दीपावली कौन से दिन की है

  1. 2023 में दिवाली कब है New Delhi, India में
  2. दीपावली
  3. Diwali In 2023 : दिवाली कब है, जानिए पांच दिनों के त्योहार के बारे में
  4. दीपावली के पांच दिन
  5. दीपावली 2021 : मां लक्ष्मी के 10 शुभ प्रसाद कौन से हैं, जानिए
  6. दीपावली की पूजा के लिए कौन से फल आवश्यक है?


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2023 में दिवाली कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में दिवाली कब है व दिवाली 2023 की तारीख व मुहूर्त। दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है। हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है। धनतेरस से भाई दूज तक करीब 5 दिनों तक चलने वाला दिवाली का त्यौहार भारत और नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। दीपावली को दीप उत्सव भी कहा जाता है। क्योंकि दीपावली का मतलब होता है दीपों की अवली यानि पंक्ति। दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध, जैन और सिख धर्म के अनुयायी भी दिवाली मनाते हैं। जैन धर्म में दिवाली को भगवान महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं सिख समुदाय में इसे बंदी छोड़ दिवस के तौर पर मनाते हैं। दिवाली कब मनाई जाती है? 1.कार्तिक मास में अमावस्या के दिन प्रदोष काल होने पर दीपावली (महालक्ष्मी पूजन) मनाने का विधान है। यदि दो दिन तक अमावस्या तिथि प्रदोष काल का स्पर्श न करे तो दूसरे दिन दिवाली मनाने का विधान है। यह मत सबसे ज्यादा प्रचलित और मान्य है। 2.वहीं, एक अन्य मत के अनुसार, अगर दो दिन तक अमावस्या तिथि, प्रदोष काल में नहीं आती है, तो ऐसी स्थिति में पहले दिन दिवाली मनाई जानी चाहिए। 3.इसके अलावा यदि अमावस्या तिथि का विलोपन हो जाए, यानी कि अगर अमावस्या तिथि ही न पड़े और चतुर्दशी के बाद सीधे प्रतिपदा आरम्भ हो जाए, तो ऐसे में पहले दिन चतुर्दशी तिथि को ही दिवाली मनाने का विधान है। दिवाली पर कब करें लक्ष्मी पूजा? मुहूर्त का नाम समय विशेषता महत्व प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त लक्ष्मी पूजन का सबसे उत्तम समय स्थिर लग्न होने से पूजा का विशेष महत्व महानिशीथ काल मध्य रात्रि के समय आने वाला मुहूर्त माता काली के पूजन का विधा...

दीपावली

दीपावली रंगीन पाउडर का प्रयोग कर अन्य नाम दीपावली अनुयायी उद्देश्य धार्मिक निष्ठा, उत्सव उत्सव आरम्भ समापन तिथि समान पर्व दीपावली ( दीपावलिः = भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी पर्वों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘ (हे भगवान!) मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाइए। यह माना जाता है कि दीपावली के दिन दीपावली के दिन दीपावली उत्सव अनुक्रम • 1 शब्द उत्पत्ति • 2 इतिहास • 3 महत्त्व • 3.1 आध्यात्मिक महत्त्व • 3.2 हिंदू धर्म • 3.3 जैन • 3.4 सिख • 3.5 ऐतिहासिक महत्व • 3.6 आर्थिक महत्व • 4 संसार के अन्य भागों में • 4.1 एशिया • 4.1.1 नेपाल • 4.1.2 मलेशिया • 4.1.3 सिंगापुर • 4.1.4 श्री लंका • 4.2 एशिया के परे • 4.2.1 ऑस्ट्रेलिया • 4.2.2 संयुक्त राज्य अमेरिका • 4.2.3 ब्रिटेन • 4.2.4 न्यूज़ीलैंड • 4.2.5 फिजी • 4.3 अफ्रीका • 4.3.1 मॉरिशस • 4.3.2 रीयूनियन • 5 पर्वों का समूह दीपावली • 6 परम्परा • 7 आतिशबाज़ी • 7.1 वायु प्रदूषण • 7.2 जलने की घटनाएं • 8 दीपावली की प्रार्थनाएं • 9 चित्र • 10 सन्दर्भ • 11 बाहरी कड़ियाँ शब्द उत्पत्ति दीपावली शब्द की उत्पत्ति जिस पट्टे/पट्टी को किसी यंत्र से खींचकर खराद सान आदि चलाये जाते है ,उसे दिवाली कहते है इसका स्थानिक प्रयोग दिवारी है और ' दिपाली'-'दीपालि' भी । दीपावली का बिगड़ा हुआ रूप 'दीवाली' है दिवाली नहीं; परंतु विशुद्ध एवं उपयुक्त शब्द दीपावली है । इसके उत्सव में घरों के द्वारों, घरों व इतिहास भारत में प्राचीन काल से दीपावली को विक्रम संवत के कार्तिक माह में गर्मी की फसल के बाद के एक त्योहार के रूप में दर्शाया गया। दिपावली का इतिहास रामायण से भी जुड़ा हुआ है, ऐसा माना जाता है कि ७वीं शताब...

Diwali In 2023 : दिवाली कब है, जानिए पांच दिनों के त्योहार के बारे में

Rate this post दिवाली कब है, धनतेरस कब है, नरक चतुर्दशी कब है, गोवर्धन पूजा कब है, भाई दूज कब है, अन्नकूट कब है, 2023 में दीपावली कब है (Diwali 2023 kab hai, Dhanteras Kab Hai, Govardhan Puja Kab Hai, Bhai Dooj Kab Hai, 2023 Diwali Date, Diwali Puja 2023, Diwali Festival, chhoti diwali kab hai, deepavali 2023) Diwali 2023 kab hai– दीपों का महापर्व दीपावली को हर धर्म के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते है. यह पर्व सुख-समृद्धि और सौभाग्य लेकर आता है. दीपावली का पर्व हर वर्ष कार्तिक अमावस्या से शुरू होता है और कार्तिक मास के शुक्लपक्ष तक मनाए जाने वाला त्योहार (Diwali In Hindi) है. साल 2023 में दिवाली 12 नवम्बर रविवार के दिन है. दीपावली का त्योहार एक नही बल्कि पांच दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार है. इस त्योहार का शुभारम्भ धनतेरस (2023 mein dhanteras kab hai) से होता है और भैया दूज (bhaiya dooj kab hai) पर समापन होता है.पांच दिनों तक मनाए जाने वाले दीपोत्सव महापर्व को अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक माना जाता है. Table of Contents • • • • • • • Diwali In 2023 : जानिए पांच दिनों के त्योहार के बारे में पांच दिनों तक मनाए जाने वाले इस त्योहार का मुख्य कारण यह भी है कि हर इंसान के लिए अपने जीवन में इन पांच बातों को जानना बेहद जरूरी है. इस त्योहार के पांचो दिन जीवन की अहम बातों को दर्शाता है जिसमें प्रेम, धन, प्रकृति, स्वास्थ्य, सद्भाव और मृत्यु का संदेश छिपा है. और यह सभी बाते जीवन को आधार बनाती है. लक्ष्मी को हम लोग पैसे, सोना और चांदी समझते है. लेकिन वास्तविक में ऐसा नही है. लक्ष्मी का शाब्दिक अर्थ है शांति, सुख और समृद्धि से. 1. पहला दिन 11 नवम्बर धनतेरस 2. दूसरा दिन 12 नवम्बर छोटी ...

दीपावली के पांच दिन

दीपावली के पांच दिन दीपावली हिंदू धार्मिक त्योहारों में सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय त्योहार में से एक है। रोशनी के इस त्योहार को देश के कई हिस्सों में दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल दीपावली का त्योहार पांच दिन लंबे चलने वाले त्योहारों की एक श्रृंखला का सबसे प्रमुख दिन है। वैसे तो दीपावली के त्यौहार की शुरुआत बछ बारस 2022 से हो जाती है। दीपावली के पांच दिवसीय त्योहारों से पहले लोगों द्वारा अपने घरों को साफ करके उसमें नवीनता लाने और उन्हें बेहद सुंदर और रंग बिरंगे रंगों के साथ सजाने, दियों और झिलमिल रोशनी की झालरें कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष को (कई इलाकों में अश्विन) रोशनी से सराबोर कर देती है। भारत में, दिवाली सबसे प्रतीक्षित त्योहार है जिसे बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। आइए इस लेख के माध्यम से जानें कि इस साल दीपावली 2022 के पांच दिनी त्योहारों से संबंधित सभी जानकारी। बछया द्वादशी धनतेरस से एक दिन पहले बछया बारस या बछ द्वादशी मनाई जाती है। बकरीद द्वादशी के दिन गाय और बछड़ों की पूजा की जाती है। पूजा के बाद गायों और बछड़ों को गेहूं के उत्पाद दिए जाते हैं। जो लोग बकरीद द्वादशी का पालन करते हैं वे दिन के दौरान किसी भी गेहूं और दूध से बने उत्पादों को खाने से परहेज करते हैं। बकरी द्वादशी को नंदिनी व्रत के रूप में भी मनाया जाता है। नंदिनी हिंदू धर्म में दिव्य गाय है। महाराष्ट्र में गोवत्स द्वादशी को वासु बरस के नाम से जाना जाता है और इसे दीपावली का पहला दिन माना जाता है। धनतेरस धनत्रयोदशी, जिसे धनतेरस भी कहा जाता है, पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का दूसरा दिन है। यह त्योहार कार्तिक के हिंदू कैलेंडर माह में कृष्ण पक्ष के 13 वें चंद्र दिवस के दौरान मनाया जाता है। धनतेरस का उत्...

दीपावली 2021 : मां लक्ष्मी के 10 शुभ प्रसाद कौन से हैं, जानिए

Diwali 2021 : कार्तिक मास की अमावस्या पर दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा के दौरान उन्हें उनकी पसंद का भोग लगाया जाता है और उसे ही प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। दीपावली के दिन माता लक्ष्मी को यदि ये भोग लगाएंगे तो उनकी कृपा सदा आप पर बनी रहेगी। आओ जानते हैं कि माता लक्ष्मी के कौन से हैं 10 शुभ प्रसाद। इसके अलावा पूजन के दौरान 16 प्रकार की गुजिया, पपड़ियां, अनर्सा, लड्डू चढ़ाएं जाते हैं। आह्वान में पुलहरा चढ़ाया जाता है। इसके बाद चावल, बादाम, पिस्ता, छुआरा, हल्दी, सुपारी, गेंहूं, नारियल अर्पित करते हैं। केवड़े के फूल और आम्रबेल का भोग अर्पित करते हैं। जो कोई भी व्यक्ति एक लाल फूल अर्पित कर लक्ष्मीजी के मंदिर में उन्हें यह भोग लगाता है तो उसके घर में हर तरह की शांति और समृद्धि रहती है। किसी भी प्रकार से धन की कमी नहीं रहती। How many shravan somvar in 2023 : आषाढ़ माह से वर्षा ऋ‍तु प्रारंभ हो जाती है। इसके बाद श्रावण माह आता है जिसमें भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। वैसे तो पूरे माह की व्रत रखते हैं परंतु इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखने का खास महत्व होता है। आओ जानते हैं कि श्रावण मास कब से हो रहा है प्रारंभ, कितने सोमवार रहेंगे इस माह में? Halharini amavasya 2023 : आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। किसानों के लिए यह शुभ दिन है। यह दिन किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आषाढ़ में पड़ने वाली इस अमावस्या के समय तक वर्षा ऋतु का आरंभ हो जाता है और धरती भी नम पड़ जाती है। फसल की बुआई के लिए यह समय उत्तम होता है। इसे आषाढ़ी अमावस्या भी कहा जाता है। How to Care for Indoor Plants in Hindi : घर में हरेभरे पौ...

दीपावली की पूजा के लिए कौन से फल आवश्यक है?

धन की देवी लक्ष्मी की पूजा रोशनी के त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। दिवाली के रूप में जाना जाने वाला यह हिंदू त्योहार “रोशनी का त्योहार” के रूप में भी जाना जाता है। दीपावली की पूजा के दौरान, देवी लक्ष्मी के साथ-साथ अन्य देवी -देवताओं को फूल, फल, मिठाई और अन्य व्यंजनों सहित पूजा की जाती है। रोशनी के त्योहार के रूप में जाना जाने वाला यह त्योहार,लक्ष्मी पूजा के साथ भी निकटता से जुड़ा हुआ है। भारत में हिंदू व्यापारी समुदाय रोशनी के त्योहार दीपावली पर वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन को मनाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी इस दिन क्षीरसागर से निकलीं और उन्होंने नए साल में सभी मानव जाति को धन, समृद्धि और खुशी की सौगात दी। दिवाली के अवसर पर, हिंदू देवी लक्ष्मी से घर पर धन का आशीर्वाद देने और आने वाले वर्ष में सभी प्रयासों में सफलता लाने के लिए प्रार्थना की जाती है। इस अर्थ में,लक्ष्मी पूजा सबसे महत्वपूर्ण समारोह है जो दीपावली की पूजा के दौरान किया जाता है। इस लेख में जानिए दीपावली की पूजा के लिए कौन से फल लाए जाने चाहिए। 6.1 अन्य संबंधित पोस्ट: दिवाली के दौरान ऐसी कौन सी अन्य गतिविधियाँ हैं जिनमें फलों को शामिल करना आवश्यक है दीवाली पर लक्ष्मी पूजा के दौरान, नई खाता बही को पवित्र किया जाता है और एक नया वित्तीय वर्ष के साथ-साथ नए व्यावसायिक उपक्रम सभी द्वारा किए जाते हैं। इसके अलावा लोग अपने प्रियजनों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और फिर शाम को लक्ष्मी पूजा के लिए इकट्ठा होते हैं। अंत में, इन सभी पूजाओं और अनुष्ठानों के लिए आप विभिन्न फलों का उपयोग कर सकते हैं और यहां तक ​​कि दिवाली के अवसर पर फल भी उपहार में दे सकते हैं। इसके अलावा, इस साल होने वाला...