एकादशी कब है 2023 may

  1. May 2023 Vrat Festival List Buddha Purnima Shani Jayanti Chandra Grahan Mohini Nirjala Ekadashi Dates
  2. Devshayani Ekadashi 2023 date time puja vidhi shubh muhrat samagri ki list
  3. nirjala ekadashi 2023 date on 31 may shubh muhurat significance puja vidhi mantras and other important details bml
  4. Devshayani Ekadashi 2023 Kab Hai Puja Muhurat Shubh Yoga Chaturmas Significance


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May 2023 Vrat Festival List Buddha Purnima Shani Jayanti Chandra Grahan Mohini Nirjala Ekadashi Dates

May 2023 Vrat Tyohar List: हिंदू पंचांग के अनुसार मई का महीना बेहद शुभ दिन और तिथि से शुरू हो रहा है. 1 मई 2023 को सोमवार और मोहिनी एकादशी तिथि हैं. मई का शुरुआती महीना वैशाख का रहेगा फिर 6 मई 2023 से ज्येष्ठ माह का आरंभ हो जाएगा. मई में ही साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, हालांकि ये भारत में दिखाई नहीं देगा. इस माह में बुद्ध पूर्णिमा, वट सावित्री व्रत, शनि जयंती, निर्जला एकादशी सहित कई बड़े व्रत-त्योहार आएंगे. आइए जानते हैं मई के व्रत-त्योहार की लिस्ट और उनकी डेट. मई 2023 व्रत-त्योहार (May 2023 Vrat Festival List) • 1 मई 2023, सोमवार - मोहिनी एकादशी • 2 मई 2023, मंगलवार - परशुराम द्वादशी • 3 मई 2023, बुधवार - प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष) • 4 मई 2023, गुरुवार - नरसिंह जयंती • 5 मई 2023, शुक्रवार - वैशाख पूर्णिमा व्रत, बुद्ध पूर्णिमा, चंद्र ग्रहण • 6 मई 2023, शनिवार - ज्येष्ठ माह शुरू • 8 मई 2023, सोमवार - एकदंत संकष्टी चतुर्थी • 12 मई 2023, शुक्रवार - कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी • 15 मई 2023, सोमवार - अपरा एकादशी, वृषभ संक्रांति़ • 17 मई 2023, बुधवार - मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण) • 19 मई 2023, शुक्रवार - ज्येष्ठ अमावस्या, शनि जयंती, वट सावित्री व्रत • 23 मई 2023, मंगलवार - विनायक चतुर्थी • 25 मई 2023, गुरुवार - स्कंद षष्ठी व्रत • 29 मई 2023, सोमवार - महेश नवमी • 30 मई 2023, मंगलवार - गंगा दशहरा • 31 मई 2023, बुधवार - निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती, राम लक्ष्मण द्वादशी मोहिनी एकादशी और निर्जला एकादशी - मोहिनी एकादशी व्रत के दिन दुख और दरिद्रता, मोह का नाश करने वाला माना गया है. समुद्र मंथन से निकले अमृत को पाने दैत्यों -देवताओं में हुए विवाद को सुलझाने के लि...

Devshayani Ekadashi 2023 date time puja vidhi shubh muhrat samagri ki list

Devshayani Ekadashi 2023:हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। एकादशी के दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व होता है।देवशयनी एकादशी से चार माह तक भगवान विष्णु विश्राम करते हैं। इस समय को चार्तुमास भी कहा जाता है। भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से विश्राम करते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का विश्राम पूरा हो जाता है। देवउठनी एकादशी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में पड़ती है। भगवान विष्णु के विश्राम करने के बाद चार माह तक मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस दौरान भगवान की पूजा- अर्चना सब होती है बस मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। मांगलिक कार्यों की शुरुआत भगवान विष्णु का विश्राम पूरा होने के बाद ही होती है। देवशयनी एकादशी व्रत डेट- • 29जून, 2023 देवशयनी एकादशी मुहूर्त- • एकादशी तिथि प्रारम्भ - जून 29, 2023को03:18ए एमबजे • एकादशी तिथि समाप्त -जून 30, 2023को02:42ए एमबजे • एकादशी व्रत पारण-30जून को 01:48पी एमसे04:36पी एम • पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय -08:20ए एम सूर्य ने किया मिथुन राशि में प्रवेश, आने वाले 30 दिनों तक ये राशि वाले मनाएंगे जश्न, खूब होगा धन- लाभ देवशयनीएकादशी पूजा- विधि • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। • भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। • भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। • भगवा...

nirjala ekadashi 2023 date on 31 may shubh muhurat significance puja vidhi mantras and other important details bml

Nirjala Ekadashi 2023: 31 मई को निर्जला एकादशी, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि इसे हिंदू धर्म में सबसे शुभ अवसरों में से एक माना जाता है. यह न केवल भारत में बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अत्यधिक महत्व रखता है. निर्जला एकादशी आमतौर पर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को मनाई जाती है. Nirjala Ekadashi 2023: इसे हिंदू धर्म में सबसे शुभ अवसरों में से एक माना जाता है. यह न केवल भारत में बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अत्यधिक महत्व रखता है. निर्जला एकादशी आमतौर पर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को मनाई जाती है. यह एक शुभ दिन है जिस दिन देश भर के लोग देवता का आशीर्वाद लेने के लिए उपवास रखते हैं. निर्जला एकादशी को एक वर्ष के भीतर मनाई जाने वाली सभी चौबीस एकादशियों में से सबसे महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण एकादशी के रूप में जाना जाता है. निर्जला का अर्थ है बिना पानी के उपवास करना और पूरे दिन किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ का सेवन न करना. निर्जला एकादशी को सभी एकादशियों में सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. निर्जला एकादशी से जुड़ी एक पौराणिक कथा के कारण इसे पांडव एकादशी, भीमसेनी एकादशी या भीम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. दूसरे पांडव भाई, भीमसेन, अपनी भूख को नियंत्रित करने में असमर्थ थे और एकादशी व्रत का पालन करने में विफल रहे. भीम और द्रौपदी के अलावा सभी पांडव भाई एकादशी का व्रत रखते थे. भीम अपनी इच्छाशक्ति की कमी और भगवान विष्णु का अनादर करने का समाधान खोजने के प्रयास में महर्षि व्यास से मिले. एक वर्ष में सभी एकादशियों का व्रत न करने की भरपाई के लिए, ऋषि व्यास ने भीम को एक निर्जला एकादशी का पालन करने की सलाह दी, यही कारण है कि निर्जला ...

Devshayani Ekadashi 2023 Kab Hai Puja Muhurat Shubh Yoga Chaturmas Significance

Devshayani Ekadashi 2023 Date: आषाढ़ माह की एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस साल देवशयनी एकादशी 29 जून 2023 को है. इसके बाद से ही चातुर्मास शुरू हो जाते हैं, यानी कि जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. विष्णु के शयनकाल के समय सृष्टि का भार देवों के देव महादेव पर होता है. देवशयनी एकादशी के बाद से समस्त मांगलकि कार्य बंद हो जाते हैं. इस साल देवशयनी एकादशी बहुत खास मानी जा रही हैं क्योंकि इस दिन बहुत शुभ योग बन रहा है. आइए जानते हैं देवशयनी एकादशी क्यों है खास और देवों का शयनकाल कब तक रहेगा. देवशयनी एकादशी 2023 (Devshayani Ekadashi 2023 Muhurat) आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी तिथि शुरू - 29 जून 2023, प्रात: 03.18 आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी तिथि समाप्त - 30 जून 2023, प्रात: 02.42 • देवशयनी एकादशी व्रत पारण समय - दोपहर 01.48 - शाम 04.36 (30 जून 2023) देवशयनी एकादशी इस बार क्यों है खास (Devshayani Ekadashi 2023 Auspicious Yoga) आमतौर पर देवशयनी एकादशी से चार माह तक देवों का शयनकाल चलता है लेकिन देवशयनी एकादशी महत्व (Devshayani Ekadashi Significance) देवशयनी एकादशी के बाद चार महीने तक सूर्य, चंद्रमा और प्रकृति का तेजस तत्व कम हो जाता है. इसलिए कहा जाता है कि देवशयन हो गया है। शुभ शक्तियों के कमजोर होने पर किए गए कार्यों के परिणाम भी शुभ नहीं होते. चातुर्मास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि देवशयनी एकादशी का व्रत करने से दुर्घटनाओं के योग टल जाते हैं. देवशयनी एकादशी मंत्र शास्त्रों के अनुसार देवशयनी एकादशी पर इस मंत्र से श्रीहरि की पूजा करनी चाहिए, इससे पापों का नाश होता है. परिवार में सुख-समृद्धि आती है और विष्णु जी की कृपा...