एक साल के लड़के के लिए खिलौने बनाना सीखना इन इंडिया श्रीलंका 2017

  1. एक साल के लड़के के लिए खिलौने
  2. छोटे बच्चों को पढ़ना कैसे सिखाएं?
  3. खिलौने का बिजनेस कैसे करें
  4. बच्चों के लिए खिलौने लेते हैं, तो इसे जरूर पढ़ें
  5. नवजात शिशु के लिए सुरक्षित खिलौने चुनते समय पेरेंट्स रखें इन बातों का ध्यान


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एक साल के लड़के के लिए खिलौने

बचपन मे बच्चों के लिए जितना महत्वपूर्ण पोषण देना होता है उतना ही महत्वपूर्ण उनके लिए खिलौने होते हैं। उनके बचपन के सबसे अच्छे साथी खिलौने ही होते हैं, माता पिता के लिए अपने बच्चे का पहला जन्मदिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दिन अपने बच्चे को बहुत ही मजेदार खिलौना लाना चाहते हैं इसमें हम आपकी मदद करेंगे। छोटे बच्चे बचपन में बहुत शरारते करते हैं एक स्थान पर स्थिर नहीं रहते हैं उन्हें जो अच्छा लगता है वह उसे लेने चले जाते हैं उन्हें इस तरह एक स्थान पर संभाल रखना आसान नहीं है इस उम्र में बच्चे पूरी तरह सक्रिय हो जाते हैं। बच्चों के लिए खिलौने उनकी पसंद के हो जो अच्छे लगते हैं साथ ही वह रचनात्मक व शिक्षा प्रदत हो और काफी रोमांचक भी हो। इस तरह के खिलौने चुनने में माता-पिता को काफी मुसीबत होती है, उनकी मदद के लिए मैंने बस ऐसे ही खिलौनों की सर्वश्रेष्ठ सूची बनाई है आइए देखते है। संगीत सीखने का ड्रम | Musical learning Drum बच्चों के लिए यह एक मजेदार खिलौना है यह एक छोटे बच्चों को बहुत पसंद आता है यह एक संगीत खिलौना है इससे बच्चे बहुत सी चीजें सीखते हैं जैसे ड्रम की पांच बीट्स, नंबर ,लर्निंग, रंग और आकार की पहचान करना इस खिलौने की मदद से बच्चों में डवलपमेंट की बढ़ोतरी होती है और उनको आनंद भी बहुत मिलताहै। यह ई वी 71 यूरोपीय मानक और बीआईएस से 1493 के द्वारा प्रमाणित है। यह म्यूजिकल लर्निंग ड्रम सुरक्षित, रंगीन और इसमें बहु-रंगीन रोशनी है जो बच्चे को लंबे समय तक व्यस्त रखती है।यह मोंटेसरी तकनीक पर आधारित है, जिसमें सेल्फ-डिरेक्टेड एक्टिविटी, हैंड्स-ऑन लर्निंग, और कोलाबोरेटिव प्ले शामिल हैं।बच्चे फर्श पर ड्रम रोल भी कर सकते हैं जो उनके मोटर स्किल्स को विकसित करने में मदद करता है। खिल...

छोटे बच्चों को पढ़ना कैसे सिखाएं?

कहा जाता है कि अगर बच्चों में छोटी उम्र से ही पढ़ने की आदत डाल दी जाए, तो न सिर्फ बच्चे का दिमाग तेज होता है, बल्कि उसकी सोचने समझने की क्षमता भी बेहतर होने लगती है। हालांकि, छोटे बच्चों को पढ़ाना इतना आसान भी नहीं है। कई बार देखा गया है कि माता पिता इसी उलझन में रहते हैं कि बच्चों को पढ़ाना कब शुरू करें। साथ ही उनमें किताबें पढ़ने की आदत कैसे डालें। मॉमजंक्शन का हमारा यह लेख माता-पिता की इसी उलझन को दूर करने के लिए है। यहां हम बताएंगे कि कौन सी उम्र में बच्चों को पढ़ाना शुरू कर देना चाहिए। इसके अलावा यहां आपको बच्चों को इंग्लिश और हिंदी पढ़ाने की कुछ बेहतरीन टिप्स भी मिलेंगी। चलिए सबसे पहले समझते हैं कि बच्चों को पढ़ना कौन सी उम्र में सीखाना चाहिए। • • • • बच्चे पढ़ना (Reading) किस उम्र में सीखते हैं? बच्चों में पढ़ना सीखने की सही उम्र की बात करें तो, इस विषय पर हुए एक शोध से जानकारी मिलती है कि हालांकि, जब बात बच्चों के पढ़ने की आती है, तो सामान्य तौर 3 साल की उम्र से बच्चे को पढ़ाना शुरू किया जा सकता है। इस क्रम में कुछ बच्चे 4 या 5 साल की आयु में ही पढ़ना सीख लेते हैं। वहीं कुछ बच्चे 6 या 7 साल की उम्र तक पढ़ना सीखते हैं। वहीं, कुछ बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुझान अधिक देखने को मिलता है। ऐसे बच्चों में आगे चलकर स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना अधिक रहती है यहां अब हम बच्चों को पढ़ना सिखाने के कुछ आसान तरीकों के बारे में बताएंगे। छोटे बच्चों को पढ़ना कैसे सिखाएं? छोटे बच्चे को पढ़ना सिखाने के लिए कुछ अहम बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। नीचे हम उन्हीं बातों का जिक्र कर रहे हैं, जिनकी मदद से बच्चों को आसानी से पढ़ना सिखाया जा सकता है • पढ़ना सिखाने के कौशल को समझें ...

खिलौने का बिजनेस कैसे करें

खिलौने का बिजनेस कैसे करें, बनाने का तरीका, मशीन, सामग्री, फैक्ट्री, कीमत, लाभ (Toy Making Business, Industries, How to Start, Machine, Cost, Plan, Investment in Hindi) बच्चों को विभिन्न प्रकार के खिलौने खेलने का बहुत शौक होता हैं. और यह आज के समय से नहीं बल्कि पहले से चला आ रहा है. अंतर सिर्फ इतना है कि पहले लोग मिट्टी एवं स्टील से बने खिलौने खेला करते थे, और आज के बच्चे टेक्नोलॉजी वाली दुनिया में गैजेट्स, बैटरी से चलने वाले खिलौने एवं विभिन्न तरह के प्लास्टिक और सॉफ्ट खिलौने खेलना पसंद करते हैं. पहले के मुकाबले आज के समय में खिलौने का बाजार भी बहुत अधिक बढ़ गया है. हालही में मोदी जी ने भारतीय खिलौने के बाजार को वैश्विक स्तर पर बढ़ाने की बात कहीं हैं वे चाहते हैं कि भारत में खिलौने का कारोबार इतना बढ़े कि यह एक वैश्विक स्तर पर हब बन जाएँ. इस लेख में आपको मोदी जी द्वारा लोगों को आत्मनिर्भर बनने के लिए किये गये आह्वान एवं घरेलू खिलौने बनाने के व्यवसाय की जानकारी मिल जाएगी. Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • मोदी जी का लोकल खिलौनों के लिए वोकल बनने का आह्वान हमारे देश में चीन से आने वाले खिलौने का बाजार बहुत अधिक बढ़ा हुआ है किन्तु पिछले कुछ महीने पहले गलवान घाटी के तनाव को देखते हुए पूरे देश में चीन से आयात होने वाले उत्पादों को बॉयकोट करने की लहर चल रही है. ऐसे में चीन से बड़ी मात्रा में आयात होने वाले खिलौने अब बाजारमे बिकना बहुत कम हो गये हैं. इसे ध्यान में रखते हुए मोदी जी ने हालही में अपने ‘मन की बात’ प्रोग्राम में भारतीय खिलौनों को घरेलू स्तर से वैश्विक स्तर तक पहुँचाने के लिए देशवासियों से आह्वान किया है. वे चाहते हैं कि देश में घरेलू करोबार वै...

बच्चों के लिए खिलौने लेते हैं, तो इसे जरूर पढ़ें

क्या आप जानते हैं ​​कि बच्चों के लिए खिलौने भी आपके बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं? जी हां, आपने सही पढ़ा है! बार्बी डॉल, सॉफ्ट टॉयज, रिंग्स, स्क्वीज टॉयज और भी बहुत कुछ है जिनसे बच्चों को खेलना बहुत पसंद होता है। लेकिन इनमें से कितने उनके लिए वास्तव में सुरक्षित हैं? सुरक्षा के अलावा, खिलौने में विकास और उभरती क्षमताओं को भी शामिल किया गया है। नीचे उन खिलौनों की सूची दी गई है जिन्हें आपको अपने बच्चों को देना चाहिए और उन चीजों के बारे में भी जानना चाहिए जो हानिकारक हो सकती हैं। डॉ तुषार पारिख, (मुख्य सलाहकार, पीडियाट्रिक्स एंड निओनेटोलॉजी, मदरहुड हॉस्पिटल, पुणे) हमसे बात करके इस बारे में और अधिक क्लैरिटी ला रहे हैं। आज इस आर्टिकल में हम बच्चों के लिए खिलौने (Games for babies) से संबंधित जरूरी जानकारियां देंगे। साथ ही जानेंगे कि उम्र के हिसा से बच्चों के लिए खिलौने (Games for babies) कौन से होने चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से। 7 से 12 महीने तक: पुराने शिशुओं के लिए गेम्स जब लगभग 8 महीने का हो तब शिशु रेंगना शुरू करता है। इसलिए मुलायम खिलौने और प्लास्टिक के खिलौने का उपयोग किया जा सकता है। 9 महीनों में, शिशुओं को विभिन्न आकृतियों, लकड़ी के क्यूब्स, बड़े छल्ले और लकड़ी के वाहनों के ब्लॉक दिए जा सकते हैं। यही नहीं, जब शिशु लगभग 10 महीने का होता है, तो शिशु खिलौनों (Games for babies) के सहारे खड़ा होने की कोशिश कर सकता है। और पढ़ें: दो साल के बच्चों के लिए खिलौने अपने बच्चे को उसके हुनर, कंस्ट्रक्शन सेट्स, किचन सेट्स, चेयर्स, प्ले फूड्स, डॉल विद एक्सेसरीज, पपेट्स, और सैंड एंड वाटर प्ले टॉयज की मदद के लिए दिया जा सकता है। अपने बच्चे को खेल के मैदान मे...

नवजात शिशु के लिए सुरक्षित खिलौने चुनते समय पेरेंट्स रखें इन बातों का ध्यान

शिशु की बढ़ती उम्र के साथ उनका खिलौनों के प्रति आकर्षण और जिज्ञासा बढ़ती जाती है। कुछ महीने में धीरे-धीरे जब नवजात शिशु हाथों में कुछ पकड़ने के काबिल होता है तो वह खिलौनों में खो जाता है। इस समय पेरेंट्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है, नवजात शिशु के लिए सुरक्षित खिलौने का चुनाव करना। नवजात शिशु के लिए सुरक्षित खिलौने के बारे में गोलिंकॉफ कहते हैं ” छोटे बच्चे की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खिलौनों का चुनाव करना बहुत जरूरी है। दो से तीन महीने के शिशु झुनझुने, रंगीन प्लास्टिक की चाबियां, और अन्य खिलौने जो आसानी से पकड़ लेते हैं। इसमें उन्हें बहुत मजा आता है। जब आप खिलौने खरीदते हैं, तो उनकी उम्र का ध्यान रखें कि वो उसके खेलने लायक है। और पढ़ें: नवजात शिशु के लिए सुरक्षित खिलौने का चुनाव कैसे करें? एक साल तक बच्चे इस नई दुनिया को अपनी इंद्रियों के माध्यम से देखते हैं। वे चीजों को देखते और पकड़ने की कोशिश करते हैं। हालांकि, पहले कुछ महीनों के लिए शिशु मोटर कौशल पर प्रकाश डालते हैं। इसलिए वे अपनी आंखों और कानों पर भरोसा करते हैं। लगभग 8 सप्ताह तक, आपका बच्चा झुनझुने और, कपड़े के सुरक्षित खिलौने, नरम गेंदों जैसे खिलौने नवजात शिशु के लिए सुरक्षित खिलौने हो सकते हैं। जब बच्चे उठना-बैठना शुरू करते हैं, तो वे हाथ से आंख से पहचानना और मोटर कौशल में भी महारत हासिल करते हैं। टॉय इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रवक्ता एड्रिएन अपेल कहते हैं, “उन्हें बैंग, ओपन एंड शट के साथ दोहराव, खिलौने के प्रभाव पसंद होते हैं।” उन्हें गेंदें दें, खिलौने और स्टैकिंग खिलौने, एक्टिविटी क्यूब्स, शेप सॉर्टर्स, पॉप-अप खिलौने, स्क्वैकी खिलौने, रबर ब्लॉक, बड़े पॉप बीड्स आदि दें। और पढ़ें: नवजात शिशु के लिए सुरक्षित ख...