दिवाली कब है 2022 में जानकारी

  1. Diwali 2022: इस साल कब है दिवाली, यहां जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि समेत तमाम जानकारी
  2. दिवाली कब है 2022 में जानकारी? – Expert
  3. 2022 में दिवाली कब है New Delhi, India में
  4. दिवाली
  5. दिवाली 2022: कब है दीपावली? जानिए तिथि, तिथि और महत्व
  6. Dhanteras 2022: साल 2022 में कब है धनतेरस? नोट कर लें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
  7. diwali kab hai deepawali date 2022 kartik amavasya know Auspicious time and worship method stmp
  8. Diwali In 2023 : दिवाली कब है, जानिए पांच दिनों के त्योहार के बारे में


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Diwali 2022: इस साल कब है दिवाली, यहां जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि समेत तमाम जानकारी

Diwali 2022: दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म में सबसे बड़ा और विशेष पर्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीगणेश व माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी का आशीर्वाद और उनकी कृपा पाने के लिए विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। ये पर्व लक्ष्मी जी को समर्पित है। इस दिन शुभ मुहूर्त में विधि पूर्वक लक्ष्मी जी की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। इसे अंधकार पर प्रकाश की विजय का पर्व माना जाता है। इस बार 24 अक्टूबर और 25 अक्टूबर दोनों दिन ही अमावस्या तिथि पड़ रही है। लेकिन 25 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल से पहले ही समाप्त हो रही है। 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि होगी। उस दिन निशित काल में भी अमावस्या तिथि रहेगी। इसलिए 24 अक्टूबर को ही पूरे देश में दीवाली मनाई जाएगी। अभी पढ़ें – इन्हें मिलेगा रुका हुआ धन तो इनके जीवन में होंगे बड़े बदलाव, मेष से मीन तक यहां जानें सभी 12 राशियों का आज का राशिफल 23 अक्टूबर, रविवार को त्रयोदशी तिथि शाम 6 बजकर 4 मिनट तक रहेगी। उसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू होगी। चतुर्दशी तिथि 24 अक्टूबर, सोमवार को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी और उसके बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। 25 अक्टूबर, मंगलवार को अमावस्या शाम 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। मान्यता है कि दिवाली पर मां लक्ष्मी की साधना-अराधना करने से सालभर तक आर्थिक तंगी नहीं रहती और मां लक्ष्मी की कृपा से धन का भंडार भरा रहता है। इतना ही नहीं, इस दिन ऋद्धि-सिद्धि के दाता और प्रथम पूजनीय गणपति की भी साधना की जाती है। जिनकी कृपा से सभी कार्य निर्विघ्न संपन...

दिवाली कब है 2022 में जानकारी? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • दिवाली कब है 2022 में जानकारी? Diwali 2022: कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दिवाली (Diwali) मनाई जाती है. साल 2022 में दिवाली कार्तिक मास की अमवस्या (Kartik Amavsya 2022) 24 अक्टूबर, सोमवार को पड़ रही है. ऐसे में इस साल दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा. दीपावली कब है22? पंचाग के अनुसार साल 2022 में दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर, सोमवार के दिन मनाया जाएगा. दीवाली कब है तो पटना बिहार की? पटना, जागरण संवाददाता। Deepawali 2021: दीपों का पर्व दीपावली कार्तिक महीने के कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि चार नवंबर को मनाया जाएगा। दीपावली के कितने दिन रहे हैं? दीपावली का पर्व दशहरा या विजयादशमी के 20 दिन बाद शुरू होता है जो कि लगातार पांच दिन तक चलता है। इस बार पांच दिवसीय दिवाली पर्व की शुरुआत 2 नवंबर 2021, धनतेरस के दिन से हो रही है। वहीं 6 नवंबर को भाई दूज से इस पर्व का समापन होगा। इस साल दीपावली का पर्व 4 नवंबर 2021, दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। दीपावली का पर्व क्यों मनाया जाता है? हम सभी जानते हैं कि भगवान राम ने रावण पर विजय पाई थी और अपना वनवास खत्म कर अयोध्या वापस लौटे थे। इसकी वजह से भारत में कार्तिक मास की पूर्णिमा को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। दीपावली का प्राचीन नाम क्या है? क्या है दिवाली का प्राचीन नाम- ने वाला पर्व है. इसका वैदिक प्रार्थना है- ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय:’ मतलब अंधकार से प्रकाश में ले जाने वाला पर्व. प्राचीनकाल में इसे दीपोत्सव के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है दीपों का उत्सव. हालांकि आज भी लोग दीपोत्सव के रू...

2022 में दिवाली कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2022 में दिवाली कब है व दिवाली 2022 की तारीख व मुहूर्त। दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है। हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है। धनतेरस से भाई दूज तक करीब 5 दिनों तक चलने वाला दिवाली का त्यौहार भारत और नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। दीपावली को दीप उत्सव भी कहा जाता है। क्योंकि दीपावली का मतलब होता है दीपों की अवली यानि पंक्ति। दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध, जैन और सिख धर्म के अनुयायी भी दिवाली मनाते हैं। जैन धर्म में दिवाली को भगवान महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं सिख समुदाय में इसे बंदी छोड़ दिवस के तौर पर मनाते हैं। दिवाली कब मनाई जाती है? 1.कार्तिक मास में अमावस्या के दिन प्रदोष काल होने पर दीपावली (महालक्ष्मी पूजन) मनाने का विधान है। यदि दो दिन तक अमावस्या तिथि प्रदोष काल का स्पर्श न करे तो दूसरे दिन दिवाली मनाने का विधान है। यह मत सबसे ज्यादा प्रचलित और मान्य है। 2.वहीं, एक अन्य मत के अनुसार, अगर दो दिन तक अमावस्या तिथि, प्रदोष काल में नहीं आती है, तो ऐसी स्थिति में पहले दिन दिवाली मनाई जानी चाहिए। 3.इसके अलावा यदि अमावस्या तिथि का विलोपन हो जाए, यानी कि अगर अमावस्या तिथि ही न पड़े और चतुर्दशी के बाद सीधे प्रतिपदा आरम्भ हो जाए, तो ऐसे में पहले दिन चतुर्दशी तिथि को ही दिवाली मनाने का विधान है। दिवाली पर कब करें लक्ष्मी पूजा? मुहूर्त का नाम समय विशेषता महत्व प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त लक्ष्मी पूजन का सबसे उत्तम समय स्थिर लग्न होने से पूजा का विशेष महत्व महानिशीथ काल मध्य रात्रि के समय आने वाला मुहूर्त माता काली के पूजन का विधा...

दिवाली

महत्वपूर्ण जानकारी • दिवाली पूजा 2023 • रविवार, 12 नवंबर 2023। • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 05:39 अपराह्न से 07:35 अपराह्न • अमावस्या तिथि शुरू: 12 नवंबर 2023 दोपहर 02:45 बजे • अमावस्या तिथि समाप्त: 13 नवंबर 2023 अपराह्न 04:55 बजे • क्या आप जानते हैं दिवाली सभी जातियों में मनाई जाती है। जैसे, जैन, हिंदू और सिख। दिवाली हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण और प्रतिभाशाली त्योहारों में से एक है। दिवाली को दीपावली और ‘रोशनी का त्योहार’ के रूप में भी जाना जाता है और दिवाली शब्द ‘दीपावली’ शब्द का गलत रूप है, जिसका अर्थ है कि प्रकाश की पंक्तियां। यह त्यौहार कार्तिक के महीने में 15 वें दिन होता है (आमावस्य) जब सर्दी के मौसम की शुरुआत होती है। इसके बारे में विभिन्न राय हैं जैन का मानना है कि इस दिन महावीर स्वामी स्वर्ग में गए और देवताओं ने उन्हें प्राप्त किया और इस प्रकार उन्हें मोक्ष मिला। हिंदुओं ने इसलिए मनाते है क्योंकि इस दिन श्री राम चंद्र लंका के राजा रावण की हत्या के बाद अयोध्या लौट आए थे, और लोगों ने अपने सम्मान में अपने घरों को रोशन कर दिया था। सिखों के लिए दिवाली, बंदी छोर दिन का प्रतीक है, जब गुरु हर गोविंद जी ने अपने और हिंदू राजाओं को फोर्ट ग्वालियर से, इस्लामी शासक जहांगीर की जेल से मुक्त कर दिया था, और अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में पहुंचे थे। तब से, सिखों ने बंदी मुक्त दिवस मनाया, स्वर्ण मंदिर, आतिशबाजी और अन्य उत्सवों की वार्षिक प्रकाश व्यवस्था के साथ। यह त्योहार बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है घरों, दुकानों के मंदिरों और अन्य इमारतों को साफ कर दिया जाता है और कई रंगो से रंग दिया जाता है और चित्र, खिलौने और पेपर के फूलों से सजाया जाता है। सभी लकड़ी की चीजें पॉलिश किया जाता हैं रात ...

दिवाली 2022: कब है दीपावली? जानिए तिथि, तिथि और महत्व

चौघड़िया मुहूर्त समय राज्य शाम दोपहर 07:23 से शाम 8:35 बजे तक पुना शाम दोपहर 06:53 से शाम 08:16 बजे तक नई दिल्ली शाम दोपहर 07:06 से शाम 08:13 बजे तक चेन्नई शाम दोपहर 07:02 से शाम 08:23 बजे तक जयपुर शाम 07:06 अपराह्न से 08:17 अपराह्न हैदराबाद शाम दोपहर 06:54 से शाम 08:17 बजे तक गुरुग्राम शाम दोपहर 06:51 से शाम 08:16 बजे तक चंडीगढ़ शाम दोपहर 06:19 से शाम 07:35 बजे तक कोलकाता शाम दोपहर 07:26 से शाम 08:39 बजे तक मुंबई शाम दोपहर 07:16 से शाम 08:23 बजे तक बैंगलोर शाम दोपहर 07:21 से शाम 08:38 बजे तक अहमदाबाद शाम दोपहर 06:52 से शाम 08:15 बजे तक नोएडा आपकी सामग्री को पढ़ने के बाद, मुझे विश्वास है कि यह मेरे ज्ञान का सबसे अच्छा है क्योंकि इसमें सबसे उपयोगी तथ्य और सिफारिशें शामिल हैं। यह काफी उपयोगी और साझा करने योग्य है। शेयर करना जारी रखें। मैंने बहुत सी साइटें पढ़ी हैं, लेकिन आपकी साइट में बहुत उपयोगी जानकारी है, और मैं इससे पूरी तरह खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह की और जानकारी देखने को मिलेगी।

Dhanteras 2022: साल 2022 में कब है धनतेरस? नोट कर लें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Dhanteras 2022 Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में हर त्योहार अपना अलग महत्व है. दिवाली, दशहरा, धनतेरस ये कुछ ऐसे त्योहार हैं, जिनका इंतजार व्यक्ति को साल शुरु होते ही शुरू हो जाता है. दिवाली की शुरुआत धनतेरस के दिन से होती है. धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है. इसी दिन से दिवाली के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि और धन के देवता कुबेर की पूजा का विधान है. धनतेरस के पर्व का संबंध धन और समृद्धि से है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान धन्वंतरि देव का जन्म हुआ था. इसी कारण इसे धन्वंतरि जयंती या धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. धनतेरस के दिन बाजार से बर्तन, सोना, चांदी आदि की खरीददारी करने का विधान है. आइए जानें साल 2022 में कब है धनतेरस और इसका शुभ मुहूर्त. ये भी पढ़ें- Diwali 2022: साल 2022 में दिवाली कब है? नोट करें लें तिथि, लक्ष्मी पूजन का टाइम और पूजन विधि धनतेरस 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त- पंचाग के अनुसार धनतेरस का त्योहार साल 2022 में 23 अक्टूबर, रविवार के दिन पड़ रहा है. दिवाली से एक दिन पहले ही धनतेरस पर्व मनाया जाता है. इस दिन घर में पूजा कर उनके आगमन की प्रार्थना की जाती है. शास्त्रों में इस दिन खरीददारी का विशेष महत्व है. धनतेरस शुभ मुहूर्त- धनतेरस मुहूर्त - पंचाग के अनुसार धनतेरस का शुभ मुहूर्त 23 अक्टूबर की शाम 05:44 से शुरू होकर 06:05:50 तक होगा. कुल अवधि : 21 मिनट प्रदोष काल- शाम को 05 :44 मिनट से 08:16 मिनट तक. वृषभ काल- 06:58 मिनट से 08:54 मिनट तक. ये भी पढ़ें- Somvati Amavasya 2022: मई माह में है साल 2022 की आखिरी सोमवती अमावस्या, जानें तिथि और पूजन विधि धनतेरस का महत्व- मां लक्ष्...

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Diwali 2022 Date Time Shubh Muhurt: हिंदू पंचाग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के अमावस्या के दिन दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक माह के दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करने के साथ रावण का वध करके वापस अयोध्या लौटे थे. इस खुशी में नगर वासियों ने उनका स्वागत करते हुए दीये जलाते हुए जश्न मनाए थे. उसी समय से हर साल इस दिन दिवाली का पर्व मनाया जाता है. और इस दिन लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं कब है दिवाली और इस दिन क्या पूजा की सही विधि? दिवाली कब है? 2022 इस साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 24 और 25 दोनों दिन है. लेकिन 25 को अमावस्या प्रदोष काल के पहले ही समाप्त हो जा रही है. ऐसे में अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को मान्य होगा और दीपावली का पर्व 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. दिवाली शुभ मुहूर्त 2022 दिवाली में लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी की पूजा का बहुत महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो लोग लक्ष्मी गणेश की एक साथ सच्चे मन से पूजा करते हैं और उन्हें सोने-चांदी के गहने चढ़ाते हैं उन्हें वर्ष भर किसी चीज की कमी नहीं होती है. इस साल दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणपति के पूजा का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर की शाम 06 बजकर 53 मिनट से लेकर 08 बजकर 16 मिनट तक है. जानिए क्यों मनाई जाती है दीपावली धार्मिक मान्यता अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमीं के दिन भगवान राम रावण का वध किया था, जिसके बाद भगवान राम माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे. लंका से अयोध्या आते वक्त उन्हें 20 दिन का समय लगा था. जिस दिन वे अयोध्या लौटे थें उस दिन उनका 14 वर्ष का वनवास समाप्त हो गया था. भगवान राम के अयोध्या पावसी की खुशी में लोगों ने दीपोत्सव कर...

Diwali In 2023 : दिवाली कब है, जानिए पांच दिनों के त्योहार के बारे में

Rate this post दिवाली कब है, धनतेरस कब है, नरक चतुर्दशी कब है, गोवर्धन पूजा कब है, भाई दूज कब है, अन्नकूट कब है, 2023 में दीपावली कब है (Diwali 2023 kab hai, Dhanteras Kab Hai, Govardhan Puja Kab Hai, Bhai Dooj Kab Hai, 2023 Diwali Date, Diwali Puja 2023, Diwali Festival, chhoti diwali kab hai, deepavali 2023) Diwali 2023 kab hai– दीपों का महापर्व दीपावली को हर धर्म के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते है. यह पर्व सुख-समृद्धि और सौभाग्य लेकर आता है. दीपावली का पर्व हर वर्ष कार्तिक अमावस्या से शुरू होता है और कार्तिक मास के शुक्लपक्ष तक मनाए जाने वाला त्योहार (Diwali In Hindi) है. साल 2023 में दिवाली 12 नवम्बर रविवार के दिन है. दीपावली का त्योहार एक नही बल्कि पांच दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार है. इस त्योहार का शुभारम्भ धनतेरस (2023 mein dhanteras kab hai) से होता है और भैया दूज (bhaiya dooj kab hai) पर समापन होता है.पांच दिनों तक मनाए जाने वाले दीपोत्सव महापर्व को अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक माना जाता है. Table of Contents • • • • • • • Diwali In 2023 : जानिए पांच दिनों के त्योहार के बारे में पांच दिनों तक मनाए जाने वाले इस त्योहार का मुख्य कारण यह भी है कि हर इंसान के लिए अपने जीवन में इन पांच बातों को जानना बेहद जरूरी है. इस त्योहार के पांचो दिन जीवन की अहम बातों को दर्शाता है जिसमें प्रेम, धन, प्रकृति, स्वास्थ्य, सद्भाव और मृत्यु का संदेश छिपा है. और यह सभी बाते जीवन को आधार बनाती है. लक्ष्मी को हम लोग पैसे, सोना और चांदी समझते है. लेकिन वास्तविक में ऐसा नही है. लक्ष्मी का शाब्दिक अर्थ है शांति, सुख और समृद्धि से. 1. पहला दिन 11 नवम्बर धनतेरस 2. दूसरा दिन 12 नवम्बर छोटी ...