दीपावली कब की है

  1. दीपावली की प्रचलित कहानियां
  2. 2023 में दीपावली कितने तारीख को है
  3. दीपावली पर सूर्य ग्रहण का साया, दिवाली कब मनाएं 24 या 25 अक्टूबर 2022 को
  4. क्यों, कब और कैसे मनाई जाती है दीपावली ?
  5. दीपावली कब और क्यों मनाई जाती है😍दीपावली का इतिहास 2022
  6. कब है दीपावली 2022: ऐसे समझें इस दिन के तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, महत्व और पौराणिक कथाएं से लेकर आपके घर में सुख
  7. दिवाली / दीपावली 2023, 2024 और 2025


Download: दीपावली कब की है
Size: 52.49 MB

दीपावली की प्रचलित कहानियां

दिवाली/Diwali एक अति सुंदर पर्व है जो अपने साथ ढेरों खुशियां लाता है। रोशनी का त्यौहार होने के कारण इसे ' दीपोत्सव' भी कहा जाता है। दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की जीत के साथ ही, हमारे जीवन को आनंद से भर देता है। यह पर्व हमारे संबंधों में होने वाले छोटे-छोटे मतभेदों को दूर कर उनमें गर्मजोशी और सौहार्द भरकर संबंधों में मजबूती लाता है। दिवाली सिर्फ हमारे देश में ही नहीं, बल्कि अन्य देशों में भी मनाई जाती है। इस त्योहार पर राजपत्रित अवकाश घोषित होने के कारण सभी स्कूल, कॉलेज, बैंक और सभी सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। दिवाली का त्यौहार विभिन्न धर्मों के लोग मिल जुल कर मनाते हैं। इस त्यौहार से संबंधित कई दंत कथाएं और मिथक भी हैं जो सभी बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधकार पर रोशनी की जीत पर प्रकाश डालते हैं। यह त्यौहार इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान राम पत्नी सीता के साथ, लंका के राजा रावण को हराकर, उसकी कैद से भगवती सीता को छुड़ाकर अयोध्या वापस आए थे। रावण को मारकर राम ने बुराई पर जीत हासिल की थी इसलिए अमावस्या की अंधेरी रात्रि में अयोध्या के लोगों ने घी के दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। तब से यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में जाना जाता है। उस दिन से यह महान पर्व दशहरे के त्यौहार के बीस दिन बाद पूरे जोश उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है। दिवाली कब मनाई जाती है?/ When is Diwali celebrated? यह दीपोत्सव/Deepotsavकार्तिक मास की अमावस्या के दिन बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार, यह अक्टूबर या नवंबर मास में मनाया जाता है। दिवाली का महत्व और ऐतिहासिकता/ Importance of Diwali and its History प्राचीन काल से, दीपावली हिंदूओं द्वा...

2023 में दीपावली कितने तारीख को है

पहला दिन धनतेरस पहले दिन को धनतेरस के रूप में जाना जाता है। “धन” का अर्थ है धन और “तेरस” हिंदू कैलेंडर पर एक चंद्र पखवाड़े के 13 वें दिन को संदर्भित करता है। यह दिन समृद्धि को मनाने के लिए समर्पित है। माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से निकली हैं और उनका विशेष पूजा (अनुष्ठान) के साथ स्वागत किया जाता है। इसके अलावा, सोना पारंपरिक रूप से खरीदा जाता है, और लोग ताश और जुआ खेलने के लिए इकट्ठा होते हैं। आयुर्वेद चिकित्सक धन्वंतरी का सम्मान भी करते हैं, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं, जिन्होंने इस दिन आयुर्वेद को मानव जाति में लाया। केरल और तमिलनाडु में धन्वंतरी और आयुर्वेद को समर्पित कई मंदिर हैं। दूसरा दिन छोटी दिवाली दूसरे दिन को नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि देवी काली और भगवान कृष्ण ने इस दिन राक्षस नरकासुर का विनाश किया था। गोवा में जश्न में दानव के पुतले जलाए जाते हैं। तीसरा दिन दिवाली तीसरा दिन अमावस्या के रूप में जाना जाता है। महीने का यह सबसे काला दिन उत्तर और पश्चिम भारत में दिवाली त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन शाम को की जाने वाली विशेष पूजा के साथ लक्ष्मी की पूजा की जाती है। देवी काली की पूजा आमतौर पर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम में भी की जाती है (हालांकि काली पूजा कभी-कभी चंद्रमा के चक्र के आधार पर एक दिन पहले होती है)। चौथा दिन गोवर्धन पूजा चौथे दिन के भारत भर में विभिन्न अर्थ हैं। उत्तर भारत में, गोवर्धन पूजा उस दिन के रूप में मनाई जाती है जब भगवान कृष्ण ने गरज और बारिश के देवता इंद्र को हराया था। गुजरात में, इसे नए साल की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में, दानव रा...

दीपावली पर सूर्य ग्रहण का साया, दिवाली कब मनाएं 24 या 25 अक्टूबर 2022 को

When is Diwali 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार दीपावली प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाते हैं। यह अमावस्या तिथि उदयातिथि के अनुसार 25 अक्टूबर 2022 मंगलवार को है। इसी दिन सूर्य ग्रहण भी है। सूर्य ग्रहण के समय किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य और पूजा पाठ नहीं करते हैं। ग्रहण काल के दौरान मंदिर मंदिर रहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि दीपावली का पर्व कब मनाएं? कब से कब तक मनाई जाएगी दीपावली | Kab se kab tak manaya jayega Diwali Parv: दरअसल 24 अक्टूबर को चतुर्दशी तिथि शाम 05 बजकर 27 मिनट तक रहेगी इसके बाद अमास्या प्रारंभ हो जाएगी, जो अगले दिन 25 अक्टूबर को 04 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 24 अक्टूबर को पूरी रात दीपावली का पर्व मना सकते हैं। दीपावली की पूजा अमावस्या तिथि की रात में ही होती है। 25 अक्टूबर की रात को यह तिथि नहीं रहेगी। यानी 24 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 27 मिनट से दीपावली का पर्व सूर्य ग्रहण के पहले तक मनाया जा सकता है।

क्यों, कब और कैसे मनाई जाती है दीपावली ?

1. दीपावली ( Diwali Festival of Lights) के दिन भगवान श्रीराम, माता सीता और भ्राता लक्ष्मण चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अपने घर अयोध्या लौटे थे। इतने सालों बाद घर लौटने की खुशी में सभी अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से दीपों का त्योहार दीपावली मनाया जाने लगा। दीपावली का त्योहार सभी के जीवन को खुशी प्रदान करता है। नया जीवन जीने का उत्साह प्रदान करता है। 'बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है' दंगल फिल्म का आपने यह गाना तो ज़रूर सुना होगा। साथ ही आपने कई बार 'पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा' गाना भी गाया होगा। आपके पापा कहे न कहे पर फिल्म देखना सबको बहुत पसंद होता है। फिल्म हमारे जीवन और दुनिया की सच्चाई को दर्शाती है।आप अपने पिता के साथ ये फादर स्पेशल फिल्म देख सकते हैं। These fruits remove dirt of body : शरीर में जमी गंदगी यदि बाहर निकल जाती है तो व्यक्ति हर तरह से निरोगी हो जाता है। इससे आयु भी बढ़ती है। योग और आयुर्वेद में शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकालने के कई तरीके बताए गए हैं, लेकिन इसके लिए आपको पहले चाय, कॉफी, दूध, कोल्ड्रिंक, मैदा, बेसन, बैंगन, समोसे, कचोरी, पोहे, पिज्जा, बर्गर आदि का त्याग करना पड़ता है। पुरषों में डायबिटीज, हार्ट अटैक और ब्लड प्रेशर का खतरा ज्यादा रहता है। अगर आपने अभी तक फादर्स डे का गिफ्ट नहीं खरीदा है तो आप फिटनेस गैजेट गिफ्ट कर सकते हैं। इन गैजेट की मदद से आप अपने पिता के स्वास्थ को मॉनिटर कर सकते हैं। ये गैजेट आपके पिता के स्वास्थ को बेहतर रखने में मदद भी करेंगे। चलिए जानते हैं इन गैजेट के बारे में.. कई लोगों को बारिश के मौसम में श्रद्धा कपूर बनना बहुत पसंद है। इस मौसम में छम-छम नचाने के लिए आपके पास सही फुटवियर होना बहुत ज़रूर...

दीपावली कब और क्यों मनाई जाती है😍दीपावली का इतिहास 2022

- Advertisement - दीपावली कब और क्यों मनाई जाती है😍दीपावली का इतिहास 2022 (diwali kab hai 2022, diwali kyon manaya jata hai hindi दीपावली का निबंध हिंदी में 10 लाइन दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है “दीप” मतलब दीपक एंव आवलि मतलब “लाइन या श्रृंखला” जिसका अर्थ हुआ दीपको की श्रृंखला” या फिर लाइन Diwali Kab Hai 2022: हर साल सभी त्यौहार के दिन एंव तारीख एक दो दिन आगे पीछे हो जाते है ऐसे में बहुत से लोग कौन सा त्यौहार कब है की जानकारी चाहते है इसलिए आज के लेख में आपको बताने जा रहे है दीपावली (दिवाली) कब है 2022 • • • • • • • दीपावली कब है 2022, 2023, 2024, 2025, 2026 Diwali Kab Hai 2022: दीपावली कब और क्यों मनाई जाती है? की जानकारी से पहले दीपावली कब है 2022, 2023, 2024, 2025, 2026…? के बारे में चलिए जानते है दीपावली कब है साल 2022 दीपावली कब है दिन एंव तारीख 2022 दीपावली/दिवाली कब है 2022 2022 में दीपावली/दिवाली 24 अक्टूबर 2022, दिन सोमवार को मनाया जाएगा दीपावली/दिवाली कब है 2023 2023 में दीपावली/दिवाली 12 नवम्बर 2022, दिन रविवार को मनाया जाएगा दीपावली/दिवाली कब है 2024 2024 में दीपावली/दिवाली 31 अक्टूबर, 2024 को दिन गुरुवार को मनाया जाएगा दीपावली/दिवाली कब है 2025 2025 में दीपावली/दिवाली 21 अक्टूबर 2025 को दिन मंगलवार को मनाया जाएगा दीपावली/दिवाली कब है 2026 2022 में दीपावली/दिवाली 06 नवंबर, 2026 को दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा दीपावली/दिवाली कब है 2027 2022 में दीपावली/दिवाली कब है अपडेट किया जा रहा है 2022 mein diwali kab hai 2022, 2023 में दिवाली कब है……? 2022 mein diwali kab hai: अभी आपको पता है दीपावली कब है 2022 से 2026 तक लेकिन ऐसे बहुत से भारतीय है जो दीपावली के बारे मे...

कब है दीपावली 2022: ऐसे समझें इस दिन के तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, महत्व और पौराणिक कथाएं से लेकर आपके घर में सुख

दीपावलीया दिवालीहिन्दू धर्मं का सबसे महान पर्व माना जाता हैं, जिसे हर भारतवासी प्रति वर्ष हर्षोल्लास से मानते हैं। दिपावलीशब्द दीपएवं आवलीकी संधि से बना है। दीपका अर्थ दीपकऔर आवलीका अर्थ पंक्तिसे है। इस प्रकार दिपावली का मतलब हुआ दीपों की पंक्ति। दीपों का यह त्योहार अमावस्याके दिन मनाया जाता है। जिस दिन आसमान में अंधेरा छाया रहता है और दीपों की इस रोशनी से पूरा संसार जगमगा उठता है। दीपावली मनाने के पीछे कई कथाएं प्रचलित है। जो इसके महत्व के बारे में बताती हैं… पूजन शुरू करने से पहले गणेश लक्ष्मी के विराजने के स्थान पर रंगोली बनाएं। जिस चौकी पर पूजन कर रहे हैं उसके चारों कोने पर एक-एक दीपक जलाएं। इसके बाद प्रतिमा स्थापित करने वाले स्थान पर कच्चे चावल रखें फिर गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमा को विराजमान करें। इस दिन लक्ष्मी, गणेश के साथ कुबेर, सरस्वती एवं काली माता की पूजा का भी विधान है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा के बिना देवी लक्ष्मी की पूजा अधूरी रहती है। इसलिए भगवान विष्ण के बांयी ओर रखकर देवी लक्ष्मी की पूजा करें। दीपावली पूजन के लिए जरूरी सामग्री लक्ष्मी, सरस्वती व गणेश जी का चित्र या प्रतिमा ,कलावा, रोली, चावल, सिंदूर, एक नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र , फूल, पांच सुपारी, लौंग, इलायची, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश हेतु आम का पल्लव, चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री, कमल गट्टे की माला, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाईयां, शंख,पूजा में बैठने हेतु आसन, हल्दी, अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई,कपूर, आरती की थाली, कुशा, रक्त चंदनद, श्रीखंड चंदन,चांदी का सिक्का। • दीवाली की पूजा में सबसे पहले एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर उस पर मां लक्ष्मी, सरस्वती व ...

दिवाली / दीपावली 2023, 2024 और 2025

साल तारीख दिन छुट्टियां राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश 2023 12 नवंबर रविवार दिवाली सभी राज्य सिवाय AP, GA, KA, KL, MN, PY, TN, TG & TR 12 नवंबर रविवार दिवाली / दीपावली AP, GA, KA, KL, PY, TG & TN 13 नवंबर सोमवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां DD, HR, KA, MH, RJ, UK & UP 13 नवंबर सोमवार दिवाली MN & TR 2024 31 अक्टूबर गुरूवार दिवाली / दीपावली AP, GA, KA, KL, PY, TG & TN 1 नवंबर शुक्रवार दिवाली सभी राज्य सिवाय AP, GA, KA, KL, PY, TN & TG 2 नवंबर शनिवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां DD, HR, KA, RJ, UK & UP 2025 21 अक्टूबर मंगलवार दिवाली राष्ट्रीय अवकाश 22 अक्टूबर बुधवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां HR, KA, MH, RJ, UK & UP 2026 8 नवंबर रविवार दिवाली राष्ट्रीय अवकाश 9 नवंबर सोमवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां HR, KA, MH, RJ, UK & UP कृपया पिछले वर्षों की तारीखों के लिए पृष्ठ के अंत तक स्क्रॉल करें। वर्ष के लिए चन्द्रमा के चक्रों के आधार पर, दीवाली का पर्व पश्चिमी पंचांग में अक्टूबर और नवंबर के मध्य समय में मनाया जाता है। दीपों का उत्सव, दिवाली, एक रंगीन और खुशियों भरा त्योहार है। इस विशेष त्योहार के लिए लोग अपने घरों और खुद को तैयार करते हैं, जो आध्यात्मिक अच्छाई की विजय और आध्यात्मिक अंधकार के हार का प्रतीक है। बुरी शक्तियों को दूर भगाने के लिए पटाखे जलाये जाते हैं, तेल के दीप जलाये जाते हैं, फूलों की मालाएं बनाई जाती हैं, घरों के अंदर पानी के बर्तनों में मोमबत्तियां जलाई जाती है और उत्सव के उपलक्ष्य में मिठाइयां बांटी जाती हैं। दिवाली बोध और ज्ञान के प्रकाश से अज्ञानता को दूर करने पर व्यक्ति के अंदर उत्पन्न होने वाले आंतरिक प्रकाश की ज्योति को दर्शाता है। भारत के कई क्षेत्रों में, दिवाली क...