Divya tanwar upsc

  1. divya tanwar cracked upsc civil services exam at the age of just 21 and become ips officer
  2. Success Story: छोटे से गांव से निकलकर बिना कोचिंग के पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा पास करने वाली दिव्या तंवर की प्रेरक कहानी
  3. દિવ્યાએ કોઈ કોચિંગ લીધું ન હતું અને તેના પહેલા જ પ્રયત્નમાં UPSC પ્રિલિમ પરીક્ષા પાસ કરી હતી. જો કે બાદમાં તેણે યુપીએસસીની મુખ્ય તૈયારી માટે ટેસ્ટ સિરીઝ સહિત વિવિધ ઓનલાઈન સ્ત્રોતોની મદદ લીધી.
  4. UPSC CSE 2022 Toppers: Divya Tanwar, Mudita Sharma Crack UPSC Civil Services Exam, Read Their Journey
  5. divya tanwar upsc rank ias divya tanwar again crack upsc cse result ips officer hindi medium


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divya tanwar cracked upsc civil services exam at the age of just 21 and become ips officer

IPS Divya Tanwar Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा 2023 में करीब एक महीने का समय ही बच गया है. इस परीक्षा में शामिल होने के इच्छुक उम्मीदवार प्रीलिम्स परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं. ऐसे में परीक्षा की तैयारी के दौरान अपने आप को मोटिवेट रखने के लिए उम्मीदवार पूर्व आईएएस और आईपीएस ऑफिसर्स की सक्सेस स्टोरी पढ़ते हैं, जिससे उन्हें काफी प्रेरणा मिलती है. इसी कड़ी में आज हम आपके लिए एक ऐसी ही आईपीएस ऑफिसर दिव्या तंवर की सक्सेस स्टोरी लेकर आए हैं, जिनके सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था, लेकिन उनकी मां ने उन्हें जैसे-तैसे मजदूरी करके उन्हें पढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप बेटी दिव्या ने भी महज 21 साल की उम्र में ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली और आईपीएस ऑफिसर बन गईं. बचपन में ही सिर से उठा पिता का साया आईपीएस दिव्या तंवर का जन्म हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुआ था. वह एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखती हैं. लेकिन जब दिव्या अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रही थीं, उसी दौरान दिव्या और उनके परिवार पर मुश्किलों का पहाड़ तब टूट पड़ा, क्योंकि दिव्या के पिता की मृत्यु हो गई और वह उन्हें काफी छोटी उम्र में ही अकेला छोड़ गए. इसके चलते पहले से ही घर के खराब आर्थिक हालात और भी खस्ताहाल हो गए. हालांकि, दिव्या की मां ने बबीता तंवर ने कभी भी अपने बच्चों की पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आने दी. मां ने बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा होने लायक बनाया बता दें कि दिव्या की स्कूलिंग नवोदय विद्यालय महेंद्रगढ़ से हुई है. वह कुल तीन भाई बहन हैं. उनकी मां ने अपने तीनों बच्चों को सिलाई-कढ़ाई का काम करके सभी को अपने पैरों पर खड़ा होने लायक बनाया. दिव्या तंवर ने भी अपनी ग्रेजुएशन खत...

Success Story: छोटे से गांव से निकलकर बिना कोचिंग के पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा पास करने वाली दिव्या तंवर की प्रेरक कहानी

हर साल यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में कई अभ्यर्थी हिस्सा लेते हैं। लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और लगन से इस परीक्षा में कुछ ही लोग सफलता हासिल करने में कामयाब हो पाते हैं। ऐसे में कई लोग अपनी बुरी परिस्थिति का हवाला देकर खुद को आगे बढ़ने से रोक लेते हैं। वहीं कुछ ऐसे प्रतिभावान लोग भी हैं जो विपरीत परिस्थितियों को भी अपने अनुकूल बनाकर सफलता की नई कहानियां लिख देते हैं। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण बनी हैं हरियाणा के छोटे से गांव से आने वाली दिव्या तंवर जिन्होंने बिना कोचिंग के यूपीएससी परीक्षा पास की है। दिव्या के आर्थिक हालात ठीक नहीं थे, उनकी माँ ने मजदूरी कर के कैसे तैसे उन्हें पढ़ाया। लेकिन दिव्या ने अपने सपनों को अपने हालातों के आगे आने नहीं दिया। उन्होंने कठिन मेहनत से पढ़ाई कर के बिना कोंचिग के ही सिविल सर्विस की परीक्षा को पास कर अपने नाम का परचम लहरा दिया। तो आइए जानते हैं यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2021 में रैंक 438 रैंक प्राप्त करने वाली दिव्या तंवर के जीवन की प्रेरक कहानी। माँ ने मजदूरी कर उठाया पढ़ाई का खर्च हरियाणा के महेंद्रगढ़ के एक सामान्य परिवार में जन्मीं दिव्या अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं। वे बेहद साधारण परिवार से आती हैं। बहुत ही कम उम्र में उनके सर से पिता का साया उठ गया। जिसके बाद पूरे घर की जिम्मेदारी उनकी माँ के कंधों पर आ गईं। उसके बाद से उनकी माँ ने दूसरों के खेतों में मजदूरी कर अपना घर चलाया और अपने बच्चों का पालन-पोषण किया। दिव्या ने अपनी प्राथमिक शिक्षा निम्बी जिले के मनु स्कूल से प्राप्त की। जिसके बाद उन्होंने नवोदय विद्यालय में दाखिला लिया। स्कूल से निकलने के बाद उन्होंने अपना ग्रेजुएशन बीएससी में गवर्नमेंट पीजी कॉलेज से किया। साथ में घर चला...

દિવ્યાએ કોઈ કોચિંગ લીધું ન હતું અને તેના પહેલા જ પ્રયત્નમાં UPSC પ્રિલિમ પરીક્ષા પાસ કરી હતી. જો કે બાદમાં તેણે યુપીએસસીની મુખ્ય તૈયારી માટે ટેસ્ટ સિરીઝ સહિત વિવિધ ઓનલાઈન સ્ત્રોતોની મદદ લીધી.

UPSC સિવિલ સર્વિસ પરીક્ષા દેશની સૌથી અઘરી પરીક્ષા છે. ઘણા ઉમેદવારોને તેને ક્રેકમાં વર્ષો લાગે છે. આવી સ્થિતિમાં જો એવું કહેવામાં આવે કે 24 વર્ષની ઉંમરે એક ઉમેદવાર બે વખત UPSC CSE પરીક્ષા પાસ કરીને ટોપર બન્યો છે તો વિશ્વાસ કરવો મુશ્કેલ છે. હરિયાણાના IPS ઓફિસર દિવ્યા તંવરે આવું જ અદભૂત પરાક્રમ કરી બતાવ્યું છે. પ્રિલિમ ક્લિયર કર્યા પછી તેને UPSC કોચિંગ મેન્ટરશિપ પ્રોગ્રામમાં પણ જોડાઈ. દિવ્યા તંવર હવે IAS અધિકારી બનવા માટે તૈયાર છે કારણ કે તેણે UPSC પરીક્ષા 2022 AIR 105 સાથે પાસ કરી છે. હાલમાં, તે 2021 બેચની IPS અધિકારી છે. આ તેમનો બીજો પ્રયત્ન હતો. તેણે પ્રારંભિક પ્રયાસમાં ઓલ ઈન્ડિયા રેન્ક (એઆઈઆર) 438 સાથે પરીક્ષા પાસ કરી અને આઈપીએસ અધિકારી બની.

UPSC CSE 2022 Toppers: Divya Tanwar, Mudita Sharma Crack UPSC Civil Services Exam, Read Their Journey

Divya when asked about her family's reactions, she said my mother was certain that she would get selected however Divya was anxious as there was lot of pressure this time as she is already an IPS officer and people would comment that she didn’t get clear. However, she is now relieved that she cleared it. Currently she is under training in IPS and has once again cleared this exam.

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हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में निंबी गांव की बेटी दिव्या तंवर ने एक बार फिर यूपीएससी परीक्षा क्रैक की है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के परिणाम में उन्हें 105वीं रैंक मिली है। यह उनका दूसरा प्रयास था। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 उनका प्रयास था। पिछली बार उनकी 438वीं रैंक थी और उन्हें आईपीएस सर्विसेज मिली थी। उन्हें मणिपुर कैडर अलॉट हुआ था। लेकिन उन्होंने बेहतर रैंक लाकर आईएएस पाने के लिए तैयारी जारी रखी। सरकारी स्कूल से पढ़कर और हिंदी मीडियम से यूपीएससी पहले दो प्रयासों में दोनों बार क्रैक कर दिव्या युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गई हैं। दिव्या तंवर ने नवोदय विद्यालय महेंद्रगढ़ से स्कूली शिक्षा हासिल की। उनके घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी। स्कूलिंग के दौरान पिता की मौत हो जाने के बाद उनकी मां ने मेहनत मजदूरी कर घर को चलाया। मां बबीता तंवर ने कभी दिव्या की पढ़ाई में रुकावट नहीं आने दी। मां ने खेतों में मजदूरी कर दिव्या को इस मुकाम तक पहुंचाया। दिव्या ने महेन्दगढ़ के ही राजकीय महिला कॉलेज से बीएससी किया है। बीएससी करने के बाद वह यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी में जुट गईं। अपने घर के एक छोटे से कमरे में रोजाना 10 घंटे पढ़ाई कर उन्होंने सिर्फ 21 साल की उम्र में पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी। जींद की अंकिता को 28वां स्थान हासिल किया हरियाणा में जींद जिला के गांव गोसाई खेड़ा की अंकिता पंवार ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा 2022 में 28 वां स्थान हासिल किया है। अंकिता पंवार का उद्देश्य भारतीय प्रशासनिक अधिकारी बनना था। अंकिता ने दूसरे प्रयास 2020 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा उत्तीर्ण कर 321 वां रैंक प्राप्त किया था। उसने दल्लिी म...