ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव

  1. ग्लोबल वार्मिंग क्या है, इसके मुख्य कारण, प्रभाव और बचने के तरीके
  2. Essay on causes and effect of global warming in hindi: ग्लोबल वार्मिंग के कारण और प्रभाव पर निबंध
  3. ग्लोबल वार्मिंग
  4. भूमंडलीय ऊष्मीकरण का प्रभाव
  5. Global Warming क्या है, Effects of Global Warming in Hindi
  6. ग्लोबल वार्मिंग का कृषि पर 10 प्रभाव
  7. ग्लोबल वार्मिंग क्या है ? , कारण व प्रभाव
  8. जलवायु के दृष्टकोण से कितनी खतरनाक है हाइड्रोजन, वैज्ञानिकों ने खोजा रहस्य


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ग्लोबल वार्मिंग क्या है, इसके मुख्य कारण, प्रभाव और बचने के तरीके

आज हम विश्व से जुड़े एक अहम विषय ग्लोबल वार्मिंग क्या है ? इसके कारण और इससे होने वाले प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे. भारत में ग्लोबल वार्मिंग को लेकर ज्यादा जागरूकता नही है | लोग न तो इस बारे में ज्यादा जानते है और ना ही इस से भविष्य में होने वाले खतरे को समझते है| लेकिन आज ग्लोबल वार्मिंग पुरे विश्व की एक बहुत बड़ी समस्या बन गया है जिसके बारे में लोगो को जानना चाहिए. तो आज का लेख इसी विषय के ऊपर है इस लेख में आपको इसकी सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी बस आप पूरी पोस्ट को शुरु से अंत तक पढ़ें और जानकारी हासिल करे. ग्लोबल वार्मिंग क्या है ? – What is Global Warming in Hindi आसान से शब्दों में समझे तो पृथ्वी के औसत तापमान में लगातार हो रही विश्व्यापी वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग कहते है | इसको हिंदी में भूमंडलीय ऊष्मीकरण कहते है. पिछली शताब्दी में, वैश्विक औसत तापमान में 1 डिग्री फ़ारेनहाइट (0.7 डिग्री सेल्सियस) से अधिक की वृद्धि हुई है. संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में, एजेंसियों ने स्वतंत्र रूप से ऐतिहासिक तापमान डेटा का विश्लेषण किया है और इस निष्कर्ष तक पहुंचे है कि 20वीं शताब्दी की शुरुआत से पृथ्वी की औसत सतह का तापमान लगभग 0.8 डिग्री सेल्सियस (1.4 डिग्री फ़ारेनहाइट) बढ़ गया है. मनुष्यों, प्राणियों और पौधों के जीवित रहने के लिए कम से कम 16 डिग्री सेल्शियस तापमान आवश्यक होता है| भारत में ग्लोबल वार्मिंग एक प्रचलित शब्द नहीं है और लोगो को इसके बारे में ज्यादा जानकारी है| लेकिन विज्ञान की दुनिया की बात करें तो ग्लोबल वार्मिंग को लेकर भविष्यवाणियाँ की जा रही हैं| इसको 21वीं शताब्दी का सबसे बड़ा खतरा बताया जा रहा है। यह खतरा तृतीय विश्वयुद्ध से भी बड़ा माना जा रहा है. ग्लोबल वार्मिंग मे...

Essay on causes and effect of global warming in hindi: ग्लोबल वार्मिंग के कारण और प्रभाव पर निबंध

By Jul 31, 2019 ग्लोबलवार्मिंगकेकारणऔरप्रभावपरनिबंध, essay on causes and effect of global warming in hindi (100 शब्द) ग्लोबलवार्मिंगनेविश्वस्तरपरलोगोंकेजीवनकोप्रभावितकियाहै।यहदुनियाभरमेंप्रत्यक्षऔरअप्रत्यक्षरूपसेकई खराबमानवीयगतिविधियाँग्लोबलवार्मिंगकेबढ़तेप्रभावोंकीप्राथमिकचालकहैं।जलवायुपरिवर्तनकेकईप्रभावजोस्पष्टरूपसेदेखेजातेहैं, वेहैंग्लेशियरपीछेहटना, मौसमीघटनाओंकेसमयमेंउतार-चढ़ाव, पहलेपौधोंकाफूलना, कृषिउत्पादकतामेंबदलाव, बढ़तीगर्मीआदि। ग्लोबलवार्मिंगकेकारणऔरप्रभावपरनिबंध, 150 शब्द: ग्लोबलवार्मिंगप्राचीनसमयकेएकदानवकीतरहहैजिसनेआधुनिकसमयमेंमजबूतहोनेकेबादजन्मलियाहै।यहदुनियाभरमेंगर्मीऔरतापमानकोधीरे-धीरेबढ़ाकरअपनेनकारात्मकप्रभावोंकोबढ़ारहाहै।ऊष्मातरंगोंकेरूपमेंऊष्मापर्यावरणकेउच्चसापेक्षआर्द्रताकेसाथसंयुक्तहोकरकईदिनोंतकबनीरहतीहै।यदिरातकातापमाननहींगिरताहैतोयहगर्मीएकहत्यारेकेरूपमेंकामकरसकतीहै।बढ़तेतापमानकोहमसभीनेमहसूसकरनाशुरूकरदियाहैऔरयह ग्लोबलवार्मिंगनियमितरूपसेप्राकृतिकआपदाओंकोवर्षमेंकईबारअधिकबारहोनेकाआह्वानकररहाहै।बढ़तीगर्मीऔरतापमाननियमितरूपसेमानवस्वास्थ्यऔरसुरक्षाकेलिएखतराहैक्योंकियह ग्लोबलवार्मिंगकेकारणऔरप्रभाव, 200 शब्द: यहअनुमानहैकियदिभविष्यमेंकिसीभीठहरावकेबिनाग्लोबलवार्मिंगकीप्रक्रियामेंवृद्धिहोगी, तोहरवर्षकरीब 2070 ग्लेशियरगायबहोरहेहैं। वर्तमानआंकड़ोंकेअनुसार, यहअनुमानलगायागयाहैकिनिरंतरपिघलनेवालेग्लेशियरोंकेकारणइससदीकेअंततकसमुद्रकास्तर 7 और 23 इंच (मतलब 18 से 59 सेंटीमीटर) तकबढ़सकताहै।ग्लोबलवार्मिंगकेपरिणामस्वरूपतूफानऔरबड़ीसमस्याहै।यहएकवास्तविकदानवकीतरहदिन-प्रतिदिनमजबूतहोताजारहाहै।पौधेअपनेपरागणशीलकीटोंकेसक्रियहोनेसेपहलेसमयसेफूलदेनाशुरूकरदेतेहैं।बाढ़, सूखा, घटतीवर्षा, आदि...

ग्लोबल वार्मिंग

• फेसबुक • ट्विटर • WhatsApp • Telegram • लिंक्डइन ग्रीनहाउस गैस उत्पादन के परिणामस्वरूप सूर्य की गर्मी पृथ्वी पर फंस जाती है। नतीजतन, ग्रह गर्म होता है। पूरे दिन जमा हुई सारी गर्मी के वाष्पित होने के परिणामस्वरूप, यह एक लाभकारी चीज होनी चाहिए क्योंकि यह पृथ्वी को जमने और बहुत अधिक ठंडी होने से रोकती है। लेकिन, हमें एक समस्या है। रिकॉर्ड किए गए इतिहास में किसी भी समय की तुलना में अधिक तेज़ी से, पृथ्वी अभी गर्म हो रही है! विषय - सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • भूमंडलीय तापक्रम में वृद्धि क्या है? पृथ्वी की सतह के करीब तापमान में धीमी वृद्धि की घटना को "ग्लोबल वार्मिंग" के रूप में जाना जाता है। पिछली एक या दो शताब्दी के दौरान, इस प्रवृत्ति पर ध्यान दिया गया है। ग्रह की सतह के तापमान में क्रमिक वृद्धि को "ग्लोबल वार्मिंग" के रूप में जाना जाता है। हालाँकि यह वार्मिंग प्रवृत्ति कुछ समय के लिए मौजूद रही है, लेकिन पिछली सदी में इसमें नाटकीय रूप से तेजी आई है। इस परिवर्तन से पृथ्वी का जलवायु पैटर्न बदल गया है। यद्यपि ग्लोबल वार्मिंग का विचार अभी भी बहस के लिए है, वैज्ञानिकों ने इस विचार का समर्थन करने के लिए सबूत प्रस्तुत किए हैं कि पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की उत्पत्ति और पर्यावरण संबंधी चिंताएँ औद्योगिक क्रांति के दौरान वार्षिक वैश्विक तापमान वृद्धि 1 डिग्री सेल्सियस या 2 डिग्री फ़ारेनहाइट से थोड़ा अधिक रही है। यह 0.07 के बीच प्रति 0.13 वर्षों में औसतन 10 डिग्री सेल्सियस (1880 डिग्री फ़ारेनहाइट) की वृद्धि हुई - जिस वर्ष सटीक रिकॉर्डकीपिंग शुरू हुई - और 1980। हालाँकि, विकास की दर 1981 क...

भूमंडलीय ऊष्मीकरण का प्रभाव

अनुक्रम • 1 समीक्षा • 2 शारीरिक प्रभाव डालता है • 2.1 प्रभाव मौसम पर • 2.1.1 चरम मौसम • 2.1.2 वाष्पीकरण बढ़ता • 2.1.3 अधिक अतिवादी मौसम के मूल्य • 2.1.4 स्थानीय मौसम की देस्ताबिलिज़शन • 2.2 ग्लेशियर पीछे हटना और गायब • 2.3 महासागरों • 2.3.1 समुद्र तल वृद्धि • 2.3.2 तापमान वृद्धि • 2.3.3 अम्लीकरण • 2.3.4 ठेर्मोहलिने परिसंचरण बंद होना • 3 आकस्मिक और अपरिवर्तनीय प्रभावों • 3.1 आकस्मिक प्रभाव • 3.2 अपरिवर्तनीय प्रभावों • 4 सकारात्मक प्रतिक्रिया प्रभाव • 4.1 Permafrost पीट का पिघल bogs से मीथेन जारी होता है • 4.2 हाइड्रेट्स से मीथेन जारी होता है • 4.3 कार्बन चक्र • 4.4 जंगल की आग • 4.5 पीछे हटना समुद्र की बर्फ • 5 नकारात्मक प्रतिक्रिया प्रभाव • 6 अन्य परिणाम • 6.1 आर्थिक और सामाजिक • 6.1.1 बीमा • 6.1.2 परिवहन • 6.1.3 प्रभाव कृषि पर • 6.1.4 बाढ़ बचाव • 6.1.5 प्रवास • 6.1.6 उत्तर पश्चिम मार्ग • 6.1.7 विकास • 6.2 पारिस्थितिकी प्रणालियों • 6.2.1 वन • 6.2.2 पहाड़ों • 6.2.3 पारिस्थितिक उत्पादकता • 6.3 पानी की कमी • 6.4 स्वास्थ्य • 6.4.1 तापमान वृद्धि का प्रत्यक्ष प्रभाव • 6.4.2 फैले रोग • 6.5 सुरक्षा • 6.6 बच्चे • 7 सन्दर्भ • 8 इन्हें भी देखें • 9 बाहरी कड़ियाँ समीक्षा [ ] संभावित जलवायु परिवर्तन के कारण एक या इन परिवर्तनों होने की अधिक की संभावना दर, परिमाण के साथ, बढ़ाने के लिए और जलवायु परिवर्तन की अवधि संभावना है। इसके अतिरिक्त, इस इस आईपीसीसी रिपोर्ट यह है कि ग्लोबल वार्मिंग अलग अलग क्षेत्रों में अलग होगा वार्मिंग (1 से 3 ° के छोटे मूल्यों के लिए ग्लोबल वार्मिंग तीन मैं से एक वजह से हो सकती है :समुद्र का स्तर वृद्धि, उच्च स्थानीय से, तापमान परिणाम होता है और वर्षा पैटर्न में परि...

Global Warming क्या है, Effects of Global Warming in Hindi

• ध्रुवीय भालू (Polar bears) के आवास खत्म हो रहे हैं। • समुद्र का स्तर बढ़ रहा है। • तूफान बड़े और विकराल होते जा रहे हैं। • ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। • तापमान बढ़ रहा है। Global Warming Reasons in Hindi ग्लोबल वार्मिंग शब्द का प्रयोग अक्सर जलवायु परिवर्तन के स्थान पर इस्तेमाल किया जाता है। ग्लोबल वार्मिंग से अभिप्राय पृथ्वी के औसत तापमान में दीर्घकालिक वृद्धि है। हालांकि यह तापमान में वृद्धि लंबे समय से चल रही है, लेकिन पिछले सौ वर्षों में जीवाश्म ईंधन के जलने के इसमें होने वाली गति बहुत तेज हो गयी है। जैसे-जैसे मानव आबादी बढ़ी है, वैसे-वैसे जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल की मात्रा भी बढ़ी है। जीवाश्म ईंधन में कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस आदि आते हैं, और उन्हें जलाना “ग्रीनहाउस प्रभाव” के रूप में जाना जाता है। परावर्तित होती है तो वह वापस अंतरिक्ष में नहीं जा पाती है। जीवाश्म ईंधन के जलने से उत्पन्न गैसें गर्मी को वायुमंडल से बाहर नहीं जाने देती हैं। ये ग्रीनहाउस गैसें कार्बन डाइऑक्साइड, क्लोरोफ्लोरोकार्बन, जल वाष्प, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड हैं। जिससे वायुमंडल में अतिरिक्त गर्मी बने रहने के कारण औसत वैश्विक तापमान में समय के साथ वृद्धि हो रही है। इसे ही ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) के रूप में जाना जाता है। • • • • • • • • • • ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन में असंतुलन पैदा हो गया है। कभी-कभी ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन को परस्पर एक दूसरे स्थान पर उपयोग किया जाता है, हालाँकि दोनों में बहुत अंतर है। जलवायु परिवर्तन का तात्पर्य दुनिया भर में मौसम के पैटर्न में बदलाव से है। ग्लोबल वार्मिंग से जलवायु परिवर्तन होता है। वैज्ञानिक ग्लोबल वार्मिंग और पृथ्वी पर इ...

ग्लोबल वार्मिंग का कृषि पर 10 प्रभाव

कृषि पर ग्लोबल वार्मिंग का महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है Effect Of Global Warming On Agriculture ग्लोबल वार्मिंग फसलों की पैदावार खाद्य उत्पादन और खाद्य सुरक्षा को किसी न किसी रूप में प्रभावित करती है यह प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का हो सकता है जिसका प्रभाव कृषि पर पड़ता है। Effect Of Global Warming On Agriculture वैश्विक ताप का कृषि पर प्रभाव | G lobal warming ka krishi par prabhav ki vyakhya kijiye 1. ग्लोबल वार्मिंग से जलवायु परिवर्तन 2. ग्लोबल वार्मिंग से फसल उत्पादकता और उपज में प्रभाव 3. ग्लोबल वार्मिंग से कीट और रोगों में वृद्धि 4. ग्लोबल वार्मिंग से पानी की उपलब्धता और सिंचाई में चुनौतियां 5. ग्लोबल वार्मिंग से खाद्य सुरक्षा और खाद्य के मूल्य में अस्थिरता 6. ग्लोबल वार्मिंग से पशुधन और पशुपालन पर प्रभाव 7. ग्लोबल वार्मिंग से गरीबी और बेरोजगारी 8. ग्लोबल वार्मिंग से पोषण स्तर में कमी 9. ग्लोबल वार्मिंग से कृषि अर्थव्यवस्था में प्रभाव 10. ग्लोबल वार्मिंग से फसल उपयोगिता और भौगोलिक सीमा में बदलाव 1. ग्लोबल वार्मिंग से जलवायु परिवर्तन आज आधुनिकीकरण और शहरीकरण के कारण ग्रीन हाउस गैसों की सांद्रण क्षमता दिनों दिन वायुमंडल में बढ़ती जा रही है, जिससे वायुमंडल की तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है, इस तापमान की वृद्धि के कारण जलवायु के पैटर्न में लगातार परिवर्तन होते जा रहे हैं। जलवायु के पैटर्न में परिवर्तन होने से कृषि कार्यों में अवरोध उत्पन्न होता है। समय पर कृषि कार्य करना मुश्किल हो जाता है। जैसे पारंपरिक रोपाई करना फसलों की कटाई करना फसलों के चक्र में बदलाव होना यह सब जलवायु परिवर्तन के कारण नकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं। इससे कृषि उत्पादन न...

ग्लोबल वार्मिंग क्या है ? , कारण व प्रभाव

अनुक्रम • • • ग्लोबल वार्मिंग क्या है ? ग्लोबल वार्मिंग क्या है ? , कारण व प्रभाव पृथ्वी में आधुनिक प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रयोग से जीवाश्म ईंधनों के उपयोग में अधिकता आई है।जिसे विभिन्न प्रकार की जैसे – कार्बन डाइऑक्साइड ,मिथेन नाइट्रस ऑक्साइड की मात्रा का वायुमंडल में अधिक प्रभाव होता है। यह जैसे पृथ्वी से बाहर जाने वाले भी ऊष्मा विकिरण जो दीर्घ तरंगीय किरणों के रूप में होता है।को अवशोषित कर लेती हैं।अतः इन गैसों को ऊष्मा रोधी कैसे कहा जाता है।फलस्वरूप इनमें पृथ्वी के तापमान में वृद्धि हो जाती है। जिसे हम ग्लोबल वार्मिंग या वैश्विक उष्णता के नाम से जानते हैं। उपयोगी लिंक – ग्लोबल वार्मिंग के कारण – ग्लोबल वार्मिंग के कारण निम्नलिखित हैं। 1.कृत्रिम गैसों में वृद्धि– विश्वव्यापी ताप वृद्धि का प्रमुख कारण कार्बन डाइऑक्साइड गैस है।जिसे ग्रीनहाउस गैस कहा जाता है।मीथेन एवं नाइट्रस ऑक्साइड भी इसी प्रकार की कैसे हैं।यह सभी कैसे पर्यावरण की उष्मा सोख लेती हैं।जिनकी वजह से ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न होता है। और इस कारण से पृथ्वी और वायुमंडल के तापमान में वृद्धि होती है। 2.वाहनों के संचालन से प्राप्त अवशिष्ट पदार्थ– वाहनों के संचालन से निकलने वाली गैस एवं अपशिष्ट पदार्थ तथा अन्य स्थानों पर चलने वाला ईंधन कार्बन डाइऑक्साइड एवं नाइट्रस ऑक्साइड गैस का उत्सर्जन करते हैं।जबकि कार्बन अपशिष्ट का उत्क्रमण मीथेन का मुख्य स्रोत है। इन स्रोतों से ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि होती है। 3.क्लोरो फ्लोरो कार्बन की वृद्धि– ग्लोबल वार्मिंग के लिए क्लोरोफ्लोरोकार्बन भी सहायक है।इसका निर्माण अमेरिका में सन 1931 में प्रारंभ हुआ था। क्लोरोफ्लोरोकार्बन का प्रयोग रेफ्रिजरेटर इलेक्ट्रॉनिक प्लास्टिक आदि में होत...

जलवायु के दृष्टकोण से कितनी खतरनाक है हाइड्रोजन, वैज्ञानिकों ने खोजा रहस्य

सेंटर फॉर इंटरनेशनल क्लाइमेट रिसर्च (सीआईसीईआरओ) के वैज्ञानिकों ने जानकारी दी है कि जलवायु में आते बदलावों के लिए कहीं न कहीं हाइड्रोजन भी जिम्मेवार है। इस बारे में किए एक नए अध्ययन से पता चला है कि ग्लोबल वार्मिंग के दृष्टिकोण से वातावरण में मुक्त हुई हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) की तुलना में 12 गुणा अधिक खतरनाक है। वैज्ञानिकों की मानें तो हाइड्रोजन, कोई ग्रीनहाउस गैस नहीं है, लेकिन वातावरण में इसकी रासायनिक प्रतिक्रियाएं मीथेन, ओजोन और समतापमंडल में मौजूद जलवाष्प जैसी ग्रीनहाउस गैसों को प्रभावित करती हैं। इस तरह, विकिरण के प्रत्यक्ष गुणों की कमी के बावजूद, हाइड्रोजन उत्सर्जन ग्लोबल वार्मिंग का कारण बन सकता है। इसके बारे में अध्ययन का नेतृत्व करने वाली सिसरो की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर मारिया सैंड का कहना है कि, "हाइड्रोजन का जलवायु प्रभाव एक बहुत कम शोध का विषय रहा है। हालांकि पिछले कुछ अध्ययन जो सिंगल मॉडल पर आधारित थे वो इसकी पुष्टि करते हैं।" क्या कुछ निकलकर आया अध्ययन में सामने उनके मुताबिक इस गैस की ग्लोबल वार्मिंग क्षमता (जीडब्ल्यूपी100) 11.6 है। उनका कहना है कि, "हाइड्रोजन विभिन्न जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं के साथ परस्पर क्रिया करती है।“ अपनी रिसर्च के बारे में मारिया ने बताया कि, "हमने इसमें पांच अलग-अलग एटमोस्फियरिक केमिकल मॉडल्स का उपयोग किया है।" इसमें मिट्टी का अवशोषण, हाइड्रोजन का फोटोकैमिकल उत्पादन, हाइड्रोजन और मीथेन का जीवन काल, और हाइड्रोजन और मीथेन के बीच होने वाली आपसी प्रतिक्रियाओं का अध्ययन किया है। वैज्ञानिकों की माने तो यह अध्ययन हाइड्रोजन के जलवायु पर पड़ने वाले प्रभावों का अब तक का सबसे व्यापक मूल्यांकन है। इसमें मौजूदा जलवायु मॉडल के उन्नत स्...