गोह का चित्र

  1. अंगुलित्राण
  2. नवग्रह की फोटो
  3. गोह


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अंगुलित्राण

अनुक्रमणिका • १ संज्ञा पुल्लिंग • २ प्रयोग • ३ संबंधित शब्द • ४ अन्य भाषा में • ५ हिन्दी • ६ प्रकाशितकोशों से अर्थ • ६.१ शब्दसागर संज्ञा पुल्लिंग • गोह के चमड़े का बना हुआ दस्ताना जिसे बाण चलाते समय उँगलियों को रगड़ से बचाने के लिये पहनते हैं • उँगलियों की रक्षा के निम्त्त गोह के चमड़े का एक आवरण • गोह के चमड़े का दस्ताना प्रयोग संबंधित शब्द • • अन्य भाषा में • अङ्गुलित्राण (संस्कृत) प्रकाशितकोशों से अर्थ शब्दसागर अंगुलित्राण संज्ञा पुं॰ [सं॰ अङ्गुलित्राण] गोह के चमड़े का बना हुआ दस्ताना जिसे बाण चलाते समय उँगलियों को रगड़ से बचाने के लिये पहनते हैं । उँगलियों की रक्षा के निम्त्त गोह के चमड़े का एक आवरण । गोह के चमड़े का दस्ताना ।

नवग्रह की फोटो

नवग्रह मनुष्य-जीवन के हर पहलू को प्रभावित करते हैं। शास्त्रों में इन्हें जीव माना गया है। ये मात्र जड़ पिंड नहीं है। नवग्रह जीवंत देव-शक्तियाँ हैं। इन शक्तियों की पूजा व आह्वान का अपना प्रभाव है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं, जो इनसे अछूता हो। नव ग्रहों का काम पूर्वकृत कर्मों के अनुसार फल देना है। ज्योतिष में अरुण, वरुण और यम अर्थात यूरेनस, नेप्च्यून और प्लूटो को ग्रह नहीं माना जाता है। वस्तुतः ज्योतिष और खगोल विज्ञान के अनुसार ग्रहों की परिभाषा भिन्न-भिन्न है। खगोल शास्त्र में ग्रह केवल आकाशीय पिण्ड हैं। वैदिक ज्योतिष में नवग्रह देवता हैं। इनके अपने यंत्र, मंत्र, दान और पूजा आदि होते हैं, जिनसे ये तुष्ट या प्रसन्न होते हैं। सभी नौ ग्रहों की शांति के लिए भारतीय ज्योतिष और पौराणिक कथाओं की मानें तो ब्रह्माण्ड में कुल 9 ग्रह हैं। के अनुसार ग्रहों के नाम इस प्रकार हैं – सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु। Navgrah Ki Kahani पढ़कर आप ये जानेंगे की हर एक ग्रह की अलग कहानी है। और तो और हर एक ग्रह का मानव जीवन पर भिन्न-भिन्न अच्छा और बुरा असर होता है। Navgrah Ki Katha से हमको हर एक ग्रह का मनुष्य के जीवन पर क्या असर होता है, ये भी पता चलता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार कथा या पूजा के वक़्त नवग्रह की पूजा करने का भी महत्व है। इससे बुरे ग्रहों को अपने अनुकूल किया जा सकता है। पूजा के लिए आप नवग्रह यंत्र फोटो का भी इस्तेमाल कर सकते है। यंत्र की फोटो किसी भी पूजा पाठ की दुकान में आसानी से मिल जाता है। Navgrah Image को गूगल से भी डाउनलोड किया जा सकता है। एक अमेज़न एसोसिएट के रूप में उपयुक्त ख़रीद से हमारी आय होती है। यदि आप यहाँ दिए लिंक के ...

गोह

गोह की अनेक जातियाँ हैं, परंतु इनमें सबसे बड़ी रहन-सहन [ ] गोह पानी व दलदल से प्यार करती है। यह गोह जब दौड़ती है तब पूँछ ऊपर उठा लेती है। यह मेंढक, कीड़े-मकोड़े, मछलियाँ और केकड़े खाती है। यह बड़े गुस्सैल स्वभाव की है। गोह बरसात से पहले किसी बिल या छेद में १५ से २० अंडे देती है। मादा अंडों को छुपाने के लिए बिल फिर भर देती है और बहकाने के लिए चारों ओर दो-तीन और बिल खोदकर छोड़ देती है। आठ-नौ महीनों के बाद जाकर सफ़ेद रंग के अंडे फूटते हैं। छोटे बच्चों के शरीर पर बिंदिया व चमकदार छल्ले होते हैं। गोह पानी में रहती है एवं तैराकी में दक्ष होती है। यह एक तेज़ धावक भी है एवं वृक्ष पर चढ़ने में माहिर हैोती है। पुराने समय में जो काम हाथी-घोड़े भी नहीं कर पाते थे, उसे गोह आसानी से कर देती थी। इनकी कमर में रस्सी बाँधकर दीवार पर फेंक दिया जाता था और जब यह अपने पंजों से जमकर दीवार पकड़ लेती थी, तब रस्सी के सहारे ऊपर चढ़ा जाता था। बाहरी कड़ियाँ [ ] • • • • • • • العربية • مصرى • Asturianu • Azərbaycanca • Basa Bali • Bikol Central • Беларуская • Български • भोजपुरी • বাংলা • Brezhoneg • Cebuano • Čeština • Чӑвашла • Dansk • Deutsch • Thuɔŋjäŋ • English • Esperanto • Español • Eesti • فارسی • Français • Gaeilge • Galego • עברית • Bahasa Indonesia • Italiano • Jawa • Қазақша • 한국어 • Kurdî • Lietuvių • Latviešu • മലയാളം • Кырык мары • Bahasa Melayu • မြန်မာဘာသာ • مازِرونی • नेपाली • Nederlands • Norsk bokmål • Diné bizaad • ਪੰਜਾਬੀ • Polski • پښتو • Português • Русский • Simple English • ChiShona • Српски / srpski • Sunda • Svenska • தமிழ் • Тоҷикӣ • ไทย • Tagalog • Türkçe • Українська • اردو...