एपीजे अब्दुल कलाम फोटो

  1. देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ हुई वायरल
  2. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की मौत से दुनिया शोक में डूबी
  3. Dr APJ Abdul Kalam Death Anniversary see photo know impressive thoughts plrh
  4. कलाम से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम बनने का सफर, नन्हे कलाम ने पंक्षी से कैसे सीखा उड़ान का सबक
  5. APJ Abdul Kalam Inspirational Quotes: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर उनके ये अनमोल विचार WhatsApp Stickers और HD Wallpapers के जरिए भेजकर करें 'मिसाइल मैन' को याद
  6. Birth anniversary of apj abdul kalam: एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती
  7. Not Just Missile Man Here Are Five Scientific Contributions Of APJ Abdul Kalam On His 89th Birth Anniversary Know About
  8. देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ हुई वायरल
  9. कलाम से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम बनने का सफर, नन्हे कलाम ने पंक्षी से कैसे सीखा उड़ान का सबक
  10. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की मौत से दुनिया शोक में डूबी


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देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ हुई वायरल

Conclusion सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों का बारीकी से अध्ययन करने पर, हमने पाया कि अब्दुल कलाम और रामनाथ कोविंद की तस्वीरों की जो तुलना की जा रही है वो सही नहीं है। डॉ कलाम की जिस तस्वीर को शेयर किया जा रहा है, वह उस दौरान की है जब वे देश के राष्ट्रपति नहीं थे। डॉ कलाम ने भी राष्ट्रपति रहते समय स्पेशल ट्रेन में सफर किया था। Our Sources Result: Misleading किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल , संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: [email protected]

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की मौत से दुनिया शोक में डूबी

• Click to share on Twitter (Opens in new window) • Click to share on Facebook (Opens in new window) • Click to share on WhatsApp (Opens in new window) • ‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता के राष्ट्रपति’ के रूप में लोकप्रिय पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का सोमवार शाम भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) में एक व्याख्यान के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वो इस साल 15 अक्तूबर को 84 साल के हो जाते। उनके निधन की खबर से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। सरकार ने एक बयान में कहा कि दिवंगत हस्ती के सम्मान में देशभर में 27 जुलाई से दो अगस्त तक (दोनों दिन शामिल) राजकीय शोक रहेगा। (फोटो: प्रशांत नाडकर) • • Click to share on Twitter (Opens in new window) • Click to share on Facebook (Opens in new window) • Click to share on WhatsApp (Opens in new window) • डॉक्टर कलाम 15 अक्तूबर को 84 साल के होने वाले थे। देश के सर्वाधिक लोकप्रिय राष्ट्रपति माने जाने वाले कलाम ने 18 जुलाई 2002 को देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला। राष्ट्रपति पद पर दूसरे कार्यकाल के लिए उनके नाम पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी। वह राजनीतिक गलियारों से बाहर के राष्ट्रपति थे। (फोटो: रमेश नायर) • • Click to share on Twitter (Opens in new window) • Click to share on Facebook (Opens in new window) • Click to share on WhatsApp (Opens in new window) • एवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम बेहद साधारण पृष्ठभूमि से ऊपर उठकर, अटल बिहारी वाजपेयी की राजग सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रपति पद तक पहुंचे। वाम दलों को छोड़कर सभी दलों में राष्ट्रपति पद पर उनकी ...

Dr APJ Abdul Kalam Death Anniversary see photo know impressive thoughts plrh

Dr APJ Abdul Kalam: आज देश के महान विचारक और 11वें राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि है. पूरा देश आज भी उनके विचारों से विचारों से प्रेरित होता है. हर युवा उनके संघर्ष भरे जीवन और सफलता से प्रेरणा लेता है. ऐसे में यहां जानें उनके कुछ विचारों के बारे में. https://zeenews.india.com/hindi/zeephh/trending-news/photo-gallery-dr-apj-abdul-kalam-death-anniversary-see-photo-know-impressive-thoughts-plrh/1276331

कलाम से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम बनने का सफर, नन्हे कलाम ने पंक्षी से कैसे सीखा उड़ान का सबक

कलाम को पक्षियों से बेहद लगाव था. पक्षी खुले आकाश में ऊँची उड़ान कैसे भर लेते थे, उन्हें उनका यही गुण विशेष रूप से प्रिय था. वे अकसर सोचा करते कि केवल पंख फड़फड़ाने से ही पक्षी आकाश में ऐसी उड़ान कैसे भर लेते हैं? उन्हें यह भी जानना था कि आसमान में जाने के बाद पक्षी पंख फड़फड़ाए बिना भी उड़ान कैसे भर पाते हैं? अब वे दस साल के थे. वे अपनी कक्षा में थे और उस दिन पक्षियों के बारे में बताया जा रहा था. जब शिक्षक पक्षी के अंगों की जानकारी देने लगे तो कलाम से पूछे बिना न रहा गया, ‘पक्षी कैसे उड़ते हैं?’ उनके विज्ञान के टीचर शिव सुब्रह्मण्यम ने प्रशंसा भरी निगाहों से उन्हें देखा. वे ब्लैकबोर्ड पर पक्षी का चित्र बना चुके थे. वे बोले, ‘चलो, आज पहले तुम्हें पक्षी की उड़ान के बारे में बताते हैं.’ उन्होंने बहुत सावधानी से बताया कि किस तरह पंख, पूँछ, शरीर और सिर पक्षी को ऊपर-नीचे आने-जाने और उड़ान भरने में मदद करते हैं. साथ ही यह भी बताया कि वे एक साथ मिलकर क्यों उड़ते हैं. नन्हे कलाम सहित सारे बच्चों को जानकारी रोचक लगी; परंतु वे इसे समझ नहीं पा रहे थे. शिक्षक का पीरियड समाप्त हुआ तो उन्होंने पूछा, ‘क्या तुम लोग उड़ान के बारे में समझ गए?’ अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. अभी सब्सक्राइब करें बच्चे एक-दूसरे का मुँह ताकने लगे. कलाम ने हाथ खड़ा किया और बेहिचक अपने शिक्षक को बता दिया कि वे इस बारे में समझ नहीं पा रहे थे. शिक्षक ने कहा, ‘कोई बात नहीं, मैं कल आकर इस बारे में फिर से ...

APJ Abdul Kalam Inspirational Quotes: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर उनके ये अनमोल विचार WhatsApp Stickers और HD Wallpapers के जरिए भेजकर करें 'मिसाइल मैन' को याद

APJ Abdul Kalam Inspirational Quotes: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर उनके ये अनमोल विचार WhatsApp Stickers और HD Wallpapers के जरिए भेजकर करें 'मिसाइल मैन' को याद ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) है. उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931, रामेश्वरम, में हुआ था. उनकी मृत्यु 27 जुलाई, 2015 में शिलांग में हुई थी. वो भारतीय वैज्ञानिक और राजनीतिज्ञ थे. जिन्होंने भारत के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रमों के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई. वह 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे.. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) है. उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931, रामेश्वरम, में हुआ था. उनकी मृत्यु 27 जुलाई, 2015 में शिलांग में हुई थी. वो भारतीय वैज्ञानिक और राजनीतिज्ञ थे. जिन्होंने भारत के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रमों के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई. वह 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे. कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और 1958 में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए. 1969 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में चले गए, जहां वे SLV-III के परियोजना निदेशक थे, जो पहला उपग्रह प्रक्षेपण यान था, जिसे भारत में डिजाइन और निर्मित दोनों किया गया था. 1982 में वे डीआरडीओ में फिर से शामिल हुए. कलाम ने कई सफल मिसाइलों का निर्माण करने वाले कार्यक्रम की योजना बनाई, जिससे उन्हें "मिसाइल मैन" के नाम से भी जाना जाता है. उनकी सफलताओं में अग्नि, भारत की पहली मध्यवर्ती दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल ...

Birth anniversary of apj abdul kalam: एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती

पायलट बनना चाहते थे कलाम.. लेकिन बन गए 'मिसाइल मैन' वो कहावत है न कि अगर आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हैं तो पहले जलना सीखना होगा. ऐसे विचार उसी शख्सियत के हो सकते हैं, जिसने संघर्षों को पछाड़कर अपनी नई राह बनाई हो. आज 'मिसाइल मैन' एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मदिन है. आइए आपको इस रिपोर्ट के जरिए उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक किस्सों से रूबरू करवाते हैं.. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम.. जिनका एक अनोखा सिद्धांत था कि सपने वो नहीं जो हम नींद में देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने ही नहीं देते. मिसाइल मैन के नाम से मशहूर अब्दुल कलाम साहब के इन विचारों से शायद ही कोई अछूता होगा. मन से शांत स्वभाव वाले एपीजे अब्दुल कलाम को दुनिया ने मिसाइल मैन की उपाधि दे दी. लेकिन उन्हें ये उपाधि आखिर कैसे मिली इसके पीछे का किस्सा बेहद रोचक है. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के 40 वर्षों के वैज्ञानिक जीवन में उन्होंने जो कमाल किया जिसके बाद उनके कार्य और बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास में योगदान को देखते हुए उन्हें मिसाइल मैन की उपाधि दे दी गई. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम् (तमिलनाडु) एक छोटे से गांव धनुषकोढ़ी में जन्मे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम था. अपने परिवार के सबड़े लाड़ले अब्दुल कलाम को मुश्किलों ने हमेशा जकड़े रहा. छोटी-बड़ी मुश्किलों से हमेशा जूझने वाले परिवार के इस सदस्य (एपीजे अब्दुल कलाम) को बचपन से ही अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होने लगा था. घर में बिजली नहीं होने के चलते वो ढिबरी की रोशनी में पढ़ाई करते थे. जीवन सादा जीवन उच्च विचार से प्रेरित एपीजे अब्दुल कलाम ने हिन्दुस्तान के आन-बान-शान में चार चांद लगाया. उनके जीवन की संघर...

Not Just Missile Man Here Are Five Scientific Contributions Of APJ Abdul Kalam On His 89th Birth Anniversary Know About

ये हैं एपीजे अब्दुल कलाम के 5 वैज्ञानिक योगदान, इसलिए कहलाए जाते हैं मिसाइलमैन मिसाइलमैन और भारत के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की आज जयंती है. अब्दुल कलाम की उपलब्धियों के बारे में हर कोई वाकिफ हैं. कलाम ने न केवल मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में अपना योगदान दिया, बल्कि उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में काफी योगदान दिया है. नई दिल्ली: मिसाइलमैन और भारत के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की आज जयंती है. अब्दुल कलाम की उपलब्धियों के बारे में हर कोई वाकिफ हैं. कलाम ने न केवल मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में अपना योगदान दिया, बल्कि उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में काफी योगदान दिया है. आइए उनकी 89वीं जयंती पर जानते हैं उनके पांच साइंटिफिक योगदान के बारे में. यह भी पढ़ें • केरल उच्च 'न्यायालय' ने केटीयू सिंडिकेट प्रस्ताव को निलंबित करने के राज्यपाल के आदेश को किया खारिज • UPCET Counselling 2022: यूपीसीईटी राउंड 1 काउंसलिंग रिजल्ट घोषित, डायरेक्ट लिंक से देखें • World Students Day 2022: विश्व छात्र दिवस का इतिहास, क्वोट और अमेजिंग फैक्ट जो बदल सकते हैं आपके जीवन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने राष्ट्रपति बनने से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में देश के विकास में योगदान दिया है. एक एयरोस्पेस वैज्ञानिक के रूप में, कलाम ने भारत के दो प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान संगठनों - रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ काम किया. हालांकि, स्वदेशी निर्देशित मिसाइलों- AGNI और PRITHVI के विकास और संचालन में उनके काम ने उन्हें ''भारत के मिसाइल मैन '' की उपाधि से नवाज़ा था. इसी के साथ ऐसे कई तरीके हैं, जिनसे कलाम ने साइंस एंड टेक्नोलॉजी में भारत की मदद की. 1. भारत के पहले सैटेलाइट लॉ...

देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ हुई वायरल

Conclusion सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों का बारीकी से अध्ययन करने पर, हमने पाया कि अब्दुल कलाम और रामनाथ कोविंद की तस्वीरों की जो तुलना की जा रही है वो सही नहीं है। डॉ कलाम की जिस तस्वीर को शेयर किया जा रहा है, वह उस दौरान की है जब वे देश के राष्ट्रपति नहीं थे। डॉ कलाम ने भी राष्ट्रपति रहते समय स्पेशल ट्रेन में सफर किया था। Our Sources Result: Misleading किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल , संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: [email protected]

कलाम से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम बनने का सफर, नन्हे कलाम ने पंक्षी से कैसे सीखा उड़ान का सबक

कलाम को पक्षियों से बेहद लगाव था. पक्षी खुले आकाश में ऊँची उड़ान कैसे भर लेते थे, उन्हें उनका यही गुण विशेष रूप से प्रिय था. वे अकसर सोचा करते कि केवल पंख फड़फड़ाने से ही पक्षी आकाश में ऐसी उड़ान कैसे भर लेते हैं? उन्हें यह भी जानना था कि आसमान में जाने के बाद पक्षी पंख फड़फड़ाए बिना भी उड़ान कैसे भर पाते हैं? अब वे दस साल के थे. वे अपनी कक्षा में थे और उस दिन पक्षियों के बारे में बताया जा रहा था. जब शिक्षक पक्षी के अंगों की जानकारी देने लगे तो कलाम से पूछे बिना न रहा गया, ‘पक्षी कैसे उड़ते हैं?’ उनके विज्ञान के टीचर शिव सुब्रह्मण्यम ने प्रशंसा भरी निगाहों से उन्हें देखा. वे ब्लैकबोर्ड पर पक्षी का चित्र बना चुके थे. वे बोले, ‘चलो, आज पहले तुम्हें पक्षी की उड़ान के बारे में बताते हैं.’ उन्होंने बहुत सावधानी से बताया कि किस तरह पंख, पूँछ, शरीर और सिर पक्षी को ऊपर-नीचे आने-जाने और उड़ान भरने में मदद करते हैं. साथ ही यह भी बताया कि वे एक साथ मिलकर क्यों उड़ते हैं. नन्हे कलाम सहित सारे बच्चों को जानकारी रोचक लगी; परंतु वे इसे समझ नहीं पा रहे थे. शिक्षक का पीरियड समाप्त हुआ तो उन्होंने पूछा, ‘क्या तुम लोग उड़ान के बारे में समझ गए?’ अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. अभी सब्सक्राइब करें बच्चे एक-दूसरे का मुँह ताकने लगे. कलाम ने हाथ खड़ा किया और बेहिचक अपने शिक्षक को बता दिया कि वे इस बारे में समझ नहीं पा रहे थे. शिक्षक ने कहा, ‘कोई बात नहीं, मैं कल आकर इस बारे में फिर से ...

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की मौत से दुनिया शोक में डूबी

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