Dirgh sandhi

  1. Dirgh sandhi worksheet
  2. दीर्घ संधि की परिभाषा और उदाहरण
  3. DIRGHA SANDHI (दीर्घ संधि)


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Dirgh sandhi worksheet

Dirgh sandhi संधि के नियम एवं अभ्यास ID: 3410282 Language: Sanskrit (Saṁskṛta) School subject: sanskrit Grade/level: 9 Age:10-15 Main content: संधि Other contents: Add to my workbooks (1) Download filepdf Embed in my website or blog Add to Google Classroom Add to Microsoft Teams Share through Whatsapp Link to this worksheet: Copy Drbandana

दीर्घ संधि की परिभाषा और उदाहरण

Image : Dirgh Sandhi Kise Kahte Hai अतः संधि भी एक ऐसा ही भाषायी व्यवहार है, जो कि ना सिर्फ भाषा को कर्णप्रिय बनाता है बल्कि उसमें संक्षिप्तीकरण भी लाता है। संधि का प्रयोग गद्य में ही नहीं वरन पद्य में भी किया जाता है। यहाँ पर हम स्वर संधि के भेद दीर्घ संधि के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिसमें दीर्घ संधि किसे कहते हैं (dirgha sandhi kise kahate hain), दीर्घ संधि के उदाहरण (Dirgh Sandhi Ke Udaharan) आदि मुख्य रूप से जानेंगे। हिंदी व्याकरण के बारे में जानने के लिए यहाँ विषय सूची • • • • • • • • • • • • संधि के बारे में संधि से तात्पर्य जानने से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि संधि का अर्थ क्या है। संधि शब्द को हमने पहले कईं बार सुना है, कभी दो देशों की संधि के लिए, कभी दो नायकों या दो व्यक्तियों की संधि के लिए, कभी दो नदियों की संधि कि लिए, कभी दो देशों की सीमाओं की संधि के लिए और कभी दो मौसमों की संधि के लिए तो कभी दिन के दो पहरों की संधि के लिए आदि। संधि का अर्थ होता है जुड़ाव, मिलाप, बंध, एकात्मकता या संविलयन आदि। भाषा में संधि दो शब्दों के तकनीकी जुड़ाव को कहते हैं। जब दो शब्दों को जोड़कर एक बनाया जाता है तो इन दोनों शब्दों के संधि स्थलों पर जो कि वर्ण हैं अब नव निर्मित शब्द में एक परिवर्तन विद्यमान होता है। संधि की परिभाषा जब दो शब्दों का मेल होता है, तब उन दोनों शब्दों के संधि स्थल पर एक विकार उत्पन्न होता है, जो नवीन शब्द के उच्चारण में कुछ न कुछ परिवर्तन लाता है। अब ये समझते हैं कि ऐसे कैसे होता है। जब दो शब्द आपस में जुड़ते हैं तो प्रारंभिक शब्द का अंतिम वर्ण तथा अंतिम शब्द का प्रारंभिक वर्ण आपस में मिलकर एक भिन्न ध्वनि उत्पन्न करते हैं, जिसके कारन नवीन शब्द के उच्च...

DIRGHA SANDHI (दीर्घ संधि)

Dirgha Sandhi Rules (अ + अ = आ) धर्म + अर्थ = धर्मार्थ । (अ + आ = आ) हिम + आलय = हिमालय । (आ + अ = आ) विद्या + अर्थी = विद्यार्थी । (आ + आ = आ) विद्या + आलय = विद्यालय । (इ + इ = ई) रवि + इंद्र = रवींद्र, मुनि + इंद्र = मुनींद्र । (इ + ई = ई) गिरि + ईश = गिरीश, मुनि + ईश = मुनीश । (ई + इ = ई) मही + इंद्र = महींद्र, नारी + इंदु = नारींदु । (ई + ई = ई) नदी + ईश = नदीश मही + ईश = महीश । (उ + उ = ऊ) भानु + उदय = भानूदय, विधु + उदय = विधूदय । (उ + ऊ = ऊ) लघु + ऊर्मि = लघूर्मि, सिधु + ऊर्मि = सिंधूर्मि । (ऊ + उ = ऊ) वधू + उत्सव = वधूत्सव, वधू + उल्लेख = वधूल्लेख । (ऊ + ऊ = ऊ) भू + ऊर्ध्व = भूर्ध्व, वधू + ऊर्जा = वधूर्जा ।