दशहरा कब है

  1. Dussehra 2022 कब है दशहरा जानिए विजयदशमी का शुभ मुहूर्त और महत्व
  2. दशहरा 2023 कब है? दशहरा का महत्व
  3. Dussehra 2022 Date:दशहरा कब है, 4 या 5 अक्टूबर को? जानें सही तारीख और रावण दहन का समय
  4. ganga dussehra 2023 date shubh muhurat tithi and shubh muhurat importance
  5. 2023 में दशहरा कब है New Delhi, India में
  6. दशहरा कब है और क्यों मनाया जाता है
  7. 2022 में दशहरा कब है ? आखिर क्यों मनाया जाता है दशहरा (कथा)


Download: दशहरा कब है
Size: 65.72 MB

Dussehra 2022 कब है दशहरा जानिए विजयदशमी का शुभ मुहूर्त और महत्व

नई दिल्ली, Dussehra 2022: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाने वाला पर्व दशहरा इस साल अक्टूबर की शुरुआत में ही पड़ रहा है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, दशहरा या विजयादशमी का पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दशहरा के दिन ही भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था। किसी कारण हर साल प्रतीक के रूप में रावण के अलावा कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है। देशभर में इस पर्व को बड़े ही धूमधाम तरीके से मनाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन के साथ दुर्गा पूजा (शारदीय नवरात्रि) का भी समापन हो जाता है। आइए जानते हैं कि दशहरा की तिथि, पूजा का मुहूर्त और महत्व के बारे में। दशमी तिथि समाप्त - 5 अक्टूबर 2022 दोपहर 12 बजे तक श्रवण नक्षत्र प्रारम्भ - 4 अक्टूबर 2022 को रात 10 बजकर 51 मिनट तक श्रवण नक्षत्र समाप्त - 5 अक्टूबर 2022 को रात 09 बजकर 15 मिनट तक विजय मुहूर्त - 5 अक्टूबर दोपहर 02 बजकर 13 मिनट से लेकर 2 बजकर 54 मिनट तक अमृत काल- 5 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 33 से लेकर दोपहर 1 बजकर 2 मिनट तक दुर्मुहूर्त- 5 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 38 मिनट तक। दशहरा का महत्व पौराणिक कथाओं के अनुसार दशहरा मनाने के पीछे दो कथाएं सबसे ज्यादा प्रचलित है। पहली कथा के अनुसार, आश्विन शुक्ल दशमी को भगवान श्री राम ने रावण का वध करके लंका में विजय प्राप्त की। इसी कारण इस दिन को विजयादशमी या दशहरा के रूप में मनाया जाता है। वहीं दूसरी कथा के अनुसार, मां दुर्गा ने महिषासुर के साथ 10 दिनों तक भीषण संग्राम किया और आश्विन शुक्ल दशमी को उसका वध कर दिया। इसी कारण इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाया जाने लगा। ये दोनों की घटनाएं बु...

दशहरा 2023 कब है? दशहरा का महत्व

Dussehra 2023 Date, Time in Hindi: दशहरा रावण पर भगवान राम की विजय का उत्सव है। हमारे देश भारत में धार्मिकता का अति महत्व है और इन्हीं धर्म ग्रंथों एवं पुराणों के आधार पर देश में बहुत से त्यौहार हर्षोल्लाष से मनाये जाते हैं। यूं तो देश में मनाये जाना लगभग हर त्यौहार, बुराई पर अच्छाई एवं असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है, परन्तु बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में एक त्यौहार पूरे देश में प्रसिद्ध है, वह है “दशहरा”। दशहरा त्यौहार रावण पर भगवान् पूरे देश में भिन्न भिन्न स्थानों पर इसे मनाने का तरीका अलग अलग है। उत्तर भारत में कुल्लू में मनाये जाना वाला महोत्सव विश्व भर में प्रसिद्ध है। दशहरे का त्यौहार हिंदूओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। यह त्यौहार भगवान श्री राम के अद्भुत पराक्रम की कहानी दर्शाता है जिन्होंनें रावण की लंका में 9 दिनों तक लगातार चले युद्ध के पश्चात अंहकारी रावण को मार गिराया था और माता सीता को उसके बंधन से मुक्त करवाया था तथा इस प्रकार सारे विश्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का सन्देश दिया। साथ ही साथ इस दिन मां दुर्गा ने भी एक लम्बे युद्ध के पश्चात राक्षस महिषासुर का संहार किया था इसलिये भी इस दशमी को विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है और मां दूर्गा की पूजा भी की जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री राम ने भगवान शिव के साथ साथ माँ दूर्गा की पूजा कर शक्ति का आह्वान किया था। माँ दुर्गा को आह्वान का भान होने पर उन्होंने भगवान श्री राम की परीक्षा लेने हेतु पूजा के लिये रखे गये कमल के पुष्पों में से एक फूल को गायब कर दिया। भगवान श्री राम को “राजीवनयन” अर्थात कमल से नेत्रों वाला कहा जाता था इसलिये उन्होंनें अपना एक नेत्र मां को अर्पण करने का निर्णय लिया। जैसे...

Dussehra 2022 Date:दशहरा कब है, 4 या 5 अक्टूबर को? जानें सही तारीख और रावण दहन का समय

Dussehra 2022 Date And Shubh Muhurat: इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर से हो रही है। नौ दिनों के शारदीय नवरात्रि के बाद दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में दशहरा यानी विजयादशमी के पर्व का विशेष महत्व होता है। पूरे भारत में इस पर्व को बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था और माता सीता को उसके चंगुल से आजाद किया था। तभी से हर साल दशहरा यानी विजयादशमी के दिन लोग रावण के पुतले का दहन करके बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व मनाते हैं। इस बार दशहरा की सही तिथि को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन बना हुआ है। ऐसे में चलिए आज हम आपको दशहरा पर्व की सही तारीख और इस दिन की जाने वाली पूजा के सभी शुभ मुहूर्त के बारे में बताते हैं... दशहरा 2022 कब है? हर साल अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल दशमी तिथि 4 अक्टूबर 2022 को दोपहर 2 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है। ये तिथि 05 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार विजयदशमी का पर्व 05 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशहरा शुभ मुहूर्त दशहरा • दशमी तिथि की शुरुआत- 04 अक्टूबर 2022, दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से • दशमी तिथि समाप्ति- 5 अक्टूबर 2022, दोपहर 12 बजे • श्रवण नक्षत्र प्रारंभ- 4 अक्टूबर 2022, रात 10 बजकर 51 मिनट से • श्रवण नक्षत्र समाप्ति- 5 अक्टूबर 2022, रात 09 बजकर15 मिनट तक • विजय मुहूर्त- 5 अक्टूबर 2022, दोपहर 02 बजकर 13 मिनट से 02 बजकर 54 मिनट तक

ganga dussehra 2023 date shubh muhurat tithi and shubh muhurat importance

Ganga Dussehra 2023 Date:वैदिक ज्योतिष अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को मां गंगा का अवतरण दिवस मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार दशमी तिथि को भगवान शिव की जटा से मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। गंगा नदी को मोक्षदायनी कहा गया है। इसलिए इस दिन गंगा स्नान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है। गंगा स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल गंगा दशहरा 30 मई को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं गंगा दशहरा की तिथि और शुभ मुहूर्त… गंगा दशहरा की तिथि (Ganga Dussehra 2023 Kab Hai) पंचांग के मुताबिक इस साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 29 मई को 11 बजकर 48 मिनट पर आरंभ होगी। साथ ही जिसका अंत 30 मई को दोपहर 01 बजकर 08 मिनट पर होगा। इसलिए उदयातिथि को आधार मानते हुए गंगा दशहरा 30 मई को मनाया जाएगा। गंगा दशहरा शुभ योग (Ganga Dussehra 2023 Shubh Yog) गंगा दशहरा की पर सुबह 4 बजकर 28 मिनट हस्त नक्षत्र शुरू होगा। जिसका अंत 31 मई को सुबह 5 बजकर 58 मिनट पर होगा। वहीं 30 मई रात को 8 बजकर 54 मिनट बजे व्यतिपात योग शुरू होगा। जो 31 मई की रात को 8 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। वहीं 31 मई को पूरे दिन रवि योग भी रहेगा। इन योगों में पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है। गंगा दशहरा पर दान का महत्व गंगा दशहरा के दिन पवित्र नदी खासकर गंगा नदी में स्नान करने का महत्व है। मान्यता है इस दिन गंगा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वहीं इस दिन गरीबों और जरूरतमदों को फल, जूता, चप्पन, छाता, घड़ा और वस्त्र दान करने का विधान है। वहीं इस दिन दिन सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख- सम...

2023 में दशहरा कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में दशहरा कब है व दशहरा 2023 की तारीख व मुहूर्त। दशहरा पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को अपराह्न काल में मनाया जाता है। यह पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। इसी दिन पुरूषोत्तम भगवान राम ने रावण का वध किया था। कुछ स्थानों पर यह त्यौहार विजयादशमी,के रूप में जाना जाता है। पौराणिक मान्यतानुसार यह उत्सव माता विजया के जीवन से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा कुछ लोग इस त्योहार को आयुध पूजा(शस्त्र पूजा) के रूप में मनाते हैं। दशहरा मुहूर्त 1. दशहरा पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को अपराह्न काल में मनाया जाता है। इस काल की अवधि सूर्योदय के बाद दसवें मुहूर्त से लेकर बारहवें मुहूर्त तक की होती। 2.यदि दशमी दो दिन हो और केवल दूसरे ही दिन अपराह्नकाल को व्याप्त करे तो विजयादशमी दूसरे दिन मनाई जाएगी। 3.यदि दशमी दो दिन के अपराह्न काल में हो तो दशहरा त्यौहार पहले दिन मनाया जाएगा। 4.यदि दशमी दोनों दिन पड़ रही है, परंतु अपराह्न काल में नहीं, उस समय में भी यह पर्व पहले दिन ही मनाया जाएगा। श्रवण नक्षत्र भी दशहरा के मुहूर्त को प्रभावित करता है जिसके तथ्य नीचे दिए जा रहे हैं: 1.यदि दशमी तिथि दो दिन पड़ती है (चाहे अपराह्ण काल में हो या ना) लेकिन श्रवण नक्षत्र पहले दिन के अपराह्न काल में पड़े तो विजयदशमी का त्यौहार प्रथम दिन में मनाया जाएगा। 2.यदि दशमी तिथि दो दिन पड़ती है (चाहे अपराह्न काल में हो या ना) लेकिन श्रवण नक्षत्र दूसरे दिन के अपराह्न काल में पड़े तो विजयादशमी का त्यौहार दूसरे दिन मनाया जाएगा। 3.यदि दशमी तिथि दोनों दिन पड़े, लेकिन अपराह्ण काल केवल पहले दिन हो तो उस स्थिति में दूसरे दिन दशमी तिथि पहले तीन मुहूर्त तक विद्यमान रहेगी और श्रवण नक्ष...

दशहरा कब है और क्यों मनाया जाता है

वियजदशमी (Dussehra Kab Hai) का त्योहार बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व रामायण की कथा से संबंधित है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान राम ने अहंकारी लंकापति रावण का वध किया था। इसी के बाद से ही दशहरा मनाया जाने लगा। इस दिन देशभर में अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। वहीं कई जगहों पर विजयदशमी (2022 में दशहरा कब है) के मौके पर रावण का पुतला भी जलाया जाता है और साथ ही रामलीला का भी आयोजन किया जाता है। आप भी अपने दोस्तों और परिजनों को Table of Contents • • • • • Dussehra Kab Hai | दशहरा कब है हिंदू पंचाग के मुताबिक साल 2022 में विजयदशमी का त्योहार 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा। जानकारी के अनुसार यह त्योहार हर साल अश्विनी मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार इसी दिन भगवान राम ने अत्याचारी रावण का वध किया था। विजयदशमी के दिन ही मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था और इस वजह से देश के कई हिस्सों में इस दिन दुर्गा पूजा भी की जाती है। एगा। जानकारी के अनुसार यह त्योहार हर साल अश्विनी मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार इसी दिन भगवान राम ने अत्याचारी रावण का वध किया था। विजयदशमी के दिन ही मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था और इस वजह से देश के कई हिस्सों में इस दिन दुर्गा पूजा भी की जाती है। Dussehra Kyu Manaya Jata Hai | दशहरा क्यों मनाया जाता है दशहरा (Dussehra kab hai 2022) का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था और माता सिता को उसके चंगूल से आजाद किया था। दशहरा को ही विजयादशमी के नाम से जाना जात...

2022 में दशहरा कब है ? आखिर क्यों मनाया जाता है दशहरा (कथा)

दशहरा को विजय दशमी भी कहा जाता हैं इसके पीछे कई कहानियां हैं। जिनमें सबसे प्रचलित कथा है भगवान राम का युद्ध जीतना अर्थात रावण के बुराई का विनाश कर उसके घमंड को तोडना व उसपे विजय प्राप्त करना। दशहरा हिंदूयो का प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार हर वर्ष शरद ऋतु के शुरुआत मे मनाया जाता है। आइये विस्तार से जाने की दशहरा क्यू मनाया जाता है। इसे मनाने का मुख्य कारण क्या है ? विषय सूची • • • • • दशहरा क्या है और कब है ? दशहरा हिंदूयो के प्रमुख त्योहारो मे से एक है। यह मां दुर्गा के नवरात्रि त्योहार के बाद मनाया जाता है। इसलिये इसे दशहरा या विजय दशमी कहा जाता है। यहाँ दशमी का अर्थ 10 दिनो से है, अर्थात 9 दिन नवरात्रि बीत जाने के बाद 10वे दिन को दशहरा या दशमी कहते है। इस वर्ष नवरात्रि 26 सितम्बर से शुरु होकर 5 अक्टूबर को खत्म हो रहा, इसलिये दशहरा 5 अक्टूबर को मनाया जयेगा। जाने – दशहरे के दिन किसकी पूजा की जाती है। दशहरा के दिन मां दुर्गा और भगवान श्री राम का पूजन होता है। यह माना जाता है कि इस दिन किए जाने वाले कामों का शुभ फल अवश्य प्राप्त होता है। इस दिन भारत के गांवो व शहरो मे विजय दशमी का मेला लगता है। जहाँ रावण का पुतला जलाया जाता है। इन्हे भी पढे • • • दशहरा या विजयादशमी का महत्व। आज कल लोग दशहरे के महत्व को भूलकर बाहरी आडंबर को ही प्रधानता देने लगें हैं।इस दिन कुछ लोग शराब पीने और जुआ खेलने में ही समय बिताते हैं। दशहरे जैसे पवित्र पर्व को अच्छे ढंग से मनाना चाहिए। अपने हृदय को स्वधर्म, स्वदेश प्रेम, बलिदान, तपस्या और वीरता जैसे उत्तम भावनाओं से भर देना ही इस त्योहार को मनाने का सही तरीका है। कहते हैं कि इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और लंका पर विजय पाईं थीं इसलिए दशहरे ...