गायत्री मंत्र

  1. गायत्री मंत्र। गायत्री मंत्र जाप की विधि, लाभ एवं महत्व
  2. Gayatri Mantra in Hindi Lyrics, Meaning
  3. गायत्री मंत्र हिंदी अर्थ सहित
  4. हर देवी
  5. गायत्री मन्त्र
  6. गायत्री मंत्र


Download: गायत्री मंत्र
Size: 10.29 MB

गायत्री मंत्र। गायत्री मंत्र जाप की विधि, लाभ एवं महत्व

गायत्री मंत्र हिंदू संस्कृति में सबसे लोकप्रिय मंत्रों में से एक है। यह सबसे पहले वेद यानी ऋग्वेद में दर्ज किया गया था। लगभग 2500 से 3500 साल पहले यह मंत्र संस्कृत में लिखा गया था। ऐसा माना जाता है कि इसे महान ऋषि विश्वामित्र ने लिखा था। गायत्री मंत्र में चौबीस अक्षर हैं, जो आठ अक्षरों के त्रिक के अंदर व्यवस्थित हैं। गायत्री मंत्र का जाप करने से न केवल जप करने वाले भक्त बल्कि श्रोता भी शुद्ध होते हैं। गायत्री मंत्र में रीढ़ की 24 कशेरुकाओं के अनुरूप 24 अक्षर होते हैं। जिस तरह रीढ़ की हड्डी हमारे शरीर को सहारा और स्थिरता प्रदान करती है। इसी प्रकार गायत्री मंत्र हमारी बुद्धि में स्थिरता लाता है। गायत्री मंत्र के प्रभावों को हम अच्छी तरह समझते हैं। गायत्री मंत्र चेतना की तीनों अवस्थाओं को प्रभावित करता है, जागृत (जागना), सुषुप्त (गहरी नींद) और स्वप्न (सपना)। यह अस्तित्व की तीन परतों आध्यात्मिक (आध्यात्मिक), आदि दैविक (अलौकिक) और अधिभूतिका (आध्यात्मिक) को प्रभावित करने के लिए भी जाना जाता है। गायत्री मंत्र को वैदिक और उत्तर-वैदिक ग्रंथों में व्यापक रूप से उद्धृत किया गया है, जैसे कि श्रौत लिटुरजी की मंत्र सूची, और शास्त्रीय हिंदू ग्रंथ जैसे भगवद गीता, हरिवंश और मनुस्मृति। मंत्र और उससे जुड़े मात्रिक (मीट्रिक) रूप बुद्ध को ज्ञात थे। हिंदू धर्म में यह मंत्र युवा पुरुषों के उपनयन संस्कार समारोह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गायत्री मंत्र देवता गायत्री मंत्र को सामान्य रूप में गायत्री के नाम से जाना जाता है। उन्हें सावित्री और वेदमाता (वेदों की माता) के रूप में भी जाना जाता है। गायत्री को अक्सर वेदों में सौर देवता सावित्री के साथ जोड़ा जाता है। स्कंद पुराण जैसे कई ग्रंथों के अनुसार,...

Gayatri Mantra in Hindi Lyrics, Meaning

WhatsApp Telegram Facebook Twitter LinkedIn Gayatri Mantra is one of the most important and powerful Vedic Mantras. It is an important part of the upanayana ceremony for young males in Hinduism and is also recited in their daily rituals. The Gayatri Mantra comprises twenty-four syllables organized inside a triplet of eight syllables. Get Gayatri Mantra Hindi lyrics here, understand its meaning, benefits, and chant it with utmost devotion. गायत्री मंत्र को सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली वैदिक मंत्रों में से एक माना जाता है। यह हिंदू धर्म में पुरुषों के लिए उपनयन समारोह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और उनके दैनिक अनुष्ठानों में भी इसका पाठ किया जाता है। गायत्री मंत्र में आठ शब्दांशों के एक समूह के अंदर चौबीस शब्दांश शामिल हैं। इस मंत्र का प्रारंभिक श्लोक “ओम भुर भुव स्वाहा” बहुत प्रसिद्ध है || Gayatri Mantra in Hindi lyrics & Meaning – गायत्री मंत्र ॐ भूर् भुवः स्वः | तत् सवितुर्वरेण्यं | भर्गो देवस्य धीमहि | धियो यो नः प्रचोदयात् || Gayatri Mantra Meaning in Hindi स्वामी विवेकानंद ने गायत्री मंथराम की व्याख्या इस प्रकार की: “हम इस बात पर गौर करते हैं कि इस ब्रह्मांड का निर्माण किसने किया है; वह हमारे मन को आत्मसात कर सकती है।” सत्य साईं बाबा ने गायत्री मंत्र के बारे में बताया: गायत्री वेदों में वर्णित एक सार्वभौमिक प्रार्थना है। यह इमैनटेंट एंड ट्रांसेंडेंट डिवाइन को संबोधित किया गया है जिसे ‘सविता’, ‘अर्थ’ नाम दिया गया है जिससे यह सब पैदा हुआ है। ‘ गायत्री को तीन भाग माना जा सकता है – (i) आराधना (ii) ध्यान (iii) प्रार्थना। पहले, दिव्य की प्रशंसा की जाती है, फिर श्रद्धा में उसक...

गायत्री मंत्र हिंदी अर्थ सहित

|| गायत्री मंत्र हिंदी अर्थ सहित | Gayatri mantra meaning in Hindi | Gayatri mantra kaise hota hai | गायत्री मंत्र क्या है? | Gayatri mantra kya hai | गायत्री मंत्र कैसे बना है? | Gayatri mantra kaise bana | गायत्री मंत्र का श्लोक | Gayatri mantra ka arth kya hai || Gayatri mantra meaning in Hindi :- हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र की अत्यधिक महत्ता है और इसे हर मंत्र में प्रथम मंत्र भी माना जाता है। कहते हैं कि गायत्री मंत्र को भगवत गीता के 18 अध्यायों में प्रत्येक प्रथम श्लोक के प्रथम शब्द से बनाया (Gayatri mantra kya hota hai) गया है। इस कारण गायत्री मंत्र की महत्ता अत्यधिक बढ़ जाती है जो हिंदू धर्म में इसे सबसे ऊपर स्थान देती है। आपने भी स्कूल में प्रतिदिन या भगवान की स्तुति करते समय गायत्री मंत्रका उच्चारण किया होगा और यह आपको एकदम रटा हुआ भी होगा। इसी से आप गायत्री मंत्र की महत्ता का अनुमान लगा सकते हैं। अब दिक्कत यह होती है कि लोगों को गायत्री मंत्र रटा हुआ तो होता है और उन्हें यह अच्छे से याद भी होता है और उन्होंने कितनी ही बार इस गायत्री मंत्र को बोला होता है किंतु उन्हें इसका सही अर्थ नहीं पता होता (Gayatri mantra kaise hota hai) है। तो यदि आपको भी गायत्री मंत्र का अर्थ नहीं पता है और आप उसका अर्थ जानने को ही यहाँ आये है तो हम आपको निराश ना करते हुए इस लेख के माध्यम से गायत्री मंत्र के बारे में संपूर्ण जानकारी और वो भी उसके अर्थ सहित देने वाले हैं। 1.10 प्रश्न: गायत्री मंत्र के देवता कौन है? गायत्री मंत्र क्या है? (Gayatri mantra kya hai) सबसे पहले बात करते है गायत्री मंत्र के बारे में और यह है क्या चीज़ इसके बारे में। तो हिंदू धर्म में हर चीज़ को या हर ज्ञान को मंत...

हर देवी

Success in politics astrology : ऐसे भी कई लोग हैं जो सेना या पुलिस में नौकरी करना चाहते हैं। कई लोग हैं जो शासन-प्रशासन में काम करना चाहते हैं। हालांकि बहुत से लोग राजनीति में अपना भविष्य चमकाना चाहते हैं परंतु वे सफल नहीं हो पाते हैं। यदि आप भी राजनीति में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं तो आपने मन में सवाल होगा कि ऐसा क्या करूं कि इस क्षेत्र में सफलता मिले तो जानिए कि कौन से वार को व्रत रखने से यह मनोकामना होगी पूर्ण।

गायत्री मन्त्र

गायत्री महामंत्र ( सावित्री भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के उच्चारण और इसे समझने से ईश्वर की प्राप्ति होती है। इसे 'गायत्री' एक तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गोदेवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्। (ऋग्वेद ३,६२,१०) गायत्री ध्यानम् मुक्ता-विद्रुम-हेम-नील धवलच्छायैर्मुखस्त्रीक्षणै- र्युक्तामिन्दु-निबद्ध-रत्नमुकुटां तत्त्वार्थवर्णात्मिकाम्‌। गायत्रीं वरदा-ऽभयः-ड्कुश-कशाः शुभ्रं कपालं गुण। शंख, चक्रमथारविन्दुयुगलं हस्तैर्वहन्तीं भजे॥ ॐ भूर् भुवः स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ हिन्दी में भावार्थ उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे। मन्त्र जप के लाभ गायत्री मन्त्र का नियमित रुप से सात बार जप करने से व्यक्ति के आसपास नकारात्मक शक्तियाँ बिलकुल नहीं आती। जप से कई प्रकार के लाभ होते हैं, व्यक्ति का तेज बढ़ता है और मानसिक चिन्ताओं से मुक्ति मिलती है। गायत्री मन्त्र में चौबीस अक्षर होते हैं, यह 24 अक्षर चौबीस शक्तियों-सिद्धियों के प्रतीक हैं। इसी कारण ऋषियों ने गायत्री मन्त्र को सभी प्रकार की मनोकामना को पूर्ण करने वाला बताया है। परिचय [ ] यह मन्त्र सर्वप्रथम ऋग्वेद में उद्धृत हुआ है। इसके ऋषि विश्वामित्र हैं और देवता सविता हैं। वैसे तो यह मन्त्र विश्वामित्र के इस सूक्त के 18 मन्त्रों में केवल एक है, किन्तु अर्थ की दृष्टि से इसकी महिमा का अनुभव आरम्भ में ही ऋषियों ने कर लिया था और सम्पूर्ण ऋग्वेद के 10 सहस्र मन्त्रों में इस मन्त्र के अर्थ की गम्भीर व्यंजना सबसे अधिक की गई। इस मन्त्र में 24 अक्षर हैं। उनम...

गायत्री मंत्र

Read in English गायत्री मंत्र को हिन्दू धर्म में सबसे उत्तम मंत्र माना जाता है। ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ इस मंत्र का हिंदी में मतलब है - हे प्रभु, कृपा करके हमारी बुद्धि को उजाला प्रदान कीजिये और हमें धर्म का सही रास्ता दिखाईये। यह मंत्र सूर्य देवता के लिये प्रार्थना रूप से भी माना जाता है। हे प्रभु! आप हमारे जीवन के दाता हैं आप हमारे दुख़ और दर्द का निवारण करने वाले हैं आप हमें सुख़ और शांति प्रदान करने वाले हैं हे संसार के विधाता हमें शक्ति दो कि हम आपकी उज्जवल शक्ति प्राप्त कर सकें क्रिपा करके हमारी बुद्धि को सही रास्ता दिखायें मंत्र के प्रत्येक शब्द की हिंदी व्याख्या: गायत्री मंत्र के पहले नौं शब्द प्रभु के गुणों की व्याख्या करते हैं ॐ = प्रणव भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला स्वः = सुख़ प्रदाण करने वाला तत = वह सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल वरेण्यं = सबसे उत्तम भर्गो = कर्मों का उद्धार करने वाला देवस्य = प्रभु धीमहि = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान) धियो = बुद्धि, यो = जो, नः = हमारी, प्रचोदयात् = हमें शक्ति दें