एकांकी सम्राट कहा जाता है

  1. सम्राट अशोक को महान क्यों कहा जाता है? अशोक की उपलब्धियां
  2. एकांकी किसे कहते है? तत्व और प्रकार
  3. एकांकी क्या है?
  4. सलीम चिश्ती
  5. (एकांकी की परिभाषा) Ekanki Definition in Hindi !!


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सम्राट अशोक को महान क्यों कहा जाता है? अशोक की उपलब्धियां

अशोक को महान क्यों कहते हैं?/अशोक को महान क्यों कहा जाता है? अशोक के नामों का उल्लेख मिलता है- पुराणों मे अशोकवर्धन, अभिलेखों मे पियदस्सी या प्रियदर्शी तथा मास्की लेख मे " अशोक " कहा गया है। अशोक के पिता बिन्दुसार की मृत्यु लगभग 269 ई. पूर्व मे हुई थी। उसकी मृत्यु के बाद उसका पुत्र अशोक वर्धन मौर्य साम्राज्य का शासक बना। डाॅ. मजूमदार ने लिखा है- " प्रत्येक काल या देश मे ऐसे सम्राट पैदा नही होते। सम्राट अशोक की तुलना मे अब तक विश्व के किसी सम्राट को नही रखा जा सकता।" सम्राट अशोक ने लगभग 36 वर्षों तक शासन किया और अपने कार्यों से उसने संसार भर को आश्चर्य चकित कर दिया। अशोक न केवल भारत वरन् विश्व के महान् सम्राटों मे से एक था। वह महान् क्यों कहलता है? क्योंकि जिन महान् सम्राटों से आशोक की तुलना की जाती है,वह उन सब मे अद्वितीय था। एलिसन के अनुसार," अशोक की तुलना रोमन सम्राट ओरलियस और कान्सटेन्टाइन तथा ईसाई धर्म के प्रचारकों से की जाती है। अपने दर्शन पवित्रता मे वह मार्कस ओरलियस की याद दिलाता है। साम्राज्य विस्तार मे, और कुछ अंशो मे, अपनी शासन पद्धति मे वह शार्लमेन की तरह था। मौर्य सम्राट अशोक के शिलालेख भद्दे, असम्बद्ध तथा पुनार्वत्ति से पूर्ण है। परन्तु शिष्टाचार मे वे बड़े है। उसकी तुलना खलीफा उमर तथा सम्राट अकबर से की जाती है। अशोक एक महान विजेता भी था। अनेक भारतीय और विदेशी इतिहासकारों ने अशोक को महान् बताया है जिसके कारण इस प्रकार है-- 1. अशोक के आर्दश अशोक के आर्दश भी उसकी महानता के कारण थे। कलिंग युद्ध के बाद अशोक ने युद्ध घोष के स्थान पर धर्म-घोष, मनोरंजन या शिकार यात्रा की जहग पर, धर्म-यात्रा को अपनाया। विलासिता को छोड़कर उसने जन सेवा के आर्दश को अपनाया। मांस-भक्षण के ...

एकांकी किसे कहते है? तत्व और प्रकार

एकांकी किसे कहते है? (ekanki kise kahate hain) एक अंग वाले नाटक को एकांकी कहते हैं। आकार मे छोटा होने के कारण इसमे जीवन का खण्ड चित्र प्रस्तुत होता है। नाटक के समान इसके भी छः तत्व होते हैं। आज मनुष्य के पास पहले की तरह प्रचुर अवकाश नही हैं। अपनी व्यस्तता के कारण महाकाव्यों तथा मोटे-मोटे उपन्यासों को पढ़ने और नाटकों को देखने के लिए उसे पर्याप्त समय नही मिल पाता। इसलिए थोड़े समय मे पढ़ी जाने वाली कहानियों और खेल जाने वाली एकांकीयों के प्रति उसका झुकाव स्वाभाविक ही हैं। एकांकी के तत्व 1. कथावस्तु कथावस्तु के माध्यम से एकांकीकार अपना उद्देश्य व्यक्त करता है। इसे वह प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करता है। अपेक्षित प्रभाव उत्पन्न करने के लिए इसे कथा के क्रम मे इस प्रकार योजना करता है कि दर्शक का मन उसमें रम जाए, कहीं भी उचटने न पाए। उसका मन निरंतर आगे का घटनाक्रम या दृश्य जानने के लिए उत्सुक बना रहे। सरल शब्दावली मे कहें तो उसका कौतूहल बना रहना चाहिए। कथानक या कथावस्तु को तीन भागों मे विभाजित किया जा सकता है। 1. प्रारंभ 2. विकास 3. चरमोत्कर्ष। 2. पात्र और चरित चित्रण एकांकी का दूसरा तत्व पात्र और चरित्र चित्रण है। नाटकों मे नायक तथा उसके सहायकों का चरित्र-चित्रण मूलतः घटनाओं के माध्यम से किया जाता हैं, किन्तु एकांकी के पात्रों के चित्रण नाटकीय परिस्थितियों, भीतर बाहर के संघर्षों के सहारे सांकेतिक रहते है। एकांकी के चरित्र चित्रण मे स्वाभाविकता, यथार्थता और मनोवैज्ञानिकता का ध्यान रखना आवश्यक होता है। प्रत्येक पात्र के क्रिया-कलाप मे कार्य कारण भाव अवश्य सांकेतिक होना चाहिए। 3. भाषा-शैली एकांकी का तीसरा तत्व भाषा और शैली हैं। साहित्य की विभिन्न विधाओं की भाषा-शैली अलग-अलग होती है। ए...

एकांकी क्या है?

By: RF competition Copy Share (233) एकांकी क्या है? | एकांकी का इतिहास एवं प्रमुख एकांकीकार Dec 09, 2021 04:12AM 5414 एकांकी की परिभाषा एक अंक के दृश्य काव्य को 'एकांकी' कहा जाता है। एकांकी में केवल एक कथा होती है तथा इसमें केवल एक उद्देश्य को प्रस्तुत किया जाता है। एकांकी का प्रस्तुतीकरण पात्रों के माध्यम से किया जाता है। एकांकी का प्राण तत्व 'संघर्ष' है। संघर्ष से ही नाटकीयता का सृजन होता है। डॉक्टर रामकुमार वर्मा ने एकांकी को परिभाषित करते हुए कहा है– "एकांकी में एक ऐसी घटना रहती है, जिसका जिज्ञासा पूर्ण और कौतूहलमय नाटकीय शैली में चरम विकास होकर अंत होता है।" हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए। जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ एकांकी का इतिहास हिंदी साहित्य की विधाओं में एकांकी को नाटक से अलग होने में बहुत संघर्ष करना पड़ा, किंतु अंततः एकांकी का स्वतंत्र अस्तित्व स्वीकार कर लिया गया। सन् 1935 में भुवनेश्वर स्वरूप ने हिंदी साहित्य की विधाओं में एकांकी के स्वरूप को 'कारवाँ' के रूप प्रस्तुत किया। हिंदी एकांकी के विकासक्रम को विद्वानों ने कई प्रकार से वर्गीकृत किया है। सामान्यतः एकांकी के विकास को इस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है– 1. भारतेंदु-द्विवेदी युग (1875 से 1928 ई.) 2. प्रसाद युग (1929 से 1937 ई.) 3. प्रसादोत्तर युग (1938 से 1947 ई.) 4. स्वातंत्र्योत्तर युग (1948 से आज तक)। हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए। सूरदास का जीवन परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ भारतेंदु-द्विवेदी युग (1875 से 1928 ई.) इस युग के प्रवर्तक भारतेंदु हरिश्चंद्र थे। इस युग में सर्वाधिक एकांकिओं की रचना भारतेंदु ने ही की थी। इस युग में प्रचलित परंपराओं, कुप्रथाओं व सामाजिक समस्याओं को...

सलीम चिश्ती

मुग़ल बादशाह अकबर सीकरी में चिश्ती के घर आए और उन्हें एक सिंहासन के लिए पुरुष उत्तराधिकारी के लिए प्रार्थना करने के लिए कहा। चिश्ती ने अकबर को आशीर्वाद दिया और जल्द ही उनके तीन बेटों में से एक का जन्म हुआ। उन्होंने चिश्ती के सम्मान में अपने पहले बेटे का नाम सलीम (बाद में सम्राट जहांगीर) रखा। उनके सबसे बड़े बेटे, सद्दुद्दीन खान, सद्दुद्दीन सिद्दीकी की परवरिश की गई और उन्हें अमीनाबाद, तलेबाबाद और चंद्रप्रताप के गाजीपुर जिले में तीन जागीरें दी गईं। अब उनके महान पोते शहीद अलीम चिश्ती रहते हैं, वे सलीम चिश्ती की 16 वीं पीढ़ी हैं अकबर ने सूफी को इस तरह से रखा कि उनके शिविर के चारों ओर एक महान शहर फतेहपुर सीकरी बना। उसके बाद मुगल कोर्ट और कोर्टियर्स को वहां स्थानांतरित कर दिया गया। पानी की कमी को मुख्य कारण कहा जाता है कि शहर को छोड़ दिया गया था और अब यह ज्यादातर निर्जन शहर के रूप में उल्लेखनीय रूप से अच्छी स्थिति में है। अब यह भारत के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है। सलीम चिश्ती मकबरा [ ] चिश्ती का मकबरा मूल रूप से लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया था, लेकिन बाद में इसे एक सुंदर संगमरमर के मकबरे में बदल दिया गया। सलीम चिश्ती की मजार (कब्र) भारत के उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी में सम्राट के दरबार के मध्य में है । मकबरे का निर्माण अकबर ने सूफी संत के सम्मान के रूप में किया था, जिसने अपने बेटे के जन्म की भविष्यवाणी की थी, जिसका नाम उसके बाद प्रिंस सलीम रखा गया था और बाद में जहाँगीर के रूप में अकबर को मुग़ल साम्राज्य के सिंहासन पर बैठाया। माना जाता है कि इस मजार पर नमाज अदा करने से जो भी मनोकामनाएं पूरी होंगी। इस दरगाह की संगमरमर की खिड़कियों पर एक धागा बांधने की एक रस्म भी है ताकि क...

(एकांकी की परिभाषा) Ekanki Definition in Hindi !!

एकांकी की परिभाषा | Definition of One-act play in Hindi !! जब कोई नाटक एक अंक वाला होता है, तो उसे एकांकी कहा जाता है. अंग्रेजी में इसे हम “वन ऐक्ट प्ले” के नाम से भी जानते हैं और हिंदी में इसे “एकांकी नाटक” और “एकांकी” के नाम से जाना जाता है. एकांकी का अर्थ है कि जब किसी भी एक्ट या नाटक में किसी एक व्यक्ति का ही पूरी तरह से वर्णन होता है, और वो भी उसकी युवावस्था के बाद तो हम ऐसे एक्ट को एकांकी के नाम से जानते हैं. एकांकी अधिक विस्तार में नहीं होती है और इसकी गति अभिनय के समय तीव्र रहती है. इसे भी अन्य नाटकों की तरह थिएटर, टीवी, रेडियो आदि पे अभिनय के जरिये प्रस्तुत किया जाता है. सर्वप्रथम पश्चिम में एकांकी २०वीं शताब्दी में, प्रथम महायुद्ध के बाद, अत्यन्त प्रचलित और लोकप्रिय बन गया। एकांकी को हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में व्यापक प्रचलन के लिए इस शताब्दी के चौथे दशक में प्रचलित होने का मौका मिला । एकांकी साहित्य की सर्वथा आभिजात्यहीन विधा रही है। पूर्व और पश्चिम दोनों के नाट्य साहित्य में उसके निकटवर्ती रूप से मिलते जुलते हैं। सस्कृंत नाट्यशास्त्र में नायक के चरित, इतिवृत्त, रस आदि के आधार पर रूपकों और उपरूपकों के जो भेद किए गए उनमें से अनेक को डॉ॰ कीथ ने एकांकी नाटक को भी कहा है। ✔️ izoozo.com Provide Hindi & English Content Writing Services @ low Cost ✔️अंकिता शुक्ला Oyehero.com की कंटेंट हेड हैं. जिन्होंने Oyehero.com में दी गयी सारी जानकारी खुद लिखी है. ये SEO से जुडी सारे तथ्य खुद हैंडल करती हैं. इनकी रूचि नई चीजों की खोज करने और उनको आप तक पहुंचाने में सबसे अधिक है. इन्हे 4.5 साल का SEO और 6.5 साल का कंटेंट राइटिंग का अनुभव है !! नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में आपको हम...