गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा

  1. 20+ TOP Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 पद
  2. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 Surdas ke Pad
  3. NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 1
  4. गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है? Gopiyon ne uddhav se yog ki shiksha kaise logo ko dene kee baat kahee hai?
  5. गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है?
  6. गोपियों ने उद्भव को योग की शिक्षा कैसे लोगो को देने की बात कही है और kyu?


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20+ TOP Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 पद

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 पद Better understanding of this chapter NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 पद. पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास प्रश्न 1. गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है? [CBSE] अथवा गोपियों ने उद्धव को भाग्यशाली क्यों कहा है? क्या वे वास्तव में भाग्यशाली हैं? [CBSE 2012] उत्तर: गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में निहित व्यंग्य यह है कि वे उद्धव को बड़भागी कहकर उन्हें अभाग्यशाली होने की ओर संकेत करती हैं। वे कहना चाहती हैं कि उद्धव तुम श्रीकृष्ण के निकट रहकर भी उनके प्रेम से वंचित हो और इतनी निकटता के बाद भी तुम्हारे मन में श्रीकृष्ण के प्रति अनुराग नहीं पैदा हो सका। ऐसा तो तुम जैसे भाग्यवान के ही हो सकता है जो इतना निष्ठुर और पाषाण हृदय होगा अर्थात् गोपियाँ कहना चाहती हैं कि उद्धव तुम जैसा अभागा शायद ही दूसरा कोई हो। प्रश्न 2. उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किस से की गई है? [CBSE] उत्तर उद्धव के व्यवहार की पहली तुलना ऐसे कमल-पत्र से की गई है जो पानी में रहते हुए भी पानी से गीला नहीं होता। उद्धव की दूसरी तुलना तेल से युक्त ऐसे घड़े से की गई है जो जल में डुबोने पर भी पानी से नहीं भीगता। प्रश्न 3. गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं? [Imp.][CBSE] उत्तर: गोपियों ने निम्नलिखित उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए– • उद्धव तुमने प्रीति नदी में कभी पैर नहीं डुबोया। • तुम कृष्ण के समीप रहकर भी उनके प्रेम से वंचित रह गए। • योग संदेश हम जैसों के लिए कड़वी ककड़ी. के समान है। • हम तुम्हारी तरह नहीं हैं जिन पर कृष्ण के प्रेम का असर न हो। • उद्धव पहले के लोग ही अच्...

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 Surdas ke Pad

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 Surdas Ke Pad Question Answer NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 सूरदास के पद have been explained in a simple and easy to understand language in order to create Textbook Hindi Class 10 Kshitij (क्षितिज भाग 2) Chapter 1 – Surdas Ke Pad (सूरदास के पद) Author Surdas (सूरदास) Khand Kavya Khand (काव्य खंड) Topic NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 NCERT Solutions Class 10 Hindi Chapter 1 Question Answer 1. गोपियों द्वारा उध्दव को भाग्यवान कहने मे क्या व्यंग्य निहित है? उत्तर – गोपियों द्वारा उध्दव को भाग्यवान कहने में यह व्यंग्य निहित है कि वास्त्व में उद्धव कितने भाग्यहीन है, जो नंदलाल के इतने करीब होते हुए भी उनके प्रेम में सराबोर होने से वंचित है। उध्दव, कृष्ण के प्रेम-रूपी सागर के सानिध्य में रहते हुए भी उनके असीम प्रेम के सुखद अनुभव से पूर्णतया वंचित है। 2. उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किस से की गई है? उत्तर – गोपियों ने उध्दव के व्यवहार की तुलना निम्नलिखित उदाहरणों से की है- • उध्दव के व्यवहार की तुलना गोपियों ने कमल के पत्ते से की है, जैसे कमल का पत्ता जल मे रहकर भी डुबने से बचा रहता है ठीक उसी प्रकार उध्दव भी कृष्ण के सानिध्य में रहते हुए भी कृष्ण प्रेम मे सराबोर होने से बचे रहते है। • उध्दव के व्यवहार को गोपियों ने जल के मध्य रखी तेल की गगरी के समान बताया है, जिस प्रकार पानी की एक बूँद भी उस गगरी पर नहीं ठहर पाती और ना ही उस गगरी पर ज़ल का कोई प्रभाव पड़ता है ठीक उसी प्रकार कृष्ण के पास रहते हुए भी कृष्ण प्रेम का उध्दव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। 3. गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम...

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 1

1.गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है? उत्तर गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में यह व्यंग्य निहित है कि उद्धव वास्तव में भाग्यवान न होकर अति भाग्यहीन हैं। वे कृष्णरूपी सौन्दर्य तथा प्रेम-रस के सागर के सानिध्य में रहते हुए भी उस असीम आनंद से वंचित हैं। वे प्रेम बंधन में बँधने एवं मन के प्रेम में अनुरक्त होने की सुखद अनुभूति से पूर्णतया अपरिचित हैं। 2. उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किस से की गई है? उत्तर गोपियों ने उद्धव के व्यवहार की तुलना निम्नलिखित उदाहरणों से की है -• गोपियों ने उद्धव के व्यवहार की तुलना कमल के पत्ते से की है जो जल में रहते हुए भी उससे प्रभावित नहीं होता है| • वह जल में रखे तेल के मटके के समान हैं, जिस पर जल की एक बूँद भी टिक नहीं पाती। 3. गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं? उत्तर गोपियों ने अनेक उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं- • गोपियाँ उद्धव के व्यवहार को कमल के पत्ते के समान बताती हैं जो पानी में रहकर भी उससे अछूता रहता है यानी वे प्रेम के मूरत कृष्ण के संग रहकर भी उसका अर्थ नहीं जान पाए हैं| • गोपियाँ उन्हें 'बड़भागी' कहती हैं जो कृष्ण के संग रहकर भी प्रेम के बंधनों से मुक्त है| उन्हें प्रेम के मायने नहीं पता हैं| • वे उद्धव के योग सन्देश को कड़वी ककड़ी के समान बताती हैं जो उनसे नहीं खाई जाती यानी वे उन बातों को नहीं समझ सकतीं| 4. उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम कैसे किया? उत्तर गोपियाँ श्रीकृष्ण के आगमन की आशा में बैचैन थीं। वे एक-एक दिन गिन रही थी और अपने तन-मन की व्यथा को चुपचाप सहती हुई कृष्ण के प्रेम रस में डूबी हुई थीं। परन्तु कृष्...

गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है? Gopiyon ne uddhav se yog ki shiksha kaise logo ko dene kee baat kahee hai?

जब उद्धव जी गोपियों को योग की शिक्षा देने के आये, तब गोपियों ने उद्धव से यह कहा कि योग की शिक्षा ऐसे लोगों को दे जिनका मन की चंचल है। जिनका मन यह निश्चित जगह पर नहीं रहता, उनका मन भटकता रहता है, ऐसे लोगों को योग की शिक्षा दीजिए। उद्धव जी ने अपने योग के संदेश से मन को एकाग्र करने का उपदेश दिया, परंतु गोपियों का मन श्री कृष्ण भगवान के अनन्य प्रेम में ही एकाग्र है, उन्हें किसी भी तरह की योग साधना निरर्थक लगती हैं।

गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है?

गोपियों के अनुसार योग की शिक्षा उन्हीं लोगों को देनी चाहिए जिनकी इन्द्रियाँ व मन उनके बस में नहीं होते। जिस तरह से चक्री घूमती रहती है उसी तरह उनका मन एक स्थान पर न रहकर भटकता रहता है। परन्तु गोपियों को योग की आवश्यकता है ही नहीं क्योंकि वह अपने मन व इन्द्रियों को श्री कृष्ण के प्रेम के रस में डूबो चुकी हैं। वे इन सबको श्री कृष्ण में एकाग्र कर चुकी हैं। इसलिए उनको इस योग की शिक्षा की आवश्यकता नहीं है।

गोपियों ने उद्भव को योग की शिक्षा कैसे लोगो को देने की बात कही है और kyu?

गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा ऐसे लोगों को देने की बात कही है जिनका मन चंचल है और इधर-उधर भटकता है। उद्धव अपने योग के संदेश में मन की एकाग्रता का उपदेश देतें हैं, परन्तु गोपियों का मन तो कृष्ण के अनन्य प्रेम में पहले से ही एकाग्र है। इस प्रकार योग-साधना का उपदेश उनके लिए निरर्थक है। योग की आवश्यकता तो उन्हें है जिनका मन स्थिर नहीं हो पाता, इसीलिये गोपियाँ चंचल मन वाले लोगों को योग का उपदेश देने की बात कहती हैं।।। अगर ये answer आपको अच्छा लगा तो please इस answer को upvote कर देना please....!! गोपियों ने उद्धव को योग की शिक्षा उन लोगों को देने की बात कही है जिनका मन एक जगह पर केंद्रित नहीं है , जिन का मन चकरी के समान घूमता रहता है, व हर समय बदलता रहता है, जिनके मन में भटकाव है, दुविधा है, और भ्रम है गोपियों ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि उनके मन में केवल श्रीकृष्ण का वास है, उनका मन केवल श्रीकृष्ण पर ही केंद्रित है, वह अपने पूरे दिल से केवल कृष्ण से ही प्रेम करती है व Unhe किसी प्रकार की योग की आवश्यकता नहीं है. Question Description गोपियों ने उद्भव को योग की शिक्षा कैसे लोगो को देने की बात कही है और kyu? for Class 10 2023 is part of Class 10 preparation. The Question and answers have been prepared according to the Class 10 exam syllabus. Information about गोपियों ने उद्भव को योग की शिक्षा कैसे लोगो को देने की बात कही है और kyu? covers all topics & solutions for Class 10 2023 Exam. Find important definitions, questions, meanings, examples, exercises and tests below for गोपियों ने उद्भव को योग की शिक्षा कैसे लोगो को देने की बात कही है और kyu?. Here you can find the meaning o...