Gathiya disease in english

  1. Why Gout (Gathiya) disease known as Disease of Kings? What causes Gout(Gathiya) in Women?
  2. Gathiya Arthritis Ayurvedic Herbal Treatment, Joint Pain Swelling
  3. गठिया
  4. गठिया के प्रकार, कारण, लक्षण और उपचार
  5. गठिया का नहीं है कोई इलाज, आयुर्वेदिक जड़ी
  6. गठिया के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज


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Why Gout (Gathiya) disease known as Disease of Kings? What causes Gout(Gathiya) in Women?

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Gathiya Arthritis Ayurvedic Herbal Treatment, Joint Pain Swelling

Ayurvedic Herbal Treatment for Arthritis Gathiya is Hindi name for arthritis. It is just not one disorder it presents itself in over 100 different forms and there can be more which are still unknown. Technically speaking Gathiya or arthritis is a disorder which affects joints and makes them stiff, painful, weak and immobile. Body’s basic frame is made up of bones. The place where two bones meet is called a joint. These joint allow body to move, perform activities and make postures. Without joints body can be a stiff frame of bones which cannot walk or perform any activity. The bones forming the joints need to be apart slightly but not too far, ligaments are made up of strong tissues which keep bones forming the joint at right place neither too close nor too far. Muscles are attached to bones which relax and contract to move the joint. The point of connection of bones is covered with a capsules which is full of synovial fluid, the ends of bones have a cover of tissue called cartilages which allow bones to swivel over each other smoothly and painlessly, synovial fluid nourish cartilages, keep them protected and also maintain ends of bones healthy and strong. Arthritis affects joint mechanism in many ways and makes it stiff, painful, inflamed and later immobile. Some of its types even cause joint deformity. Gathiya Ayurvedic treatment comprise of Ayurvedic remedies which are time-tested to handle effects of all forms of arthritis. Ayurvedic treatment for arthritis enhance joi...

गठिया

Definitions and Meaning of गठिया in Hindi गठिया NOUN • वह बोरा या दोहरा थैला जिसमें व्यापारी अन्न आदि भरकर घोड़े या बैल की पीठ पर लादते हैं । खुरजी । • पोटली । छोटी गठरी ३. कोरे कपड़े के थानों की बँधी हुई बड़ी गठरी । • एक रोग जिसमें जाड़ों में विशेषकर घुटनों में सूजन और पीड़ होती है । विशेष—जिस अंग में यह रोग होता है वह अंग फैल नहीं सकता और जकड़ जाता है । इसमें कभी कभी ज्वर और सन्निपात भी हो जाता है जिससे रोग शीघ्र मर जाता है । वैद्यक में वायुविकार इसका कारण माना जाता है । उपदेश, सूजाक आदि के कारण भी एक प्रकार की गठिया हो जाती है । • पौधों या वृक्षों का एक रोग जिसमें ड़ालियों का बढ़ना बंद हो जाता है । विशेष—इसमें पत्तियाँ सिकुड़कर ऐंठ जाती हैं । नई पत्तियाँ धनी और परस्पर लिपटी हुई निकलती हैं । यद्यपि यह रोग आम आदि बड़े पेड़ों में भी होता है पर फसली पौधों में बहुत देखा जाता हैं । उरद, मूँग तथा कुम्हड़ा, कड़डी़, करैला आदि तरकारियों में यह रोग प्रायः लग जाता है । Description What is गठिया meaning in English? The word or phrase गठिया refers to . See Tags for the entry "गठिया" What is गठिया meaning in English, गठिया translation in English, गठिया definition, pronunciations and examples of गठिया in English. गठिया का हिन्दी मीनिंग, गठिया का हिन्दी अर्थ, गठिया का हिन्दी अनुवाद, gathiyaa का हिन्दी मीनिंग, gathiyaa का हिन्दी अर्थ.

गठिया के प्रकार, कारण, लक्षण और उपचार

विषय सूचि • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • उपक्षेप – Introduction रफ्तार भारी ज़िन्दगी में ब्रेक लगाने वाली बीमारी को गठिया कहते हैं। यानी जोड़ों का दर्द जो बढ़ती उम्र के साथ शरीर पर हावी होने लगता है। अक्सर लोग इस बीमारी का सही से पता नहीं लगा पाते और नीम हकीम खतरे जान का सहारा लेते है। जिससे रोगी जाने अंजाने कुछ ऐसी दवाईयों का सेवन करते हैं जैसे चूर्ण दर्द निवारण गोलियां इत्यादि। वक्त के साथ ये रोग घातक रूप ले सकता है। इसलिए सबसे पहले इस बीमारी से निपटने के लिए जागरूकता की ज़रूरत है। आइए जानते है आखिर गठिया रोग है क्या? गठिया क्या है – What is Arthritis in Hindi? गठिया बुजुर्गों में होने वाली बीमारी है जो दिन प दिन बढ़ती ही जा रही है। एक अंतरराष्ट्रीय सर्वे के मुताबिक भारत की कुल आबादी में कम से कम 18 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। इस बीमारी का सबसे प्रचलित रूप “ऑस्टियो आर्थराइटिस” है। जो भारत में हर साल 1.5 करोड़ लोगों को प्रभावित करता है। बदलती लाइफ स्टाइल में ये बीमारी युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है। इस रोग की शुरुआत विटामिन डी की कमी के कारण होती है, जिसमें मरीज़ के जोड़ों में दर्द की शिकायत होती हैं। मेटाबॉलिज्म विकृति से होता है। इसमें ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। ये मात्रा व्यक्ति के सोते समय या देर तक एक ही आसन में बैठने से यूरिक एसिड जोड़ों में जम जाते हैं, जो तकलीफ देते हैं, और धीरे धीरे ये शरीर में गठिया का रूप ले लेते हैं। लापरवाही के कारण कभी कभी घुटना, कूल्हा इंप्लांट करने की भी जरूरत पड़ सकती है। इसलिए जोड़ों के दर्द को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। किसी भी तरह की जोड़ों में तकलीफ होने पर ...

गठिया का नहीं है कोई इलाज, आयुर्वेदिक जड़ी

गठिया का नहीं है कोई इलाज, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से इसकी परेशानी को कर सकते हैं कंट्रोल गठिया का कोई इलाज नहीं है। एक्सपर्ट की मानें, तो खान-पान के जरिए गठिया की समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ ऐसे जड़ी-बूटी हैं, जिससे आप गठिया में होने वाली परेशानी को कम कर (Arthritis Ayurveda Treatment) सकते हैं। Written by |Published : August 11, 2020 9:40 AM IST • • • • • Arthritis Ayurveda Treatment : लोगों को गठिया की समस्या आजकल सबसे अधिक हो रही है। अर्थराइटिस, जोड़ों में दर्द की एक खतरनाक समस्या है, जिसमें व्यक्ति को चलने फिरने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इस स्थिति में घुटनों में सूजन आ जाती है। कई लोगों को गठिया के कारण घुटनों, कोहनी, उंगलियों, कूल्हों और जबड़ों में दर्द होने लगता है। पहले के समय में बुजुर्ग लोगों को गठिया की समस्या अधिक होती थी, लेकिन अब कम उम्र के लोगों को भी गठिया की परेशानी होने लगती है। सबसे दुर्भाग्य की बात यह है कि इस खतरनाक बीमारी का कोई इलाज नहीं है। एक्सपर्ट की मानें, तो खान-पान के जरिए गठिया की समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ ऐसे जड़ी-बूटी हैं, जिससे आप गठिया में होने वाली परेशानी को कम कर (Arthritis Ayurveda Treatment) सकते हैं। अश्वगंधा शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को अश्वगंधा नियंत्रित करने में हमारी मदद करता है। अश्वगंधा शरीर से मल को बाहर निकालता है, इसके साथ ही इससे श्वसन भी नियंत्रित होता है। अश्वगंधा के इन्हीं गुणों के कारण चिकित्सक, रोजाना 3 से 6 ग्राम अश्वगंधा खाने की सलाह देते हैं। रोजाना अश्वगंधा का सेवन करने से पूरे शरीर जैसे जोड़ों, तंत्रिकाओं, लिगामेंट्स और मांसपेशियों पर पॉजिटिव (Arthritis Ayurveda Tr...

गठिया के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज

आर्थराइटिस, जोड़ों की अधिक आर्थराइटिस ज्यादातर वयस्कों द्वारा अनुभव किया जाता है जो 65 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, हालांकि, ऐसी भी संभावनाएं हैं कि युवा वयस्कों, बच्चों और किशोरों को भी ऐसा ही अनुभव हो सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को आर्थराइटिस का अनुभव जल्दी होता है। आजकल काम के दबाव और गतिविधियों में अंतर को देखते हुए कम उम्र की महिलाओं को भी आर्थराइटिस की समस्या हो रही है। इस तथ्य के बावजूद कि आर्थराइटिस के प्रकार मौजूद हैं, लक्षणों में जोड़ों में जकड़न, सूजन, गर्मी, दर्द और लालिमा होने की सबसे अधिक संभावना है। किसी व्यक्ति को आर्थराइटिस है या नहीं, यह समझने के लिए लगातार इस बात की संभावना है कि व्यक्ति में रेड ब्लड सेल्स की संख्या कम हो, जिससे वह एनीमिक हो जाए। यदि इसका ठीक से इलाज नहीं किया जाता है, तो व्यक्ति जॉइंट्स(जोड़ों) की डेफोर्मिटी के पीड़ित हो सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए, जो सबसे आम रूपों में से एक है, इसका कारण जोड़ों में कार्टिलेज एक मजबूत लेकिन लचीला कनेक्टिव टिश्यू है जो जोड़ में मौजूद होता है और यह हर बार दबाव पड़ने पर दबाव बनाकर और झटका देकर उसकी रक्षा करता है। यदि कार्टिलेज टिश्यू की सामान्य मात्रा मौजूद नहीं है या कम हो गई है, तो व्यक्ति में किसी भी प्रकार के आर्थराइटिस होने की संभावना अधिक होती है। यहां तक कि कुछ सामान्य स्थिति होने पर(चोट) भी ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण बन सकते हैं। यह परिवार के सदस्यों के समान चिकित्सा इतिहास के कारण भी हो सकता है। आर्थराइटिस का एक अन्य सामान्य रूप रुमेटीइड आर्थराइटिस है जिसे ज्यादातर एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के रूप में माना जाता है। यदि शरीर का इम्मयून सिस्टम, शरीर में मौजूद टिश्यू पर हमला करता है, तो व्यक्त...