गुरु गोविंद सिंह के बच्चों का इतिहास

  1. गुरु गोबिंद सिंह का जीवन परिचय, जयंती व इतिहास
  2. श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन के बचपन की कहानी और इतिहास
  3. गुरु गोविंद सिंह का जीवन परिचय
  4. गुरु गोविन्द सिंह की जीवनी (जन्म, परिवार, मृत्यु), खालसा की स्थापना, पुत्र का नाम, व्यक्तिगत जीवन Guru Govind Singh biography in Hindi


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गुरु गोबिंद सिंह का जीवन परिचय, जयंती व इतिहास

खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोबिंद सिंह के जीवन व इतिहास से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें, जयंति रचनाएं, ग्रंथ, युद्ध (Guru Gobind Singh Biography hindi, Jayanti 2022, sikh guru govind ki jivan katha, history, fights, battle) गुरु गोबिंद सिंह सिख समुदाय के दसवें और अंतिम सिख गुरु थे जिन्होंने सिख समाज को एक नई दिशा प्रदान करी। गुरु गोविंद सिंह एक महान आध्यात्मिक गुरु व अद्वितीय योद्धा तथा कवि और एक महान दार्शनिक भी थे। गुरु गोविंद सिंह ने मानवता व धर्म, संस्कृति की रक्षा के लिए कई युद्ध लड़े और कई बलिदान दिये। उन्होंने 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की। उन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में लगा दिया। • • • • • • • • • • • • • • • • गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती 2023 गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती हर वर्ष २२ दिसंबर को आती है। तथा गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती मनाने का सिखों के आखिरी व दसवें गुरु की गुरु गोविन्द सिंह जी की जयंति 2023 में 5 जनवरी के दिन है। यह दिन नानकशाही कैलेंडर के अनुसार निर्धारित किया जाता है। गुरु गोविन्द सिंह जी की जयंती मनाने का उद्देश्य पूरे भारत तथा विश्व में शांति का सन्देश देना है। और गुरु गोविन्द सिंह जी की बहादुरी, उनके द्वारा लगे गए महान युद्धों, उनके द्वारा दिये गये बलिदानों को याद रखने के लिए गुरु गोविन्द सिंह जी की जयंती मनाई जाती है। • गुरु गोबिंद सिंह का जीवन परिचय (Guru Gobind Singh Biography hindi) गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रारंभिक जीवन गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना में हुआ था। उनके पिता का नाम गुरु तेग बहादुर था, जो कि सिख समाज के बहुतबडेयोद्धा थे। लेकिन औरंगजेब गुरु तेग बहादुर को धोखे से कत्ल कर दिया था। इसके...

हिन्दू

‘वो दुष्ट पहाड़ी राजा मूर्तिपूजक, मैं मूर्तिभंजक हूँ’: गुरु गोविंद सिंह ने की थी मुगलों को गद्दी दिलाने में सहायता – किताबों में पूरा इतिहास बहादुर शाह ने कवि नंदलाल के माध्यम से गुरु से सहायता माँगी और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया। उन्होंने भाई धर्म सिंह के साथ 200-250 लड़ाकू सिखों का एक जत्था बहादुर शाह की सहायता के लिए भी भेजा। सिख और हिन्दुओं के इतिहास की बात करते हुए इससे पहले हमने आपको बताया था कि किस तरह गुरु नानक के बेटे ही अपने पिता से अलग रास्ते पर चले थे और उन्होंने ‘ उदासी संप्रदाय‘ की स्थापना की। दूसरे लेख में हमने जाना कि मिर्जा राजा जय सिंह और उनके बेटे राम सिंह ने औरंगजेब से गुरु तेग बहादुर की रक्षा की। जय सिंह ने अपनी हवेली दान में दे दी, जिसे आज ‘ गुरुद्वारा बँगला साहिब‘ कहते हैं। अब हम बात करेंगे कि गुरु गोविंद सिंह के हिन्दुओं से कैसा रिश्ता था और उन्होंने खुद को क्यों ‘मूर्तिभंजक’ कहा था। आपको ये जान कर आश्चर्य होगा कि गुरु गोविंद सिंह ने कभी औरंगजेब की प्रशंसा की थी। जब गुरु के बच्चों को दीवार में ज़िंदा चुनवा दिया गया था और मुग़ल इस भ्रम में थे कि उन्होंने गुरु गोविंद सिंह को मार डाला है, उस दौरान वो दीने नाम के एक गाँव में अपने एक श्रद्धालु के यहाँ ठहरे हुए थे। वो वेश बदल कर घूम रहे थे। इसी गाँव से उन्होंने औरंगजेब को एक खत भेजा, जिसे ‘फतेह-पत्र’ या फिर ‘जफरनामा’ के नाम से भी जाना जाता है। ये पत्र औरंगजेब के दरबार में पहुँचा भी था। डॉक्टर महीप सिंह अपनी पुस्तक ‘गुरु गोविंद सिंह: एक युग व्यक्तित्व’ में लिखते हैं कि इस पत्र में उन्होंने औरंगजेब की प्रशंसा करते हुए उसे वीर योद्धा और ‘चतुर राजनीतिज्ञ’ बताया था। लेकिन, साथ ही उसे अधार्मिक बता कर उसकी निंदा भ...

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन के बचपन की कहानी और इतिहास

जन्म तिथि : 22 दिसंबर 1666 मृत्यु तिथि : 7 अक्टूबर 1708 गुरु में पद : 10वें गुरु थे माता-पिता का नाम : गुजरी जी और गुरु तेग बहादुर जी पत्नीयों के नाम : माता जीतो जी, माता सुंदरी जी, माता साहिब देवां बेटों के नाम : जुझार सिंह, जोरावर सिंह, फतेह सिंह, अजित सिंह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का बचपन गुरु गोबिंद जी सिखों के दसवें गुरु थे। कहा जाता है कि उनके पिता की मृत्यु के बाद उन्हें 11 नवम्बर सन् 1675 को गुरु बनाया गया था। सन् 1699 में बैसाखी के दिन उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की जो कि सिखों के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना थी। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी एक महान योद्धा, कवी, भक्त और अध्यात्मिक नेता थे। गुरु ग्रंथ साहिब जी सिखों की पवित्र ग्रन्थ है। ये ग्रन्थ गुरु गोबिंद सिंह द्वारा ही पूरा किया गया था और उन्हें गुरु रूप में सुशोभित किया। विचित्र नाटक को उनकी आत्मकथा माना जाता है। यह दसम ग्रंथ का एक भाग है, गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा किये गए कार्यों का एक संकलन है। उन्होंने मुगलों व उनके साथियों के साथ 14 युद्ध लड़े। धर्म के लिए उन्होंने अपने पूरे परिवार का बलिदान भी किया जिसके कारण उन्हें “ सर्वस्व्दानी” भी कहा जाता है और उनके कई नाम है:- • कल्गीधर • दशमेश • बाजांवाले आदि नामों से जाने जाते हैं। Shri Guru Gobind Singh Ji History in Hindi गुरु गोबिंद जी हिस्ट्री: गुरु गोबिंद सिंह जी एक महान लेखक, मौलिक चिंतन तथा संस्कृत सहित कई भाषाओं के ज्ञाता भी थे। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने कई ग्रंथों की रचना की। उनके दरबार में 52 कवियों तथा लेखकों की उपस्थिति रहती थी, इसलिए उन्हें “संत सिपाही” भी कहा जाता है। उन्होंने हमेशा सभी को प्रेम, एकता, भाईचारे का संदेश दिया। उनके अनुसार मनुष्य को क...

गुरु गोविंद सिंह का जीवन परिचय

गुरु गोविंद सिंह का जीवन परिचय, जीवनी, जन्म, शिक्षा, परिवार, उपदेश, खालसा पंथ, पंज प्यारे (Guru Gobind Singh Biography In Hindi, Wiki, Family, Education, Birthday, Career, Marriage, Wife, Marriage, Panj Pyare, Mudder, Khalsa panth ke Sthapana, Guru Gobind Singh And Aurangzeb, Guru Gobind Singh And Mugal Frendship, Motivational Quotes, Books) गुरु गोविंद सिंह वह है जिन्होंने सिखों के पवि त्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा कर गुरु के रूप में सुशोभित किया है। इसके साथ ही गुरु गोविंद सिंह एक महान योद्धा कवि भक्तों एवं आध्यात्मिक नेता थे। उन्होंने धर्म के लिए समस्त परिवार का बलिदान दिया था जिसके लिए उन्हें सरबंसदानी (सर्ववंशदानी) कहा जाता है, इसके अलावा उन्हें कलगीधर, दशमेश, बंजावाले जैसे कई नामों से जाना जाता है। गुरु गोविंद सिंह ने अपने पूरे जीवन के दौरान हमेशा लोगों को प्रेम एकता और भाईचारे का संदेश दिया है उनकी मान्यता थी कि “मनुष्य को किसी को डराना नहीं चाहिए और ना ही किसी से डरना चाहिए”। दोस्तों आज के अपने लेख गुरु गोविंद सिंह का जीवन परिचय (Guru Gobind Singh Biography In Hindi) में हम आपको बताएंगे कि कैसे उन्होंने अपने जीवन में संघर्षों को पार करते हुए मानव जाति के लिए एक उदाहरण पेश किया है- Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • गुरु गोविंद सिंह का जीवन परिचय नाम (Name) गुरु गोविंद सिंह असली नाम (Real Name) गोविंद राय अन्य नाम (Other Name) खालसा नानक, हिंद का पीर, भारत का संत प्रसिद्धि (Famous for) सिखों के दसवें गुरु और सिख खालसा सेना के संस्थापक एवं सेनापति के रूप में पदवी सिखों के दसवें गुरु जन्म (Date Of Birth) 22 दिसंबर 1666 जन्म स्थान (B...

गुरु गोविन्द सिंह की जीवनी (जन्म, परिवार, मृत्यु), खालसा की स्थापना, पुत्र का नाम, व्यक्तिगत जीवन Guru Govind Singh biography in Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • गुरु गोविंद सिंह की जीवनी ( Guru Govind Singh biography in Hindi) नमस्कार ! आज हम सिखों के दसवें गुरु यानी कि गुरु गोविंद सिंह की जीवनी आपके साथ शेयर कर रहे हैं, जिसमें हम आपको बताने वाले हैं उनके जीवन से जुड़े हर महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में, जो आज भी हमारे लिए प्रेरणा का एक प्रमुख स्रोत है। गुरु गोविंद सिंह की जीवनी (Biography of Guru Gobind Singh in Hindi) के अंतर्गत हम उनके जन्म, शिक्षा, परिवार, पत्नियों एवं पुत्रों के अलावा गुरु गोविंद सिंह जी के द्वारा खालसा की स्थापना एवं लड़े गए विभिन्न युद्धों की चर्चा करने वाले हैं। तो चलिए जानते हैं गुरु गोविंद सिंह जी के बारे में। गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म (Birth of Guru Gobind Singh) कब हुआ? गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म (Birth of Guru Gobind Singh) 22 दिसंबर 1966 ईस्वी में हुआ था। गुरु गोविंद सिंह जी के जन्म के समय इनके पिता असम में धर्म शिक्षा दे रहे थे, उसी वक्त इनका जन्म हुआ था। गुरु गोविंद सिंह के माता एवं पिता का नाम क्रमशाह तेग बहादुर एवं गुजरी था। इनके पिता नौवें सिख गुरु श्री तेग बहादुर जी थे। गुरु गोविंद सिंह के बचपन का नाम गोविंद राय था। इनका जन्म जिस स्थान पर हुआ था एवं उन्होंने अपना 4 वर्ष जन्म के पश्चात जिस स्थान पर बिताए थे, उस स्थान पर आज तखत श्री हरीमंदिर जी पटना साहिब स्थित है। गुरु गोविंद सिंह जी का परिवार (Family of Guru Gobind Singh) कैसा था? गुरु गोविंद सिंह जी का परिवार (Family of Guru Gobind Singh) की बात करें तो बता दें कि गुरु गोविंद सिंह सिक्ख परिवार से आते थे। सिक्खों के गुरु गोविंद सिंह जी के पिता का नाम गुरु तेग बहादुर एवं माता का नाम गुजरी था। गुरु ...