दक्षिण मुखी मकान का वास्तु नक्शा

  1. दक्षिण मुखी मकान भी होते हैं शुभ, वास्तु के कुछ सरल नियमों का रखें ध्यान
  2. दक्षिण मुखी घर का दोष कैसे करे दूर
  3. पूर्व दिशा वास्तु के अनुसार पूर्व मुखी घर का नक्शा कैसा होगा
  4. जानें वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण मुखी घर शुभ है या अशुभ ?
  5. दक्षिण मुखी मकान का नक्शा Archives
  6. जानें वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण मुखी घर शुभ है या अशुभ ?
  7. पूर्व दिशा वास्तु के अनुसार पूर्व मुखी घर का नक्शा कैसा होगा
  8. दक्षिण मुखी घर का दोष कैसे करे दूर
  9. दक्षिण मुखी मकान का नक्शा Archives
  10. दक्षिण मुखी मकान भी होते हैं शुभ, वास्तु के कुछ सरल नियमों का रखें ध्यान


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दक्षिण मुखी मकान भी होते हैं शुभ, वास्तु के कुछ सरल नियमों का रखें ध्यान

सर्वप्रथम दक्षिणमुखी मकान का दोष खत्म करने के लिए मुख्य द्वार के उपर पंचमुखी हनुमानजी का चित्र लगा देना चाहिए, नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करेगी। यदि दक्षिणमुखी मकान के सामने मुख्य द्वार से दोगुनी दूरी पर नीम का हराभरा वृक्ष लगा देने से दक्षिण दिशा का नकारात्मक असर काफी हद तक समाप्त हो जाएगा। यदि दक्षिणमुखी मकान के सामने मकान से दोगुना बड़ा कोई दूसरा मकान है तो दक्षिण दिशा का असर कुछ हद तक समाप्त हो जाएगा। दक्षिण मुखी प्लाट में मुख्य द्वार आग्नेय कोण में बनाना वास्तु की दृष्टि में उचित माना गया है। उत्तर तथा पूर्व की तरफ ज्यादा व पश्चिम व दक्षिण में कम से कम खुला स्थान छोड़ा गया है तो भी दक्षिण का दोष कम हो जाता है। ऐसे प्लाट में छोटे पौधे पूर्व-ईशान में लगाने से भी दोष कम होता है। आग्नेय कोण का मुख्यद्वार पर पेंट लाल या मरून रंग का हो, तो श्रेष्ठ फल देता है। इसके अलावा हल्का नारंगी या भूरा रंग भी चुना जा सकता है। परन्तु किसी भी परिस्थिति में मुख्यद्वार पर नीला या काले रंग नहीं करवाना चाहिए,अन्यथा घर में वाद-विवाद की समस्या रहेगी। यदि आपका दरवाजा दक्षिण की तरफ है तो द्वार के ठीक सामने एक आदमकद दर्पण इस प्रकार लगाएं जिससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति का पूरा प्रतिबिंब दर्पण में बने। इससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति के साथ घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक उर्जा पलटकर वापस चली जाती है। दक्षिणमुखी मकान में भी किचन बनाने के लिए घर में आदर्श स्थान दक्षिण-पूर्व दिशा ही है।एवं खाना पकाने के दौरान, आपका पूर्व की ओर मुंह होना चाहिए। किचन के लिए दूसरी सबसे अच्छी जगह उत्तर-पश्चिम दिशा है। ध्यान रहे पानी की निकासी उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होनी चाहिए। भूलकर भी दक्षिण दिशा म...

दक्षिण मुखी घर का दोष कैसे करे दूर

दक्षिण मुखी घर एक समय के बाद बुरा फल देना प्रारंभ करता है। हालांकि कई जगहों पर यह देखा गया है कि आसपास वास्तु के अनुसार कुछ चीजें होती है जिसके कारण उसका बुरा फल नहीं मिलता है। दक्षिण दिशा पर मंगल का प्रभाव रहता है इसलिए मंगल हमारे शरीर में खून, रिश्‍तों में भाई और लड़ाई-झगड़े का सूचक है। यह दिशा यम की दिशा भी मानी गई है। इसलिए इस दिशा का दोष दूर करना होता है। यदि आपका भी घर दक्षिण मुखी है तो जानिए वास्तु के कुछ खास टिप्स, जिन्हें करना जरूरी है। Janta Se Rishta is a leading company in Hindi online space. Launched in 2013, jantaserishta.com is the fastest growing Hindi news website in India, and focuses on delivering around the clock Local,national and international news and analysis, business, sports, technology entertainment, lifestyle and astrology.

पूर्व दिशा वास्तु के अनुसार पूर्व मुखी घर का नक्शा कैसा होगा

वास्तु शास्त्र को कभी-कभी वर्तमान युग में एक मिथक के रूप में देखा जाता है, हालांकि वास्तव में ऐसा नहीं है। यह एक विज्ञान है जिसे सदियों पहले समकालिक आवासों, महलों और कार्यस्थलों को बनाने के उद्देश्य से बनाया गया था। वास्तु शास्त्र आपको एक ऐसी संरचना बनाने के लिए दिशा-निर्देश देता है जो प्राकृतिक शक्तियों के अनुरूप हो। ये दिशानिर्देश कभी-कभी दिशा-विशिष्ट होते हैं, जैसे कि पूर्व मुखी घर का नक्शा वास्तु के अनुसार। प्रकृति के पांच तत्वों-अग्नि, पृथ्वी, जल, वायु और आकाश का संयोजन वास्तु शास्त्र के मूल में है। साथ में, वे एक स्वागत योग्य और रहने योग्य वातावरण बनाते हैं। जब इन वास्तु सिद्धांतों को उपयुक्त वास्तु विधियों के साथ जोड़ा जाता है, तो यह एक शांत वातावरण बनाता है जो सुख और समृद्धि को बढ़ावा देता है। अपने घर को वास्तु के हिसाब से सही दिशा में बनवाने में NoBroker के एक्सपर्ट इंटीरियर डिज़ाइनरस की सहायता ले। वास्तु शास्त्र पूर्व मुखी घर का नक्शा: क्या पूर्व मुखी मकान भाग्यशाली माने जाते हैं? कहा जाता है कि घर धन और भाग्य को आकर्षित करते हैं यदि वे पूर्व की ओर अपने चेहरे के साथ या पूर्व की ओर अपने अधिकांश स्थान के साथ बनाए जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व की ओर चौड़े और निचले हिस्से वाले कुछ घर सबसे अच्छे माने जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व मुखी घर का नक्शा के लिए वास्तु टिप्स • क्योंकि उत्तर पूर्व को मानसिक शांति का कोना माना जाता है, इसलिए उस दिशा में पूजा कक्ष होना काफी फायदेमंद होता है। • पूर्व मुखी घर का वास्तु शास्त्र समझने के लिए ये याद रखे की यदि आपके घर में सीढ़ियां हैं, तो इसका मुख पश्चिम या दक्षिण की ओर होना बेहतर है। • कोई भी खुला क्षेत्र, जैसे क...

जानें वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण मुखी घर शुभ है या अशुभ ?

कई बार मेहनत और जतन से बनाया हुआ घर लोगों को फलता नहीं है। इसकी वजह है घर को वास्तु शास्त्र के अनुसार ना बनाना और घर की दिशा गलत होने के कारण जातक को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्या होता है वास्तु शास्त्र ? वास्तु शास्त्र भारतीय ज्योतिष विद्या का ही एक अंग है जिसमें मकान, दफ़्तर अथवा कार्यालय को सही ढंग से बनाने के नियम दिये गये हैं। ज्योतिष शास्त्र में वास्तु नियमों को ध्यान में रखते हुए घर खरीदने या बनवाने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। वास्तु शास्त्र के अंतर्गत दिशा, घर का मुख्य द्वार, बेडरूम तथा रसोई का स्थान आदि कई महत्वपूर्ण पहलू होते हैं। आइये जानते हैं इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषियों से वास्तु शास्त्र के कुछ आवश्यक नियम। कौन सी दिशा में बना घर शुभ होता है ? घर बनाते समय लोग दिशाओं को लेकर काफी असमंजस में रहते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार कौन सी दिशा शुभ मानी जाती है और कौन सी अशुभ यह एक गंभीर मुद्दा है। ऐसे में कई लोगों का प्रश्न रहता है कि दक्षिण मुखी मकान शुभ या अशुभ होता है ? मान्यता है कि दक्षिण मुखी घर अशुभ फल देता है। परंतु यह पूरा सच नहीं है। यदि दक्षिण दिशा में वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करते हुए घर बनाया जाए, तो नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं। दक्षिण मुखी घर वास्तु के अनुसार दक्षिण मुखी घर के होते हैं, जिसका मुख्य द्वार दक्षिण दिशा की ओर होता है। दक्षिण मुखी घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में स्थित होता है। और मान्यता है कि दक्षिण मुखी घर शुभ नहीं होता है, क्योंकि इससे वातावरण की सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह नहीं बन पाता है। जानें क्या होते हैं दक्षिण मुखी घर के दोष ? दक्षिण पश्चिम दिशा में घर बनाने से मानव को यह हानि हो सकती हैं – ...

दक्षिण मुखी मकान का नक्शा Archives

20 50पश्चिम मुखी मकान का नक्शा 1000 वर्गफुट 20×50 प्लॉट क्षेत्र के लिए सर्वश्रेष्ठ ऑनलाइन हाउस प्लान / हाउस डिजाइन की तलाश है? बाहर रहने के साथ शानदार ढंग से डिजाइन में समन्वित, यह घर की जरूरत को कम कर देता है। एक यार्ड और विवेकाधीन सोलाना में ओपन एयर फन के लिए बहुत अधिक … 1000 वर्गफुट 20×50 प्लॉट क्षेत्र के लिए सर्वश्रेष्ठ ऑनलाइन हाउस प्लान / हाउस डिजाइन की तलाश है? Read More »

जानें वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण मुखी घर शुभ है या अशुभ ?

कई बार मेहनत और जतन से बनाया हुआ घर लोगों को फलता नहीं है। इसकी वजह है घर को वास्तु शास्त्र के अनुसार ना बनाना और घर की दिशा गलत होने के कारण जातक को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्या होता है वास्तु शास्त्र ? वास्तु शास्त्र भारतीय ज्योतिष विद्या का ही एक अंग है जिसमें मकान, दफ़्तर अथवा कार्यालय को सही ढंग से बनाने के नियम दिये गये हैं। ज्योतिष शास्त्र में वास्तु नियमों को ध्यान में रखते हुए घर खरीदने या बनवाने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। वास्तु शास्त्र के अंतर्गत दिशा, घर का मुख्य द्वार, बेडरूम तथा रसोई का स्थान आदि कई महत्वपूर्ण पहलू होते हैं। आइये जानते हैं इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषियों से वास्तु शास्त्र के कुछ आवश्यक नियम। कौन सी दिशा में बना घर शुभ होता है ? घर बनाते समय लोग दिशाओं को लेकर काफी असमंजस में रहते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार कौन सी दिशा शुभ मानी जाती है और कौन सी अशुभ यह एक गंभीर मुद्दा है। ऐसे में कई लोगों का प्रश्न रहता है कि दक्षिण मुखी मकान शुभ या अशुभ होता है ? मान्यता है कि दक्षिण मुखी घर अशुभ फल देता है। परंतु यह पूरा सच नहीं है। यदि दक्षिण दिशा में वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करते हुए घर बनाया जाए, तो नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं। दक्षिण मुखी घर वास्तु के अनुसार दक्षिण मुखी घर के होते हैं, जिसका मुख्य द्वार दक्षिण दिशा की ओर होता है। दक्षिण मुखी घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में स्थित होता है। और मान्यता है कि दक्षिण मुखी घर शुभ नहीं होता है, क्योंकि इससे वातावरण की सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह नहीं बन पाता है। जानें क्या होते हैं दक्षिण मुखी घर के दोष ? दक्षिण पश्चिम दिशा में घर बनाने से मानव को यह हानि हो सकती हैं – ...

पूर्व दिशा वास्तु के अनुसार पूर्व मुखी घर का नक्शा कैसा होगा

वास्तु शास्त्र को कभी-कभी वर्तमान युग में एक मिथक के रूप में देखा जाता है, हालांकि वास्तव में ऐसा नहीं है। यह एक विज्ञान है जिसे सदियों पहले समकालिक आवासों, महलों और कार्यस्थलों को बनाने के उद्देश्य से बनाया गया था। वास्तु शास्त्र आपको एक ऐसी संरचना बनाने के लिए दिशा-निर्देश देता है जो प्राकृतिक शक्तियों के अनुरूप हो। ये दिशानिर्देश कभी-कभी दिशा-विशिष्ट होते हैं, जैसे कि पूर्व मुखी घर का नक्शा वास्तु के अनुसार। प्रकृति के पांच तत्वों-अग्नि, पृथ्वी, जल, वायु और आकाश का संयोजन वास्तु शास्त्र के मूल में है। साथ में, वे एक स्वागत योग्य और रहने योग्य वातावरण बनाते हैं। जब इन वास्तु सिद्धांतों को उपयुक्त वास्तु विधियों के साथ जोड़ा जाता है, तो यह एक शांत वातावरण बनाता है जो सुख और समृद्धि को बढ़ावा देता है। अपने घर को वास्तु के हिसाब से सही दिशा में बनवाने में NoBroker के एक्सपर्ट इंटीरियर डिज़ाइनरस की सहायता ले। वास्तु शास्त्र पूर्व मुखी घर का नक्शा: क्या पूर्व मुखी मकान भाग्यशाली माने जाते हैं? कहा जाता है कि घर धन और भाग्य को आकर्षित करते हैं यदि वे पूर्व की ओर अपने चेहरे के साथ या पूर्व की ओर अपने अधिकांश स्थान के साथ बनाए जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व की ओर चौड़े और निचले हिस्से वाले कुछ घर सबसे अच्छे माने जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व मुखी घर का नक्शा के लिए वास्तु टिप्स • क्योंकि उत्तर पूर्व को मानसिक शांति का कोना माना जाता है, इसलिए उस दिशा में पूजा कक्ष होना काफी फायदेमंद होता है। • पूर्व मुखी घर का वास्तु शास्त्र समझने के लिए ये याद रखे की यदि आपके घर में सीढ़ियां हैं, तो इसका मुख पश्चिम या दक्षिण की ओर होना बेहतर है। • कोई भी खुला क्षेत्र, जैसे क...

दक्षिण मुखी घर का दोष कैसे करे दूर

दक्षिण मुखी घर एक समय के बाद बुरा फल देना प्रारंभ करता है। हालांकि कई जगहों पर यह देखा गया है कि आसपास वास्तु के अनुसार कुछ चीजें होती है जिसके कारण उसका बुरा फल नहीं मिलता है। दक्षिण दिशा पर मंगल का प्रभाव रहता है इसलिए मंगल हमारे शरीर में खून, रिश्‍तों में भाई और लड़ाई-झगड़े का सूचक है। यह दिशा यम की दिशा भी मानी गई है। इसलिए इस दिशा का दोष दूर करना होता है। यदि आपका भी घर दक्षिण मुखी है तो जानिए वास्तु के कुछ खास टिप्स, जिन्हें करना जरूरी है। Janta Se Rishta is a leading company in Hindi online space. Launched in 2013, jantaserishta.com is the fastest growing Hindi news website in India, and focuses on delivering around the clock Local,national and international news and analysis, business, sports, technology entertainment, lifestyle and astrology.

दक्षिण मुखी मकान का नक्शा Archives

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दक्षिण मुखी मकान भी होते हैं शुभ, वास्तु के कुछ सरल नियमों का रखें ध्यान

सर्वप्रथम दक्षिणमुखी मकान का दोष खत्म करने के लिए मुख्य द्वार के उपर पंचमुखी हनुमानजी का चित्र लगा देना चाहिए, नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करेगी। यदि दक्षिणमुखी मकान के सामने मुख्य द्वार से दोगुनी दूरी पर नीम का हराभरा वृक्ष लगा देने से दक्षिण दिशा का नकारात्मक असर काफी हद तक समाप्त हो जाएगा। यदि दक्षिणमुखी मकान के सामने मकान से दोगुना बड़ा कोई दूसरा मकान है तो दक्षिण दिशा का असर कुछ हद तक समाप्त हो जाएगा। दक्षिण मुखी प्लाट में मुख्य द्वार आग्नेय कोण में बनाना वास्तु की दृष्टि में उचित माना गया है। उत्तर तथा पूर्व की तरफ ज्यादा व पश्चिम व दक्षिण में कम से कम खुला स्थान छोड़ा गया है तो भी दक्षिण का दोष कम हो जाता है। ऐसे प्लाट में छोटे पौधे पूर्व-ईशान में लगाने से भी दोष कम होता है। आग्नेय कोण का मुख्यद्वार पर पेंट लाल या मरून रंग का हो, तो श्रेष्ठ फल देता है। इसके अलावा हल्का नारंगी या भूरा रंग भी चुना जा सकता है। परन्तु किसी भी परिस्थिति में मुख्यद्वार पर नीला या काले रंग नहीं करवाना चाहिए,अन्यथा घर में वाद-विवाद की समस्या रहेगी। यदि आपका दरवाजा दक्षिण की तरफ है तो द्वार के ठीक सामने एक आदमकद दर्पण इस प्रकार लगाएं जिससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति का पूरा प्रतिबिंब दर्पण में बने। इससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति के साथ घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक उर्जा पलटकर वापस चली जाती है। दक्षिणमुखी मकान में भी किचन बनाने के लिए घर में आदर्श स्थान दक्षिण-पूर्व दिशा ही है।एवं खाना पकाने के दौरान, आपका पूर्व की ओर मुंह होना चाहिए। किचन के लिए दूसरी सबसे अच्छी जगह उत्तर-पश्चिम दिशा है। ध्यान रहे पानी की निकासी उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होनी चाहिए। भूलकर भी दक्षिण दिशा म...