Gopal chalisa

  1. Brihaspati Chalisa Lyrics in Hindi and English
  2. Shri Gopal Chalisa Lyrics, गोपाल चालीसा लिरिक्स – Sanatan Group
  3. Shri Gopal Chalisa Lyrics in Hindi / English
  4. Before you continue to YouTube
  5. गोपाल चालीसा (Gopal Chalisa)
  6. Gopal Chalisa Lyrics in Hindi
  7. Gopal Chalisa Free : पढ़े लड्डू गोपाल चालीसा केवल 1 क्लिक पर
  8. Laddu Gopal Chalisa 2022 : लड्डू गोपाल चालीसा का करें पाठ, चंद क्षणों में होगी मनोकामना पूरी


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Brihaspati Chalisa Lyrics in Hindi and English

rupadevi matu ati dharmik, janam bhayo shubh ikkis tarikh. janm divas tithi shubh sadhak ki, pooja karate aradhak ki. janm vrtant sunaye navina, mantr narayan nam kari dina. nam narayan bhav bhay hari, siddh yogi manav tan dhari. rshivar brahm tatv se urjit, atm svarup guru goravanvit. ek bar sang sakha bhavan mein, kari snan lage chintan mein. chintan karat samadhi lagi, sudh budh hin bhaye anuragi. poorn kari sansar ki riti, shankar jaise bane grhasthi. adabhut sangam prabhu maya ka, avalokan hai vidhi chhaya ka. yug yug se bhav bandhan riti, janha narayan vahi bhagavati. sansarik man hue ati glani, tab himagiri gaman ki thani. atharah varsh himalay ghoome, sarv siddhiya guru pag choomen. tyag atal siddhashram asan, karam bhoomi aye narayan. dhara gagan brahman mein goonji, jay gurudev sadhana poonji. sarv dharmahit shivir purodha, karmakshetr ke atulit yodha. hraday vishal shastr bhandara, bharat ka bhautik ujiyara. ek sau chhappan granth rachayita, sidhi sadhak vishv vijeta. priy lekhak priy goodh pravakta, bhut bhavishy ke ap vidhata. ayurved jyotish ke sagar, shodash kala yukt parameshvar. ratan parakhi vighan haranta, sanyasi ananyatam santa. adabhut chamatkar dikhalaya, parad ka shivaling banaya. ved puran shastr sab gate, pareshvar durlabh kahalate. pooja kar nit dhyan lagave, vo nar siddhashram mein jave. charo ved kanth mein dhare, poojaniy jan jan ke pyare. chintan karat mantr jab gayen, vishvamitr vashishth bulayen. mantra namo narayan sancha, dhyanat bhagat b...

Shri Gopal Chalisa Lyrics, गोपाल चालीसा लिरिक्स – Sanatan Group

श्री गोपाल चालीसा दोहा – श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कृल | वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल || श्री गोपाल चालीसा चौपाई – जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दष्ट दलन लीला अवतारी | जो कोई तुम्हारी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावे || श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता | मथुरा से प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन में बजत बधाये || जो विष देना पूतना आई, सो मुक्ति का धाम पठाई | तृणावर्त राक्षस संहार्यौ, पग बढ़ाये सकटासुर मार्यौ || खेल खेल में माटी खाई, मुख में सब जग दियो दिखाई | गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो || ऊखल सों निज अंग बधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई | बकासुर की चोंच विदारी, विकट अधासुर दियो सँहारी || ब्राह्मण बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये | बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी || काली नाग नाथि भगवान, दावानल को कीन्हों पाना | सजन संग खेलत सुख पायो, श्रीदेवी निज कन्ध चढ़ायो || चीर हरण करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई | दरश यज्ञ पत्नी को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों || नन्दहिं वरुण लोक से लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये | शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई || अजगर से पितृ चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मोड़ गिरायो | व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंशी हसाये || मात पिता की यन्दि छुड़ाई, सान्दीपनि गृह विद्या पाई | पनि पठयौ ब्रज ऊधो ज्ञानी, प्रेम देखि माथि सकल भुलानी || कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मणी सुकुमारी | भस्मासुर हनि भक्त छुड़ाये सुरन जीति सुरतरु महि, लाये || दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग मृग अरु बधिक उधारे | दीन सुदामा गणपति कीन्हों, पारथ रथ सारथि यश लीन्हों || गीता ज्ञान सिखावन हार...

Shri Gopal Chalisa Lyrics in Hindi / English

Jo Visha Dena Putana Ayi, So Mukti Dai Dhama Pathai. Trinavarta Rakshasa Samharyau, Paga Badhaya Sakatasura Maryau. Khela Khela Mein Mati Khai, Mukha Mein Saba Jaga Diyo Dikhai. Gopina Ghara Ghara Makhana Khayo, Jasumati Bala Keli Sukha Payo. Ukhala Son Nija Anga Bandhai, Yamalarjuna Jada Yoni Chhudai. Baka Asura Ki Choncha Vidari, Vikata Aghasura Diyo Sanhari. Brahma Balaka Vatsa Churaye, Mohana Ko Mohana Hita Aye. Bala Vatsa Saba Bane Murari, Brahma Vinaya Kari Taba Bhari. Kali Naga Nathi Bhagawana, Davanala Ko Kinhon Pana. Sakhana Sanga Khelata Sukha Payo, Shridama Nija Kandha Chadhayo. Chira Harana Kari Sikha Sikhayi, Nakha Para Giravara Liyo Uthayi. Darasha Yajna Patnina Ko Dinhon, Radha Prema Sudha Sukha Linhon. Nandahin Varuna Loka So Laye, Gwalana Ko Nija Loka Dikhaye. Sharada Chandra Lakhi Venu Bajayi, Ati Sukha Dinhon Rasa Rachayi. Ajagara So Pitu Charana Chhudayo, Shankhachuda Ko Muda Girayo. Hane Arishta Sura Aru Keshi, Vyomasura Maryo Chala Veshi. Vyakula Braja Taji Mathura Aye, Mari Kansa Yaduvansha Basaye. Mata Pita Ki Bandi Chhudayi, Sandipana Griha Vigha Payi. Puni Pathayau Braja Udhau Gyani, Prema Dekhi Sudhi Sakala Bhulani. Kinhin Kubari Sundara Nari, Hari Laye Rukmini Sukumari. Bhaumasura Hani Bhakta Chhudaye, Surana Jiti Surataru Mahi Laye. Dantavakra Shishupala Sanhare, Khaga Mriga Nriga Aru Badhika Udhare. Dina Sudama Dhanapati Kinhon, Paratha Ratha Sarathi Yasha Linhon. Gita Gyana Sikhavana Hare, Arjuna Moha Mitawana Hare. Kela Bhakta Bidura Ghara P...

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गोपाल चालीसा (Gopal Chalisa)

॥चौपाई॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी। जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै। श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता। मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन में बजत बधाये। जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई। तृणावर्त राक्षस संहार्यो, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यो। खेल खेल में माटी खाई, मुख में सब जग दियो दिखाई। गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो। ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई। बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी। ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये। बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी। काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना। सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो। चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई। दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सूख लीन्हों। नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये। शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई। अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो। हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी। व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये। मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपनि गृह विद्या पाई। पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, प्रेम देखि सुधि सकल भुलानी। कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी। भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये। दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे। दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पारथ रथ सारथि यश लीन्हों। गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे। केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो। द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो,...

Gopal Chalisa Lyrics in Hindi

तृणावर्त राक्षस संहार्यौ, पग बढ़ाये सकटासुर मार्यौ। खेल खेल में माटी खाई, मुख में सब जग दियो दिखाई। गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो। ऊखल सों निज अंग बधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई। बकासुर की चोंच विदारी, विकट अधासुर दियो सँहारी। ब्राह्मण बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये। बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी। काली नाग नाथि भगवान, दावानल को कीन्हों पाना। सजन संग खेलत सुख पायो, श्रीदेवी निज कन्ध चढ़ायो। चीर हरण करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई। दरश यज्ञ पत्नी को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों। नन्दहिं वरुण लोक से लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये। शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई। अजगर से पितृ चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मोड़ गिरायो।S व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंशी हसाये] । मात पिता की यन्दि छुड़ाई, सान्दीपनि गृह विद्या पाई। पनि पठयौ ब्रज ऊधो ज्ञानी, प्रेम देखि माथि सकल भुलानी। कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मणी सुकुमारी। भस्मासुर हनि भक्त छुड़ाये सुरन जीति सुरतरु महि, लाये। दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग मृग अरु बधिक उधारे। दीन सुदामा गणपति कीन्हों, पारथ रथ सारथि यश लीन्हों। गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोहि मिटावन हारे। केला भक्त विदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो। द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो । कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा। है नृसिंह प्रह्लाद उतार्यो, राम रूप धरि रावण मारो। जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीष प्रिय चक्र धरेया। व्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी। गरुड़ासन गज फन्द निकंदन, देहु दरश ध्रुव नैना नन्दन। देहु शुद्ध सन्तन कर सङ्गा,...

Gopal Chalisa Free : पढ़े लड्डू गोपाल चालीसा केवल 1 क्लिक पर

Gopal Chalisa (गोपाल चालीसा) Gopal Chalisa (गोपाल चालीसा) एक भक्तिपूर्ण भजन है जो सभी हिंदू देवताओं के सबसे प्यारे भगवान कृष्ण को समर्पित है। भक्तों द्वारा भगवान कृष्ण के प्रति अपने प्रेम और भक्ति को व्यक्त करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए इस भजन का पाठ किया जाता है। गोपाल चालीसा आध्यात्मिक उत्थान के लिए एक शक्तिशाली साधन है और आंतरिक शांति और सद्भाव प्राप्त करने में मदद करता है। Gopal Chalisa (गोपाल चालीसा) चालीस छंदों का संग्रह है जो हिंदी भाषा में लिखे गए हैं। भजन दैनिक प्रार्थनाओं, विशेष अवसरों और भगवान कृष्ण को समर्पित त्योहारों के दौरान सुनाया जाता है। ‘चालीसा’ शब्द का अर्थ हिंदी में ‘चालीस’ है, और भजन को ‘गोपाल चालीसा’ कहा जाता है क्योंकि ‘गोपाल’ भगवान कृष्ण के नामों में से एक है। चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई | दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों |नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये | शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई | अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो | हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी | भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये | दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे |दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पारथ रथ सारथि यश लीन्हों | गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे | केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो | द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो | गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन | देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा |देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा | तुम्हरो ध्यान धरत शिव ...

Laddu Gopal Chalisa 2022 : लड्डू गोपाल चालीसा का करें पाठ, चंद क्षणों में होगी मनोकामना पूरी

नई दिल्ली : Laddu Gopal Chalisa 2022 : भगवान कृष्ण सभी के अराध्य माने जाते हैं. सभी के सबसे प्रिय सखा में से एक माने जाते हैं. इनकी लीला अपरंपार है. अपेन भक्तिों की भलाई के लिए और उनकी रक्षा करने के लिए उन्होंने कई ऐसे काम किए हैं, जिससे भक्त उनसे बेहद प्रेम करते हैं. जिनका वर्णन धार्मिक ग्रंथों में देखने को मिलता है. जहां उन्होंने पुतना से लेकर कंस तक का वध किया था और महाभारत में अर्जून का मार्गदर्शन किया था. भगवान श्रीकृष्ण को भगावन विष्णु का अवतार माना जाता है. जिसमें से उनका एक रूप और बेहद प्रिय है लड्डू गोपाल. लड्डू गोपाल सभी के बेहद प्रिय हैं. कई लोग तो इनकी अपने बच्चे की तरह सेवा करता है. को आइए आज हम आपको अपने इस लेख में लड्डू गोपाल चालिसा के बारे में बताएंगे, जिसे करने से आपकी सारी मनोकामना पूरी होगी और धन, बल, ऐश्वर्य में वृद्धि होगी. लड्डू गोपाल चालिसा का करें पाठ ।।दोहा।। श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।। ।। चौपाई।। जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी। जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै। श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता । मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये । जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई । तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ । खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई । गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो । ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई । बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी । ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये । बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी । काली नाग नाथि भगवाना, ...