दिल ढूंढता है फिर वही

  1. Bhupinder Singh
  2. Mirza Ghalib Shayari Death Anniversary: मिर्जा गालिब की शायरी: जिसकी शायरी में जिंदगी अपना फलसफा ढूंढती है
  3. LyricsIndia: दिल ढूँढता है, फिर वही, फ़ुर्सत के रात दिन
  4. दिल ढूंढता है फिर वही कार्यक्रम अब 19 को
  5. दिल ढूंढता है Dil Dhoondta Hai Lyrics in Hindi : Mausam (1975)
  6. अलविदा गायक भूपिंदर सिंह :कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता.., दमदार आवाज ने दिलाई अलग पहचान
  7. Download Lagu Dil Dhoondta Hai Phir Wahi MP3, Video MP4 & 3GP
  8. Dil Dhundta Hai
  9. जाने जा ढूंढता फिर रहा
  10. दिल ढूंढता है फिर वही नैनीताल एक्सप्रेस


Download: दिल ढूंढता है फिर वही
Size: 1.70 MB

Bhupinder Singh

ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन बैठे रहें तसवउर ए जाना किए हुए दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वोही जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर आँखों पे खींच कर तेरे दामन के साए को आँखों पे खींच कर तेरे दामन के साए को औंधे पड़े रहें कभी करवट लिए हुए दिल ढूंढता हैओ दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वोही या गर्मियों की रात जो पूर्वाइयाँ चले या गर्मियों की रात जो पूर्वाइयाँ चले ठंडी सफेद चादरों पे जागें देर तक ठंडी सफेद चादरों पे जागें देर तक तारों को देखते रहें छत पर पड़े हुए दिल ढूंढता है ओ दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वोही बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर वादी में गूँजती हुई खामोशियाँ सुनें वादी में गूँजती हुई खामोशियाँ सुनें आँखों में भीगे भीगे से लम्हे लिए हुए दिल ढूंढता है ओ दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन बैठहे रहें तसवउर ए जाना किए हुए दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वही दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन बैठे रहें तसवउर ए जाना किए हुए दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन

Mirza Ghalib Shayari Death Anniversary: मिर्जा गालिब की शायरी: जिसकी शायरी में जिंदगी अपना फलसफा ढूंढती है

मिर्जा असदुल्लाह खां गालिब. ये सिर्फ एक नाम नहीं, पूरी कायनात है, पूरा यूनिवर्स जिसमें उर्दू और फारसी जुबान अपनी तमाम नजाकत, नफासत, कैफियत, शिद्दत, इश्क-ओ-मुहब्बत, पेचीदगी, रवानगी, रोमांस और सूफीज्म के साथ इठलाती घूमती हैं. गालिब सिर्फ एक नाम नहीं, वो ब्रांड है, जो WhatsApp के इन-बॉक्स में गिरे किसी लावारिस, अजनबी या झूठे-सच्चे शेर को भी लाजवाब समझने की एक वजह दे देता है. गालिब की पैदाइश 27 दिसंबर, 1797 को आगरा में हुई थी. यानी करीब सवा दो सौ साल पहले. लेकिन गालिब के मिसरे कहावतों और मुहावरों की शक्ल में आज भी रोजमर्रा की बोलचाल में चहलकदमी करते हैं. इम्तिहान के किसी खराब नतीजे या फिर दफ्तर में हुए खराब अप्रेजल के बाद आपने किसी दोस्त को ये कहते सुना ही होगा: हम को मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन, दिल के खुश रखने को 'गालिब' ये खयाल अच्छा है. या फिर उन के देखे से जो आ जाती है मुंह पर रौनक, वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है. और तो और हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मिरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले. मैं तो कभी-कभी ये भी गुनगुना लेता हूं न था कुछ तो खुदा था, कुछ न होता तो खुदा होता, डुबोया मुझ को होने ने, न होता मैं तो क्या होता. दिल्ली के आखिरी बादशाह बहादुरशाह जफर अपने वक्त के मशहूर शायर भी थे. उनके जमाने यानी 18वीं शताब्दी में जब देश में मुगलिया सल्‍तनत का चांद डूब रहा था और अंग्रेजी हुकूमत का सूरज सिर उठा रहा था, उसी दौरान गालिब , दाग , मोमिन और जौक जैसे शायरों ने अपने बेहतरीन कलाम लिखे. बहादुरशाह जफर ने ही गालिब को मिर्जा नोशा की उपाधि दी थी जिसके बाद गालिब के साथ ‘मिर्जा ’ जुड़ गया. मिसरा गालिब का, कैफियत गुलजार की गुलजार, यानी ग्रेट गुलजार स...

LyricsIndia: दिल ढूँढता है, फिर वही, फ़ुर्सत के रात दिन

दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन - (२) बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुए दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन... जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर - (२) आँखों पे खींचकर तेरे आँचल के साए को औंधे पड़े रहे कभी करवट लिये हुए दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन... या गरमियों की रात जो पुरवाईयाँ चलें - (२) ठंडी सफ़ेद चादरों पे जागें देर तक तारों को देखते रहें छत पर पड़े हुए दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन... बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर - (२) वादी में गूँजती हुई खामोशियाँ सुनें आँखों में भीगे भीगे से लम्हे लिये हुए दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन... Lyrics: dil Dhuu.NDhataa hai phir vahii furasat ke raat din - (2) baiThe rahe tasavvur-e-jaanaa.N kiye hue dil Dhuu.NDhataa hai phir vahii furasat ke raat din... jaa.Do.n kii narm dhuup aur aa.Ngan me.n leT kar - (2) aa.Nkho.n pe khii.nchakar tere aa.Nchal ke saae ko au.ndhe pa.De rahe kabhii karavaT liye hue dil Dhuu.NDhataa hai phir vahii furasat ke raat din... yaa garamiyo.n kii raat jo puravaaIyaa.N chale.n - (2) Tha.nDii safed chaadaro.n pe jaage.n der tak taaro.n ko dekhate rahe.n chhat par pa.De hue dil Dhuu.NDhataa hai phir vahii furasat ke raat din... barfiilii sardiyo.n me.n kisii bhii pahaa.D par - (2) vaadii me.n guu.Njatii huii khaamoshiyaa.N sune.n aa.Nkho.n me.n bhiige bhiige se lamhe liye hue dil Dhuu.NDhataa hai phir vahii furasat ke raat din...

दिल ढूंढता है फिर वही कार्यक्रम अब 19 को

श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट में 16 जून को होने वाले सुप्रसिद्ध साहित्कार, पटकथा लेखक और गीतकार गुलजार के गीतों पर आधारित कार्यक्रम की तारीख आगे बढ़ा दी गई है। अब यह कार्यक्रम 19 जून को होगा। बता दें कि दतिया के युवाओं और कलाकारों को मंच देने के लिए दतिया ड्रीम्स प्लेटफॉर्म का गठन जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के द्वारा किया गया है। इसके तहत जिला प्रशासन के द्वारा विभिन्न कार्यक्रम कराए जा रहे हैं।

दिल ढूंढता है Dil Dhoondta Hai Lyrics in Hindi : Mausam (1975)

दिल ढूंढता है Dil Dhoondta Hai Lyrics in Hindi from Mausam (1975) Dil Dhoondta Hai Lyrics in Hindi. दिल ढूंढता है song from Mausam 1975. It stars Sanjeev Kumar, Sharmila Tagore, Om Shivpuri, Agha, Satyendra Kapoor, Dina Pathak, Lily Chakravarty. Singer of Dil Dhoondta Hai is Bhupinder Singh, Lata Mangeshkar. Lyrics are written by Gulzar (Sampooran Singh Kalra) Music is given by Madan Mohan Kohli, Salil Chowdhury Song Name : Dil Dhoondta Hai Album / Movie : Mausam 1975 Star Cast : Sanjeev Kumar, Sharmila Tagore, Om Shivpuri, Agha, Satyendra Kapoor, Dina Pathak, Lily Chakravarty Singer : Bhupinder Singh, Lata Mangeshkar Music Director : Madan Mohan Kohli, Salil Chowdhury Lyrics by : Gulzar (Sampooran Singh Kalra) Music Label : Sa Re Ga Ma Dil Dhoondta Hai Lyrics in Hindi : दिल ढूंढता है फिर वही फुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वही फुर्सत के रात दिन बैठे रहें तसव्वुर-इ-जाना किये हुए दिल ढूंढता है फिर वही फुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वही जाड़ों की नर्म धुप और आँगन में लेट कर जाड़ों की नर्म धुप और आँगन में लेट कर आँखों पे खींच कर तेरे दामन के साये को आँखों पे खींच कर तेरे दामन के साये को औंधे पड़े रहें कभी करवट लिए हुए दिल ढूंढता है ओ दिल ढूंढता है फिर वही फुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वही या गर्मियों की रात जो पुरवाईआं चले या गर्मियों की रात जो पुरवाईआं चले ठंडी शफेद चादरों पे जागें देर तक पे जागें देर तक तारों को देखते रहें छत पर पड़े हुए दिल ढूंढता है ओ दिल ढूंढता है फिर वही फुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वही बर्फीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर बर्फीली सर्द...

अलविदा गायक भूपिंदर सिंह :कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता.., दमदार आवाज ने दिलाई अलग पहचान

अलविदा गायक भूपिंदर सिंह : कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता.., दमदार आवाज ने दिलाई अलग पहचान विस्तार दमदार आवाज के गायक भूपिंदर सिंह (6 फरवरी 1940 - 18 जुलाई 2022) हमारे बीच नहीं रहे। 10 दिन पहले अस्पताल में भर्ती होने के बाद सोमवार शाम हृदयगति रुक जाने से उनका निधन हो गया। ‘करोगे याद तो हर बात याद आएगी’ और ‘कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता...’ जैसे बेहतरीन गानों ने उन्हें एक खास मुकाम दिलवाया। भूपिंदर का जन्म पंजाब के अमृतसर में 6 फरवरी, 1940 को हुआ था। उनके पिता प्रोफेसर नत्था सिंह खुद अच्छे संगीतकार थे। ‘दिल ढूंढता है फिर वही फुरसत के रात दिन’ से उन्हें शोहरत मिली। भूपिंदर सिंह का मोहम्मद रफी, तलत महमूद और मन्ना डे के साथ गाया गीत ‘होके मजबूर मुझे, उसने बुलाया होगा’ बेहद लोकप्रिय हुआ था। उनके लोकप्रिय गीतों में दुनिया छूटे यार ना छूटे, थोड़ी सी जमीन थोड़ा आसमान, दिल ढूंढ़ता है, नाम गुम जाएगा जैसे कई गाने शामिल हैं। • भूपिंदर सिंह ने 1980 के दशक में बांग्लादेश की गायिका मिताली मुखर्जी से शादी की थी। एक कार्यक्रम में उन्होंने मिताली को गाते सुना था। उसके बाद दोनों की मुलाकात प्यार में बदल गई। मिताली-भूपिंदर ने एक साथ सैकड़ों लाइव शो किए। उनका एक बेटा निहाल भी संगीतकार है। मदन मोहन ने मुंबई बुलाया अपने पिता की सख्त मिजाजी के कारण शुरुआती दौर में भूपिंदर को संगीत से नफरत हो गई थी। लेकिन उनकी आवाज का जादू ज्यादा देर तक इस चिढ़ का बंधक न रह पाया और उनके सुरीले सफर का सिलसिला तेजी से शुरू हो गया। सबसे पहले उनकी गजलें आकाशवाणी में चलीं, इसके बाद दिल्ली दूरदर्शन में अवसर मिला। 1968 में संगीतकार मदन मोहन ने ऑल इंडिया रेडियो पर उनका कार्यक्रम सुनकर उन्हें मुंबई बुला लिया था...

Download Lagu Dil Dhoondta Hai Phir Wahi MP3, Video MP4 & 3GP

Download Lagu Dil Dhoondta Hai Phir Wahi MP3 Download lagu Dil Dhoondta Hai Phir Wahi MP3 dapat kamu download secara gratis di MetroLagu. Untuk melihat detail lagu Dil Dhoondta Hai Phir Wahi klik salah satu judul yang cocok, kemudian untuk link download Dil Dhoondta Hai Phir Wahi ada di halaman berikutnya. Download lagu terbaru • Dil Dhoondta Hai Phir Wahi • Masterpiece Redak Seribu • Tarik Sss Semongko Story Wa Koplo • The Magic Store 2008 2009 Pepsi9072 • Xxxtentatoon Chansse • Film Superman Indonesia • Kisah Kelam Our Story • Ket Her Go • Download Lagu Jujur Sa Su Bilang X Aku Aku Dj Keringetan • Karaoke Eren • Judika Apakah Ini • Sutlac Tarifi Sutlac Nasil Yapilir Tatli Tarifleri • Lagu Tik Tok Berviral • Dinda Milenia Gsf Group • Alan Walker Hummel Gets The Rockets • Margenes Para Cuadernos Y Bordes Para Cartas Nuevas Ideas Para Decorar Apuntes N • You Can 39 T Always Get What You Want Remastered 2018 • Aleksandr Pushkin Biografiya Foto Lichn • Jonas Blue Mama • Amv Take It Out On Me S A O • Hollywood Squares Pilot 1965 • Muhammad Prasojo • Yasin Surah Full Versi Pser • Srabana Jaichi Buli • Suffer With Me Slowed Reverb • Pancingan Suara Burung Lovebird 100 Ampuh Dan Jitu Langsung Bunyi Ngekek Panjang

Dil Dhundta Hai

फ़ुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वोही जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर आँखों पे खींच कर तेरे दामन के साए को आँखों पे खींच कर तेरे दामन के साए को औंधे पड़े रहें कभी करवट लिए हुए दिल ढूंढता हैओ दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वोही या गर्मियों की रात जो पूर्वाइयाँ चले या गर्मियों की रात जो पूर्वाइयाँ चले ठंडी सफेद चादरों पे जागें देर तक ठंडी सफेद चादरों पे जागें देर तक तारों को देखते रहें छत पर पड़े हुए दिल ढूंढता है ओ दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वोही बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर वादी में गूँजती हुई खामोशियाँ सुनें वादी में गूँजती हुई खामोशियाँ सुनें आँखों में भीगे भीगे से लम्हे लिए हुए दिल ढूंढता है ओ दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन बैठहे रहें तसवउर ए जाना किए हुए दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन दिल ढूंढता है फिर वही दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात दिन The lyrics of Bhupinder's song Dil Dhoondhta Hai convey the timeless longing of the human heart for a lost love. The singer expresses his desire to find again the same person for whom he longs day and night. The song describes various situations in which the singer continues to search for his beloved. In the first stanza, the singer longs for the same person during both his leisure and busy hours. He sits and thinks about the memories he has with the person for whom he is searching. In the second stanza, he is ly...

जाने जा ढूंढता फिर रहा

Jaane Jaan Dhoondta Phir Raha Lyrics / Hindi | जाने जा ढूंढता फिर रहा | Movie, Jawani Diwani 1972 | Singer, Asha Bhosle, Kishore Kumar | Star, Randhir Kapoor, Jaya Bhaduri, Balraj Sahni | Old Is Gold | 70s Songs गाना – Jaane Jaan Dhoondta Phir Raha Lyrics Hindi फिल्म – गायकार – गीतकार – आनंद बख्शी कलाकार – संगीत निर्देशक – राहुल देव बर्मन संगीत लेबल – पॉलीडोर ओ मेरे हमसफ़र प्यार की राह पर साथ चले हम मगर क्या खबर ओ मेरे हमसफ़र प्यार की राह पर साथ चले हम मगर क्या खबर रास्ते में कही रह गए हमनशी तुम कहाँ मै यहाँ तुम कहाँ मै यहाँ जानेजा ढूंढती फिर रही हू तुम्हे रात दिन मैं यहाँ से वहा मुझको आवाज दो छुप गए हो सनम तुम कहा मई यहाँ तुम कहाँ मै यहाँ दिल मचलने लगा युही ढलने लगा रंग भरा प्यार का ये समां दिल मचलने लगा हे युही ढलने लगा रंग भरा प्यार का ये समां आज ऐसे में बस छोड़के चल दिए तुम कहा मै यहाँ तुम कहा मै यहाँ दिल में देखा नहीं देखा सारा जहाँ तुम कहा मै यहाँ तुम कहा मै यहाँ जानेजां ढूंढता फिर रहा हु तुम्हे रात दिन मैं यहाँ से वहा मुझको आवाज दो छुप गए हो सनम तुम कहा मैं यहाँ तुम कहा मै यहाँ. Song – Jaane Jaan Dhoondta Phir Raha Movie – Singer – Lyrics by – Anand Bakshi Star Cast – Music Director – Rahul Dev Burman Music Label – Polydor Jaane Jaan Dhoondta Phir Raha Lyrics in English Janejan dhundhata phir Raha hu tumhe rat din Mai yaha se vaha Janejan dhundhata phir Raha hu tumhe rat din Mai yaha se vaha Mujhko aawaj do chhup Gaye ho sanam tum kaha Mai yaha tum kaha mai yaha Janejan dhundhata phir Raha hu tumhe rat din Mai yaha se vaha O mere humsafar pyar ki rah par Sath chale ham...

दिल ढूंढता है फिर वही नैनीताल एक्सप्रेस

• • • • • साझा कलम • बटरोही • अशोक पाण्डे • देवेन मेवाड़ी • ललित मोहन रयाल • अमित श्रीवास्तव • गीता गैरोला • नवीन जोशी • प्रमोद साह • भुवन चन्द्र पन्त • • शंभू राणा • विनीता यशस्वी • गिरीश लोहनी • सुन्दर चन्द ठाकुर • जगमोहन रौतेला • बसंत कुमार भट्ट • केशव भट्ट • गायत्री आर्य • चंद्रशेखर बेंजवाल • • जयमित्र सिंह बिष्ट • दिनेश कर्नाटक • सुधीर कुमार • संजय जोशी • प्रो. मृगेश पाण्डे • प्रिय अभिषेक • विवेक सौनकिया • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Menu • • • • • साझा कलम • बटरोही • अशोक पाण्डे • देवेन मेवाड़ी • ललित मोहन रयाल • अमित श्रीवास्तव • गीता गैरोला • नवीन जोशी • प्रमोद साह • भुवन चन्द्र पन्त • • शंभू राणा • विनीता यशस्वी • गिरीश लोहनी • सुन्दर चन्द ठाकुर • जगमोहन रौतेला • बसंत कुमार भट्ट • केशव भट्ट • गायत्री आर्य • चंद्रशेखर बेंजवाल • • जयमित्र सिंह बिष्ट • दिनेश कर्नाटक • सुधीर कुमार • संजय जोशी • प्रो. मृगेश पाण्डे • प्रिय अभिषेक • विवेक सौनकिया • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • 4.28K Shares सन 2016 के शुरुआती महीनों में लखनऊ से छोटी लाइन की ‘नैनीताल एक्सप्रेस’ ट्रेन पूरी तरह बंद होने की खबर पढ़कर यादों का पिटारा खुला तो खुलता ही चला गया था. बचपन के दिन. हर साल 20 मई को हमें स्कूल से रिजल्ट मिलता था. उसी शाम बाबू मुझे चारबाग स्टेशन की छोटी लाइन ले जाते, जहां नैनीताल एक्सप्रेस खड़ी रहती. ट्रेन में दो-चार परिचित मिल ही जाते. किसी एक को मेरा हाथ थमा कर बाबू उससे कहते- ‘बच्चे को हल्द्वानी से बागेश्वर की बस में बैठा देना, हो!’ मैं मजे से उनके साथ यात्रा करता. दूसरी सुबह वे हल्द्वानी से मुझे ‘के एम ओ यू लि’ की एक बस में बैठा देते जो खरामा-खरामा चलत...