दीपावली पर ऐसे

  1. दिवाली पर निबंध
  2. दीपावली
  3. दीपावली पर लक्ष्मी प्राप्ति के अचूक घरेलू उपाय और टोटके
  4. दिवाली 2021 : कैसे मनाएं इस वर्ष दीपावली का पर्व, जानिए 10 खास बातें


Download: दीपावली पर ऐसे
Size: 72.44 MB

दिवाली पर निबंध

प्रस्तावना दीपावली का अर्थ दीपावली मनाने का कारण दिवाली में पटाखों का महत्व दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव घरों की मरम्मत एवं लक्ष्मी पूजन उपसंहार प्रस्तावना - अमावस की काली अंधियारी रात में टिमटिमाती दीपकों की पंक्तियां एवं नव में छूटती हुई रंग बिरंगी फुलझड़ियां मनुष्य के हृदय में एक अपूर्व उत्साह तथा उमंग को घोल देती है। दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक हैं, जिसे बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। बच्चों को दिवाली पर निबंध लिखकर उन्हें त्योहार के बारे में अपने आनंद में अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। युवा आमतौर पर इस त्यौहार को बेहद पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियां और आनंदमय क्षण लेकर आता है वह अपने परिवार दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ बधाई और उपहार साझा करते हैं। अधिकतर लोग इस दौरान गूगल पर साल 2022 में दिवाली कब है ढूंढते हैं। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2022 में दिवाली पर्व 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। और वही 2023 की बात करें तो 12 नवंबर 2023 दिन रविवार है। इस दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साल 2023 में दिवाली पर लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 18:54:52 से शुरू होकर 20:16:07 बजेखत्म हो जाएगा। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 1 घंटे 21 मिनट रहेगी। दीपावली मनाने के कारण - दीपों के इस पर्व को किसी ना किसी रूप में भारत की लगभग सभी जातियां मनाती हैं इस पर्व के साथ अनेक पौराणिक कथाएं जुड़ी हैं। - धर्मराज युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ समाप्ति इसी दिन हुई थी अतः इसे मनाया जाता है। दीपावली आर्य जाति का पवित्र तथा मुख्य त्योहार है। आर्य जाति अपने आर्थिक वर...

दीपावली

दीपावली दीपॉ के त्यौहार छेकै जेकरा मं दीप क पंक्ति मं सजाय क जराय छै आरू प्रकाश फैलाय छै। दीपावली शब्द रॉ उत्पत्ति संस्कृत के दू शब्द 'दीप' अर्थात 'दिया' व 'आवली' अर्थात 'श्रृंखला' के मिश्रण सं होलॉ छै. आध्यात्मिक रूप सं इ 'अन्धकार प प्रकाश रॉ विजय' के दर्शाय छै। पारंपरिक कथा [ | ] आप सभी ये तो जानते होंगे की दीपावली के दिन प्रभु श्री राम जी ने रावण का वध कर अयोध्या लौटे थे जिसके उपलक्ष्य में अयोध्यावासियों ने दीप जला कर उनका भव्य स्वागत किया था, यह दिन कार्तिक माह के अमावस्या तिथि पर पड़ता है. एक पौराणिक कथा के अनुसार विष्णु ने नरसिंह रूप धारण कर हिरण कश्यप का वध किया था. दैत्यराज की मृत्यु पर प्रजा ने घी के दिए जलाकर दीपावली मनाई थी. कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध दीपावली के एक दिन पहले चतुर्दशी को किया था. इस ख़ुशी में अगले दिन अमावस्या को गोकुलवासियों ने दीप जला कर खुशियाँ मनाई थी. राक्षसों का वध करने के बाद भी जब महाकाली का क्रोध कम नहीं हुआ तब शिव जी स्वयं उनके चरणों में लेट गए. उनके शरीर के स्पर्श मात्र देवी का क्रोध समाप्त हो गया. इसी दिन उनके रौद्र रूप काली की भी विधान है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार दीपावली के दिन ही माता लक्ष्मी दूध के सागर जिसे दुधिया सागर के नाम से जाना जाता है से उत्पन्न हुईं थी और उसके 1 वर्ष बाद उनका विवाह भगवन विष्णु से उसी कार्तिक माह के अमावस्या के रात करा दिया गया. इस पवित्र विवाह को चिन्हित करने के लिए दीपो को पंक्ति में सजाया गया और उत्सव मनाया गया. जिस तिथि माता लक्ष्मी उत्पन्न हुई थीं उसी तिथि को भगवन कुबेर भी प्रकट हुए थे. हालांकि ये कथा राम जी के अयोध्या लौटने से भी पौराणिक काल की है. अब आप इस विषय पर क्या सोचते हैं हमे कमेंट में ...

दीपावली पर लक्ष्मी प्राप्ति के अचूक घरेलू उपाय और टोटके

लेख सारिणी • • • • • • • • • • • • • • • दीपावली पर महालक्ष्मी को कैसे करे प्रसन्न ? रोशनी का पर्व माना जाने वाली दीवाली कार्तिक अमावस्या के दिन होती है। इस दिन श्री गणेश और ऐश्वर्य की देवी महालक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र अपने चौदह साल का वनवास करके वापस लौटे थे। इस दिन हम महा लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करते है। दीपावली का त्योहार 5 दिनों का होता है। इन दिनों में दीपावली की शुरूआत घनतेरस से होती है। उसके बाद क्रमश: नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भइया दूज आता है। लक्ष्मी प्राप्ति के अचूक उपाय लक्ष्मी की चाह वाले व्यक्ति को धन वृद्धि के लिए दीपावली के पावन अवसर पर लक्ष्मी प्राप्ति के सरल और सटीक उपाय तो अवश्य ही करने चाहिए क्योकि धन के बिना कोई भी पारिवारिक, सामाजिक अथवा आध्यात्मिक कार्य करना संभव नहीं है। धन (लक्ष्मी) का आगमन होता है मेहनत, लगन एवं भाग्य से, परंतु कुछ मनुष्य कठोर परिश्रम, लगन से कार्य करते हैं परंतु भाग्य के मंद होने के कारण धनवृद्धि नहीं हो पाती। ऐसे मनुष्यों को दीपावली के पावन अवसर पर लक्ष्मी प्राप्ति हेतु निम्नलिखित प्रयोग करने चाहिये। यह भी पढ़े – • दीपावली को किसी भी लक्ष्मी- विष्णु मंदिर में जाकर सुगन्धित धूप अर्पित करे तथा हृदय से धनवृद्धि करने की प्रार्थना करे। इसके पश्चात प्रत्येक शुक्रवार यह क्रिया दोहराते रहें। • पुष्य नक्षत्र में ‘शंखपुष्पी की जड़ प्राप्त कर दीपावली के दिन इस जड़ को एक चांदी की डिब्बी में रखकर लक्ष्मी-नारायण का ध्यान करते हुये धूप दीप से पूजित करे, फिर इसे अपने कैश बाक्स या तिजोरी में रखे। • दीपावली के दिन ब्रह्मदेव से अनुमति लेकर एक पीपल का पत्ता लाये फिर उस...

दिवाली 2021 : कैसे मनाएं इस वर्ष दीपावली का पर्व, जानिए 10 खास बातें

Diwali 2021: इस वर्ष दिवाली का त्योहार खुशियों भरा इसलिए है क्योंकि कोरोना काल के बाद लोग अब अच्छे से दिवाली मनाएंगे। हालांकि अभी भी सावधानी रखने की जरूरत है। कुछ रिपोर्टस में दावा किया जा रहा है कि अगर त्योहारों के मौसम में जरा भी लापरवाही बरती गई तो कोरोना एक बार फिर से उग्र रूप ले सकता है। ऐसे में आओ जानते हैं कि कैसे मनाएं इस वर्ष दीपावली का महापर्व। 3. खरीदारी करें : वैसे जो दिवाली की खरीदारी धनतेरस या गुरु पुष्य नक्षत्र में ही कर ली जाती है। फिर भी यदि पूजा, सजावट की सामग्री या अन्य कोई सामग्री बच गई हो तो उसके लिए खरीदारी करना होती हैं। यदि बाजार में कुछ खरीदने जा रहे हैं तो सोशल डिस्टेंसिग का पूरा पूरा ध्यान रखें और मास्क जरूर लगाएं। घर लौटे तो हाथों को अच्छे से धोएं। 6. माता लक्ष्मी की पूजा-आरती करें : शाम को नए वस्त्र पहनकर शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी की पूजा और आरती करें। माता लक्ष्मी को सभी तरह के भोग लगाएं और फिर सभी घर के सदस्य प्रसाद ग्रहण करें। यदि आप पूजा में जितनी देर करेंगे उतना कम लुफ्त उठा पाएंगे लोगों से मिलने और पटाखे छोड़ने में, तो बेहतर होगा कि आप शाम को जो सबसे पहला मुहूर्त हो उसी में लक्ष्मीजी की पूजा अच्छे से कर लें। 7. पटाखें छोड़े : माता लक्ष्मी की पूजा के बाद बाहर सुरक्षित स्थान पर पटाखें चलाएं। पटाखे छोड़ते वक्त मास्क जरूर लगाएं। पटाखों से आंखों को बचाकर रखें और सबसे पहले तो याद रखें कि बच्चे अपने परिवार के बीच ही पटाखे चलाएं। एक बार में एक ही पटाखा जलाएं, नए-नए प्रयोग ना करें और साथ में सुरक्षा हेतु पानी की केन भरकर रखें। जब आप अपने पटाखे चला लें तो जिम्मेदार नागरिक बनिए, सारा कचरा साफ करें। अपने हाथ और पैर अच्छे से धोएं। पटाखों का कचरा जह...