एनिमल नेम

  1. Animals Names In Hindi And English
  2. नेम, प्लेस, एनिमल, थिग! लेट्स स्टार्ट विद नेम...(कल्याणी निवास)
  3. नेम ,प्लेस, एनिमल, थिंग


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Animals Names In Hindi And English

Animals Names In Hindi And English: घर में जानवरो को पालने के पीछे सबके अपने-अपने कारण होते हैं। कुछ को जानवरों से बहुत लगाव होता है तो कुछ उनसे अपना अकेलापन शेयर करते हैं और कुछ शोक के लिए जानवरो को पालते है। जानवर इस पृथ्वी का अहम हिस्सा है। जानवरो के बिना इस धरती की कल्पना करना भी संभव नहीं है। जानवर इंसान के साथ एक अच्छे साथी के रूप में उभरे हैं। जानवरो की वफादारी ने इंसानों को इनका सबसे पसंदीदा साथी बना दिया है। आज भी कई घरों में पालतू जानवर के रूप में कुत्ते, बिल्ली, खरगोश, चूहे, तोते, गाय, भैंस आदि को रखा जाता है। जानवर हमारे जीवन के लिए बेहद उपयोगी हैं। मनुष्य के अस्तित्व के लिए इनकी उपस्थिति बहुत जरुरी है। आज के इस लेख में हम आपको जानवरों के नाम हिंदी और इंग्लिश में बताने जा रहे है। इसलिए इस लेख के अंत तक बने रहे। तो आइये आज का यह लेख जानवरों के नाम इंग्लिश में (Animals Name In English) शुरू करते है जानते है जानवरों के नाम हिंदी और इंग्लिश (Animals Names In Hindi And English) – पालतू जानवरों के नाम हिंदी और इंग्लिश में (Domestic Animals Name In Hindi And English) घर में पाले जा सकने वाले जानवर पालतू जानवर कहलाते है। यानी ऐसे जानवर जिन्हे घर में रखा और पाला जा सकता है, पालतू जानवर कहलाते है। पालतू जानवरों के नाम नीचे दिए गए हैं – • गाय – Cow (काऊ) • भैंस -Buffalo (बफैलो) • बैल – Ox (आक्स) • सांड़ Bull (बुल) • चूहा – Mouse (माउस) • चूहे जैसा जानवर – Hamster (हम्सटर) • बिल्ली – Cat (कैट) • कुत्ता – Dog (डॉग) • कुतिया – Bitch (बिच) • कुत्ते का बच्चा – Puppy (पप्पी) • खरगोश – Rabbit (रैबिट) • घोड़ा – Horse (हॉर्स) • घोड़ी – Mare (मेयर) • बकरा- He-goat (ही-गोट) • बकरी –...

नेम, प्लेस, एनिमल, थिग! लेट्स स्टार्ट विद नेम...(कल्याणी निवास)

हम भी अगर बच्चे होते -२ नाम हमारा होता गबलू बबलू खाने को मिलते लड्डू और दुनिया कहती happy birthday to you happy birthday to you कोई लाता गुड़िया, मोटर, रेल तो कोई लाता फिरकी, लट्टू कोई चाबी का टट्टू और दुनिया कहती happy birthday to you happy birthday to you हाहाहा,कितना मजा आता है ना बड़ों को प्यार से बच्चों के नाम कुछ भी रख देते हैं और जब बच्चे बड़े होते हैं तो नाम से कम इंसान के व्यवहार से उसकी पहचान हो जाती हैं, नाम के अनुरूप तो इंसान बहुत कम मिलतें हैं| "ज्योति, कहाँ जा रहीं हैं? बहुत जल्दी में हैं क्या हुआ? " कोमल आंटी ने पूछा| अपनी आदत अनुसार ज्योति को रोकने टोकने की आदत उनकी पुरानी है और कोमलता का तो उनसे दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं है| ताने मार कर जब तक सामने वाले को रूला ना दे मजाल है चैन से बैठ जाए| "कुछ नहीं आंटी बस मम्मी का बीपी थोड़ा लो हो गया है और घर में दवाई खत्म हो गई है वहीं लेने जा रहीं हूँ|", ज्योति ने जल्दी से स्कूटी स्टार्ट करते हुए कहा और चले गयीं दवाई लेने| " क्या सुधा, क्या हो गया जो बीपी कम हो गया तेरा? और ये मानव तो घर में हैं फिर लड़की को दवाई लेने क्यों भेज दिया? और तू क्या लड़कियों की तरह माँ के पैर दबा रहा है बस यही काम बचा है तेरे करने के लिए|", घर के अंदर घुसते ही कोमल आंटी ने अपने ताने बरसाने शुरू कर दिये| मम्मी ने इशारे से मानव को पानी लाने के लिए कहा और धीरे से सीधे हो कर बैठ गयीं| "कुछ नहीं दीदी वो कल व्रत था ना तो कुछ खाने में नमक की कमी की वजह से हो गया शायद| मानव थोड़ा सुस्त है तो घर के काम कर देता है इसे बाहर निकलने में आलस आता है और ज्योति तो दौड़ भाग के काम कर देती हैं इसलिए वो ही चले गयीं', मम्मी ने कोमल आंटी को शांत करने की कोशिश ...

नेम ,प्लेस, एनिमल, थिंग

1. 2. सुधा दवाई लेकर सो गयीं| दो घंटे बाद उठीं तो देखा शाम के छ: बज रहें थे| अम्मा बाबूजी के आने में अभी दो घंटे बाकी थें| "माँ तबियत कैसी है? चाय पिओगी, बना दूं? ", बेटा मानव ने पूछा| "हाँ अभी ठीक हूँ| तू जरा बाजार से कुछ सब्जी ले आ, चाय मैं खुद बना लेती हूँ|", सुधा ने कहा और चाय बनाने लगीं| सुधा ने खाना बना कर तैयार कर दिया और ज्योति ने मानव के साथ मिलकर दादी का कमरा साफ कर के सही से तैयार कर दिया| अभय ऑफिस से सीधे स्टेशन जाकर माता पिता को लेकर घर आये| "दादी आप तो और सुंदर हो कर आ गयी हो मथुरा से, सारे पेड़े खुद खा लिये या हमारे लिए भी कुछ बचा कर लाई हो|", ज्योति ने दादी को छेड़ते हुए कहा| दादी शर्माते हुए बोलीं, " अरे अब हमारे लिए काहे की सुंदरता, अब तो तुम्हारे दिन है खुद को सुंदर दिखाने के| बांकेबिहारी से अच्छा सा वर मांग कर आई हूँ तेरे लिए|", दादी ने भी ज्योति के अंदाज में कहा| खाने की मेज पर बैठे हुए सब लोग हंसने लगे| आजकल सुधा सुबह उठ कर योगा और व्यायाम करने लगीं थीं| दादी सब देखते रहतीं लेकिन कुछ नहीं बोलतीं थीं| कुछ दिनों से वो देख रहीं थीं कि सुबह सुबह सुधा के ऑफिस निकलने से पहले एक गाय दरवाजे पर आ जाती थी और सुधा उसे रोटी देकर जातीं थीं| कल्याणी देवी को गाय के साथ साथ अपनी बहू सुधा पर भी ममता आने लगीं थीं लेकिन वो कभी इस बात को जाहिर नहीं करतीं थीं| बीस साल से अम्मा के अधिकार तले जीते जीते सुधा ने भी कुछ महसूस करना बंद कर दिया था| " क्या अम्मा आज खाना तुम क्यों बना रहीं हो? ", कोमल आंटी ने एक दिन अम्मा को रसोई में देखकर तुरंत आ कर पूछताछ शुरू कर दी| " क्यों मैं खाना नहीं बना सकतीं क्या? तुम्हें पता है मेरे हाथ के खाने की चर्चा सब रिस्तेदारो में होतीं थीं इतना अ...