दुनिया में कौन सा धर्म तेजी से चल रहा है

  1. वर्तमान में कौन से नंबर का कलियुग चल रहा है?
  2. जानिए ! दुनिया में कौन
  3. दुनिया का सबसे अच्छा धर्म कौन सा है? – ElegantAnswer.com
  4. दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है?
  5. दुनिया का सबसे अच्छा धर्म कौन सा है? – ElegantAnswer.com
  6. दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है?
  7. जानिए ! दुनिया में कौन
  8. वर्तमान में कौन से नंबर का कलियुग चल रहा है?
  9. दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है?
  10. जानिए ! दुनिया में कौन


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वर्तमान में कौन से नंबर का कलियुग चल रहा है?

हिन्दू धर्म में समय की बहुत ही व्यापक धारणा है। क्षण के हजारवें हिस्से से भी कम से शुरू होने वाली कालगणना ब्रह्मा के 100 वर्ष पर भी समाप्त नहीं होती। हिन्दू मानते हैं कि समय सीधा ही चलता है। सीधे चलने वाले समय में जीवन और घटनाओं का चक्र चलता रहता है। समय के साथ घटनाओं में दोहराव होता है फिर भी घटनाएं नई होती हैं। दिन, पक्ष, मास, अयन, युग और कल्प के बारे में विस्तार से पुराणों में लिखा है। आओ जानते हैं कि वर्तमान में कौनसे नंबर का कलियुग चल रहा है। विज्ञान कहता है कि धरती पर जीवन की उत्पत्ति 60 करोड़ वर्ष पूर्व हुई एवं महाद्वीपों का सरकना 20 करोड़ वर्ष पूर्व प्रारंभ हुआ, जिससे पांच महाद्वीपों की उत्पत्ति हुई। स्तनधारी जीवों का विकास 14 करोड़ वर्ष पूर्व हुआ। मानव का प्रकार (होमिनिड) 2.6 करोड़ वर्ष पूर्व आया, लेकिन आधुनिक मानव 2 लाख वर्ष पूर्व अस्तित्व में आया। पिछले पचास हजार (50,000) वर्षों में मानव समस्त विश्व में जाकर बस गया। विज्ञान कहता है कि मानव ने जो भी यह अभूतपूर्व प्रगति की है वह 200 से 400 पीढ़ियों के दौरान हुई है। उससे पूर्व मानव पशुओं के समान ही जीवन व्यतीत करता था। बृहस्पति की गति के अनुसार प्रभव आदि 60 वर्षों में 12 युग होते हैं तथा प्रत्येक युग में 5-5 वत्सर होते हैं। 12 युगों के नाम हैं- प्रजापति, धाता, वृष, व्यय, खर, दुर्मुख, प्लव, पराभव, रोधकृत, अनल, दुर्मति और क्षय। प्रत्येक युग के जो 5 वत्सर हैं, उनमें से प्रथम का नाम संवत्सर है। दूसरा परिवत्सर, तीसरा इद्वत्सर, चौथा अनुवत्सर और 5वां युगवत्सर है। Pitro ki shanti ke upay : हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास हिंदू वर्ष का चौथा महीना होता है। आषाढ़ माह की अमावस्या के दिन का बहुत महत्व माना गया है। इस हलहारिणी...

जानिए ! दुनिया में कौन

एक व्यक्ति ने मुझसे‘ कोरा’ पर सवाल किया कि दुनिया में कौन सा धर्म राज कर रहा है? यह लेख उसी सवाल का ज़वाब है, जो मामूली बदलाव के साथ आपके समक्ष है। अच्छा! ..तो मेरी मेरी समझ में, यह धर्मों के दावे के हिसाब से गलत सवाल है। वे दावा करते हैं कि धर्म लोगों की बराबरी , प्रेम, परोपकार, मन की शुद्धता आदि के लिए हैं। यह भी कहते हैं कि धर्म ईश्वर के नजदीक ले जाने का जरिया है। साथ ही एक बेहतर जीवन तथा मरने के बाद भी कई चीजें मुहैया कराता है। यह सब वादे हैं, हालाँकि। धर्म के दावे और उनके मानानेवाले लोगों का व्यवहार में बहुत फरक है। इसलिए क्योंकि धर्म वास्तव में सत्ता की भूख के लिए और सत्ता को बनाये रखने के लिए चलाया जा रहा है। कभी लोगों को गुलाम बनाने के लिए ईसाई मिशनरियों ने धर्म का सहारा लिया और औपनिवेशिक दासता को बढ़ावा दिया। कभी धर्म के नाम पर युद्ध कर लोगों की हत्याएं की गयी। धर्म के नाम पर आत्मघाती तैयार किये जाते हैं। भारत में ही देख लें , मंदिर-मस्जिद को बनाने को लेकर कितना पागलपन है। क्या मंदिर बनाने वाले व्यक्ति को स्कूल खोलने को लेकर पागल हुआ देखा है? नहीं न! आज लगभग 25 लाख आराधना स्थल हैं भारत में, स्कूल केवल 15 लाख तो कहा न! कम्पीटीशन है। संख्या बढ़ाने का, मंदिर मस्जिद खड़ी करने का और अपने धर्म को ऊँचा कहने का। ढोंग, आडम्बर, कुरीति, महिलाओं का दोयम दर्जा आदि सब इसी की आड़ में तो है। फिर भी राज करने से अगर आपका आशय उनकी संख्या से है , ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या सर्वाधिक 33 प्रतिशत है। लेकिन भविष्य में शायद धर्म इस रूप में राज नहीं कर पाएंगे। इन्टरनेट और सोशल मीडिया के कारन लोग भक्त बनना त्याग रहे हैं और अंधश्रद्धा से वे नास्तिकता, संशयवादी, धर्मनिरपेक्षता, एको-धर्मं, इ...

दुनिया का सबसे अच्छा धर्म कौन सा है? – ElegantAnswer.com

दुनिया का सबसे अच्छा धर्म कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंहिंदू धर्म हाँ इस धर्म लोग शांत स्वभाव के होने कारण आज संघर्ष कर रहे है। हिंदू धर्म दुनिया का सबसे शांत और समानता का धर्म है। धर्म परिवर्तन कैसे करते है? इसे सुनेंरोकेंधर्म परिवर्तन करना भारतीय संविधान ने धर्म को हमारे मौलिक अधिकारों में से एक माना है। आप अपने धर्म को कानूनी रूप से नोटरीकृत हलफनामा देकर, अखबार के विज्ञापन को रखकर और राष्ट्रीय राजपत्र में परिवर्तन को अधिसूचित करके बदल सकते हैं। असली हिंदू कौन है? इसे सुनेंरोकेंजो वेदों, स्मृतियों , पुराणों और तंत्रों को धर्म का आधार और आचरण का नियम के रूप में स्वीकार करे वो हिन्दू है. 8. जो सर्वव्यापी , सर्वशक्तिमान एक ईश्वर-ब्रह्म को माने -वो हिन्दू है. हिन्दू दर्शन वेद परम्परा, वेदान्त और उपनिषद के अनुसार ब्रह्म सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का परम सत्य है. धार्मिक समूह जनसंख्या % विकास (1991-2001) हिंदू 80.46% 20.3% मुस्लिम 13.43% 36.0% ईसाई 2.34% 22.6% सिख 1.87% 18.2% दुनिया में सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंकिसी भी मज़हब के मुक़ाबले इस्लाम दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है. ईसाई कैसे बने? इसे सुनेंरोकेंधर्म बदलने को तैयार हिंदू लोगों को एक सभा में बुलाया जाता है। इस सभा में चर्च के पादरी ईसाई धर्म से जुड़ी बातें बताते हैं। इसके बाद सभी पर पवित्र जल का छिड़काव किया जाता है और कुछ धार्मिक विधियां कराई जाती हैं। इसके बाद सभी को ईसाई मान लिया जाता है। कौन सा धर्म अपनाना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंजैन धर्म किसी भी ऐसे व्यक्ति को स्वीकार करता है, जो उनके धर्म को अपनाना चाहता हो। जैन धर्म में धर्मांतरित होने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिये शाकाहारी होना तथ...

दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है?

हमारे इस बड़ी सी दुनिया में बहुत सारे लोग रहते हैं और उन सभी लोगों के साथ उनका धर्म भी रहता हैं जो एक दूसरे से काफी अलग है. तो यह कहा जा सकता है कि इस बड़ी इस दुनिया में जितने अलग-अलग लोग हैं, उतने ही अलग-अलग धर्म भी है. यह धर्म एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होते हैं. साथ ही इनकी मान्यताएं और उनका पालन करने का ढंग भी एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होता है। लेकिन परेशानी तब आती है जब लोगों से सवाल किया जाता है कि दुनिया सबसे बड़ा धर्म? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब कोई नहीं दे सकता है और अगर कोई इस सवाल का जवाब देता भी है, तो वह अपने धर्म को ही सबसे बड़ा धर्म बताता है। पृथ्वी का सबसे पहला धर्म कौन सा है? दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है? आंकड़े के अनुसार दुनिया का सबसे बड़ा धर्म ईसाई धर्म है. वैसे तो कोई धर्म बड़ा और कोई धर्म छोटा नहीं है. सभी धर्म एक समान है. लेकिन अगर आंकड़े के ऊपर बात करें तो इन धर्मों को मानने वाले लोगों के जनसंख्या के अनुसार यह कहा जा सकता है कि कौन से धर्म बड़ा और कौन सा धर्म छोटा है। चलिए और विस्तार पूर्वक जानते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है? अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोगों की जनसंख्या के अनुसार सबसे बड़े धर्म हैं। ईसाई धर्म ईसाई धर्म को दुनिया का सबसे बड़ा धर्म माना जाता है क्योंकि पूरी दुनिया में 31 फ़ीसदी आंकड़ा ईसाई धर्म का पालन करने वाले लोगों का है. 2.2 अरब से भी अधिक लोग ईसाई धर्म का पालन करते हैं। इस्लाम धर्म दुनिया के सबसे बड़े धर्मों में इस्लाम धर्म का नाम दूसरे नंबर पर आता है. इस्लाम धर्म का पालन करने वाले लोग मुसलमानों के नाम से जाने जाते हैं. ईसाइयों के बाद पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इस्लाम धर्म का पालन किया जाता है. 1.6 अरब मुसलमान ...

दुनिया का सबसे अच्छा धर्म कौन सा है? – ElegantAnswer.com

दुनिया का सबसे अच्छा धर्म कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंहिंदू धर्म हाँ इस धर्म लोग शांत स्वभाव के होने कारण आज संघर्ष कर रहे है। हिंदू धर्म दुनिया का सबसे शांत और समानता का धर्म है। धर्म परिवर्तन कैसे करते है? इसे सुनेंरोकेंधर्म परिवर्तन करना भारतीय संविधान ने धर्म को हमारे मौलिक अधिकारों में से एक माना है। आप अपने धर्म को कानूनी रूप से नोटरीकृत हलफनामा देकर, अखबार के विज्ञापन को रखकर और राष्ट्रीय राजपत्र में परिवर्तन को अधिसूचित करके बदल सकते हैं। असली हिंदू कौन है? इसे सुनेंरोकेंजो वेदों, स्मृतियों , पुराणों और तंत्रों को धर्म का आधार और आचरण का नियम के रूप में स्वीकार करे वो हिन्दू है. 8. जो सर्वव्यापी , सर्वशक्तिमान एक ईश्वर-ब्रह्म को माने -वो हिन्दू है. हिन्दू दर्शन वेद परम्परा, वेदान्त और उपनिषद के अनुसार ब्रह्म सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का परम सत्य है. धार्मिक समूह जनसंख्या % विकास (1991-2001) हिंदू 80.46% 20.3% मुस्लिम 13.43% 36.0% ईसाई 2.34% 22.6% सिख 1.87% 18.2% दुनिया में सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंकिसी भी मज़हब के मुक़ाबले इस्लाम दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है. ईसाई कैसे बने? इसे सुनेंरोकेंधर्म बदलने को तैयार हिंदू लोगों को एक सभा में बुलाया जाता है। इस सभा में चर्च के पादरी ईसाई धर्म से जुड़ी बातें बताते हैं। इसके बाद सभी पर पवित्र जल का छिड़काव किया जाता है और कुछ धार्मिक विधियां कराई जाती हैं। इसके बाद सभी को ईसाई मान लिया जाता है। कौन सा धर्म अपनाना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंजैन धर्म किसी भी ऐसे व्यक्ति को स्वीकार करता है, जो उनके धर्म को अपनाना चाहता हो। जैन धर्म में धर्मांतरित होने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिये शाकाहारी होना तथ...

दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है?

हमारे इस बड़ी सी दुनिया में बहुत सारे लोग रहते हैं और उन सभी लोगों के साथ उनका धर्म भी रहता हैं जो एक दूसरे से काफी अलग है. तो यह कहा जा सकता है कि इस बड़ी इस दुनिया में जितने अलग-अलग लोग हैं, उतने ही अलग-अलग धर्म भी है. यह धर्म एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होते हैं. साथ ही इनकी मान्यताएं और उनका पालन करने का ढंग भी एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होता है। लेकिन परेशानी तब आती है जब लोगों से सवाल किया जाता है कि दुनिया सबसे बड़ा धर्म? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब कोई नहीं दे सकता है और अगर कोई इस सवाल का जवाब देता भी है, तो वह अपने धर्म को ही सबसे बड़ा धर्म बताता है। पृथ्वी का सबसे पहला धर्म कौन सा है? दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है? आंकड़े के अनुसार दुनिया का सबसे बड़ा धर्म ईसाई धर्म है. वैसे तो कोई धर्म बड़ा और कोई धर्म छोटा नहीं है. सभी धर्म एक समान है. लेकिन अगर आंकड़े के ऊपर बात करें तो इन धर्मों को मानने वाले लोगों के जनसंख्या के अनुसार यह कहा जा सकता है कि कौन से धर्म बड़ा और कौन सा धर्म छोटा है। चलिए और विस्तार पूर्वक जानते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है? अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोगों की जनसंख्या के अनुसार सबसे बड़े धर्म हैं। ईसाई धर्म ईसाई धर्म को दुनिया का सबसे बड़ा धर्म माना जाता है क्योंकि पूरी दुनिया में 31 फ़ीसदी आंकड़ा ईसाई धर्म का पालन करने वाले लोगों का है. 2.2 अरब से भी अधिक लोग ईसाई धर्म का पालन करते हैं। इस्लाम धर्म दुनिया के सबसे बड़े धर्मों में इस्लाम धर्म का नाम दूसरे नंबर पर आता है. इस्लाम धर्म का पालन करने वाले लोग मुसलमानों के नाम से जाने जाते हैं. ईसाइयों के बाद पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इस्लाम धर्म का पालन किया जाता है. 1.6 अरब मुसलमान ...

जानिए ! दुनिया में कौन

एक व्यक्ति ने मुझसे‘ कोरा’ पर सवाल किया कि दुनिया में कौन सा धर्म राज कर रहा है? यह लेख उसी सवाल का ज़वाब है, जो मामूली बदलाव के साथ आपके समक्ष है। अच्छा! ..तो मेरी मेरी समझ में, यह धर्मों के दावे के हिसाब से गलत सवाल है। वे दावा करते हैं कि धर्म लोगों की बराबरी , प्रेम, परोपकार, मन की शुद्धता आदि के लिए हैं। यह भी कहते हैं कि धर्म ईश्वर के नजदीक ले जाने का जरिया है। साथ ही एक बेहतर जीवन तथा मरने के बाद भी कई चीजें मुहैया कराता है। यह सब वादे हैं, हालाँकि। धर्म के दावे और उनके मानानेवाले लोगों का व्यवहार में बहुत फरक है। इसलिए क्योंकि धर्म वास्तव में सत्ता की भूख के लिए और सत्ता को बनाये रखने के लिए चलाया जा रहा है। कभी लोगों को गुलाम बनाने के लिए ईसाई मिशनरियों ने धर्म का सहारा लिया और औपनिवेशिक दासता को बढ़ावा दिया। कभी धर्म के नाम पर युद्ध कर लोगों की हत्याएं की गयी। धर्म के नाम पर आत्मघाती तैयार किये जाते हैं। भारत में ही देख लें , मंदिर-मस्जिद को बनाने को लेकर कितना पागलपन है। क्या मंदिर बनाने वाले व्यक्ति को स्कूल खोलने को लेकर पागल हुआ देखा है? नहीं न! आज लगभग 25 लाख आराधना स्थल हैं भारत में, स्कूल केवल 15 लाख तो कहा न! कम्पीटीशन है। संख्या बढ़ाने का, मंदिर मस्जिद खड़ी करने का और अपने धर्म को ऊँचा कहने का। ढोंग, आडम्बर, कुरीति, महिलाओं का दोयम दर्जा आदि सब इसी की आड़ में तो है। फिर भी राज करने से अगर आपका आशय उनकी संख्या से है , ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या सर्वाधिक 33 प्रतिशत है। लेकिन भविष्य में शायद धर्म इस रूप में राज नहीं कर पाएंगे। इन्टरनेट और सोशल मीडिया के कारन लोग भक्त बनना त्याग रहे हैं और अंधश्रद्धा से वे नास्तिकता, संशयवादी, धर्मनिरपेक्षता, एको-धर्मं, इ...

वर्तमान में कौन से नंबर का कलियुग चल रहा है?

हिन्दू धर्म में समय की बहुत ही व्यापक धारणा है। क्षण के हजारवें हिस्से से भी कम से शुरू होने वाली कालगणना ब्रह्मा के 100 वर्ष पर भी समाप्त नहीं होती। हिन्दू मानते हैं कि समय सीधा ही चलता है। सीधे चलने वाले समय में जीवन और घटनाओं का चक्र चलता रहता है। समय के साथ घटनाओं में दोहराव होता है फिर भी घटनाएं नई होती हैं। दिन, पक्ष, मास, अयन, युग और कल्प के बारे में विस्तार से पुराणों में लिखा है। आओ जानते हैं कि वर्तमान में कौनसे नंबर का कलियुग चल रहा है। विज्ञान कहता है कि धरती पर जीवन की उत्पत्ति 60 करोड़ वर्ष पूर्व हुई एवं महाद्वीपों का सरकना 20 करोड़ वर्ष पूर्व प्रारंभ हुआ, जिससे पांच महाद्वीपों की उत्पत्ति हुई। स्तनधारी जीवों का विकास 14 करोड़ वर्ष पूर्व हुआ। मानव का प्रकार (होमिनिड) 2.6 करोड़ वर्ष पूर्व आया, लेकिन आधुनिक मानव 2 लाख वर्ष पूर्व अस्तित्व में आया। पिछले पचास हजार (50,000) वर्षों में मानव समस्त विश्व में जाकर बस गया। विज्ञान कहता है कि मानव ने जो भी यह अभूतपूर्व प्रगति की है वह 200 से 400 पीढ़ियों के दौरान हुई है। उससे पूर्व मानव पशुओं के समान ही जीवन व्यतीत करता था। बृहस्पति की गति के अनुसार प्रभव आदि 60 वर्षों में 12 युग होते हैं तथा प्रत्येक युग में 5-5 वत्सर होते हैं। 12 युगों के नाम हैं- प्रजापति, धाता, वृष, व्यय, खर, दुर्मुख, प्लव, पराभव, रोधकृत, अनल, दुर्मति और क्षय। प्रत्येक युग के जो 5 वत्सर हैं, उनमें से प्रथम का नाम संवत्सर है। दूसरा परिवत्सर, तीसरा इद्वत्सर, चौथा अनुवत्सर और 5वां युगवत्सर है।

दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है?

हमारे इस बड़ी सी दुनिया में बहुत सारे लोग रहते हैं और उन सभी लोगों के साथ उनका धर्म भी रहता हैं जो एक दूसरे से काफी अलग है. तो यह कहा जा सकता है कि इस बड़ी इस दुनिया में जितने अलग-अलग लोग हैं, उतने ही अलग-अलग धर्म भी है. यह धर्म एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होते हैं. साथ ही इनकी मान्यताएं और उनका पालन करने का ढंग भी एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होता है। लेकिन परेशानी तब आती है जब लोगों से सवाल किया जाता है कि दुनिया सबसे बड़ा धर्म? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब कोई नहीं दे सकता है और अगर कोई इस सवाल का जवाब देता भी है, तो वह अपने धर्म को ही सबसे बड़ा धर्म बताता है। पृथ्वी का सबसे पहला धर्म कौन सा है? दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है? आंकड़े के अनुसार दुनिया का सबसे बड़ा धर्म ईसाई धर्म है. वैसे तो कोई धर्म बड़ा और कोई धर्म छोटा नहीं है. सभी धर्म एक समान है. लेकिन अगर आंकड़े के ऊपर बात करें तो इन धर्मों को मानने वाले लोगों के जनसंख्या के अनुसार यह कहा जा सकता है कि कौन से धर्म बड़ा और कौन सा धर्म छोटा है। चलिए और विस्तार पूर्वक जानते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है? अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोगों की जनसंख्या के अनुसार सबसे बड़े धर्म हैं। ईसाई धर्म ईसाई धर्म को दुनिया का सबसे बड़ा धर्म माना जाता है क्योंकि पूरी दुनिया में 31 फ़ीसदी आंकड़ा ईसाई धर्म का पालन करने वाले लोगों का है. 2.2 अरब से भी अधिक लोग ईसाई धर्म का पालन करते हैं। इस्लाम धर्म दुनिया के सबसे बड़े धर्मों में इस्लाम धर्म का नाम दूसरे नंबर पर आता है. इस्लाम धर्म का पालन करने वाले लोग मुसलमानों के नाम से जाने जाते हैं. ईसाइयों के बाद पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इस्लाम धर्म का पालन किया जाता है. 1.6 अरब मुसलमान ...

जानिए ! दुनिया में कौन

एक व्यक्ति ने मुझसे‘ कोरा’ पर सवाल किया कि दुनिया में कौन सा धर्म राज कर रहा है? यह लेख उसी सवाल का ज़वाब है, जो मामूली बदलाव के साथ आपके समक्ष है। अच्छा! ..तो मेरी मेरी समझ में, यह धर्मों के दावे के हिसाब से गलत सवाल है। वे दावा करते हैं कि धर्म लोगों की बराबरी , प्रेम, परोपकार, मन की शुद्धता आदि के लिए हैं। यह भी कहते हैं कि धर्म ईश्वर के नजदीक ले जाने का जरिया है। साथ ही एक बेहतर जीवन तथा मरने के बाद भी कई चीजें मुहैया कराता है। यह सब वादे हैं, हालाँकि। धर्म के दावे और उनके मानानेवाले लोगों का व्यवहार में बहुत फरक है। इसलिए क्योंकि धर्म वास्तव में सत्ता की भूख के लिए और सत्ता को बनाये रखने के लिए चलाया जा रहा है। कभी लोगों को गुलाम बनाने के लिए ईसाई मिशनरियों ने धर्म का सहारा लिया और औपनिवेशिक दासता को बढ़ावा दिया। कभी धर्म के नाम पर युद्ध कर लोगों की हत्याएं की गयी। धर्म के नाम पर आत्मघाती तैयार किये जाते हैं। भारत में ही देख लें , मंदिर-मस्जिद को बनाने को लेकर कितना पागलपन है। क्या मंदिर बनाने वाले व्यक्ति को स्कूल खोलने को लेकर पागल हुआ देखा है? नहीं न! आज लगभग 25 लाख आराधना स्थल हैं भारत में, स्कूल केवल 15 लाख तो कहा न! कम्पीटीशन है। संख्या बढ़ाने का, मंदिर मस्जिद खड़ी करने का और अपने धर्म को ऊँचा कहने का। ढोंग, आडम्बर, कुरीति, महिलाओं का दोयम दर्जा आदि सब इसी की आड़ में तो है। फिर भी राज करने से अगर आपका आशय उनकी संख्या से है , ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या सर्वाधिक 33 प्रतिशत है। लेकिन भविष्य में शायद धर्म इस रूप में राज नहीं कर पाएंगे। इन्टरनेट और सोशल मीडिया के कारन लोग भक्त बनना त्याग रहे हैं और अंधश्रद्धा से वे नास्तिकता, संशयवादी, धर्मनिरपेक्षता, एको-धर्मं, इ...