ध्वनि प्रदूषण क्या है

  1. ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Essay on Noise Pollution in Hindi)
  2. शोर (ध्वनि) प्रदूषण क्या है
  3. ध्वनि प्रदूषण क्या है? इसके स्रोतों तथा प्रभावों को समझाइये।
  4. ध्वनि/शोर प्रदूषण क्या है? कारण, प्रभाव
  5. ध्वनि प्रदुषण(sound pollution in hindi)
  6. ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Noise Pollution Essay in Hindi) 10 Lines 100, 150, शब्द मे
  7. ध्वनि प्रदूषण क्या हैं इसके प्रकार, कारण और उपाए
  8. (about noise pollution causes) ध्वनि प्रदूषण के बारे में कुछ रोचक तथ्य।
  9. ध्वनि प्रदूषण क्या है?


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ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Essay on Noise Pollution in Hindi)

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Essay on Noise Pollution in Hindi) बच्चे शोर कम करते हैं! टीवी का वॉल्यूम कम करो! इतनी तेज आवाज पैदा कर रही है यह मशीन! गुजरते वाहनों आदि से हॉर्न की आवाज आदि। ये सभी ऐसी चीजें हैं जो हम घर, कार्यालय या सड़क पर घूमते हुए एक दूसरे से कहते हैं, लेकिन व्यवहार में हम शायद उनका उपयोग करना भूल जाते हैं या परवाह नहीं करते हैं। कल्पना कीजिए कि जब आप अंदर फंसे हुए हैं तो किसी ने कमरे के साउंड स्पीकर को बहुत जोर से चालू कर दिया है। आप उत्पादित होने वाली मात्रा को बर्दाश्त नहीं कर सकते। ध्वनि प्रदूषण के कारण हमारा पर्यावरण अब उसी स्थिति में है जैसा तब आपकी मनोदशा या स्थिति थी। Table of Contents • • • • • • • • • • ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Essay on Noise Pollution in Hindi) ध्वनि प्रदूषण हमारे शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करने के अलावा पर्यावरण पर भी प्रभाव डालता है। ध्वनि प्रदूषण क्या है, क्यों होता है, इसे कैसे रोकें, और अन्य संबंधित विषयों के बारे में अधिक जानने के लिए आप इस पोस्ट का ध्वनि प्रदूषण पर निबंध पढ़ सकते हैं। विभिन्न स्तरों पर आयोजित ध्वनि प्रदूषण पर निबंध प्रतियोगिता में आप हिन्दी में भी निबंध का प्रयोग कर सकते हैं। हिंदी ध्वनि प्रदूषण निबंध में हमने बहुत ही बुनियादी, सरल और सीधी भाषा का प्रयोग करने का प्रयास किया है। हमें विश्वास है कि हिंदी में ध्वनि प्रदूषण पर हमारा निबंध आपको सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करेगा। ध्वनि प्रदूषण पर निबंध नीचे पढ़ें। ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Noise Pollution Essay in Hindi) हमारे शरीर के हर अवयव का मूल्य है। हमारे शरीर के कुछ अंग हमें दिखाई देते हैं, जबकि कुछ अंदर छिपे होते हैं जिन्हें हम देख नहीं पाते। मा...

शोर (ध्वनि) प्रदूषण क्या है

Table of Contents • • • ध्वनि प्रदूषण के कारण(noise pollution causes):- 1उद्योगोंकेकारण 2स्वचालितवाहनोंकेकारण 3जेटविमान,राॅकेटआदि 4जनरेटरकेकारण 5ध्वनिविस्तारकयंत्रोंकेकारण 6पठाखोंकेकारण प्रभाव(noisepollution effects) :– ए-श्रवणसंबंधित:-अस्थाईबहरापन,कानकापरदाफटनातथास्थाईबहरापनहोना। ब-अन्यप्रभाव:-सिरदर्दहदृयस्पंदनदरबढ़ना,श्वसनदरबढ़़नाउल्टी,चक्करआना,नींदनआना,तनाववचिड़चिड़ापन। रोकथाम(noise pollution prevention):- 1वाहनोंमेंसाइलेंसरकाप्रयोग। 2उद्योगोंमेंध्वनिअवशोधकयंत्रोंकाप्रयोग। 3ध्वनिविस्तारकयंत्रोंकीसमयसीमावध्वनिस्तरकानिर्धारण 4साइलेंसरजनरेटरकाप्रयोग 5उच्चध्वनिउत्पादनकरनेवालेप्रदूषणोंकेप्रयोगपररोक। उपाय(noisepollution solution):- 1उद्योगोंकोआबादीसेदूरस्थापितकरना। 2उद्योगोंकेआस-पासएवंसडकोंकेकिनारेसघनवृक्षारोपणकरना। 3नियमोंकाकठोरतासेपालनकरना। नियम(noise pollution rules and regulations):- वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए वायु प्रदूषण निबोध व नियंत्रण अधिनियम 1981 में साकर किया गया। 1981 में इसमें ध्वनि प्रदूषण को भी शामिल किया गया। Remark: दोस्तों अगर आपको इस Topic के समझने में कही भी कोई परेशांनी हो रही हो तो आप Comment करके हमे बता सकते है | इस टॉपिक के expert हमारे टीम मेंबर आपको जरूर solution प्रदान करेंगे| यदि आपको https://hindilearning.inवेबसाइट में दी गयी जानकारी से लाभ मिला हो तो आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते है | हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते है।

ध्वनि प्रदूषण क्या है? इसके स्रोतों तथा प्रभावों को समझाइये।

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ध्वनि/शोर प्रदूषण क्या है? कारण, प्रभाव

ध्वनि (शोर) प्रदूषण क्या है? (dhwani pradushan kise kahte hai) dhwani pradushan arth karan prabhav;वर्तमान समय मे मशोनों, यंत्रो तथा वहनो का उपयोग बेतहाशा बढ़ता जा रहा है। उद्योगों मे, यातायात मे, घरो मे, सुख-सुविधा के साधनो मे। इससे वातावरण मे शोर स्वीकृत सीमा से काफी बढ़ गया है। इस ध्वनि-प्रदूषण के कारण न सिर्फ बहारापन, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, अनिद्रा, रक्तचाप तथा ह्रदय रोग के मरीजो की संख्या मे लगातार वृद्धि हो रही है, बल्कि मानव का मानसिक तनाव भी लगातार बढ़ता जा रहा है। पचलित परिभाषा के अनुसार," शोर एक अवांछित ध्वनि है। कोई भी ध्वनि जो अवांछनीय हो उसे शोर कहना उचित होगा। तात्पर्य यह है कि कोई भी ध्वनि जब मानसिक क्रियाओं मे विघ्न पैदा करने लगती है तो शोर के अंतर्गत आ जाती है। वस्तुतः शोर एवं ध्वनि मे मुख्य अंतर तीव्रता का ही होता है।" ध्वनि (शोर) प्रदूषण के कारण अथवा स्त्रोत (dhwani pradushan ke karan) 1. प्राकृतिक स्त्रोत इसके अंतर्गत बादलो की गड़गड़ाहट, बिजली की कड़क, तुफानी हवाये, ऊँचे पर्वतो से तेजी से गिरते जल ध्वनि, भूकंप व ज्वालामुखियों के फट पड़ने से उत्पन्न ध्वनियां तथा वन्य जीवो की आवाजे शामिल की जा सकती है। प्राकृतिक स्त्रोतों से उत्पन्न ध्वनि-शोर क्षणिक तथा यदा-कदा वाला होता है। इसका प्रभाव भी क्षणिक होता है। इसमे प्रकृति स्वयं संतुलन स्थापित कर लेती है। 2. कृत्रिम स्त्रोत अथवा कारण औद्योगिकरण एवं शहरीकरण के साथ-साथ हमारे जीवन मे कृत्रिमता आयी है। मानव निर्मित ध्वनि के स्त्रोतो के अंतर्गत निम्न ध्वनि आती है-- (अ) औद्योगिक ध्वनि विभिन्न तरह के औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा उच्च तीव्रता की ध्वनि का उत्पादन किया जाता है। उद्योगो मे लगे हुए विभिन्न प्रकार के उपकरण ...

ध्वनि प्रदुषण(sound pollution in hindi)

ध्वनि प्रदुषण(sound pollution in hindi) प्रदुषण का ऐसा आयाम है जिसे आम लोगों के द्वारा प्रदुषण के रूप में समझा ही नहीं जाता है। सडकों पर लगी वाहनों की लाइन और पीछे से बज रहे हॉर्न और वाहनों की आवाजें प्रदुषण की आम कहानी को बताते हैं। यह स्थिति यूरोप और किसी विकसित राष्ट्र से एकदम भिन्न है। हाल ही में सयुंक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम(UNEP) द्वारा नाइज, ब्लेज़ एंड मिसमैच(Noise , Blaze and Mismatch) नामक शी1र्षक से फ्रंटियर्स रिपोर्ट, 2022 जारी की गयी। यह रिपोर्ट विश्व के कई शहरों में ध्वनि के स्तर के बारे में अध्ययनों को संकलित करती है। इस रिपोर्ट में तीन बातों को ध्यान में रखा गया है। • शहरों में ध्वनि प्रदूषण • वनों में आग • ध्वनि के स्तरों में बदलाव इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद शहर(114 डेसिबल से अधिक) विश्व के दूसरे सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में से है जबकि प्रथम स्थान पर बांग्लादेश का ढाका शहर(119 डेसिबल) है। इस सूची में दक्षिण एशिया के 13 शहर शामिल हैं। जिनमें से पांच शहर भारत के हैं। इन पांच शहरों में दिल्ली, जयपुर, कोलकाता, आसनसोल और मुरादाबाद को शामिल किया गया हैं। Table of Contents • • • • • क्या हैं ध्वनि प्रदुषण(sound pollution in hindi) जब ध्वनि का स्तर लगातार एक सीमित स्तर से बहुत अधिक या उच्च बना रहे तो यह स्थिति ध्वनि प्रदूषण को संदर्भित करती है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 1972 में असहनीय ध्वनि को प्रदूषण का अंग माना है। 70 dB से अधिक ध्वनि प्रदूषण को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना गया है। मनुष्य के कान 20-20000 हर्ट्ज़ तक की आवाजे सुन सकते हैं। इसे मनुष्य का श्रव्य परास कहते हैं। WHO के 1999 में रिहायसी क्षेत्रों के लिए 55 dB मानक की सिफारिश ...

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Noise Pollution Essay in Hindi) 10 Lines 100, 150, शब्द मे

ध्वनि प्रदूषण निबंध (Noise Pollution Essay in Hindi)– ध्वनि प्रदूषण उन प्रदूषणों में से एक है जिसका हम प्रतिदिन सामना करते हैं। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और अन्य प्रकारों की तरह ध्वनि प्रदूषण का हमारे स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। वायुमंडलीय प्रदूषण ही एकमात्र ऐसा प्रदूषण नहीं है जिससे हम गुजरते हैं, बल्कि ध्वनि प्रदूषण हमारे जीवन में विनाश ला सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ध्वनि प्रदूषण एक खतरनाक स्वास्थ्य समस्या है। यूरोपीय पर्यावरण (ईईए) का कहना है कि अकेले यूरोप में 16,600 अकाल मौतों के लिए ध्वनि प्रदूषण जिम्मेदार है। लगातार ध्वनि प्रदूषण का सामना करने वाला व्यक्ति स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना शुरू कर सकता है और दीर्घ अवधि में खतरनाक हो सकता है। कई अप्रिय शोर विकर्षण जीवन में बाद में समस्याएं ला सकते हैं। कारों के हॉर्न, लाउडस्पीकरों से शहरों का शोर बढ़ गया है; यातायात, आदि ध्वनि प्रदूषण के लिए अग्रणी। सड़कों, भवनों, अपार्टमेंटों और अन्य क्षेत्रों के निर्माण से भी ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि हो रही है। ध्वनि प्रदूषण पर निबंध 10 लाइन (100 – 150 शब्द) (Noise Pollution Essay 10 Lines (100 – 150 Words) in Hindi) • 1) हमारे कान सहन करने की क्षमता से अधिक शोर को ध्वनि प्रदूषण माना जाता है। • 2) ध्वनि प्रदूषण घर के अंदर या बाहर उत्पन्न हो सकता है। • 3) ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण अधिक होता है। • 4) एक ध्वनि को शोर माना जाता है जब उसकी तीव्रता 70-75 dB से अधिक हो। • 5) ध्वनि प्रदूषण मनुष्य और जीवित चीजों के लिए हानिकारक है। • 6) ध्वनि प्रदूषण के कारण मनुष्य तनाव, हृदय रोग, नींद न आना आदि का शिकार हो सकता ह...

ध्वनि प्रदूषण क्या हैं इसके प्रकार, कारण और उपाए

इस पेज पर आज हम ध्वनि प्रदूषण की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए। पर्यावरण प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे खतरनाक खतरों में से एक है। चाहे ट्रैफिक की बात हो, 1-2 घंटे तक फोन पर बात करने वाले लोग, तेज संगीत, हॉर्न बजाना इत्यादि। चलिए आज हम ध्वनि प्रदूषण के बारे में समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं। ध्वनि प्रदूषण शोर एक तेज ध्वनि होती है जो मनुष्य को किसी काम को करने में परेशान करती है। अधिक शोर की उपस्थिति हालांकि विकसित तकनीक ने लोगों के जीवन को आसान बना दिया है, इस तथ्य से इनकार करना मुश्किल है कि बढ़ते विकास के साथ, ध्वनि प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है। सामान्य ध्वनि जो मानव कान सुन सकता है वह 1 DB है। 30 DB से लेकर 140 DB की रेंज इंसानों के लिए बेहद खतरनाक हैं। ध्वनि-प्रदूषण के उदाहरण निम्नलिखित हैं। • हॉर्न की आवाज • लाउडस्पीकर की आवाज • आतिशबाजी का आवाज • उद्योगों से निकलने वाले आवाज • • रेलवे और गाड़ियों की आवाज ध्वनि प्रदूषण के प्रकार ध्वनि प्रदूषण सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं। 1. पर्यावरणीय ध्वनि प्रदूषण पर्यावरणीय घटनाओं से उत्पन्न होने वाला शोर पर्यावरणीय ध्वनि प्रदूषण कहलाता है। इसमें बादल के गरजने के साथ तूफान, जानवरों की आवाज, और बहुत कुछ शामिल हो सकते हैं। 2. मानव निर्मित ध्वनि प्रदूषण मानव निर्मित गतिविधियों के कारण उत्पन्न ध्वनि मानव निर्मित ध्वनि प्रदूषण कहलाता है और ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख कारणों के रूप में कार्य करती है। इसमें वाहनों के आवाज, निर्माण कार्य, घरेलू शोर, और बहुत कुछ शामिल हो सकते हैं। ध्वनि प्रदूषण के कारण क्या हैं ध्वनि प्रदूषण के निम्नलिखित कारण हैं। 1. औद्योगीकरण अधिकांश निर्माण कंपनियां और दुनिया भर के उद्यो...

(about noise pollution causes) ध्वनि प्रदूषण के बारे में कुछ रोचक तथ्य।

क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में प्रागैतिहासिक महत्व की अस्सी टन वाली दो चट्टानें जहाज के शोर से खंडित हो चुकी हैं। यही नहीं ग्रैंड केनियन की प्राचीन गुफाओं में भी सुपरसोनिक जेट विमानों के शोर से दरार पड़ गयी है। ब्रिटेन में भी सेंटपॉल गिरजाघर और पार्लियामेन्ट भवन की खिड़कियों का काँच जेट विमानों के शोर से चटखकर बीखर चूका है। ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव noise pollution effects आखिर यह शोर है क्या ? वैज्ञानिकों के अनुसार कोई भी ध्वनि जबमानसिक क्रियाओं में विघ्न उत्पन्न करने वाली होती है, तो उस ध्वनि को शोर कहते हैं। शोर जहाँ छात्रों के लिए एकाग्रता, स्मरण तथा गणित जैस विषयों को हल करने में बाधा डालता है, वहीं गर्भ मे पल रहे शिशु में बहरेपन को भी पैदा करता है। शोर की अधिकता से व्यक्ति को चक्कर आना, सिर तथा बदन में दर्द और ऐंठन भी चालू हो जाती है। वैज्ञानिको के अनुसार शोर मनुष्य को समय से पहले बूढ़ा कर देता है। भारत के प्रमुख महानगरों में अधिक शोर के कारण लोगों मे बहरेपन की शिकायतें बढ़ रही हैं। मानसिक परेशानी, कुंठा, निराशा तथा पागलपन का कारण भी यही शोर है। हृदय की धड़कन और रक्तचाप मे वृद्धि का कारण भी यही शोर है। ध्वनि प्रदूषण के कारण (noise pollution causes) स्त्रोत शोर की मात्रा पत्तियों की फुसफुसाहट 10 डेसीबल हल्की फुसफुसाहट 10 डेसीबल सामान्य फुसफुसाहट 20 डेसीबल दीवार घड़ी की टिक-टिक 20 डेसीबल शांत कार्यालय 50 डेसीबल सामान्य बातचीत 60 डेसीबल हल्का ट्रेफिक 60 डेसीबल सामान्य ट्रेफिक 70 डेसीबल टेलीफोन की बातचीत 70 डेसीबल व्यस्त कार्यालय 70 डेसीबल चलती हुई ट्रेन 90 डेसीबल इंजीनियरिंग वर्कशॉप 90-100 डेसीबल मोटर का हॉर्न 110 डेसीबल लोहे के पुल से गुजरती ट्रेन 110 डेसीबल डिस्को संग...

ध्वनि प्रदूषण क्या है?

शोरगुल रोजमर्रा की जिंदगी में सामान्य है, लेकिन जब यह एक निश्चित सीमा से ऊपर चला जाता है, तो इसे ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ सार्वजनिक परेशानी के रूप में भी देखा जाता है। उंचे स्तर का शोरगुल मनुष्य, जीव-जन्तुओं, पेड़-पौधों, और पर्यावरण के लिए ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 का कानून भारत में ध्वनि प्रदूषण को नियमित और नियंत्रित करता है। बिना शोरगुल के शांति से रहने का अधिकार भारत के संविधान, 1950 के अनुच्छेद 21 के तहत सभी को अपने घर में शांति, आराम और चैन से रहने का अधिकार है, और शोरगुल/हल्ला-गुल्ला से बचने और उसको रोकने का अधिकार है। कोई भी यहां तक कि अपने घर में भी शोरगुल पैदा करने के अधिकार का दावा नहीं कर सकता है जिसके कारण अड़ोस-पड़ोस या अन्य लोगों को परेशानी होती हो। इसलिए किसी भी प्रकार का शोर/आवाज़ जो किसी व्यक्ति के जीवन की सामान्य सुख-शांति में बाधा डालता, उसे भी उपद्रव माना जाता है। शोर का अर्थ ‘शोर’ शब्द की चर्चा किसी भी कानून में नहीं की गई है, लेकिन भारत में शोर को पर्यावरणीय प्रदूषक माना गया है और इसे पर्यावरण प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक माना जाता है। नॉइज़ (यानि शोर) लैटिन शब्द ‘NAUSEA’ से लिया गया है। कोर्ट ने शोर को ‘अवांछित ध्वनि के रूप में परिभाषित किया है, जो स्वास्थ्य और संचार के लिए जोखिम भरा है, जो सुनाई पड़ने वाली आवाज़ के रूप में, स्वास्थ्य पर होने प्रतिकूल असर की परवाह किये बिना हमारे पर्यावरण में डंप किया जाता है। ‘ उदाहरण के लिए, हॉर्न से होने वाली कर्कश ध्वनि अवांछित शोर का कारण बनता है लेकिन जो ध्वनि सुनने में अच्छा लगे, वह संगीत है, उसे शोर नहीं कहा जाता है। ध्वनि प्रदूषण के कारण शोर के मापने की इकाई को डेसिबल कहा जाता है। आप जि...