दीवाली कब है

  1. Diwali 2022 Date Shubh Muhurat And Importance Of Deepawali 2022
  2. Diwali kab hai
  3. 2023 में दीवाली कब है जाने तिथि , शुभमुहूर्त
  4. Diwali Festival
  5. दीपावली कब और क्यों मनाई जाती है 2021
  6. कब है दीपावली 2022: ऐसे समझें इस दिन के तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, महत्व और पौराणिक कथाएं से लेकर आपके घर में सुख


Download: दीवाली कब है
Size: 56.65 MB

Diwali 2022 Date Shubh Muhurat And Importance Of Deepawali 2022

Diwali 2022: सनातन धर्म की मान्यताओं के मुताबिक हर महीने कोई ना कोई पर्व-त्योहार और व्रत पड़ते ही हैं. कार्तिक मास की अमावस्या (Kartik Amavasya 2022) तिथि को दीवाली का पर्व मनाया जाता है. पैराणिक मान्यता है कि जब श्री राम लंका नरेश रावण का वध कर अयोध्या वापस लौटे तो उस समय समस्त अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर श्रीराम का स्वागत किया था. हिंदू धर्म में दीवाली (Diwali 2022) का त्योहार प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह पर्व अंधकार पर प्रकाश के विजय का पर्व है. इसके साथ ही इस पर्व को नएपन और उल्लास के रूप में भी मनाया जाता है. साल 2022 में दिवाली कब है, इसे जानन के लिए लोग अभी से उत्सुक हैं. ऐसे में जानते हैं कि 2022 में दिवाली कब है और इसका क्या महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार, साल 2022 में कार्तिक मास की अमावस्या 24 और 25 अक्टूबर को है. हालांकि 25 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल से पहले समाप्त हो रही है. जबकि 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि मौजूद रहेगी. इसके साथ ही इस दिन निशीथ काल में अमावस्या तिथि रहेगी. ऐसे में दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर, 2022 को मनाया जाएगा. इसके अलावा छोटी दिवाली भी इसी दिन है. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है. दिवाली 2022 शुभ मुहूर्त | Diwali 2022 Shubh Muhurat पंचांग के अनुसार, 23 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि शाम 6 बजकर 04 मिनट तक रहेगी. उसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी. चतुर्दशी तिथि का समापन 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर होगा. इसके बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी. अमावस्या तिथि 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी. दिवाली का महत्व | Importance of D...

Diwali kab hai

• Jobs and Career • Government Service • Sarkari Naukri | सरकारी नौकरी • Sarkari Yojana | सरकारी योजना • Government Jobs | Govt Jobs | Latest Govt Jobs • Earn Money • GK – General Knowledge • इतिहास • प्रश्न उत्तर • Full Form • Documents • आधार कार्ड • PF – EPF – UAN • पैन कार्ड • राशन कार्ड • वोटर आईडी कार्ड • Tips and Tricks • बैंकिंग टिप्स • कंप्यूटर टिप्स • मोबाइल टिप्स • एजुकेशनल टिप्स • फेसबुक टिप्स • सिक्यूरिटी टिप्स • हेल्थ टिप्स • व्हाट्सएप्प टिप्स • जीमेल टिप्स • More • ज्योतिष • कुंडली दोष • राशिफल • राशि की जानकारी • लड़कियों के नाम • लड़को के नाम • Interesting Facts • Event • Movies • सवाल जवाब • मोटिवेशनल • लव स्टोरीज • कहानियां • जीवनी, रोचक बाते • रैम – मेमोरी कार्ड – पेनड्राइव • शायरी – स्टेटस – जोक्स – सुविचार Diwali kya hai, Diwali kab hai 2023 में –इस लेख में आप दिवाली क्या है, दिवाली कब है इसके बारे में जानेंगे. इसके अलावा आप दिवाली की पूजा की विधि और दिवाली कैसे मनाएं, इसके बारे में भी जानेंगे. दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है. दीपावली का अर्थ है; दीपों की पंक्ति. जैसे ‘दीप’ (दीपक) + ‘आवली’ (पंक्ति). इन दो शब्दों से दीपावली यह शब्द बना है. इसका शाब्दिक अर्थ ‘रोशनी की पंक्ति’ है. हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का विशेष महत्व है. दिवाली (Diwali) का त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है. और दिवाली के पावन दिन भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा विधि-विधान से की जाती है. साथ ही दिवाली के दिन पटाखे और दीये भी जलाए जाते हैं. दिवाली (Diwali) का त्योहार भारतीय लोगों का सबसे अच्छा त्योहार माना जाता है. इस दिन परिवार के सभी सदस्य इकट्ठा होते है...

2023 में दीवाली कब है जाने तिथि , शुभमुहूर्त

Diwali 2023 mein kab hai : – दीवाली हर साल शरद ऋतु में मनाया जाने वाला प्राचीन हिन्दू त्यौहार है । कार्तिक अमावस्या को दीपावली बनाया जाता है जो 2023 में 12 नवंबर दिन रविवार को है । इसे दीपावली भी कहा जाता है । अमावस्या तिथि प्रारंभ 12 – 11 – 2023 02:14 बजे से अमावस्या तिथि समाप्त 13 – 11 – 2023 02:55 बजे तक 2023 Diwali kab hai दीवाली या दीपावली का अर्थ दियों का समूह है अर्थात यह त्यौहार रोशनी का त्यौहार है । ‘ तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए Table of Contents • • • • • • • • • • • • • दीवाली 2023 मुहर्त • हिन्दू पंचाग के अनुसार 12 नवंबर 2023 को दोपहर 2 बजे 44 मिनट से शुरू होगा • 13 नवंबर 2023 को 2 बज के 56 मिनट तक रहेगा । • यैसा माना जाता है कि प्रदोष काल मे माता लक्ष्मी का पूजा करना शुभ माना जाता है । दीपावली का इतिहास कई कथाएँ है जो सुनी जाती है जिसमे से सबसे ज्यादा सुनी जाती है उन्ही में से एक कथा यह भी है । मानता है कि जब भगवान राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लोटे थे । तब अयोध्या वासी लौटने की खुशी में दिये जला कर अपनी खुशी जाहिर की थी । तब से इस त्यौहार को मनाया जाने लगा है । 2023 में दीवाली का सामाजिक और धार्मिक महत्व दीवाली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है । इसे दीपोत्सव भी कहते है । तमसो मा ज्योतिर्गमय अर्थात अधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा या दीवाली में दिये जलाने के लिये मिट्टी के दिये का उपयोग करना होता है । बदलते समय में जहाँ लोग इलेक्ट्रॉनिक लाइट का उपयोग अपने घरों को रोशन करने में किया रहा है । जिससे स...

Diwali Festival

दिवाली (Diwali), एक धार्मिक, विविध रंगों के प्रयोग से रंगोली सजाने, प्रकाश औऱ खुशी का, अंधकार हटाने का, मिठाईयों का,पूजा आदि का त्यौहार है, जो पूरे भारत के साथ साथ देश के बाहर भी कई स्थानों पर मनाया जाता है। यह रोशनी की कतार या प्रकाश का त्यौहार कहा जाता है। यह सम्पूर्ण विश्व में मुख्यतः हिन्दूओं और जैनियों द्वारा मनाया जाता है।उस दिन बहुत से देशों जैसे तोबागो, सिंगापुर, सुरीनम, नेपाल, मारीशस, गुयाना, त्रिनद और श्री लंका, म्यांमार, मलेशिया और फिजी में राष्ट्रीय अवकाश होता है। यह पाँच दिन (धनतेरस, नरक चतुर्दशी, अमावश्या, कार्तिक सुधा पधमी, यम द्वितीया या भाई दूज) का हिन्दू त्यौहार है जो धनतेरस (अश्वनी माह के पहले दिन का त्यौहार है) से शुरु होता है और भाई दूज (कार्तिक माह के अन्तिम दिन का त्यौहार है) पर खत्म होता है। दिवाली (Diwali) के त्यौहार की तारीख हिन्दू चन्द्र सौर कलैण्डर के अनुसार र्निधारित होती है। यह बहुत खुशी से घरों को सजाकर बहुत सारी लाइटों, दिये, मोमबत्तियॉ, आरती पढकर, उपहार बॉटकर, मिठाईयॉ, ग्रीटिंग कार्ड, एस एम एस भेजकर, रंगोली बनाकर, खेल खेलकर, मिठाईयॉ खाकर, एक दूसरे के गले लगकर औऱ भी बहुत सारी गतिविधियों के साथ मनाते है। दिवाली (Diwali) 2023 रविवार, 12 नवंबर 2023 धनतेरस: शुक्रवार, 10 नवंबर 2023 नरक चतुर्दशी (छोटी दीवाली): शनिवार, 11 नवंबर 2023 बाली प्रतिप्रदा या गोवर्धन पूजा: सोमवार, 13 नवंबर 2023 यम द्वितीया या भाईदूज: बुधवार, 15 नवंबर 2023 भगवान की पूजा और त्यौहारोत्सव हमें अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाता है, हमें अच्छे कार्यों को करने के प्रयासों के लिये शक्ति देता है, देवत्व के और ज्यादा करीब लाता है। घर के चारों ओर दिये और मोमबत्ती जलाकर प्रत्येक कोने को...

दीपावली कब और क्यों मनाई जाती है 2021

दोस्तों आप सभी भी दीवाली का यह त्यौहार मनाते होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं की यह त्यौहार क्यों मनाया जाता हैं. इसके पीछे का कारण क्या है तो आज हम आपके साथ इसी बात की चर्चा करेंगे की यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है और इसके पीछे का कारण क्या हैं. चलो आइए तो जानते हैं की दीवाली त्यौहार क्यों मनाया जाता हैं. दशहरा क्यों, कैसे और कब मनाया जाता हैं | दशहरा पर निबंध और महत्व दीवाली क्यों मनाई जाती हैं? पुरे भारतवर्ष में दीवाली त्यौहार का जितना महत्व हैं उतना महत्व और किसी त्यौहार का नहीं हैं. माना जाए तो दीवाली भारत का सबसे बड़ा त्यौहार हैं. दीवाली को दीपावली भी कहते है क्योंकि इस त्यौहार में दीप जलाए जाते हैं. धार्मिक और सामाजिक रूप से देखा जाए तो दीवाली का अत्यधिक महत्व हैं. आध्यात्मिक दृष्टी से देखा जाए तो दीवाली अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता हैं. तभी तो इस त्यौहार को दीपक जलाकर मनाया जाता हैं. महालक्ष्मी व्रत कथा ऐरावत हाथी वाली पूरी कहानी | महालक्ष्मी व्रत क्यों रखा जाता हैं कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाने वाला दीवाली त्यौहार प्रभु श्री राम की जित की ख़ुशी में मनाया जाता हैं. माना जाता हैं की दीवाली त्यौहार भगवान श्री राम के चौदह वर्ष के वनवास भोगने के बाद अयोध्या वापस लौनटे की खुशी में मनाया जाता हैं. तब अयोध्या वासियों ने दीपक जलाकर प्रभु श्री राम का स्वागत किया गया था. प्राचीन हिन्दू ग्रंथ रामायण के अनुसार यही माना जाता हैं की श्री राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद और रावण का वध करने के बाद जब माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे. तब उनके लौटने की ख़ुशी और जित की ख़ुशी के लिए दीपक जला कर अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में उत्सव मनाया था. माना जाता हैं की दीप...

कब है दीपावली 2022: ऐसे समझें इस दिन के तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, महत्व और पौराणिक कथाएं से लेकर आपके घर में सुख

दीपावलीया दिवालीहिन्दू धर्मं का सबसे महान पर्व माना जाता हैं, जिसे हर भारतवासी प्रति वर्ष हर्षोल्लास से मानते हैं। दिपावलीशब्द दीपएवं आवलीकी संधि से बना है। दीपका अर्थ दीपकऔर आवलीका अर्थ पंक्तिसे है। इस प्रकार दिपावली का मतलब हुआ दीपों की पंक्ति। दीपों का यह त्योहार अमावस्याके दिन मनाया जाता है। जिस दिन आसमान में अंधेरा छाया रहता है और दीपों की इस रोशनी से पूरा संसार जगमगा उठता है। दीपावली मनाने के पीछे कई कथाएं प्रचलित है। जो इसके महत्व के बारे में बताती हैं… पूजन शुरू करने से पहले गणेश लक्ष्मी के विराजने के स्थान पर रंगोली बनाएं। जिस चौकी पर पूजन कर रहे हैं उसके चारों कोने पर एक-एक दीपक जलाएं। इसके बाद प्रतिमा स्थापित करने वाले स्थान पर कच्चे चावल रखें फिर गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमा को विराजमान करें। इस दिन लक्ष्मी, गणेश के साथ कुबेर, सरस्वती एवं काली माता की पूजा का भी विधान है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा के बिना देवी लक्ष्मी की पूजा अधूरी रहती है। इसलिए भगवान विष्ण के बांयी ओर रखकर देवी लक्ष्मी की पूजा करें। दीपावली पूजन के लिए जरूरी सामग्री लक्ष्मी, सरस्वती व गणेश जी का चित्र या प्रतिमा ,कलावा, रोली, चावल, सिंदूर, एक नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र , फूल, पांच सुपारी, लौंग, इलायची, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश हेतु आम का पल्लव, चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री, कमल गट्टे की माला, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाईयां, शंख,पूजा में बैठने हेतु आसन, हल्दी, अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई,कपूर, आरती की थाली, कुशा, रक्त चंदनद, श्रीखंड चंदन,चांदी का सिक्का। • दीवाली की पूजा में सबसे पहले एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर उस पर मां लक्ष्मी, सरस्वती व ...