Dusra saptak ka prakashan kab hua

  1. दुसरा सप्तक कब प्रकाशित हुआ था?
  2. tar saptak ka prakashan varsh kya hai – News
  3. पत्रकारिता
  4. भारत में परमाणु परीक्षण पर हिंदी निबंध, Parmanu parikshan essay in Hindi
  5. The partition of India
  6. tar saptak ka prakashan varsh kya hai – News
  7. दुसरा सप्तक कब प्रकाशित हुआ था?
  8. The partition of India
  9. भारत में परमाणु परीक्षण पर हिंदी निबंध, Parmanu parikshan essay in Hindi
  10. पत्रकारिता


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दुसरा सप्तक कब प्रकाशित हुआ था?

एक ब्लॉग जो की हिंदी साहित्य से जुड़ी जानकारियाँ आपके साथ शेयर करता है जो की आपके प्रतियोगिता परीक्षा में पूछे जाते हैं, इस ब्लॉग पर एम्. ए. हिंदी साहित्य का पूरा कोर्स लॉन्च करने का प्लान है. अगर आपका सहयोग अच्छा रहा हमारे ब्लॉग में पूरा कोर्स उपलब्ध करा दिया जाएगा. इसमें जो प्रश्न लिखे जा रहे हैं वह न केवल एम्. ए. के लिए उपयोगी है बल्कि यह विभिन्न प्रकार के प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी हिंदी साहित्य के प्रश्न विभिन्न फोर्मेट में हमारा ब्लॉग आपके लिए कंटेंट बनाते रहेगा अपना सहयोग बनाये रखें.

tar saptak ka prakashan varsh kya hai – News

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पत्रकारिता

patrakarita ( patrakarita ka itihas vishv mean patrakarita ka aranbh san 131 eesvi poorv bharat mean hiandi patrakarita • REDIRECT vastav mean hiandi patrakarita ka tarkik aur vaijnanik adhar par kal vibhajan karana kuchh kathin kary hai. sarvapratham radhakrishna das ne aisa praranbhik prayas kiya tha. usake bad ‘vishal bharat’ ke navanbar 1930 ke aank mean vishnudatt shukl ne is prashn par vichar kiya, kintu ve kisi aantim nirnay par nahian pahuanche. gupt nibandhavali mean balamukuand gupt ne yah vibhajan is prakar kiya – • pratham charan – sanh 1845 se 1877 • dvitiy charan – sanh 1877 se 1890 • tritiy charan – sanh 1890 se bad tak d aau. ramaratan bhatanagar ne apane shodh prabandh ‘d raij eand groth aph hiandi jarnalijm’ kal vibhajan is prakar kiya hai– • aranbhik yug 1826 se 1867 • utthan evan abhivriddhi • pratham charan (1867-1883) bhasha evan svaroop ke samekan ka yug • dvitiy charan (1883-1900) pres ke prachar ka yug • vikas yug • pratham yug (1900-1921) avadhik patroan ka yug • dvitiy yug (1921-1935) dainik prachar ka yug • samayik patrakarita – 1935-1945 uparokt mean se tin yugoan ke aranbhik varshoan mean tin pramukh patrikaoan ka prakashan hua, jinhoanne yugin patrakarita ke samaksh adarsh sthapit kie. sanh 1867 mean ‘kavivachan sudha’, sanh 1883 mean ‘hindustan’ tatha sanh 1900 mean ‘sarasvati’ ka prakashan hai. hindi samachar patr-patrikaean is samay bharat mean samachar patroan ka itihas • REDIRECT panne ki pragati avastha tika tippani aur sandarbh

भारत में परमाणु परीक्षण पर हिंदी निबंध, Parmanu parikshan essay in Hindi

भारत में परमाणु परीक्षण पर हिंदी निबंध, Parmanu parikshan essay in Hindi भारत में 11 व 13 मई, 98 को बुद्ध स्थल पर राजस्थान के पोखरण में क्रमश तीन व दो परमाणु विस्फोट होने से सारे विश्व में तहलका मच गया है। अब भारत भी परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों में सम्मिलित हो गया है। परीक्षण के इन धमाकों ने सारे संसार को चकित कर दिया है। परीक्षण स्थल से निकट के गाँव खेतोलाइ के मकानों में भी दरारें पड़ गयीं, किन्तु राष्ट्र के इस महान उपलब्धि के सामने लोगों को अपने घरों के चटकने से इतनी चिन्ता नहीं हुई जितनी प्रसन्नता इस महान सफलता से हुई है। प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने 20 मई को इसी पोखरण क्षेत्र में बुद्ध स्थल का दौरा किया। वहीं प्रधानमंत्री ने देश को नया नारा दिया ‘जय जवान- जय किसान-जय विज्ञान।’ सभी देशवासी प्रधानमंत्री के साथ साथ गर्व से भर उठे। इन परीक्षणों की प्रतिक्रिया परमाणु सम्पन्न देशों पर बहुत अधिक हुई। अमरीका, रूस, फ्रांस, जापान व चीन आदि देशों ने भारत को आर्थिक सहायता न देने की धमकी भी दी। किन्तु भारत इन धमकियों के सामने झुका नहीं। इन परीक्षणों को करने का मुख्य उदेश्य विश्व को यह बता देना है कि पड़ोसी देशों की सामरिक क्षमता का हम मुंह तोड़ उत्तर देने में समर्थ हैं। अपनी सुरक्षा और बचाव करने के लिए अब हम आत्म निर्भर हैं। भारत में इन परीक्षणों का विरोध करने वाले विकसित देश यह भूल गए हैं कि भारत में 1974 में एक और 1998 में पाँच परमाणु परीक्षण हुए हैं। जबकि इससे पूर्व पूरे विश्व में 2052 परमाणु परीक्षण किये जा चुके हैं। इनमें से अमरीका ने सबसे अधिक ऐसे परीक्षण 1945 से अब तक 1032 किये हैं। इसके अतिरिक्त सोवियत संघ रूप ने 715, फ्रांस ने 210, ब्रिटेन ने 457 और चीन ने 44 परमाणु प...

The partition of India

The partition of India-Pakistan took place on this day: how far have both the countries gone even after passing HTZS | आज ही के दिन हुआ था भारत-पाक का बंटवारा; पास होकर भी कितने दूर हो गए दोनों पड़ोसी देश | Hindi News, Zee Salaam ख़बरें आज ही के दिन हुआ था भारत-पाक का बंटवारा; पास होकर भी कितने दूर हो गए दोनों पड़ोसी देश नई दिल्लीः मुल्क के इतिहास में 14 अगस्त की तारीख आंसुओं से लिखी गई एक ऐसी ईबारत है, जिसमें बेइंतहा दर्द, गम, गुस्सा और एक पछतावे का भाव है. यही वह दिन था जब देश का बंटवारा हुआ और 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान और 15 अगस्त, 1947 को भारत को एक अलग राष्ट्र घोषित कर दिया गया. इस विभाजन में न केवल भारतीय उप-महाद्वीप के दो टुकड़े किये गये बल्कि बंगाल का भी विभाजन किया गया और बंगाल के पूर्वी हिस्से को भारत से अलग कर पूर्वी पाकिस्तान बना दिया गया, जो 1971 के युद्ध के बाद बांग्लादेश बना. कहने को तो यह एक देश का बंटवारा था, लेकिन दरअसल यह दिलों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था. भारत के सीने पर बंटवारे का यह जख्म सदियों तक रिसता रहेगा और आने वाली नस्ले तारीख के इस सबसे दर्दनाक और रक्तरंजित दिन की टीस महसूस करती रहेंगी. दोनों मुल्कों के बंटवारे के 75 साल बाद भी कभी एक रहने वाले मुल्क आज एक दूसरे से इतने दूर हो गए हैं कि उनके करीब आने की दूर-दूर तक कोई उम्मीदें नहीं नजर आ रही है. यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में 14 अगस्त को मनाया जाता है आजादी का जश्न, जानिए क्या इसके पीछे की वजह​ दोनों देश कसी वैश्विक सम्मेलन में साथ नहीं बैठते भारत में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत अब्दुल बासित ने शुक्रवार को कहा कि वह वर्तमान में भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार को लेकर आशान्व...

tar saptak ka prakashan varsh kya hai – News

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दुसरा सप्तक कब प्रकाशित हुआ था?

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The partition of India

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भारत में परमाणु परीक्षण पर हिंदी निबंध, Parmanu parikshan essay in Hindi

भारत में परमाणु परीक्षण पर हिंदी निबंध, Parmanu parikshan essay in Hindi भारत में 11 व 13 मई, 98 को बुद्ध स्थल पर राजस्थान के पोखरण में क्रमश तीन व दो परमाणु विस्फोट होने से सारे विश्व में तहलका मच गया है। अब भारत भी परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों में सम्मिलित हो गया है। परीक्षण के इन धमाकों ने सारे संसार को चकित कर दिया है। परीक्षण स्थल से निकट के गाँव खेतोलाइ के मकानों में भी दरारें पड़ गयीं, किन्तु राष्ट्र के इस महान उपलब्धि के सामने लोगों को अपने घरों के चटकने से इतनी चिन्ता नहीं हुई जितनी प्रसन्नता इस महान सफलता से हुई है। प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने 20 मई को इसी पोखरण क्षेत्र में बुद्ध स्थल का दौरा किया। वहीं प्रधानमंत्री ने देश को नया नारा दिया ‘जय जवान- जय किसान-जय विज्ञान।’ सभी देशवासी प्रधानमंत्री के साथ साथ गर्व से भर उठे। इन परीक्षणों की प्रतिक्रिया परमाणु सम्पन्न देशों पर बहुत अधिक हुई। अमरीका, रूस, फ्रांस, जापान व चीन आदि देशों ने भारत को आर्थिक सहायता न देने की धमकी भी दी। किन्तु भारत इन धमकियों के सामने झुका नहीं। इन परीक्षणों को करने का मुख्य उदेश्य विश्व को यह बता देना है कि पड़ोसी देशों की सामरिक क्षमता का हम मुंह तोड़ उत्तर देने में समर्थ हैं। अपनी सुरक्षा और बचाव करने के लिए अब हम आत्म निर्भर हैं। भारत में इन परीक्षणों का विरोध करने वाले विकसित देश यह भूल गए हैं कि भारत में 1974 में एक और 1998 में पाँच परमाणु परीक्षण हुए हैं। जबकि इससे पूर्व पूरे विश्व में 2052 परमाणु परीक्षण किये जा चुके हैं। इनमें से अमरीका ने सबसे अधिक ऐसे परीक्षण 1945 से अब तक 1032 किये हैं। इसके अतिरिक्त सोवियत संघ रूप ने 715, फ्रांस ने 210, ब्रिटेन ने 457 और चीन ने 44 परमाणु प...

पत्रकारिता

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