दीवाली कब है 2024

  1. 2023 में दिवाली कब है New Delhi, India में
  2. Diwali 2023: When is Diwali in the year 2023 Know the dates of Diwali in the coming five years
  3. 2024 में दीपावली कब है?
  4. दिवाली / दीपावली 2023, 2024 और 2025
  5. Panchang 2023


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2023 में दिवाली कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में दिवाली कब है व दिवाली 2023 की तारीख व मुहूर्त। दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है। हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है। धनतेरस से भाई दूज तक करीब 5 दिनों तक चलने वाला दिवाली का त्यौहार भारत और नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। दीपावली को दीप उत्सव भी कहा जाता है। क्योंकि दीपावली का मतलब होता है दीपों की अवली यानि पंक्ति। दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध, जैन और सिख धर्म के अनुयायी भी दिवाली मनाते हैं। जैन धर्म में दिवाली को भगवान महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं सिख समुदाय में इसे बंदी छोड़ दिवस के तौर पर मनाते हैं। दिवाली कब मनाई जाती है? 1.कार्तिक मास में अमावस्या के दिन प्रदोष काल होने पर दीपावली (महालक्ष्मी पूजन) मनाने का विधान है। यदि दो दिन तक अमावस्या तिथि प्रदोष काल का स्पर्श न करे तो दूसरे दिन दिवाली मनाने का विधान है। यह मत सबसे ज्यादा प्रचलित और मान्य है। 2.वहीं, एक अन्य मत के अनुसार, अगर दो दिन तक अमावस्या तिथि, प्रदोष काल में नहीं आती है, तो ऐसी स्थिति में पहले दिन दिवाली मनाई जानी चाहिए। 3.इसके अलावा यदि अमावस्या तिथि का विलोपन हो जाए, यानी कि अगर अमावस्या तिथि ही न पड़े और चतुर्दशी के बाद सीधे प्रतिपदा आरम्भ हो जाए, तो ऐसे में पहले दिन चतुर्दशी तिथि को ही दिवाली मनाने का विधान है। दिवाली पर कब करें लक्ष्मी पूजा? मुहूर्त का नाम समय विशेषता महत्व प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त लक्ष्मी पूजन का सबसे उत्तम समय स्थिर लग्न होने से पूजा का विशेष महत्व महानिशीथ काल मध्य रात्रि के समय आने वाला मुहूर्त माता काली के पूजन का विधा...

Diwali 2023: When is Diwali in the year 2023 Know the dates of Diwali in the coming five years

Diwali 2023 Date: हिंदू धर्म में दिवाली के पर्व का खास महत्व है। दिवाली के दिन भगवान श्रीगणेश व माता लक्ष्मी का विधि-विधान के साथ पूजन किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। दिवाली का पर्व पांच दिवसीय मनाया जाता है। धनतेरस से शुरू होकर दीपावली पर्व भाईदूज के दिन से समाप्त होता है। साल 2023 में दिवाली 12 नवंबर, रविवार को मनाई जाएगी। दिवाली 2023 शुभ मुहूर्त- हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी। दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करना अति उत्तम माना गया है। 2023 में दिवाली 12 नवंबर को मनाना उत्तम रहेगी क्योंकि 13 नवंबर को प्रदोष काल समाप्त हो जाएगा। दिवाली के दिन का महत्व- शास्त्रों के अनुसार, दिवाली की रात मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। इस दिन लोग मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए तैयारियां करते हैं।

2024 में दीपावली कब है?

2024 में दीपावली कब है? 2024 में दिवाली 27 अक्टूबर रविवार को है। दीवाली रोशनी का पांच दिवसीय हिंदू त्योहार है, जो उत्तरी गोलार्ध (दक्षिणी गोलार्ध में वसंत) में शरद ऋतु में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म और जैन धर्म में सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, और यह पूरे भारत, नेपाल और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में जहां हिंदू और जैन समुदाय रहते हैं, बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। त्योहार दीयों (तेल के दीपक) और मोमबत्तियों के प्रकाश, उपहार देने और धार्मिक अनुष्ठानों के प्रदर्शन द्वारा चिह्नित किया जाता है। दीवाली की सटीक तिथि चंद्र कैलेंडर और स्थान के आधार पर भिन्न हो सकती है।

दिवाली / दीपावली 2023, 2024 और 2025

साल तारीख दिन छुट्टियां राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश 2023 12 नवंबर रविवार दिवाली सभी राज्य सिवाय AP, GA, KA, KL, MN, PY, TN, TG & TR 12 नवंबर रविवार दिवाली / दीपावली AP, GA, KA, KL, PY, TG & TN 13 नवंबर सोमवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां DD, HR, KA, MH, RJ, UK & UP 13 नवंबर सोमवार दिवाली MN & TR 2024 31 अक्टूबर गुरूवार दिवाली / दीपावली AP, GA, KA, KL, PY, TG & TN 1 नवंबर शुक्रवार दिवाली सभी राज्य सिवाय AP, GA, KA, KL, PY, TN & TG 2 नवंबर शनिवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां DD, HR, KA, RJ, UK & UP 2025 21 अक्टूबर मंगलवार दिवाली राष्ट्रीय अवकाश 22 अक्टूबर बुधवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां HR, KA, MH, RJ, UK & UP 2026 8 नवंबर रविवार दिवाली राष्ट्रीय अवकाश 9 नवंबर सोमवार दिवाली / दीपावली छुट्टियां HR, KA, MH, RJ, UK & UP कृपया पिछले वर्षों की तारीखों के लिए पृष्ठ के अंत तक स्क्रॉल करें। वर्ष के लिए चन्द्रमा के चक्रों के आधार पर, दीवाली का पर्व पश्चिमी पंचांग में अक्टूबर और नवंबर के मध्य समय में मनाया जाता है। दीपों का उत्सव, दिवाली, एक रंगीन और खुशियों भरा त्योहार है। इस विशेष त्योहार के लिए लोग अपने घरों और खुद को तैयार करते हैं, जो आध्यात्मिक अच्छाई की विजय और आध्यात्मिक अंधकार के हार का प्रतीक है। बुरी शक्तियों को दूर भगाने के लिए पटाखे जलाये जाते हैं, तेल के दीप जलाये जाते हैं, फूलों की मालाएं बनाई जाती हैं, घरों के अंदर पानी के बर्तनों में मोमबत्तियां जलाई जाती है और उत्सव के उपलक्ष्य में मिठाइयां बांटी जाती हैं। दिवाली बोध और ज्ञान के प्रकाश से अज्ञानता को दूर करने पर व्यक्ति के अंदर उत्पन्न होने वाले आंतरिक प्रकाश की ज्योति को दर्शाता है। भारत के कई क्षेत्रों में, दिवाली क...

Panchang 2023

दरभंगा. पंडित महासभा में सभी पंचांगकारों द्वारा लिए गए एकमत निर्णय के अनुसार कोजागरा 28 अक्टूबर 2023 को मनाई जाएगी, तो वही धनतेरस 10 नवंबर 2023 और दीपावली 12 नवंबर 2023 को. दुर्गा पूजा की बात करें तो कलश स्थापना 15 अक्टूबर 2023 को होगी. छठ संध्याकालीन अर्घ्य 19 नवंबर और प्रातः कालीन अर्घ्य 20 नवंबर 2023 को होगा. होली 25 मार्च 2024 को मनाई जाएगी. जिले के बलभद्रपुर स्थित मैथिल महासभा भवन में पंडित सभा के आयोजन में नये वर्ष का पंचांग तय कर लिया गया. बिहार और पूरे देश में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से प्रकाशित होने वाले पंचांग का विशेष महत्व है. इसी पंचांग से सभी पंचांगकार अपने पंचांगों की गणना मिलाते हैं और गुणा भाग करते हैं. पंचांग मूल्यांकन के लिए बिहार में जितने भी पंचांगकार हैं, उन सभी के साथ देश के विभिन्न राज्यों से और पड़ोसी देश नेपाल से भी पंचांगकारों को आने का आमंत्रण दिया गया था. कई जगहों से पंचांगकार दरभंगा में पहुंचे और जो नहीं पहुंच सके, फोन पर इस मूल्यांकन का हिस्सा बने. इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए पंडित महासभा में आए ज्योतिषाचार्य डॉ.कुणाल कुमार झा ने बताया मिथिला पंचांग का बिहार में बहुत महत्व है इसलिए यहां आयोजित इस महासभा में पंचांग के जानकार कई जगहों से पहुंचे. विद्यापति पंचांग, वैदेही पंचांग, गंगा पुलकित पंचांग, मिथिला पंचांग और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय का अपना पंचांग है, उससे सब मिलान कर अगले साल का पंचांग जारी किया है. इसमें पर्व, त्यौहार, विवाह, मुंडन, उपनयन, गृह आरंभ, गृह प्रवेश इत्यादि पर्वों का निर्णय हुआ. दो तरह से की जाती है पंचांगों की गणना