गोपियों के अनुसार राजा का धर्म क्या होना चाहिए

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Ncert Solutions Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 Surdas Ke Pad

Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):- गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में यह व्यंग्य निहित या छिपा है कि वो इतने ज्यादा भाग्यशाली हैं कि उन्हें श्री कृष्ण के पास रहने का सौभाग्य मिला है। मगर, तब भी उनके मन में श्रीकृष्ण का मोह व प्रेम भरा नहीं है। इसलिए गोपियाँ उद्धव की तुलना कमल के पत्ते से करते हुए कहती हैं, जैसे कमल के पत्ते पर पानी और तेल के चिकने घड़े (मटकी) पर तेल नहीं टिकता, वैसे ही उद्धव श्री कृष्ण के पास रह कर भी उनके प्रेम में नहीं डूब पाए। Class 10 Kshitij Solutions प्रश्न 2- उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किस से की गई है? Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):- सूरदास के पद में गोपियों ने उद्धव के व्यवहार की तुलना निम्न चीजों से की है: • गोपियों ने उद्धव के व्यवहार की तुलना कमल के पत्ते से करते हुए कहा है कि तुम उस कमल के पत्ते की तरह हो जो जल में रहते हुए भी कभी उसे छू नहीं पाता और ना ही कभी उस पर टिक पाता है। इसीलिए तुम कृष्ण-कन्हैया के साथ रह कर उनके प्रेमरस में भीग नहीं पाए। • गोपियों के दूसरे उदाहरण के अनुसार, उद्धव जल के बीच रखे तेल के मटके या घड़े की तरह हैं। जिस तरह तेल के मटके पर कभी जल टिक नहीं पाता है, क्योंकि उसे तेल से ही सींचा जाता है, उसी प्रकार उद्धव के मन पर श्रीकृष्ण के प्रेम-आकर्षण का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। Class 10 Kshitij Solutions प्रश्न 3- गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं? Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):- गोपियों ने कमल के पत्ते, चिकने घड़े (मटके) और प्रेम की नदी की उपेक्षा करने वाले किसी साधु से उद्धव जी की तुलना करते हुए, उन्हें उलाहने दिए हैं कि तुम तो एक बैरागी हो, तुम्हें प्रेम की समझ नहीं है। इसीलिए त...

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 पद – MCQ Books

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 पद We hope you have all started your preparation for the upcoming tests. Well, these NCERT Solutions for class 10 Hindi क्षितिज भाग 2 can surely help you with the preparation and scoring better than your classmates. Make sure to check these प्रश्न-अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से) प्रश्न 1. गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है? उत्तर गोपियाँ उद्धव को व्यंग्य करती हैं कि तुम्हारे भाग्य की कैसी बिडंबना है कि श्रीकृष्ण के निकट रहते हुए भी प्रेम से वंचित रहे। श्रीकृष्ण के निकट रहकर भी उनके प्रति अनुराग नहीं हुआ, वह तुम जैसा ही भाग्यवान हो सकता है। इस तरह गोपियाँ उनको भाग्यवान कहकर यही व्यंग्य करती हैं कि तुमसे बढ़कर दुर्भाग्य और किसका हो सकता प्रश्न 2. उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किससे की गई है? उत्तर उद्धव के व्यवहार की तुलना निम्नलिखित से की गई है • कमल के पत्तों से, जो जल में रहकर भी उससे प्रभावित नहीं होते। • जल में पड़ी तेल की बूंद से, जो जल में घुलती-मिलती नहीं। उद्धव भी इनके समान हैं। वे कृष्ण के संग रहकर भी उसके प्रेम से प्रभावित नहीं हो सके। प्रश्न 3. गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं? उत्तर गोपियाँ उद्धव को निम्नलिखित उलाहने देकर उनको आहत करती हैं • हम गोपियाँ तुम्हारी तरह उस कमल-पत्र और तेल की मटकी नहीं हैं जो श्रीकृष्ण के पास रहकर भी उनके प्रेम से अछूती रह सकें। • हम तुम्हारी तरह निष्ठुर नहीं हैं जो समीप बहती हुई प्रेम-नदी का स्पर्श तक भी न करें। • तुम्हारे योग-संदेश हम गोपियों के लिए उपयुक्त नहीं हैं। • हमने कृष्ण को मन, वचन और कर्म से हारिल की लकड़ी की तरह जकड़ ...

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प्रश्न 1-7: गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है ? उत्तर 1-7: गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा ऐसे लोगों को देने की बात कही है जिनका मन चंचल है और इधर-उधर भटकता है। उद्धव अपने योग के संदेश में मन की एकाग्रता का उपदेश देतें हैं, परन्तु गोपियों का मन तो कृष्ण के अनन्य प्रेम में पहले से ही एकाग्र है। इस प्रकार योग-साधना का उपदेश उनके लिए निरर्थक है। योग की आवश्यकता तो उन्हें है जिनका मन स्थिर नहीं हो पाता, इसीलिये गोपियाँ चंचल मन वाले लोगों को योग का उपदेश देने की बात कहती हैं। प्रश्न 1-8: प्रस्तुत पदों के आधार पर गोपियों का योग-साधना के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट करें। उत्तर 1-8: गोपियों ने योग साधना को निरर्थक बताया है। उनके अनुसार यह उन लोगों के लिए हैं जिनका मन अस्थिर है परन्तु गोपियों का हृदय तो श्रीकृष्ण के लिए स्थिर है। वे उनकी भक्ति में पूरी तरह से समर्पित हैं। योग ज्ञान उनके लिए कड़वी ककड़ी के समान है जिसे खाना बहुत ही मुश्किल है। यह ज्ञान गोपियों के लिए बिमारी से अधिक कुछ नहीं है। प्रश्न 1-9: गोपियों के अनुसार राजा का धर्म क्या होना चाहिए ? उत्तर 1-9: गोपियों के अनुसार राजा का धर्म है कि वह प्रजा को ना सताए और प्रजा के सुखों का ख्याल रखे। प्रश्न 1-10: गोपियों को कृष्ण में ऐसे कौन सा परिवर्तन दिखाई दिए जिनके कारण वे अपना मन वापस पा लेने की बात कहती हैं? उत्तर 1-10: गोपियों को लगता है कि कृष्ण ने अब राजनीति सिख ली है। उनकी बुद्धि पहले से भी अधिक चतुर हो गयी है। पहले वे प्रेम का बदला प्रेम से चुकाते थे, परंतु अब प्रेम की मर्यादा भूलकर योग का संदेश देने लगे हैं। कृष्ण पहले दूसरों के कल्याण के लिए समर्पित रहते थे, परंतु अब अपना भला ही देख रहे ह...

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पद 10th Class CBSE NCERT Hindi क्षितिज भाग 2 Chapter 1

प्रश्न: गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है? उत्तर: गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में वक्रोक्ति है। वे दीखने में प्रशंसा कर रही हैं किंतु वास्तव में कहना चाह रही हैं कि तुम बड़े अभागे हो कि प्रेम का अनुभव नहीं कर सके। न किसी के हो सके, न किसी को अपना बना सके। तुमने प्रेम का आनंद जाना ही नहीं। यह तुम्हारा दुर्भाग्य है। प्रश्न: उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किस से की गई है? उत्तर: उद्धव के व्यवहार की तुलना दो वस्तुओं से की गई है • कमल के पत्ते से जो पानी में रहकर भी गीला नहीं होता है। • तेल में डूबी गागर से जो तेल के कारण पानी से गीली नहीं होती है। प्रश्न: गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं? उत्तर: गोपियों ने निम्नलिखित उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं । • उन्होंने कहा कि उनकी प्रेम-भावना उनके मन में ही रह गई है। वे न तो कृष्ण से अपनी बात कह पाती हैं, न अन्य किसी से। • वे कृष्ण के आने की इंतज़ार में ही जी रही थीं, किंतु कृष्ण ने स्वयं न आकर योग-संदेश भिजवा दिया। इससे उनकी विरह-व्यथा और अधिक बढ़ गई है। • वे कृष्ण से रक्षा की गुहार लगाना चाह रही थीं, वहाँ से प्रेम का संदेश चाह रही थीं। परंतु वहीं से योग-संदेश की धारा को आया देखकर उनका दिल टूट गया। • वे कृष्ण से अपेक्षा करती थीं कि वे उनके प्रेम की मर्यादा को रखेंगे। वे उनके प्रेम का बदला प्रेम से देंगे। किंतु उन्होंने योग-संदेश भेजकर प्रेम की मर्यादा ही तोड़ डाली। प्रश्न: उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम कैसे किया? उत्तर: श्रीकृष्ण के मथुरा चले जाने पर गोपियाँ पहले से विरहाग्नि में जल रही थीं। वे श्रीकृष्ण के प्...

गोपियों के अनुसार राजा का धर्म क्या होना चाहिए?

गोपियों के अनुसार राजा का धर्म यह होना चाहिए कि वह अपनी प्रजा का ध्यान रखे। प्रजा के हित का कार्य करे। प्रजा को सताए नही। जो राजा प्रजा के सुख-चैन का ध्यान रखता है, प्रजा की समस्याओं को सुनता है। जो अपने राजधर्म का पालन करता है। अनीति का साथ ना देकर नीति का साथ देता है और प्रजा के साथ सदैव न्याय करता है, वही सच्चा राजा है। पाठ के बारे में… इस पाठ में ‘सूरदास’ द्वारा रचित ग्रंथ ‘सूरसागर’ के ‘भ्रमरगीत’ प्रसंग से चार पद दिए गए हैं। यह चार पद उस समय के हैं, जब श्रीकृष्ण मथुरा चले गए थे और मथुरा जाने के बाद वह वापस ब्रज नहीं लौट पाए। तब उन्होंने उनके विरह में व्याकुल गोपियों के लिए उद्धव के माध्यम से संदेश भेजा था। उद्धव के माध्यम से श्रीकृष्ण ने गोपियों के लिए निर्गुण ब्रह्म और योग अपनाने का संदेश भेजा था ताकि वह अपनी विरह-वेदना को शांत कर सकें। इन पदों में उद्धव एवं गोपियों के वार्तालाप के उसी प्रसंग का वर्णन है।सूरदास भक्ति धारा की सगुण उपासना की कृष्णाश्रयी शाखा के प्रमुख संत कवि थे। उनका जन्म 1478 ईस्वी में हुआ था। वह जन्म से ही अंधे थे, लेकिन अपनी कृष्णभक्ति तथा श्रीकृष्ण पर आधारित भक्ति पदों के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कुल 3 ग्रंथों की रचना की, जिनमें सूरसागर, साहित्य लहरी और सूरावली सारावली के नाम प्रमुख हैं। संत 1583 में उनका निधन हुआ। संदर्भ पाठ : ‘सूरदास के पद’– सूरदास (कक्षा – 10, पाठ -1, हिंदी, क्षितिज भाग – 2) इस पाठ के अन्य प्रश्न हमारी सहयोगी वेबसाइटें.. बाल दिवस पर निबंध – 14 नवंबर पर्यावरण पर निबंध जीवन में अनुशासन का महत्व प्रदूषण पर निबंध प्लास्टिक पर प्रतिबंध (निबंध) संसार की 10 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्में : Top-10 Movies of the world अपवर्क क्या ह...