गर्भ गीता पाठ इन हिंदी

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  4. 2023 Bhagwat Geeta In Hindi Pdf
  5. Telangana Governor Soundararajan Said Pregnant Women Should Recite Sunderkand, Read Ramayana
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Telangana Governor Tamilisai Soundararajan Says Pregnant Women Should Recite Sunderkand Read Ramayana

Telangana: 'गर्भवती महिलाएं करें सुंदरकांड का पाठ, पढ़ें रामायण', तेलंगाना की राज्यपाल सौंदरराजन ने क्यों कही ये बात Garbha Sanskar: तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन, जो कि एक स्त्री रोग विशेषज्ञ और भ्रूण चिकित्सक भी हैं. उन्होंने यह बात RSS से जुड़े एक 'गर्भ संस्कार' कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए की. Garbha Sanskar Programme: तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने रविवार (11 जून) को कहा कि गर्भवती महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बच्चे पैदा करने के लिए 'सुंदरकांड' का पाठ करें और उन्हें रामायण जैसे महाकाव्यों को भी पढ़ना चाहिए. सौंदरराजन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े एक संगठन के 'गर्भ संस्कार' कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए यह टिप्पणी की. तमिलिसाई सौंदरराजन खुद भी एक स्त्री रोग विशेषज्ञ और भ्रूण चिकित्सक हैं. संवर्धिनी न्यास की ओर से तैयार किए गए 'गर्भ संस्कार' कार्यक्रम के तहत, संगठन से जुड़े डॉक्टर गर्भवती माताओं को 'वैज्ञानिक और पारंपरिक' उपायों के बारे में बताएंगे, जिससे वे 'संस्कारी और देशभक्त' बच्चों को जन्म दे सकें. गर्भ संस्कार कार्यक्रम मॉड्यूल का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से जारी किए 'गर्भ संस्कार' मॉड्यूल के अनुसार इन उपायों में भगवद गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना, संस्कृत मंत्रों का जाप करना और योगाभ्यास शामिल होगा. यह प्रक्रिया गर्भाधान से पहले से प्रसव के चरण तक शुरू होगी और तब तक जारी रहेगी जब तक कि बच्चा दो साल का नहीं हो जाता. इसके अनुसार कार्यक्रम के दौरान गर्भवती महिलाओं के परिवार के सदस्यों का भी मार्गदर्शन किया जाएगा. संवर्धिनी न्यास, राष्ट्र सेविका समिति की एक शाखा है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सौंदरराजन ने 'गर्भ संस्का...

Garbh Geeta In Hindi Pdf

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Bhagwat Geeta In Hindi PDF

Bhagwat Geeta PDF In Hindi Shrimad Bhagwat Geeta is one of the holiest texts of Hindus. Monotheism, Karma Yoga, Jnana Yoga, Bhakti Yoga have been discussed very beautifully in the Bhagavad Gita. श्रीमद्भगवद्‌गीता हिन्दुओं के पवित्रतम ग्रन्थों में से एक है। भगवत गीता में एकेश्वरवाद,कर्म योग,ज्ञानयोग,भक्ति योग की बहुत सुन्दर ढंग से चर्चा हुई है। 👇👇 Bhagavad Gita in Hindi Free 👇👇 ( यहाँ से भगवत गीता हिंदी में डाउनलोड करें) 2. Shrimad Bhagwat Geeta In Hindi Pdf Download Bhagwat Geeta In Hindi Pdf भगवद गीता एक प्राचीन भारतीय दार्शनिक ग्रंथ है जिसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। भगवत गीता के 18 अध्याय इस प्रकार हैं: अध्याय शीर्षक श्लोक 1 अर्जुनविषादयोग 47 2 सांख्ययोग 72 3 कर्मयोग 43 4 ज्ञानकर्मसंन्यासयोग 42 5 कर्मसंन्यासयोग 29 6 आत्मसंयमयोग 47 7 ज्ञानविज्ञानयोग 30 8 अक्षरब्रह्मयोग 28 9 राजविद्याराजगुह्ययोग 34 10 विभूतियोग 42 11 विश्वरूपदर्शनयोग 55 12 भक्तियोग 20 13 क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभागयोग 34 14 गुणत्रयविभागयोग 27 15 पुरुषोत्तमयोग 20 16 दैवासुरसम्पद्विभागयोग 24 17 श्रद्धात्रयविभागयोग 28 18 मोक्षसंन्यासयोग 78 Total 700 During the war of Mahabharata, when Arjuna refuses to fight, then महाभारत के युद्ध के समय जब अर्जुन युद्ध करने से मना करते हैं तब श्री कृष्ण उन्हें उपदेश देते है और कर्म व धर्म के सच्चे ज्ञान से अवगत कराते हैं । यह महाभारत के भीष्मपर्व के अन्तर्गत दिया गया एक उपनिषद् है। ईश्वर गीता, अनंत गीता, हरि गीता, व्यास गीता, या केवल गीता के रूप में भी जाना जाता है। भगवद गीता के शीर्षक में गीता का अर्थ है “गीत।” धार्मिक नेता और विद्वान भगवद शब्द की कई तरह से व्याख्या करते है...

2023 Bhagwat Geeta In Hindi Pdf

हेलो दोस्तों, आज मैं आपको श्रीमद्भगवद्गीता का पीडीएफ देने वाला हूं bhagwat geeta in hindi pdf जिसके द्वारा आप भगवत गीता को फ्री में पढ़ पाएंगे वास्तव में भगवत गीता एक ऐसा ग्रंथ है जिसके महत्व का वर्णन हम अपने वाणी द्वारा नहीं कर सकते क्योंकि इसको स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को रणभूमि में समझाते हुए सभी प्रश्नों का उत्तर दिया है जो हमारे जीवन के सभी समस्याओं को दूर करने का बहुत ही अच्छा साधन है । 2.7 गीता का दूसरा नाम क्या है? 2023 Bhagwat Geeta In Hindi Pdf प्रभु श्रीकृष्ण अर्जुन को समझाते हुए कहते हैं कि न किसी के मरने का शोक करो न किसी के साथ नाता टूटने का दुख मानो वैसे भी मेरी माया इतनी प्रबल है अर्जुन की जिन्हें तु समझता है कि तेरे मृत्यु के बाद शोक करेंगे सारा जीवन रोते रहेंगे वो भी असत्य हैं मेरी माया के प्रभाव से थोड़े ही दिनों के बाद उन और रोने वालों को तू हँसता खेलता देखेगा मित्र चार दिन रोता है | इस लेख से आप आप भाई 10 दिन रोता है, पत्नी उससे अधिक रोती है माता सबसे अधिक समय तक रोती है । परंतु सबके आँसू धीरे धीरे सूख जाते हैं और उन आँखों में फिर से नए नए सपनों की रोशनी चमकने लगती है । श्रीमद्भागवत गीता पढ़ने से क्या होता है ? जो मनुष्य शुद्ध चित्त होकर प्रेम पूर्वक इस पवित्र गीता शास्त्र का पाठ करता है वह भय और शोक आदि से रहित होकर विष्णुधाम को प्राप्त कर लेता है । जो मनुष्य सदा गीता का पाठ करने वाला हैं तथा प्राणायाम में तत्पर रहता है, उसेके इस जन्म में और पूर्वजन्म में किए हुए समस्त पाप निस्संदेह नष्ट हो जाते हैं । जल में किया हुआ स्नान ये मनुष्यों के केवल शारीरिक मल का नाश करता है परंतु गीताज्ञानरुप जल में एक बार भी किया हुआ स्नान संसार मलको नष्ट करने वाला...

Telangana Governor Soundararajan Said Pregnant Women Should Recite Sunderkand, Read Ramayana

गर्भवती महिलाएं 'सुंदरकांड' का पाठ करें, रामायण को पढ़ें : तेलंगाना की राज्यपाल सौंदरराजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सौंदरराजन ने 'गर्भ संस्कार' कार्यक्रम मॉड्यूल विकसित करने में संवर्धिनी न्यास के प्रयासों की सराहना की और कहा कि गर्भावस्था के प्रति इस 'वैज्ञानिक और समग्र दृष्टिकोण' के कार्यान्वयन से 'निश्चित रूप से' सकारात्मक परिणाम मिलेंगे. नई दिल्ली: तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने रविवार को कहा कि गर्भवती महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बच्चे पैदा करने के लिए 'सुंदरकांड' का पाठ करें और उन्हें रामायण जैसे महाकाव्यों को भी पढ़ना चाहिए. सौंदरराजन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े एक संगठन के 'गर्भ संस्कार' कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए यह टिप्पणी की. वह स्त्री रोग विशेषज्ञ और भ्रूण चिकित्सक भी हैं. संवर्धिनी न्यास द्वारा तैयार किए गए 'गर्भ संस्कार' कार्यक्रम के तहत, संगठन से जुड़े डॉक्टर गर्भवती माताओं को 'वैज्ञानिक और पारंपरिक' उपायों के बारे में बतायेंगे ताकि वे 'संस्कारी और देशभक्त' बच्चों को जन्म दे सकें. ऑनलाइन माध्यम से जारी किए 'गर्भ संस्कार' मॉड्यूल के अनुसार इन उपायों में भगवद गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना, संस्कृत मंत्रों का जाप करना और योगाभ्यास शामिल होगा. यह प्रक्रिया गर्भाधान से पहले से प्रसव के चरण तक शुरू होगी और तब तक जारी रहेगी जब तक कि बच्चा दो साल का नहीं हो जाता. इसके अनुसार कार्यक्रम के दौरान गर्भवती महिलाओं के परिवार के सदस्यों का भी मार्गदर्शन किया जाएगा. संवर्धिनी न्यास, राष्ट्र सेविका समिति की एक शाखा है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सौंदरराजन ने 'गर्भ संस्कार' कार्यक्रम मॉड्यूल विकसित करने में संवर्धिनी न...

Garbh Geeta PDF in Hindi (5MB)

Garbh Geeta PDF in Hindi Download | Garbh geeta book in hindi pdf गर्भ गीता यह श्री कृष्ण और अर्जुन के मध्य का संवाद है। इस गीता में श्री कृष्ण उनके प्रिय भक्त अर्जुन के प्रश्नों के उत्तर देते है। गर्भ गीता में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को कर्म से बने जन्मों कि व्याख्या करते है। वे बताते है कि किस प्रकार कौन से कर्म करने से आत्मा किस जन्मों को पाती है। गर्भ गीता वेद पुरणों के तुलना से भिन्न माना जाता है। और गर्भ गीता पीडीऍफ़ का पाठ सबसे उत्तम माना गया है। इस गीता में श्री कृष्ण और अर्जुन का संवाद पस्टूत है। इस श्री कृष्ण और अर्जुन संवादा अर्जुन : हे मधुसूदन ! आप मुझे ये बताने की कृपा करे कि प्राणी अपने मा के गर्भ में आता है तो वह अपने किन गुण दोष के कारण आता है। प्राणी जन्म से पहले गर्भ कष्ट पता है। और जन्म से पहले ही असहनीय पीड़ा पता है। इसके बाद भी वह रोग पीड़ा के कारण भी दुख पता है। उसे वृद्ध अवस्था में अनेकों रोज घेर लेते है। और उसकी मृत्यू हो जाती है। हे भगवन्! मुझे बताए कि वे कोंस कार्य है जिनसे मनुष्य जन्म मृत्यु के दुख से बच सकता है। भगवान श्री कृष्ण : हे धनुरधरी ! जन्म और मृत्यु का बन्धन तो सभी प्राणियों की तो नियति है। यानी कि जिस भी प्राणी ने इस मृत्यूलोक में जन्म लिया है उसकी मृत्यू निश्चित है।जो प्राणी संसार के नष्ट होने वाले पदार्थो से प्रेम करते है। जो प्राणी संसार कि नश्वर वस्तुओं के इच्छा रखते है। या फिर को प्राणी संसार कि दैलत पाने की कामना तो करते है। परन्तु भगवान के भक्ति से विमुख रहता है। वह बार बार अलग अलग योनियों में जन्म लेता है वो जीवन मारें और गर्भ कि पीड़ा भोगता है। अर्जुन : हे माधव ! संसार की मोह माया से मुक्ति तो संभव नहीं है। मन पांच विकारों के व...

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गर्भ गीता: Garbh Geeta | किन कारणों से आता है जीव गर्भ में ? धर्म आस्था / By Sugam Verma गर्भ गीता: Garbh Geeta | किन कारणों से आता है जीव गर्भ में ? Table of Contents Garbh Geeta: किन कारणों से आता है जीव गर्भ में ? Garbh Geeta स्तुत संवाद गर्भ गीता से लिया गया है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण तथा उनके प्रिय भक्त एवं सखा अर्जुन के मध्य संवाद किया गया है। इसमें भगवान मधुसूदन अर्जुन के द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं। एक समय की बात है अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि भगवन क्या कारण है कि किसी जीव को मां के गर्भ में आना पड़ता है तथा भांति-भांति के कष्ट भोगने पड़ते हैं? ऐसा जीव के किन गुण तथा दोषों के कारण होता है? प्राणी अपने जन्म से पूर्व तो कष्ट पाता ही है जन्म लेते समय भी उसे कष्टों से छुटकारा नहीं मिलता। उसके बाद आजीवन मृत्यु काल तक उसे रोग कष्ट आदि का सामना करना पड़ता है (Garbh Geeta in hindi)। यह सुनकर भगवान मधुसूदन मुस्कराते हुये बोले कि -‘‘ हे श्रेष्ठ धनुर्धारी अर्जुन! मृत्यु लोक में जन्म लेने के पश्चात प्रत्येक जीवात्मा इस संसार की माया से प्रेरित होकर भौतिक संसाधनों के बंधनों में बंध जाती है। वह अपना मुख्य उद्देश्य जो कि मात्र ईश्वर की प्राप्ति है उसे भूलकर परिवार, पुत्र-पुत्रियों सगे-सम्बन्धियों, आदि के मोह में फंसकर ही रह जाती है। मृत्युपर्यन्त तक इन सभी में फंसे होने के बाद जब जीव का अन्तिम समय आता है तो वह अपनी अधूरी इच्छाओं के बारे में ही सोचते हुये प्राण त्यागता है (Garbh Geeta) । इसे भी पढेंं- सम्पूर्ण श्रीमद्‍भगवद्‍गीता Shrimad Bhagwat Geeta In Hindi ऐसा इस कारण होता है कि मानव जाति कभी संतुष्ट नहीं होती उसे सदैव कुछ और की चाहत बनी ही रहती है यही कार...