), वैद्युत्‌ परिष्करण (Electro-refining) और वैद्युतलेपन (Electro-plating)। वैद्युत्‌ प्राप्ति वह विधि है जिसमें • (1) कच्चे धात्वीय खनिज को पानी के उपयुक्त विलयन से अपमार्जन करते हैं और इस प्रकार मानक विद्युत्‌-अपघटन प्राप्त करते हैं। इसमें धातु की म...

विद्यत अपघटनी शोधन से आप क्या समझते हैं ? What do you understand by electrolytic refining?

कॉपर, जिंक, टिन, निकेल, चाँदी, सोना आदि जैसे अनेक धातुओं का शोधन विद्युत् अपघटन द्वारा किया जाता है । इस प्रक्रिया में अशुद्ध धातु को ऐनोड तथा शुद्ध धातु की पतली परत को कैथोड बनाया जाता है । धातु के लवण विलयन का उपयोग विद्युत्-अपघट्य के रूप में होता है। विद्युत-अपघट्य में जब धारा प्रवाहित होती है तब एनोड पर स्थित शुद्ध धातु विद्युत्-अपघट्य में घुल जाता है । इतनी ही मात्रा में शद्ध धात विद्यत-अपघटय से कैथोड पर निक्षेपित हो जाता है। विलयशील अशुद्धियाँ विलयन में चली जाती हैं तथा अविलयशील अशुद्धियाँ ऐनोड के नीचे निक्षेपित हो जाती हैं जिसे ऐनोड अवपंक कहते हैं।

विद्युत अपघटनी शोधन से आप क्या समझते हैं? Answer :... MP

Q.64: विद्युत अपघटनी शोधन से आप क्या समझते हैं? उत्तर : विद्युत अपघटनी शोधन-कॉपर, जिंक, टिन, निकेल, चांदी, सोना आदि जैसे अनेक धातुओं का शोधन विद्युत अपघटन द्वारा किया जाता है। इस प्रक्रिया में अशुद्ध धातु को ऐनोड तथा शुद्ध धातु की पतली परत को कैथोड बनाया जाता है। धातु के लवण विलयन का उपयोग विद्युत-अपघट्य के रूप में होता है। विद्युत-अपघट्य में जब धारा प्रवाहित होती है तब एनोड पर स्थित शुद्ध विद्युत अपघट्य में घुल जाता है। इतनी ही मात्रा में शुद्ध धातु विद्युत-अपघट्य से कैथोड पर निक्षेपित हो जाता है। विलयशील अशुद्धियां विलयन में चली जाती हैं तथा अविलयशील अशुद्धियां ऐनोड के नीचे निक्षेपित हो जाती हैं जिसे ऐनोड अवपंक कहते हैं।