- गले में इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ के लकà¥à¤·à¤£à¥¤
- गले में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण ,बचाव और घरेलू उपचार
- गले में इन्फेक्शन होने पर तुरंत करें ये देसी उपाय
- home remedies of sore throat pain viral bacterial infection
- चेसà¥à¤Ÿ इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ में कà¥à¤¯à¤¾ à¤
- जाने गले में इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ के कारण, लकà¥à¤·à¤£ और उपाय।
- छोटे व बड़े बच्चों (टॉडलर) के गले में खराश होना
- गले मे इंफेक्शन के कारण,लक्षण और इलाज
- गले में टॉन्सिल के कारण, लक्षण, प्रकार तथा उपचार
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गले में इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ के लकà¥à¤·à¤£à¥¤
गले में इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ होना à¤à¤• आम समसà¥à¤¯à¤¾ होती हैं जिसे की (throat infection) à¤à¥€ कहा जाता हैं यह बीमारी बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤² इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ या फिर वायरल इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ के कारण हो सकती है। गले में कई तरह की समसà¥à¤¯à¤¾ हो सकती हैं जब शरीर में कफ और वात दूषित हो जाते हैं तब गले में इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ होने के लकà¥à¤·à¤£ कà¥à¤¯à¤¾ नज़र आते हैं? इस इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ के लकà¥à¤·à¤£ सà¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ में अलग अलग नज़र आते हैं किसी को अधिक गंà¤à¥€à¤° तो किसी को सामानà¥à¤¯ इसलिठइसके लकà¥à¤·à¤£ जलà¥à¤¦à¥€ से समठमें नहीं आ पाते परनà¥à¤¤à¥ डॉकà¥à¤Ÿà¤° के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° जब गले में इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ होती हैं तो लकà¥à¤·à¤£ कà¥à¤› इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° नज़र आते हैं – • अचानक से बà¥à¤–ार आ जाना। • गले में दरà¥à¤¦ तथा सूजन आना। • टॉनà¥à¤¸à¤¿...
गले में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण ,बचाव और घरेलू उपचार
Table of Contents • • • • • • • • • गले में इंफेक्शन (संक्रमण) क्या है? गले में इंफेक्शन (संक्रमण) को थ्रोट इंफेक्शन के नाम से भी जाना जाता है। यह बैक्टीरिया या वायरस के कारण होता है। गले में इन्फेक्शन होना एक गंभीर समस्या है जो सबसे अधिक छोटे बच्चों और उन लोगों में देखी जाती है जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। बार बार गले में इन्फेक्शन होना गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है, इसलिए इस स्थिति में जल्द से जल्द विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। गले में इन्फेक्शन (संक्रमण) के लक्षण: गले में इंफेक्शन होने पर आप खुद में अनेक लक्षण अनुभव कर सकते हैं। गले में इन्फेक्शन के लक्षण में मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:- • गले में दर्द और खराश • खानपान की चीजों को निगलने में दर्द और कठिनाई • टॉन्सिल में दर्द और सूजन • आवाज कर्कश होना • कुछ मामलों में बुखार और खांसी • गले का सूखना • जबड़े और गर्दन में दर्द • • जबान और मुंह में लाल दाने • बुखार आना • गले और टॉन्सिल में सफ़ेद परत जमना • टॉन्सिल का आकार बढ़ना • ठंड लगना • भूख कम होना • खांसी आना और गले का लाल होना गले में इन्फेक्शन के लक्षण और उपाय के तौर पर डॉक्टर आपको अनेक उपचार का सुझाव दे सकते हैं। अगर आप खुद में ऊपर दिए गए श्वास नली में इन्फेक्शन के लक्षण को अनुभव करते हैं तो डॉक्टर से इस बारे में बात करें। गले में इंफेक्शन (संक्रमण) के कारण गले में इन्फेक्शन होने के कारण आपको अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गले में इंफेक्शन कई कारणों से होता है। कई बार यह अपने आप ही दूर हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में इसका उचित उपचार किया जाता है। गले में इन्फेक्शन के कारण को ध्यान में रखकर इस समस्या के खतरे को कम या दूर किया जा सकता है। गले में ...
गले में इन्फेक्शन होने पर तुरंत करें ये देसी उपाय
गले में दर्द :मौसम में आए बदलाव, सर्द-गर्म व गलत खान-पान की वजह से गले मेंइन्फेक्शन (Gale me Infection) होना आम सी बात है। कई बार गले की इन्फेक्शन का कारण (Throat Infection Reasons )एलर्जी व धूम्रपान भी हो सकते हैं। यह इन्फेक्शन गले में दर्द (Gale me Dard)चुंभन-सूजन, खराश, कर्कश भरी आवाज, हल्की खांसी के साथ दर्द व खाने की परेशानी भी दे सकती है। संक्रमण होने पर गले में खराश (gale me kharash) की परेशानी सबसे पहले होती है जो बाद में आवाज का भारीपन व दर्द आदि की समस्या पैदा करती है। गले में इन्फेक्शनके लक्षण (Throat Infection Symptoms ) हमारे गले के दोनों तरफ टॉन्सिल्स होते हैं जो कीटाणुओं, बैक्टीरिया व वायरस से गले को बचाते हैं लेकिन जब ये टॉन्सिल्स खुद संक्रमित हो जाते हैं तो ऐसी दिक्कतें आनी शुरू हो जाती हैं जिसे टॉन्सिलाइटिस कहते हैं। वैसे तो एंटीबायोटिक व सहीं देखभाल से संक्रमण ठीक हो जाता है लेकिन सही देखभाल ना होने पर यह समस्या बढ़कर गंभीर रूप भी ले सकती है। दवा के उपचार के साथ अगर आप कुछ परहेज करेंगे तो गले की इन्फेक्शन में राहत(Sore Throat Relief) जल्दी मिलेगी। वहीं, अगर आप मौसम के अनुसार अपना खान-पान सहीं रखेंगे तो इन्फेक्शन से बचा भी जा सकता है और अगर इंफैक्शन के शिकार हो गए हैं तो सहीं टिप्स अपनाकर इससे राहत भी पाई जा सकती है। गला खराबहोने पर अपनाएं नुस्खें (Home Remedies for Throat Infection ) गले की खराश और आवाज का भारीपन, गर्म पानी के गरारे खराश की परेशानी होते ही तुरंत गरारे करें। एक गिल्स गर्म पानी में 2 चुटकी नमक डालें और इस पानी से रोजाना दिन में 3 से 4 बार गरारे करें। खराश की समस्या ठीक होगी और इन्फेक्शन भी यहीं खत्म हो जाएगा। विटामिन सी विटामिन सी इम्युन स...
home remedies of sore throat pain viral bacterial infection
बदलते मौसम के साथ कई लोग वायरल, बैक्टीरियल इन्फेक्शंस की चपेट में आ रहे हैं। वहीं प्रदूषण की वजह से भी सांस के मरीजों में दिक्कत दिख रही है। ज्यादातर इन्फेक्शंस की शुरुआत गले से हो रही है। यह संक्रमण कभी-कभी इतना खतरनाक हो जाता है कि पानी तक निगलने में दिक्कत होती है। वहीं जिन लोगों की लेरिंक्स या गले की नली सेंसिटिव है उनको इससे लंबे समय तक सूखी खांसी की दिक्कत भी सता सकती है। ऐसे में कुछ घरेलू उपचार हैं जो आपके काम आ सकते हैं। वायरस पर नहीं काम करती दवा सबसे पहले तो यह जान लें ज्यादातर गले का संक्रमण या सर्दी-जुकाम बदलते मौसम में वायरस की वजह से होता है। वहीं बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी आपके गले में दर्द और टॉन्सिल्स फूलने की वजह बन सकता है। वायरल इन्फेक्शन में कोई दवा काम नहीं करती। यह इसके लक्षण करीब 10 दिन में अपने आप ही चले जाते हैं। वहीं बैक्टीरियल इन्फेक्शन को ट्रीट करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं। इम्यूनिटी के लिए खुश रहना जरूरी हमें वायरल इन्फेक्शन है या बैक्टीरियल इसका पता नहीं चल सकता। इसलिए बेहतर है कुछ घरेलू उपचार करके सावधानियां बरती जाएं। सबसे पहले तो मौसम बदलते ही अपनी इम्यूनिटी पर ज्यादा ध्यान देना शुरू करें। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी नहीं है कि आप ढेर सारे मल्टीविटामिन्स और जड़ी-बूटियां खाना शुरू कर दें। प्रतिरक्षा तंत्र ठीक से काम करे इसके लिए खुश रहना और ऐक्टिव रहना भी जरूरी है। इसके अलावा जरूरी है कि जब आपको संक्रमण का पहला लक्षण दिखे तब ही कुछ उपाय शुरू कर दें। ज्यादा से ज्यादा करें रेस्ट जब आपको अपने गले में चुभन महसूस होनी शुरू हो तो गरम पानी से गरारा करें और भाप लें। वहीं अगर आपके पास Povidone गार्गल जैसे बीटाडीन हो तो उससे गरारा कर लें।...
चेसà¥à¤Ÿ इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ में कà¥à¤¯à¤¾ à¤
चेसà¥à¤Ÿ में संकà¥à¤°à¤®à¤£ यानि इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ खतरनाक होता हैं यह इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ होने से फेफड़ो पर à¤à¥€ असर पड़ता हैं। चेसà¥à¤Ÿ इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ होने का मà¥à¤–à¥à¤¯ कारण बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤¾, वायरस और फंगी हो सकता हैं। चेसà¥à¤Ÿ इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ में सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दिकà¥à¤•à¤¤ सांस लेने में होती हैं तथा अधिक खासी और गले में दरà¥à¤¦ à¤à¥€ होता हैं। यह किसी संकà¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के संपरà¥à¤• में आने से à¤à¥€ हो जाता हैं। चेसà¥à¤Ÿ इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का सांस से संबंधित संकà¥à¤°à¤®à¤£ है जिसका पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ शà¥à¤µà¤¸à¤¨ मारà¥à¤— के निचले हिसà¥à¤¸à¥‡ पर पड़ता है।शà¥à¤µà¤¸à¤¨ मारà¥à¤— के निचले हिसà¥à¤¸à¥‡ में शà¥à¤µà¤¾à¤¸ नली, बà¥à¤°à¥‹à¤‚काई और फेफड़े आते हैं। दो मà¥à¤–à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के चेसà¥à¤Ÿ इंफेकà¥à¤¶à¤¨ होते हैं जिनमें नि...
जाने गले में इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ के कारण, लकà¥à¤·à¤£ और उपाय।
गले का इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ कà¥à¤¯à¤¾ है। गले का संकà¥à¤°à¤®à¤£ à¤à¤• जीवाणॠरोग है जो गले में सूजन का कारण बनता है। इसके कारण किसी à¤à¥€ खादà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥ को निगलने में à¤à¥€ कठिनाई होती है। गले के संकà¥à¤°à¤®à¤£ की गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ से दूसरे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ में à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ हो सकती है। गले में संकà¥à¤°à¤®à¤£ होने पर कà¥à¤› लोग गले में दरà¥à¤¦ और बà¥à¤–ार à¤à¥€ महसूस करते हैं। कà¤à¥€-कà¤à¥€ मौसम में बदलाव के कारण à¤à¥€ गले में संकà¥à¤°à¤®à¤£ होता है। ठंडा पानी, किसी à¤à¥€ à¤à¤²à¤°à¥à¤œà¥€ और सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤ªà¥à¤Ÿà¥‹à¤•à¥‹à¤•à¤¸ पाइोजेनेस बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के कारण à¤à¥€ संकà¥à¤°à¤®à¤£ हो सकता है। गले के इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ के कारण। • पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण • घर में धूल • धूआं • सरà¥à¤¦à¥€ • ठंडा खाना खाà¤à¤‚ या पिà¤à¤‚ • पाचन खराब होना • किसी बीमार वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के...
छोटे व बड़े बच्चों (टॉडलर) के गले में खराश होना
वैसे तो गले में खराश होना एक आम समस्या है पर यह छोटे बच्चों, टॉडलर और पेरेंट्स के लिए इरिटेटिंग हो जाती है। यह समस्या होने पर बच्चा बहुत रोता है, चिड़चिड़ा हो जाता है, उसे थकान होती है और वह ठीक से न खा पाता है व न ही बोल पाता है और यहाँ तक कि उसे सांस लेने में भी दिक्कत होती है। यद्यपि गले में खराश कोई भी नहीं चाहता है पर यह बहुत ज्यादा गंभीर समस्या नहीं है। बच्चों में होने के इसके कारण और ट्रीटमेंट जानने के लिए यह आर्टिकल पूरा पढ़ें। गले में खराश होना क्या है? गले में खराश होना एक आम समस्या हैं जो लोगों के साथ-साथ छोटे बच्चों को भी प्रभावित करता है। इसमें म्यूकस की परत बन जाती है जिसमें सूजन होती है और इससे गले में बेचैनी होती है। जिन बच्चों के गले में खराश होती है उन्हें अक्सर खांसी आती है, वे चिड़चिड़ाते हैं और इसकी वजह से उनका मूड भी खराब रहता है। बच्चों की ज्यादातर बीमारियों में अक्सर बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन होता है जो गले में म्यूकस की परत और ऊपर के रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है। दांत निकलते समय, थ्रश जिंजोवोस्टोमेटाइटिस (जिंजिवाइटिस और स्टोमेटाइटिस का कॉम्बिनेशन) या हाथ, पैर और मुंह के रोगों से अक्सर बच्चों के गले में खराश होती है। यदि बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन की वजह से गले में खराश हुई है तो यह गंभीर होगी। इसकी गंभीरता इन्फेक्टेड म्यूकस के साथ एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। म्यूकस, नेजल डिस्चार्ज और सलाइवा में वायरस या बैक्टीरिया होते हैं जिससे गले में खराश हो सकती है। बच्चों को किस करने, उन्हें उठाने या उसकी नाक पोंछने और हाथ न धोने से यह समस्या गंभीर रूप से फैल सकती है। यदि बड़ा बच्चा छोटे बच्चे के साथ रहता है तो इससे भी इन्फेक्शन होन...
गले मे इंफेक्शन के कारण,लक्षण और इलाज
गले मे इंफेक्शन के कारण,लक्षण और इलाज: जब भी किसी व्यक्ति को बुखार टाइफाइड या फिर अन्य बीमारी होती है ऐसे में उन्हें गले में इंफेक्शन जैसी समस्या होती है वैसे गले में इन्फेक्शन होना एक आम बीमारी है इसका इलाज भी आसान है और यह बीमारी आपको कुछ ही दिनों के भीतर ठीक हो जाती है मौसम बदलने के तुरंत बाद हमारे गलत खानपान की वजह से गले में इंफेक्शन हो जाता है हालांकि इसका इलाज भी तुरंत करना बेहद जरूरी है क्योंकि यह समस्या आपकी जीवनशैली पर काफी गहरा प्रभाव डालती है आप ठीक से खा नहीं पाते या फिर आप बेचैन होने लगते हैं इसके अलावा गले में इन्फेक्शन होने से कई तरह के गंभीर और साधारण लक्षण देखने को मिलते हैं आज हम आपको इस आर्टिकल में गले में इन्फेक्शन के लक्षण कारण और इस बीमारी को जड़ से ठीक करने के रामबाण इलाज के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी बताएंगे • गले में इन्फेक्शन होना एक आम बीमारी है या संक्रमण या फिर बैक्टीरिया से होने वाले एक सामान्य बीमारी है • यह बीमारी आमतौर पर छोटे उम्र के लोगों को ज्यादा होती है गले में इंफेक्शन होने पर गले में छाले पड़ जाते हैं • खराश आती है, खांसी सर्दी जुखाम जैसी समस्या होती है • गलत खानपान और गंदे पानी या फिर दूषित खानपान का सेवन करने से गले का इन्फेक्शन होता है • कई बार गले में इंफेक्शन होने पर व्यक्ति ठीक से निवाला भी नहीं खा सकता हे गले में इंफेक्शन होने पर कई बार पानी पीने में भी दिक्कत होती है • इसके अलावा गले में जलन होना, गले में दर्द होना, ऐसी कई तरह के लक्षण गले के इन्फेक्शन में देखने को मिलते हैं • हालांकि इसका इलाज बेहद जरूरी है क्योंकि गले में इन्फेक्शन होने से आपके रोजाना जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है जानिए गले में इन्फेक्शन के लक्षण | Gale Me...
गले में टॉन्सिल के कारण, लक्षण, प्रकार तथा उपचार
टॉन्सिल हमारे शरीर में जीभ के दोनों तरफ गले में मौजूद होते है। यह हमारे मुंह के अंदर गले के दोनों तरफ होते हैं टॉन्सिल्स बाहरी इन्फेक्शन से शरीर की हिफाजत करते हैं। ये बाहर से आने वाली किसी भी रोगाणु को हमारे शरीर में जाने से रोकते हैं। टॉन्सिल बच्चों तथा जवानो सभी में होते है, परंतु चार से 10 साल की उम्र तक के बच्चों में ये टांसिल बहुत जल्द ही इंफेक्शन ग्रसित हो जाते है। टॉन्सिल में होने वाले इन्फेक्शन को टॉन्सिलाइटिस कहते हैं। इसके दो प्रकार होते है – बैक्टीरियल इन्फेक्शन तथा वायरल इन्फेक्शन यह बीमारी मुख्यतः मार्च और सितंबर अक्टूबर के महीनो में ज्यादा होती है जब मौसम में बदलाव होता है | टोंसिलाइटिस होने पर गले में दर्द तथा बुखार होता है। गले की जांच करने पर अक्सर टांसिलों में सूजन पाई जाती है। कारण:- धूल-मिट्टी व मक्खियों द्वारा प्रदूषित भोजन तथा खट्टी-मीठी चीजें खाने से बच्चों के टॉन्सिल सूज जाते हैं, जिसके कारण जीवाणुओं का संक्रमण होने से टॉन्सिल में पूय बनने लगती है। काली खांसी के कारण भी टॉन्सिल सूज जाते हैं। अधिक ठण्डी चीजें खाने-पीने से तथा तेल-मिर्च की वस्तुएं खाने के कारण भी गले में सूजन हो जाती है। रोगी बच्चे के जूठे बर्तनों में खाने-पीने से स्वस्थ बच्चे को भी टॉन्सिल का संक्रमण हो जाता हैं। कई बार रोग बहुत ज्यादा बढ़ जाता है कभी-कभी बच्चों के दोनों टॉन्सिल सूज जाते हैं खाना खाने में भी वह लाचार महसूस करता है। ऐसे हालात में इसका तुरन्त इलाज करवाना चाहिए। यदि इन्फेक्शन शरीर के दूसरे भाग में चला जाये, तो अनेक प्रकार के रोगों के फैलने का खतरा रहता है। अगर हमारे टॉन्सिल मजबूत होंगे तो वे बाहरी रोगाणुओं को शरीर में आने से रोकेंगे और अपने आप को भी बीमारी या इन्फेक्शन ...