लाल पीली मिट्टी राजस्थान

  1. लाल मिट्टी
  2. राजस्थान की मिट्टियों के प्रकार
  3. राजस्थान की मिट्टियाँ Question : HelpStudentPoint
  4. [Solved] राजस्थान के किन जिलों में लाल व पीली मृदा पाई �
  5. राजस्थान की मिट्टी/मृदा Rajasthan ki Mittiyan mridayen Rajasthan GK topic wise notes
  6. राजस्थान की मिट्टियाँ
  7. Types of Indian Soil in Hindi


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लाल मिट्टी

लाल मिट्टी लाल मिट्टी (Red soil) लाल, पीली एवं चाकलेटी रंग की होती है। शुष्क और तर जलवायु में प्राचीन रवेदार और परिवर्तित चट्टानों की टूट-फूट से बनती है। इस मिट्टी में लोहा, ऐल्युमिनियम और चूना अधिक होता है। यह मिट्टी अत्यन्त रन्ध्रयुक्त होती है। इस मिट्टी में बाजरा की फसल अच्छी पैदा होती है, किन्तु गहरे लाल रंग की मिट्टी कपास, गेहूँ, दाल, मोटे अनाज, के लिए उपयुक्त है। भारत में यह मिट्टी उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड से लेकर दक्षिण के प्रायद्वीप तक पायी जाती है। यह मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिमी बंगाल, मेघालय, नागालैण्ड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु तथा महाराष्ट्र में मिलती है। छत्तीसगढ़ में लाल-पीली मिट्टी को स्थानीय रूप से "मटासी मिट्टी" के नाम से जाना जाता है, इसका विस्तार राज्य के लगभग साठ प्रतिशत भूभाग पर है। . 19 संबंधों: चूना पत्थर की खादान चूना (Lime) कैल्सियमयुक्त एक अकार्बनिक पदार्थ है जिसमें कार्बोनेट, आक्साइड, और हाइड्राक्साइड प्रमुख हैं। किन्तु सही तौर पर (Strictly speaking) कैल्सियम आक्साइड या कैल्सियम हाइड्राक्साइड को ही चूना मानते हैं। चूना एक खनिज भी है। गृहनिर्माण में जोड़ाई के लिये प्रयुक्त होनेवली वस्तुओं में चूना, सबसे प्राचीन पदार्थ है, किंतु अब इसका स्थान पोर्टलैंड सीमेंट ने लिया है। चूने का निम्नलिखित दो प्रमुख भागों में विभक्त किया गया है. नई!!: एलुमिनियम एक रासायनिक तत्व है जो धातुरूप में पाया जाता है। यह भूपर्पटी में सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली धातु है। एलुमिनियम का एक प्रमुख अयस्क है - बॉक्साईट। यह मुख्य रूप से अलुमिनियम ऑक्साईड, आयरन आक्साईड तथा कुछ अन्य अशुद्धियों से मिलकर बना होता है। बेयर प्रक्रम द्वारा इन अशुद्धियों को दूर...

राजस्थान की मिट्टियों के प्रकार

राजस्थान की मिट्टियों के प्रकार राजस्थान की पश्चिमी भाग की मिट्टियों में बालू की मात्रा 90 से 95 प्रतिशत तथा मटियार की मात्रा 150 से 10 प्रतिशत । अरावली पर्वतमाला के पूर्वी भाग में लेटेराइट . लाल , दोमट , कछारी . मध्यम काली मिट्टियां पाई जाती हैं रेतीली बलुई ( बालू ) मिट्टी बाडमेर , जेसलमेर , बीकानेर , चुरू , जोधपुर जालोर , पाली , नागोर एंव श्रीगंगानगर हनुमानगढ में विस्तृत • लाल रेतीली मिट्टी- नागौर , जोधपुर , जालोर , पाली , सीकर , झुंझनू में विस्तृत • पीली भूरो रेतीली मिट्टी- नागौर एवं पाली में विस्तृत । इसे सीरोजम मिट्टी भी कहते हैं • खारी या नमकीन मिट्टी- जैसलमेर , बाडमेर , नागोर , बीकानेर , जोधपुर में विस्तृत ( लवणीय मिट्टी ) कच्छ के रन का भाग जो जालोर एवं बाडमेर में फैजला है जिसकी मिट्अी लवणीय है इस क्षेत्र को सांचो ( जालौर ) में नेहड कहते हैं इस क्षेत्र में 90 से 150 सेमी की गहराई पर चूनेकी सतह मिलती है जिसे हार्ड – पनकहते है लाल – पीली मिट्टी सवाईमाधोपुर , करौली , भीलवाडा , टोंक , अजमेर में विस्तृत मिट्टी का पीला रंग लौह ऑक्साइड के उच्च मात्रा के कारण । इस मिट्टी में ह्यूमस एवं कार्बोनेट की कमी । लाल – लोमी मिट्टी :- डूंगरपुर एवं उदयपुर के दक्षिणी मध्य भाग में विस्तृत । लौह ऑक्साइड की अधिकता के कारण रंग लाल होता हैं मक्के की फसल के लिए उपयोगी । मिश्रित लाल काली मिट्टी उदयपुर राजसमन्द भीलवाडा चितोडगढ बांसवाडा में विस्तृत । मालवा के पठार की काली मिट्जी एवं दक्षिणी अरावली की लाल मिट्शी का मिश्रण । मध्यम काली मिट्टो झालावाड , बूंदी , बारां , कोटा में विस्तृत । काली एंव कछारी मिट्टियों के मिश्रण ।। कैल्सियम और पोटाश की अधिकता । कपास , सोयाबीन , अफीम एवं संतरे की खेती के ...

राजस्थान की मिट्टियाँ Question : HelpStudentPoint

राजस्थान की मिट्टियाँ Question By Rajasthan ke Mittiyaan Questions राजस्थान की मिट्टियाँ Question राजस्थान में प्रमुख मृदा संसाधन से संबंधित प्रश्न राजस्थान मृदा संसाधन संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर मृदा के प्रश्न उत्तर मिट्टी से सम्बंधित प्रश्न राजस्थान की मिट्टी question rajasthan ki mrida question answer rajasthan ki mitiya question- अगर आप राजस्थान प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे तोजस्थान में प्रमुख मृदा संसाधन से संबंधित प्रश्न उत्तर राजस्थान हर बार एग्जाम पूछा जाता है। राजस्थान की जस्थान में प्रमुख मृदा संसाधन से संबंधित 30 इंर्पोटेंट क्वेश्चंस विस्तार से बताएं इसी के साथ ही राजस्थान की मिट्टी संबंधित प्रश्न PDF उपलब्ध कराई हुई (a) उदयपुर, डूंगरपुर एवं सिरोही (b) धौलपुर, सवाईमाधोपुर एवं भरतपुर (c) चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा एवं भीलवाड़ा (d) बूंदी, बारां एवं कोटा Ans :- (b) 2. फॉस्फो-जिप्सम से पौधों को कौन से पोषक तत्व प्राप्त होते हैं (a) गन्धक एवं कैल्शियम (b) गन्धक एवं नाइट्रोजन (c) नाइट्रोजन एवं कैल्शियम (d) फॉस्फोरस एवं नाइट्रोजन Ans :- (a) 3. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है (a) गंगानगर व हनुमानगढ़-भूरी बलुई मिट्टी (b) उदयपुर व चित्तौड़गढ़-लाल-काली मिट्टी (c) कोटा व झालावाड़-काली मिट्टी (d) अलवर व जयपुर-कछारी मिट्टी Ans :- (a) 4. ऊसर भूमि किसे कहते हैं? (a) खारी एवं लवणीय भूमि को (b) पर्वतीय प्रदेशों पर स्थित भूमि को (c) सागर के किनारे की भूमि को (d) नदियों के किनारे पर स्थित भूमि को Ans :- (a) 5. किस मिट्टी में लौह तत्व अधिक मात्रा में मिलता है? (a) लाल दोमट मिट्टी (b) काली मिट्टी (c) बलुई मिट्टी (d) जलोढ़/कछारी मिट्टी Ans:- (a) 6. फसल एवं उस...

[Solved] राजस्थान के किन जिलों में लाल व पीली मृदा पाई �

सही उत्तर सवाई माधोपुर-सिरोही-भीलवाड़ा-अजमेरहै। Key Points • लाल और पीली मृदा राजस्थान के सिरोही, भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर और अजमेर जिलों में पाई जाती है। • फेरिक ऑक्साइड के उच्च स्तर के जलयोजन के कारण मृदा ने पीला रंग प्राप्त कर लिया है। • इस प्रकार की मृदाकाpH 5.5 से 8.5 के बीच होता है। इस क्षेत्र में गाद दोमट से गाद-मृत्तिका दोमट सामान्यहैं। • मृदाकी सतह का रंग हल्के पीले, भूरे-पीले से लेकर गहरे भूरे रंग तक भिन्न होता है। Additional Information • मध्यम काली मिट्टीकोटा, बूंदी और झालावाड़ जिलों में पाई जाती है। • धूसर भूरी या मरुस्थलीय मिट्टी जोधपुर, बाड़मेर और नागौर जिलों में पाई जाती है। The RSMSSB released the . Candidates who have qualified for the written exam will appear for the Document Verification round. The RSMSSB had announced 10157 vacancies for Basic Computer Teacher and Senior Computer Teacher posts. Candidates with a Graduate/ Post Graduate degree could apply for these posts.

राजस्थान की मिट्टी/मृदा Rajasthan ki Mittiyan mridayen Rajasthan GK topic wise notes

RBSE Rajasthan Board, NCERT Commerce Solutions For Class 11 and 12 - Business Studies (Commerce), Accountancy, Economics, Mathematics or Informatics Practices, Statistics and English. you can find all the solutions here. PDF Notes for Patwari exam 2020 Rajasthan Gk Topic wise notes Hindi Vyakaran complete Notes, Ptet Exam Syllabus. राजस्थान की मिट्टी/मृदा भूमी की सबसे ऊपरी परत जो पेड़-पौधों के उगने के लिए आवश्यक खनिज आदि प्रदान करती है, मृदा या मिट्टी कहलाती है। भिन्न स्थानों पर भिन्न प्रकार की मिट्टी पाई जाती है इनकी भिन्नता का सम्बन्ध वहां की चट्टानों की सरंचना, धरातलीय स्वरूप, जलवायु, वनस्पति आदि से होता है। मिट्टी के अध्ययन के विज्ञान को मृदा विज्ञान यानी पेडोलोजी कहा जाता है। मिट्टी के सामान्य प्रकार निम्न है - 1. लैटेराइट मिट्टी इसका निर्माण मानसूनी जलवायु की आर्द्रता और शुष्कता के क्रमिक परिवर्तन के परिणामस्वरूप उत्पन्न विशिष्ट परिस्थितियों में होता है। गहरी लेटेराइट मिट्टी में लोहा ऑक्साइड और पोटाश की मात्रा अधिक होती है। लौह आक्साइड की उपस्थिति के कारण प्रायः सभी लैटराइट मृदाएँ जंग के रंग की या लालापन लिए हुए होती हैं। शैलों यानी रॉक्स की टूट-फूट से निर्मित होने वाली इस मिट्टी को गहरी लाल लैटेराइट, सफेद लैटेराइट और भूमिगत जलवायी लैटेराइट के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। लैटेराइट मिट्टी चाय की खेती के लिए सबसे उपयुक्त होती है। 2. बालू मिट्टी इसका निर्माण उच्च तापमान, कम आर्द्रता वाले क्षेत्रों में ग्रेनाइट एवं बलुआ पत्थर के क्षरण से हुआ है। 3. लाल मिट्टी इसका निर्माण जल वायु परिवर्तन की वजह से रवेदार और कायांतरित शैलों के विघटन और वियोजन से होता है।इस मिट्टी में सि...

राजस्थान की मिट्टियाँ

(2) एरिडीसोल्स Aridi Soils (शुष्क मिट्टी) – सीकर, चूरू, झुंझुनूं, नागौर, जोधपुर, पाली, जालौर आदि जिलों में पायी जाती है। यह मिट्टी शुष्क व अर्द्धशुष्क जलवायु प्रदेशों में पायी जाती है। (3) अल्फीसोलस Alfi Soils (जलोढ़ मिट्टी) – इसमें मटियारी मिट्टी की अधिकता होने के कारण उपजाऊ तत्व भी अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। यह मुख्यतः आर्द्र जलवायु प्रदेशों में पायी जाती है। जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर, सवाईमाधोपुर, करौली, धौलपुर, टोंक, भीलवाङा, चित्तौङगढ़, राजसमंद, उदयपुर, बाँसवाङा, डूँगरपुर, कोटा, बूँदी, बारां, झालावाङ, प्रतापगढ़ में पायी जाती है। (4) इन्सेप्टीसोल्स Incepti Soils (आर्द्र मिट्टी) – यह उप आर्द्र जलवायु में पायी जाती है। सिरोही, पाली, राजसमंद, उदयपुर, भीलवाङा, चित्तौङगढ़ में पायी जाती है। जयपुर, दौसा, अलवर, सवाई माधोपुर एवं झालावाङ के मैदानों में कहीं कहीं पायी जाती है। (5) वर्टीसोल्स Verti Soils (काली मिट्टी) – यह आर्द्र व अतिआर्द्र जलवायु प्रदेशों में पायी जाती है। कोटा, बूँदी, बारा, झालावाङ में अधिकांश भाग में विस्तृत है। सवाई माधोपुर, भरतपुर, डूँगरपुर, बाँसवाङा, चित्तौङगढ़ के कुछ क्षेत्रों में भी पायी जाती है। मिट्टी क्षेत्र विशेषताएँ 1. रेतीली (बलुई मिट्टी) बाड़मेर, जैसलमैर, बीकानेर, सीकर, झुँझुनूँ, चुरू, जोधपुर जिलों, जालोर-पाली-नागौर के पश्चिमी भाग एवं श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ के अधिकांश भाग (मध्यवर्ती को छोड़कर), उ. सिरोही मोटे कण, नमी धारण करने की कम क्षमता, नाइट्रोजन की कमी, केल्सियम लवणों की अधिकता, पवन अपरदन से सर्वाधिक प्रभावित, ह्यूमस की कमी 2. पर्वतीय मिट्टी अरावली पर्वतमाला के ढालों पर (सिरोही, जयपुर, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, अजमेर, भीलवाड़ा) गहराई कम होने से कृषि के ल...

Types of Indian Soil in Hindi

Types of Indian Soil in Hindi | भारत की मिट्टी के प्रकार Table of Contents 1. मृदा किसे कहते है? 2. मृदा का वर्गीकरण • · जलोढ़ मिट्टी/ कांप मिट्टी • · काली मिट्टी • · लाल एवं पीली मिट्टी • · लैटराइट मिट्टी • · शुष्क मृदा • · लवण और क्षारीय मृदा • · पीटमय मृदा तथा जैव मृदा • · वन मृदा व पर्वतीय मिट्टी 3. FAQ 1. मृदा किसे कहते है? पृथ्वी के ऊपरी सतह पर मोटे, मध्यम और बारीक कार्बनिक तथा अकार्बनिक मिश्रित कणों को‘मृदा ‘ या मिट्टी कहा जाता है। 2. मृदा का वर्गीकरण सर्वप्रथम 1879 ई० में डोक शैव ने मिट्टी का वर्गीकरण किया, जिसके बाद भारत की मिट्टियाँ मूल रूप से 5 वर्गो में विभाजित की गई है । 1. जलोढ़ मृदा या कछार मिट्टी (Alluvial soil), 2. काली मृदा या रेगुर मिट्टी (Black soil), 3. लाल मृदा (Red soil), 4. लैटेराइट मृदा (Laterite) तथा 5. शुष्क मृदा (Arid soils) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने भारत की मिट्टी को आठ समूहों में विभाजित किया है । (1) जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil)/ कांप मिट्टी (2) काली मिट्टी (Black Soil) (3) लाल एवं पीली मिट्टी (Red and Yellow Soil) (4) लैटराइट मिट्टी (Laterite Soil) (5) शुष्क मृदा (Arid soils) (6) लवण और क्षारीय मृदा (Saline and Alkaline soils) (7) पीटमय मृदा (Peaty soil) तथा जैव मृदा (Organic soils) (8) वन मृदा व पर्वतीय मिट्टी (Forest soils and Mountainous Soils) (1) जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil)/ कांप मिट्टी • जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil) को दोमट और कछार मिट्टी के नाम से भी जाना जाता है, • भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 43.4 प्रतिशत भाग पर जलोढ़ मिट्टी, • जलोढ़ मिट्टी निर्माण नदियों के निक्षेपण से, • नाइट्रोजन एवं फॉस्फोरस की मात्रा कम, • भारत में उत...