ए मालिक तेरे बंदे हम

  1. Ae Malik Tere Bande Hum Lyrics
  2. ए मालिक तेरे बंदे है हम... भजन पर मंत्रमुग्ध हुए लोग
  3. 'ऐ मालिक तेरे बंदे हम ऐसे हो हमारे करम' लिखने वाले गीतकार 'भरत व्यास' के 5 प्रसिद्ध नग़मे


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Ae Malik Tere Bande Hum Lyrics

ऐ मलिक तेरे बंदे हम फिल्म दो आंखें बारह हाथ के बोल भरत व्यास ने लिखे हैं। इस गाने को लता मंगेशकर ने गाया है और संगीत वसंत देसाई ने दिया है। मूवी दो आंखें बारह हाथ 1957 में वी. शांताराम द्वारा निर्देशित और जी.डी. मडगुलकर द्वारा लिखित भारतीय हिंदी फिल्म है। ऐ मलिक तेरे बंदे हम स्कूल में प्रार्थना के रूप में गाया जाता हे “ऐ मलिक तेरे बंदे हम” एक प्रार्थना है जो विनम्रता, कृतज्ञता और परमात्मा के प्रति समर्पण को व्यक्त करती है। यह याद दिलाता है कि हम सभी ईश्वर की संतान हैं और अपने जीवन में उनका मार्गदर्शन और आशीर्वाद चाहते हैं। प्रार्थना प्रेम, करुणा और धार्मिकता के मूल्यों पर जोर देती है। Ae Malik Tere Bande Hum Song Detail : Singer : Lyrics : Bharat Vyas Music : Movie : Do Aankhen Barah Haath (1957) Music Label : Directed by : V. Shantaram Release : 1957 Language : Hindi Genre : Ae Malik Tere Bande Hum Lyrics in Hindi – प्रार्थना: ऐ मालिक तेरे बंदे हम Table of Contents • • • • • • • • ऐ मालिक तेरे बंदे हम ऐसे हो हमारे करम नेकी पर चलें और बदी से टलें ताकि हंसते हुये निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम आ आ आ आ आ……. ये अंधेरा घना छा रहा तेरा इंसान घबरा रहा हो रहा बेखबर कुछ न आता नज़र सुख का सूरज छुपा जा रहा है तेरी रोशनी में वो दम जो अमावस को कर दे पूनम नेकी पर चलें और बदी से टलें ताकि हंसते हुये निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम आ आ आ आ आ……. जब ज़ुल्मों का हो सामना तब तू ही हमें थामना वो बुराई करें हम भलाई भरें नहीं बदले की हो कामना बढ़ उठे प्यार का हर कदम और मिटे बैर का ये भरम नेकी पर चलें और बदी से टलें ताकि हंसते हुये निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम आ आ आ आ आ……. —Additional— बड़ा कमज़ोर है आ...

ए मालिक तेरे बंदे है हम... भजन पर मंत्रमुग्ध हुए लोग

सदर प्रखंड के ब्लॉक परिसर के निकट स्थित सहकारिता भवन में शनिवार को जिला पर्यटन कला संस्कृति खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग झारखंड सरकार व जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के बैनर तले सुबह सवेरे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भजन की शुरुआत ए मालिक तेरे बंदे है हम.... से की गई। इस भजन को सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो गए। वहीं कार्यक्रम का समापन रघुपति राघव राजा राम... से हुई। सुबह सवेरे कार्यक्रम में जिले के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक गीत व संगीत प्रस्तुत किए। वैष्णवी कुमारी सोनी ने सुंदर भजन प्रस्तुत किया। वैष्णवी के साथ तबला में चमर महतो, हारमोनियम में प्रकाश शर्मा एवं उनके साथ सहयोगी के रूप में मंजू देवी, संगीता देवी एवं उद्घोषक के रूप में दिलीप साहू मौजूद थे। मौके पर आनंद कुमार सोनी, रमेश महली, संयोजक लोकनाथ लोहरा, भंडारी उरांव, घनश्याम महतो, सुमन उरांव सहित स्थानीय लोग उपस्थित थे। भजन प्रस्तुत करती वैष्णवी कुमारी सोनी व म्यूजिशियन। जय बाबा भोला बाबा करोथो जोहार... से भजन की हुई शुरुआत गुमला | पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के सौजन्य से सुबह सवेरे कार्यक्रम का आयोजन हुआ। परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम गुमला के गेट संख्या के दो के समीप आयोजित कार्यक्रम में सुबह को भजन एवं सांस्कृतिक संगीत की प्रस्तुति दी गई। सुबह के कार्यक्रम में झूमर दल सोसो की मंजू देवी ने प्रस्तुति दी। मंजू देवी ने जय बाबा भोला बाबा करोथो जोहार बाबा... से भजन की शुरुआत कर एक से बढ़ कर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने चलो सखी मांई के मंदिर..., धरती जन्म भूवन पवन रहबंय राम राम..., सीता देखिए काॅपी..., हाएरे ऐ मोके बताए देनी भगवान कालेइंग जामू दर्शन..., ए राधे-राधे गोई राधे..., अति सुख मारी सकल ब्रज मारी..., स...

'ऐ मालिक तेरे बंदे हम ऐसे हो हमारे करम' लिखने वाले गीतकार 'भरत व्यास' के 5 प्रसिद्ध नग़मे

ऐ मालिक तेरे बंदे हम ऐसे हो हमारे करम नेकी पर चलें और बदी से टलें ताकि हंसते हुये निकले दम जब ज़ुलमों का हो सामना तब तू ही हमें थामना वो बुराई करें हम भलाई भरें नहीं बदले की हो कामना बढ़ उठे प्यार का हर कदम और मिटे बैर का ये भरम नेकी पर चलें ये अंधेरा घना छा रहा तेरा इनसान घबरा रहा हो रहा बेखबर कुछ न आता नज़र सुख का सूरज छिपा जा रहा है तेरी रोशनी में वो दम जो अमावस को कर दे पूनम नेकी पर चलें बड़ा कमज़ोर है आदमी अभी लाखों हैं इसमें कमीं पर तू जो खड़ा है दयालू बड़ा तेरी कृपा से धरती थमी दिया तूने हमें जब जनम तू ही झेलेगा हम सबके ग़म नेकी पर चलें ज्योत से ज्योत जगाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो राह में आए जो दीन दुखी, सबको गले से लगाते चलो जिसका न कोई संगी साथी ईश्वर है रखवाला जो निर्धन है जो निर्बल है वह है प्रभू का प्यारा प्यार के मोती लुटाते चलो, प्रेम की गंगा... आशा टूटी ममता रूठी छूट गया है किनारा बंद करो मत द्वार दया का दे दो कुछ तो सहारा दीप दया का जलाते चलो, प्रेम की गंगा... छाई है छाओं और अंधेरा भटक गई हैं दिशाएं मानव बन बैठा है दानव किसको व्यथा सुनाएं धरती को स्वर्ग बनाते चलो, प्रेम की गंगा... ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो राह में आए जो दीन दुखी सब को गले से लगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो ... कौन है ऊँचा कौन है नीचा सब में वो ही समाया भेद भाव के झूठे भरम में ये मानव भरमाया धर्म ध्वजा फहराते चलो, प्रेम की गंगा ... सारे जग के कण कण में है दिव्य अमर इक आत्मा एक ब्रह्म है एक सत्य है एक ही है परमात्मा प्राणों से प्राण मिलाते चलो, प्रेम की गंगा ... आधा है चंद्रमा रात आधी रह न जाए तेरी मेरी बात आधी, मुलाक़ात आधी आधा है चंद्रमा... आस कब तक रहेगी अधूरी...