धनतेरस कौन सी तारीख की है

  1. 2023 में धनतेरस कब है New Delhi, India में
  2. धनतेरस का शुभ मुहूर्त कब से कब तक है? – Expert
  3. Dhanteras 2022: धनतेरस की पूजन विधि से लेकर धार्मिक मान्यता और शुभ मुहूर्त तक, जानिए भगवान धन्वंतरी की महिमा
  4. Dhanteras Shopping 2022 What not to buy on Dhanteras
  5. dhanteras 2020 significance date puja vidhi
  6. धनतेरस कब है, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि


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2023 में धनतेरस कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में धनतेरस कब है व धनतेरस 2023 की तारीख व मुहूर्त। धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला त्यौहार है। धन तेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धन तेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है। धन्वंतरि देव जब समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे उस समय उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इसी वजह से धन तेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर्व से ही दीपावली की शुरुआत हो जाती है। धन तेरस का शास्त्रोक्त नियम 1.धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की उदयव्यापिनी त्रयोदशी को मनाई जाती है। यहां उदयव्यापिनी त्रयोदशी से मतलब है कि, अगर त्रयोदशी तिथि सूर्य उदय के साथ शुरू होती है, तो धनतेरस मनाई जानी चाहिए। 2.धन तेरस के दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) में यमराज को दीपदान भी किया जाता है। अगर दोनों दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल का स्पर्श करती है अथवा नहीं करती है तो दोनों स्थिति में दीपदान दूसरे दिन किया जाता है। धनतेरस की पूजा विधि और धार्मिक कर्म मानव जीवन का सबसे बड़ा धन उत्तम स्वास्थ है, इसलिए आयुर्वेद के देव धन्वंतरि के अवतरण दिवस यानि धन तेरस पर स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए यह त्यौहार मनाया जाना चाहिए। 1.धनतेरस पर धन्वंतरि देव की षोडशोपचार पूजा का विधान है। षोडशोपचार यानि विधिवत 16 क्रियाओं से पूजा संपन्न करना। इनमें आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन (सुगंधित पेय जल), स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध (केसर-चंदन), पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन (शुद्ध जल), दक्षिणायुक्त तांबूल, आरती, परिक्रमा आदि ...

धनतेरस का शुभ मुहूर्त कब से कब तक है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • धनतेरस का शुभ मुहूर्त कब से कब तक है? अंग्रेजी माह के अनुसार इस वर्ष धनतेरस 2 नवंबर 2021 मंगलवार के दिन है। दीपावली ( Diwali 2021 ) के त्योहार 4 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा। धनतेरस पूजा के मुहूर्त : धनतेरस मुहूर्त 06 बजकर 18 मिनट और 22 से 08 बजकर 11 मिनट और 20 सेंकट तक का मुहूर्त है। इस मुहूर्त में धन्वंतरि देव की पूजा की जाएगी। नवंबर में धनतेरस कब है? हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है। इस साल धनतेरस 2 नवंबर 2021, दिन मंगलवार को पड़ रहा है। धनतेरस कौन सी तारीख है? धनतेरस इस साल 02 नबंवर 2021 दिन मंगलवार को है. इस त्योहार को धन और समृद्धि का कारक माना जाता है. धनतेरस से ही पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत होती है. धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है. दिवाली पर झाड़ू कब खरीदना चाहिए 2021? इसलिए खरीदें नई झाड़ू (Buy Broom on Dhanteras 2021) झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है. अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान है तो धनतेरस के दिन झाड़ू जरूर खरीदें. धनतेरस 2021 में क्या खरीदना शुभ है? वहीं इस दिन भगवान धनवंतरी के साथ यमराज की पूजा का भी विशेष महत्व है. इसके अलावा सुख समृद्धि के लिए माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा का भी विधान है. इस दिन सोना, चांदी या बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है. धनतेरस के दिन क्या खरीदना चाहिए? धनतेरस के दिन नई चीज़ें जैसे सोना, चाँदी, पीतल, खरीदना बेहद शुभ माना गया है. सोना खुद देवी लक्ष्मी का स्वरूप है. इ...

Dhanteras 2022: धनतेरस की पूजन विधि से लेकर धार्मिक मान्यता और शुभ मुहूर्त तक, जानिए भगवान धन्वंतरी की महिमा

धनतेरस पर देश के हर शहर के बाजार जगमग कर रहे हैं. बाजारों में शाम दिन जैसी रौशन दिख रही है. पौराणिक मान्यता है समुद्र मंथन से त्रयोदशी के दिन ही भगवान धनवंतरि अमृत का कलश लेकर निकले थे इसीलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा बताई गई हैं. इस दिन सोने,चांदी,तांबे और पीतल के बर्तन खरीदना सबसे शुभ होता है. क्यों मनाया जाता है धनतेरस ? धनतेरस का त्योहार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन समुद्र मंथन से अमृत कलश निकला था. इस दिन देवताओं के वैद्य धन्वंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. सेहत और आरोग्य के लिए इस दिन धन्वंतरी की उपासना होती है. ये दिन कुबेर का दिन भी माना जाता है. धन और संपन्नता के लिए इस दिन कुबेर की भी पूजा होती है. धनतेरस के दिन सोना-चांदी और नए बर्तन खरीदने की परंपरा है. क्या है कहानी? कहते हैं जब समुद्र मंथन हो रहा था तब सागर की अतल गहराइयों से चौदह रत्न निकले थे. जब देवता और दानव मंदार पर्वत को मथनी बनाकर वासुकी नाग की मदद से समुद्र का मंथन कर रहे थे. तब तेरह रत्नों के बाद कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को चौदहवें रत्न के रूप में धन्वंतरि सामने आए. धन्वंतरि अमृत यानी जीवन का वरदान लेकर प्रकट हुए थे और आयुर्वेद के जानकार भी थे इसलिए उन्हें आरोग्य का देवता माना जाता है. भगवान धनवंतरि चतुर्भुजी हैं. भगवान विष्णु की तरह ही इसके एक हाथ में शंख और चक्र रहता है जबकि अन्य दो हाथों में जलूका और अमृत कलश रहता है. धनतेरस का शुभ मुहूर्त इस बार त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर सायं 06.02 से आरम्भ होगी. सारी खरीदारी इस समय के बाद करें तो उत्तम होगा.खरीदारी का सबसे उत्तम समय होगा, सायं 06.00 से 07.30 तक का होगा. प्रातः 09.00 से 10.30 के बीच पूजन और खरीदारी न कर...

Dhanteras Shopping 2022 What not to buy on Dhanteras

What not to buy on Dhanteras: धनतेरस (Dhanteras) का त्योहार अब नजदीक आ चुका है. इस बार यह त्योहार 23 अक्टूबर रविवार को मनाया जाएगा. माना जाता है कि इस दिन जो लोग बर्तन या सोना-चांदी खरीदते हैं, उनका घर सालभर धन-दौलत से भरा रहता है. हालांकि शास्त्रों में इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि धनतेरस पर कुछ चीजें भूलकर भी नहीं खरीदनी चाहिए. ऐसा करना अपशकुन होता है और परिवार में अजीब-अजीब चीजें होने लगती हैं. आइए जानते हैं कि वे कौन सी 5 चीजें हैं, जिन्हें खरीदने से इंसान को बचना चाहिए. धनतेरस (Dhanteras Shopping) के दिन कांच के बर्तन खरीदने की मनाही की गई है. इसकी वजह ये है कि कांच का संबंध राहु से होता है. ऐसे में अगर आप धनतेरस पर कांच के बर्तन खरीदकर लाते हैं तो आप राहु ग्रह को घर में आने का न्योता दे रहे होते हैं. इसके चलते परिवार के लिए मुश्किलों का दौर शुरू हो जाता है. नुकीली या धारदार चीजें न खरीदें चाकू, सुईं, पिन, कैंची या अन्य कोई भी धारदार चीज धनतेरस पर कभी नहीं खरीदनी चाहिए. इस दिन ऐसी चीजों की शॉपिंग सही नहीं मानी जाती. ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है और परिवार दरिद्रता के भंवर में फंसने लगता है. लोहे की चीज खरीदना अशुभ शास्त्रों में कहा गया है कि हमें धनतेरस (Dhanteras Shopping) वाले दिन लोहे की चीज खरीदने से बचना चाहिए. इसका कारण ये है कि लोहे को शनि देव का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में अगर आप लोहे की कोई चीज खरीदकर लाते हैं तो आपके घर में शनि देव विराजमान हो जाएंगे, जिसके बाद अनिष्ट होने की आशंका बढ़ती जाएगी. प्लास्टिक के सामान से बचें आपको धनतेरस वाले दिन प्लास्टिक से बनी कोई चीज नहीं खरीदनी चाहिए. ऐसा करने घर में बरकत नहीं आती और मां लक्ष्मी रुष्ट...

dhanteras 2020 significance date puja vidhi

धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि जिस समय समुद्र मंथन हो रहा था, उसी समय भगवान धनवंतरि एक रत्न के रूप में समुद्र मंथन से बाहर आ गए थे. धनतेरस के शुभ अवसर पर धनवंतरि के साथ भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की आराधना भी की जाती है. दीपावली के पर्व का शुभारंभ धनतेरस से ही होता है. तो आइए जानें धनतेरस 2020 की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा की विधि और महत्व. यह भी पढ़ें- धनतेरस 2020 तिथि तथा शुभ मुहूर्त खरीदारी की तिथि- 12 नवंबर, 2020 सुबह 11:20 से 12:04 तक अभिजीत मुहूर्त धनतेरस तिथि- 13 नवंबर, 2020 13 नवंबर को धनतेरस पर खरीदारी के लिए पहला मुहूर्त सुबह 7 से 10 बजे तक है. जबकि दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 1 से 2.30 बजे तक रहेगा. धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 5:28 बजे से शाम 5:59 बजे तक प्रदोष काल मुहूर्त- शाम 5:28 से रात 8:07 तक- 13 नवंबर, 2020 वृषभ काल मुहूर्त- शाम 5:32 से शाम 7:28 तक- 13 नवंबर, 2020 यह भी पढ़ें- धनतेरस की महत्ता दीपावली पर्व की शुरुआत धनतेरस के अवसर पर भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा के साथ होती है. पुराणों की मान्यता के अनुसार, जिस समय देवता और असुर समुद्र मंथन कर रहे थे, उसी समय समुद्र मंथन से 14 रत्न निकले थे. इन्हीं में से एक भगवान धनवंतरि धनत्रयोदशी के दिन अपने हाथ में पीतल का अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. यही कारण है कि इस दिन पीतल की वस्तुएं खरीदना बहुत शुभ फलदायी माना जाता है. एक अन्य मान्यता के अनुसार, धनतेरस के दिन घर में नई चीजें लाने से घर में धन की देवी माता लक्ष्मी और धन के देवता माने जाने वाले भगवान कुबेर का वास होता है. इस दिन नई झाड़ू खरीदना अच्छा माना जाता है. इस दिन झाड़ू खरीदने का कारण यह है कि झाड़ू...

धनतेरस कब है, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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