Gram shree bhavarth

  1. ग्राम श्री
  2. NCERT Book Class 9 Hindi Kshitij Chapter 13 ग्राम श्री
  3. ग्राम श्री कविता का भावार्थ
  4. bhavarth ramayan
  5. NCERT Solutions For Class 9 Kshitiz II Hindi Chapter 13


Download: Gram shree bhavarth
Size: 23.28 MB

ग्राम श्री

पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तरऔर सार - ग्राम श्रीभाग - 1 पाठ का सार इस कविता में कवियत्री ने गाँव में छायी हरियाली का दिल छू लेने वाला वर्णन किया है। यहाँ जाड़े के मौसम का अंत तथा वसंत ऋतू का आगमन का दृश्य प्रस्तुत किया गया है।खेतों में फैली दूर दूर तक फसलें और उनके ऊपर जबसूरज की किरणें पड़ती हैं तो कवियत्री को ऐसा प्रतीत होता है मनो किसी ने चांदी का जाल बिछा दिया हो। गेहूं और अरहरकी सुनहरी बाली तथा पिली सरसों द्वारा फैला तैलीय सुगंध उन्हें बहुत मोहित करता है। खेतों में मटर के पौधे अपने बीजों को छिपाकर हंस रही हैं और रंग बिरंगी तितलियाँ फूलों के ऊपर मंडरा रही हैं जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी ने रंगों की छठा बिखेरी दी हो। फलों के पकने कामौसम होने के कारण वृक्ष आम, अमरुद, जामुन तथा कटहल, आड़ू आदि से झुका पड़ा है। पालक, धनिया के पत्ते लहलहा रहे हैं, टमाटर मखमल की तरह लाल हो गए हैं तथा मिर्च हर-भरी थैली की तरह लग रही है। गंगा के तट पर पड़े बालू के टीले ऐसे लगते हैं मानो लम्बे-लम्बे सांप पड़े हों तथा तरबूजे की खेती भी मनको भा रही है। पास में बगुला अपनी अँगुलियों से अपने कलगी में कंघी कर रहा है तथा मगरमच्छ पानी में अलसाया सोया पड़ा है। कुल मिलाकर कवि ने पुरे वातावरण का सजीव चित्रण किया है जो की बहुत ही मनोहारी है। कवि परिचय सुमित्रानंदन पंत इनका जन्म उत्तरांचलके अल्मोड़ा जिले के कौसानी गाँव में सन 1900 में हुआ। आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के आह्वान पर उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया। पंत के कविता में प्रकृति और मनुष्य के अंतरंग संबंधों की पहचान है। सन 1977 में उनका देहांत हो गया। प्रमुख कार्य काव्य कृतियाँ - वीणा, ग्रंथि,गुंजन, ग्राम्या, पल्लव, युगांत, स्वर्ण किरण, स्वर्णध...

NCERT Book Class 9 Hindi Kshitij Chapter 13 ग्राम श्री

NCERT Book for Class 9 Hindi Chapter 13 ग्राम श्रीis available for reading or download on this page. Students who are inclass 9thor preparing for any exam which is based onClass 9 Hindican referNCERT Hindi Kshitij Bookfor their preparation. DigitalNCERT Books Class 9 Hindi pdf are always handy to use when you do not have access to physical copy. Here you can read Chapter 13 of Class 9 Hindi NCERT Book. Also after the chapter, you can get links to Class 9 Hindi Notes, NCERT Solutions, Important Question, Practice Papers etc. Scroll down for ग्राम श्री from NCERT Book Class 9 Hindi Book important study material. NCERT Book Class 9 Hindi Kshitij Chapter 13 ग्राम श्री Download NCERT Book for Class 9 Hindi PDF It is easy to download NCERT Class 9 Books. Just click on the link, a new window will open containing all theNCERT Book Class 9 HindiPDF files chapter-wise. Select chapter you wish to download and its done. You will have the PDF on your device to study offline. • Buy NCERT Book for Class 9 Hindi Online You can buy Class 9 Hindi NCERT Book from various online platforms and get doorstep delivery in no time. For your convenience, we have curated direct link to NCERT Book Class 9 Hindi so that you need not keep the search for it. You can simply visit the link to go to the Amazon website and order online. • NCERT Solutions for Class 9 Hindi After reading the chapter, you can refer to our Class 9 Hindi NCERT Solutions. Step by Step answers to all the exercise questions is provi...

ग्राम श्री कविता का भावार्थ

Class 9 Hindi Kshitij Chapter 13 Summary Graam Shree by Sumitra Nandan Pant – सुमित्रानंदन पन्त (ग्राम श्री) सुमित्रानंदन पन्त का जीवन परिचय Sumitra Nandan Pant ka Jeevan Parchay: सुमित्रानंदन पंत हिंदी साहित्य के छायावादी युग के प्रमुख कवियों में से एक है। इनका जन्म उत्तरांचल के अल्मोड़ा जिले में कौसानी गांव में सन् 1900 में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा में ही हुई। 1918 में वे अपने मँझले भाई के साथ काशी आ गए और क्वींस कॉलेज में पढ़ने लगे। वहाँ से माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण कर, वे इलाहाबाद चले गए। सन् 1921 में असहयोग आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी द्वारा भारतीयों से अंग्रेजी विद्यालयों, महाविद्यालयों, न्यायालयों एवं अन्य सरकारी कार्यालयों का बहिष्कार करने के आह्वान पर, उन्होंने महाविद्यालय छोड़ दिया और घर पर ही हिन्दी, संस्कृत, बांग्ला और अंग्रेजी भाषा-साहित्य का अध्ययन करने लगे। उनकी मृत्यु 28 दिसम्बर 1977 को हुई। सात वर्ष की उम्र में, जब वे चौथी कक्षा में ही पढ़ रहे थे, उन्होंने कविता लिखना शुरु कर दिया था। सन् 1926-27 में उनका प्रसिद्ध काव्य-संकलन ‘पल्लव’ प्रकाशित हुआ। सुमित्रानंदन पंत की कुछ अन्य काव्य-कृतियाँ हैं – ग्रन्थि, गुंजन, ग्राम्या, युगांत, स्वर्णकिरण, स्वर्णधूलि, कला और बूढ़ा चाँद, लोकायतन, चिदंबरा, सत्यकाम आदि। हिंदी साहित्य सेवा के लिए उन्हें पद्मभूषण(1961), ज्ञानपीठ(1968), साहित्य अकादमी, तथा सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार जैसे उच्च श्रेणी के सम्मानों से अलंकृत किया गया। जहां उनकी प्रारंभिक कविताओं में प्रकृति और सौंदर्य के रमणीय चित्र मिलते हैं, वहीं दूसरे चरण की कविताओं में छायावाद की सूक्ष्म कल्पनाएं व कोमल भावनाएं देखने को मिलती हैं। उनके अंतिम चरण की...

bhavarth ramayan

श्री भावार्थ रामायण ( bhavarth ramayan ) वाचण्यासाठी खालील अध्यायांवर क्लिक करा भावार्थ रामायण ( bhavarth ramayan) – बालकाण्ड भावार्थ रामायण ( bhavarth ramayan) – अयोध्याकाण्ड अयोध्याकाण्ड अध्याय १ अयोध्याकाण्ड अध्याय २ अयोध्याकाण्ड अध्याय ३ अयोध्याकाण्ड अध्याय ४ अयोध्याकाण्ड अध्याय ५ अयोध्याकाण्ड अध्याय ६ अयोध्याकाण्ड अध्याय ७ अयोध्याकाण्ड अध्याय ८ अयोध्याकाण्ड अध्याय ९ अयोध्याकाण्ड अध्याय १० अयोध्याकाण्ड अध्याय ११ अयोध्याकाण्ड अध्याय १२ अयोध्याकाण्ड अध्याय १३ अयोध्याकाण्ड अध्याय १४ अयोध्याकाण्ड अध्याय १५ अयोध्याकाण्ड अध्याय १६ अयोध्याकाण्ड अध्याय १७ अयोध्याकाण्ड अध्याय १८ भावार्थ रामायण ( bhavarth ramayan) – अरण्यकाण्ड अरण्यकाण्ड अध्याय १ अरण्यकाण्ड अध्याय २ अरण्यकाण्ड अध्याय ३ अरण्यकाण्ड अध्याय ४ अरण्यकाण्ड अध्याय ५ अरण्यकाण्ड अध्याय ६ अरण्यकाण्ड अध्याय ७ अरण्यकाण्ड अध्याय ८ अरण्यकाण्ड अध्याय ९ अरण्यकाण्ड अध्याय १० अरण्यकाण्ड अध्याय ११ अरण्यकाण्ड अध्याय १२ अरण्यकाण्ड अध्याय १३ अरण्यकाण्ड अध्याय १४ अरण्यकाण्ड अध्याय १५ अरण्यकाण्ड अध्याय १६ अरण्यकाण्ड अध्याय १७ अरण्यकाण्ड अध्याय १८ अरण्यकाण्ड अध्याय १९ अरण्यकाण्ड अध्याय २० अरण्यकाण्ड अध्याय २१ अरण्यकाण्ड अध्याय २२ अरण्यकाण्ड अध्याय २३ भावार्थ रामायण ( bhavarth ramayan) – किष्किंधाकाण्ड भावार्थ रामायण ( bhavarth ramayan) – सुन्दरकाण्ड सुन्दरकाण्ड अध्याय १ सुन्दरकाण्ड अध्याय २ सुन्दरकाण्ड अध्याय ३ सुन्दरकाण्ड अध्याय ४ सुन्दरकाण्ड अध्याय ५ सुन्दरकाण्ड अध्याय ६ सुन्दरकाण्ड अध्याय ७ सुन्दरकाण्ड अध्याय ८ सुन्दरकाण्ड अध्याय ९ सुन्दरकाण्ड अध्याय १० सुन्दरकाण्ड अध्याय ११ सुन्दरकाण्ड अध्याय १२ सुन्दरकाण्ड अध्याय १३ सुन्दरकाण्ड अध्य...

NCERT Solutions For Class 9 Kshitiz II Hindi Chapter 13

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 13 ग्राम श्री is part of Board CBSE Textbook NCERT Class Class 9 Subject Hindi Kshitiz Chapter Chapter 13 Chapter Name ग्राम श्री Number of Questions Solved 25 Category NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 13 ग्राम श्री पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास प्रश्न 1. कवि ने गाँव को ‘हरता जन-मन’ क्यों कहा है? उत्तर- कवि ने गाँव को ‘हरता जन-मन’ इसलिए कहा है क्योंकि उसकी शोभा अनुराग है। खेतों में दूर-दूर तक मखमली हरियाली फैली हुई है। उस पर सूरज की धूप चमक रही है। इस शोभा के कारण पूरी वसुधा प्रसन्न दिखाई देती है। इसके कारण गेहूँ, जौ, अरहर, सनई, सरसों की फसलें उग आई हैं। तरह-तरह के फूलों पर रंगीन तितलियाँ मँडरा रही हैं। आम, बेर, आड़, अनार आदि मीठे फल पैदा होने लगे हैं। आलू, गोभी, बैंगन, मूली, पालक, धनिया, लौकी, सेम, टमाटर, मिर्च आदि खूब फल-फूल रहे हैं। गंगा के किनारे तरबूजों की खेती फैलने लगी है। पक्षी आनंद विहार कर रहे हैं। ये सब दृश्य मनमोहक बन पड़े हैं। इसलिए गाँव सचमुच जन-मन को हरता है। प्रश्न 2. कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है? उत्तर- कविता में सरदी के मौसम के सौंदर्य का वर्णन है। इसी समय गुलाबी धूप हरियाली से मिलकर हरियाली पर बिछी चाँदी की उजली जाली का अहसास कराती है और पौधों पर पड़ी ओस हवा से हिलकर उनमें हरारक्त होने का भान होता है। इसके अलावा खेत में सब्ज़ियाँ तैयार होने, पेड़ों पर तरह-तरह के फल आने, तालाब के किनारे रेत पर मँगरौठ नामक पक्षी के अलसीकर सोने से पता चलता है कि यह सरदी के मौसम का ही वर्णन है। प्रश्न 3. गाँव को ‘मरकत डिब्बे-सा खुला’ क्यों कहा गया है? उत्तर- गाँव में चारों ओर मखमली हरियाली और रंगो...