एकादशी कब की है

  1. Nirjala Ekadashi 2022 Date Puja Vidhi And Vrat Rules
  2. योगिनी एकादशी कब है? जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा, उपाय और पारण का समय
  3. Yogini Ekadashi 2023 Date Time Shubh Muhurat What To Do In This Fast Lord Vishnu
  4. एकादशी व्रत कब और क्यों करते हैं, एकादशी व्रत लिस्ट 2023
  5. Yogini Ekadashi 2023: आज है योगिनी एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत का महत्व
  6. Yogini Ekadashi 2023 Kab Hai Gajkesaru Shobhan Yoga Lord Vishnu Puja Muhurat Vidhi Signficance
  7. Yogini ekadashi time aaj ka panchang 14 june 2023 wednesday rahukal yog nakshtra
  8. Nirjala Ekadashi June 2022 When Is Bhimseni Ekadashi Know The Story Of Date Time And Fast


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Nirjala Ekadashi 2022 Date Puja Vidhi And Vrat Rules

Nirjala Ekadashi 2022 Date: हिंदू धर्म शास्त्रों में निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का खास महत्व बताया गया है. निर्जला एकादशी का व्रत (Nirjala Ekadashi Vrat) हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा-अर्चना की जाती है. भक्त इस दिन बिना जल ग्रहण किए व्रत रखते हैं और भगवान श्रीहरि की पूजा करते हैं. मान्यता है कि निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2022) का व्रत रखने से जाने-अनजाने में किए गए पाप धुल जाते हैं. आइए जानते हैं कि 2022 में निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2022) कब है और इन दिन किस प्रकार से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. यह भी पढ़ें • निर्जला एकादशी व्रत 30 या 31 मई को लेकर हैं कंफ्यूज तो चलिए बताते हैं आपको सही तारीख • Nirjala Ekadashi Vrat 2022: निर्जला एकादशी के दिन भूल से भी नहीं किए जाते हैं ये 6 काम, जानें व्रत के नियम • Nirjala Ekadashi 2022: निर्जला एकादशी पर द्वादशी तिथि का लोप, जानिए कब किया जाएगा व्रत का पारण निर्जला एकादशी शुभ मुहूर्त | Nirjala Ekadashi 2022 Date पंचांग के मुताबिक इस साल निर्जाला एकादशी ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी यानी 10 जून, शुक्रवार को पड़ रही है. एकादशी तिथि की शुरुआत 10 जून को सुबह 7 बजकर 25 मिनट से हो रही है. वहीं एकादशी तिथि का समापन 11 जून को सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर हो रहा है. इसके अलावा निर्जला एकादशी के पारण का समय 11 जून को दोपहर 1 बजकर 44 मिनट से शाम 4 बजकर 32 मिनट तक है. निर्जला एकादशी पूजा विधि | Nirjala Ekadashi Puja Vidhi धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक निर्जला एकादशी के व्रत का नियम एक दिन पहले से यानी दशमी तिथि से ही शुरू हो जाता है. दशमी की रात में अन्न ग्रहण नहीं कि...

योगिनी एकादशी कब है? जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा, उपाय और पारण का समय

इस एकादशी व्रत के प्रभाव से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। योगिनी एकादशी से जुड़ी मान्यता के अनुसार इस दिन स्नान के लिए मिट्टी (धरती माता की रज) का इस्तेमाल करना अतिशुभ होता है। साथ ही स्नान के पूर्व तिल के उबटन को शरीर पर लगाकर फिर स्नान करने की मान्यता है। बता दें कि एकादशी तिथि पर भगवान श्री विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है। सेवकों ने कहा कि महाराज वह पापी अतिकामी है, अपनी स्त्री के साथ हास्य-विनोद और रमण कर रहा होगा। यह सुनकर कुबेर ने क्रोधित होकर उसे बुलाया। हेम माली राजा के भय से कांपता हुआ उपस्थित हुआ। राजा कुबेर ने क्रोध में आकर कहा- ‘अरे पापी! नीच! कामी! तूने मेरे परम पूजनीय ईश्वरों के ईश्वर श्री शिव जी महाराज का अनादर किया है, इसलिए मैं तुझे शाप देता हूं कि तू स्त्री का वियोग सहेगा और मृत्युलोक में जाकर कोढ़ी होगा।’ कुबेर के शाप से हेम माली का स्वर्ग से पतन हो गया और वह उसी क्षण पृथ्वी पर गिर गया। भूतल पर आते ही उसके शरीर में श्वेत कोढ़ हो गया। उसकी स्त्री भी उसी समय अंतर्ध्यान हो गई। मृत्युलोक में आकर माली ने महान दु:ख भोगे, भयानक जंगल में जाकर बिना अन्न और जल के भटकता रहा। रात्रि को निद्रा भी नहीं आती थी, परंतु शिव जी की पूजा के प्रभाव से उसको पिछले जन्म की स्मृति का ज्ञान अवश्य रहा। Lal kitab for money : लाला किताब के उपाय अचूक होते हैं। यह विद्या ज्योतिष से अलग मानी जाती है। हालांकि दोनों ही विद्या में कोई खास अंतर नहीं है। यदि आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं या कर्ज चढ़ गया है तो आपको लाल किताब के अचूक उपाय करना चाहिए। हालांकि यदि ये उपाय आप किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर करेंगे तो ज्यादा ठीक रहेगा। Naukri 2023 : आजकल अच्‍छी नौकरी मिलना मुश्‍किल है। देश में लाखो...

Yogini Ekadashi 2023 Date Time Shubh Muhurat What To Do In This Fast Lord Vishnu

Yogini Ekadashi 2023: हर महिने 2 एकादशी पड़ती हैं. एक कष्ण पक्ष में एक शुक्ल पक्ष में, पूरे साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं. जून माह में पड़ने वाले एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष के योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस साल ये व्रत 14 जून 2023 , बुधवार के दिन रखा जाएगा. ये व्रत हर साल जून-जुलाई में रखा जाता है. योगिनी एकादशी का व्रत श्री हरि विष्णु के लिए रखा जाता है.इस दिन श्री नारायण भगवान की पूजा अर्चना की जाती है. इस व्रत को रखने से सभी पापों का नाश होता है, दुख दर्द दूर होते हैं. शुभ मुहूर्त (Panchang 14 june 2023) एकादशी तिथि प्रारंभ 13 जून सुबह 09:28 मिनट एकादशी तिथि समाप्त 14 जून सुबह 08: 28 मिनट योगिनी एकादशी का व्रत 14 जून, 2023, बुधवार के दिन रखा जाएगा. योगिनी ए कादशी पारण मुहूर्त 15 जून , गुरुवार सुबह 05:22 से 08:10 योगिनी एकादशी का व्रत रखने से जातक के सभी कष्टों का अंत होता और बीमारियों से मुक्ति मिलती है. अगर आप निरोग और स्वास्थ्य रहना चाहते है तो योगिनी एकादशी के व्रत को जरुर रखें. ऐसा माना जाता हि कि इस व्रत को रखने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही योगिनी एकादशी व्रत को रखने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है. इस दिन क्या करें (Ekadashi Par Kya Karen) • योगिनी एकादशी के दिन श्री हरि के भजन करें और नाम का जाप करें. • इस दिन भजन- कीर्तन करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. • इस दिन व्रत रखने और साधना करने से सभी समस्याओं का अंत होता है. • इस दिन केवल जलीय आहार ग्रहण करें. • इस दिन अपने गुस्से पर कंट्रोल रखें. • जितना ज्यादा संभव हो विष्णु जी के साथ शिव जी की भी उपासना करें. Discl...

एकादशी व्रत कब और क्यों करते हैं, एकादशी व्रत लिस्ट 2023

एकादशी व्रत क्या है, एकादशी कब है, एकादशी व्रत क्यों करते हैं, एकादशी व्रत रखने के फायदे, एकादशी का महत्व, एकदशी व्रत नियम, साल में कितनी एकादशी होती हैं, एकादशी व्रत लिस्ट 2023, ekadashi vrat list 2023, Saal me kitni ekadashi hoti hai, Ekadashi kya hai, Ekadashi vrat kya hai, हिन्दू धर्मशास्त्रों में शरीर और मन को संतुलित करने के लिए व्रत और उपवास के नियम बनाये गए हैं. तमाम व्रत और उपवासों में सर्वाधिक महत्व एकादशी (Ekadashi Vrat 2023) का है, एकादशी महीने में दो बार आती है। हर पन्द्रह दिन में एक बार यानी पूर्णिमा और अमावस्या के ग्यारवें दिन एकादशी होती है। • • • • • • • एकादशी क्या है Ekadashi kya hai हिंदू पंचांग की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं। एकादशी संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘ग्यारह’। हर महीने में एकादशी दो बार आती है, एक शुक्ल पक्ष के बाद और दूसरी कृष्ण पक्ष के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते हैं। प्रत्येक पक्ष की एकादशी का अपना अलग महत्व है। एकादशी व्रत क्या है Ekadashi vrat kya hai हिंदू धर्म में एकादशी या ग्यारस एक महत्वपूर्ण तिथि है। एकादशी व्रत की बड़ी महिमा है। एक ही दशा में रहते हुए अपने आराध्य देव का पूजन एवं वंदन करने की प्रेरणा देने वाला व्रत एकादशी व्रत कहलाता है। पद्म पुराण के अनुसार स्वयं महादेव ने नारद जी को उपदेश देते हुए कहा था, एकादशी महान पुण्य देने वाली होती है। कहा जाता है कि जो मनुष्य एकादशी का व्रत रखता है उसके पितृ और पूर्वज कुयोनि को त्याग स्वर्ग लोक चले जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार एकादशी (ekadashi vrat) के दिन एक ऐसा क...

Yogini Ekadashi 2023: आज है योगिनी एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत का महत्व

डीएनए हिंदीः प्रत्येक माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि (Yogini Ekadashi 2023) का विशेष धार्मिक महत्व होता है. एकादशी तिथि का व्रत (Ekadashi Vrat 2023) पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है. जून महीने में पंचांग के आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि (Yogini Ekadashi 2023) आने वाली है. आषाढ़ माह कृष्ण पक्ष एकादशी योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2023) के रूप में मनाई जाती है. योगिनी एकादशी व्रत करने से समस्त पापों का अंत होता है. तो चलिए योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2023) व्रत की तिथि, पूजा विधि और महत्व के बारे में बताते हैं. योगिनी एकादशी व्रत 2023 (Yogini Ekadashi 2023 Date) आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि की शुरुआत 13 जून को सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर होगी जिसका समापन अगले दिन 14 जून को सुबह 8 बजकर 48 मिनट पर होगा. पंचांग में तिथि के लिएसूर्य उदय तिथि को महत्व दिया जाता है. ऐसे में एकादशी व्रत 14 जून को रखा जाएगा. एकादशी व्रत करने से कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति को लाभ होता है. यह व्रत करने से उसके रोग जल्द ही ठीक हो जाते हैं. एकादशी व्रत से सुखों की प्राप्ति होती है और श्रीहरि की कृपा मिलती है. योगिनी एकादशी के दिन लाल रंग के आसन के चारों कोनो पर एकमुखी दीपक जला दें. इसके बाद आसन पर बैठकर संकटमोचन हनुमान अष्टक का पाठ करें. यह उपाय करने से जल्द ही नौकरी के योग बनते हैं. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में

Yogini Ekadashi 2023 Kab Hai Gajkesaru Shobhan Yoga Lord Vishnu Puja Muhurat Vidhi Signficance

Yogini Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी को सबसे श्रेष्ठ व्रत माना जाता है. अभी आषाढ़ माह चल रहा है. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की योगिनी एकादशी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन श्रीहरि के निमित्त व्रत, पूजन, दान करने से समस्त पापों का नाश होता है. इस साल योगिनी एकादशी 14 जून 2023 बुधवार को है. मान्यता है कि योगिनी एकादशी व्रती को उनके सभी प्रकार के अपयश और चर्म रोगों से मुक्ति दिलाकर जीवन सफल बनाने में सहायक होती है. इस बार योगिनी पर बहुत खास योग बन रहा है जो दोगुना फल प्रदान करेगा. योगिनी एकादशी 2023 मुहूर्त (Yogini Ekadashi 2023 Muhurat) आषाढ़ कृष्ण योगिनी एकादशी तिथि शुरू - 13 जून 2023, सुबह 09:28 आषाढ़ कृष्ण योगिनी एकादशी तिथि समाप्त - 14 जून 2023, सुबह 08: 28 • योगिनी एकादशी पारण मुहूर्त - सुबह 05:22 - सुबह 08:10 (15 जून 2023) योगिनी एकादशी 2023 शुभ योग (Yogini Ekadashi 2023 shubh yoga) योगिनी एकादशी पर चंद्रमा मेष राशि में होगा, वहीं गुरु भी मेष राशि में विराजमान है. ऐसे में इस दिन गुरु और चंद्रमा की युति गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है. वहीं इस दिन सुबह शोभन योग भी रहेगा. शोभन योग- 13 जून 2023, सुबह 05.55 - 14 जून 2023, सुबह 04.18 गजकेसरी योग - ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु और चंद्रमा जब किसी राशि में साथ बैठे होते हैं तो गजकेसरी योग बनता है, जिसे बहुत शुभ फलदायी माना गया है. इसके बारे में कहा जाता है कि गज यानि हाथ और केसरी का अर्थ यहां स्वर्ण से हैं. यानि ताकत और धन से जुड़ा योग है. इसका लाभ उठाने के लिए योगिनी एकादशी पर पीली वस्तुओं का दान करें और विष्णु-शिव जी की पूजा करें. योगिनी एकादशी के उपाय (Yogini Ekadashi Upay) • योगिनी एकादशी पर व्रत रखकर दोनों सुबह-श...

Yogini ekadashi time aaj ka panchang 14 june 2023 wednesday rahukal yog nakshtra

Aaj ka Panchang 14 June 2023: आज 14 जून को दिन बुधवार और आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है, जिसे 'योगिनी एकादशी' कहा जाता है. यह एकादशी आज सुबह 8 बजकर 50 मिनट तक रहेगी. इसके बाद द्वादशी तिथि लग जाएगी. तिथि: एकादशी/द्वादशी वार: बुधवार पक्ष: कृष्ण करण: बालव नक्षत्र: अश्विनी योग: अतिगंड ये भी पढ़ें- दुष्ट मुहूर्त- 11:53 से12:45 तक रहेगा. कुलिक- 11:45 से 1:09 तक रहेगा. कंटक- 5:29 से 6:24 तक रहेगा. यमघण्ट- 8:10 से 9:10 तक रहेगा. राहुकाल- 12:21 से 2:06 तक रहेगा. यमगंड- 7:08 से 8:54 तक रहेगा. गुलिक काल- 10:35 से 12:21 तक रहेगा. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.) WATCH LIVE TV

Nirjala Ekadashi June 2022 When Is Bhimseni Ekadashi Know The Story Of Date Time And Fast

Bhimseni Ekadashi 2022, Nirjala Ekadashi 2022 : शास्त्रों में एकादशी का व्रत सभी सभी व्रतों में श्रेष्ठ और उत्तम फल प्रदान करने वाला बताया गया है. एकादशी व्रत का वर्णन महाभारत की कथा में भी मिलता है. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं धर्मराज युधिष्ठिर और अर्जुन को एकादशी व्रत के बारे में बताया था. इस एकादशी का संबंध भीमसेन से भी है. इसी कारण इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है. भीमसेनी एकादशी कब है? आइए जानते हैं- एकादशी व्रत की पौराणिक कथा (Nirjala Ekadashi Vrat Story) इस एकादशी की कथा भीमसेन से भी जुड़ी हुई है. कथा के अनुसार महाभारत काल के समय एक बार भीम ने महर्षि वेद व्यास जी से पूछा कि बिना एकादशी व्रत रखे, एकादशी व्रत का पुण्य कैसे प्राप्त किया जा सकता है? महर्षि वेद व्यास ने भीम का तब निर्जला एकादशी व्रत रखने की सलाह दी. व्यास जी ने इस व्रत की विधि भीम को बताई और कहा कि इस व्रत के दौरान अन्न और जल का पूरी तरह से त्याग किया जाता है. इसके साथ ही एकादशी का व्रत पारण द्वादशी की तिथि में नियम पूवर्क करना चाहिए. ऐसा करने से सभी एकादशी व्रतों का फल प्राप्त होता है. व्यास जी के कहने पर भीम ने निर्जला एकादशी का व्रत विधि पूर्व पूर्ण किया और सभी प्रकार के पापों से मुक्त हो गए. भीमसेनी एकादशी/ निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त (Bhimseni Ekadashi 2022, Nirjala Ekadashi 2022 Date) • निर्जला एकादशी 2022 तिथि और व्रत आरंभ- 10 जून सुबह 07:25 मिनट से शुरू. • एकादशी तिथि समापन- 11 जून, शाम 05:45 मिनट समापन होगा. Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी...