Guru pushya nakshatra 2023 in hindi

  1. Guru Pushya Yoga 2023। Guru Nakshatra। guru pushya yoga 2023 with guru uday and these auspicious yoga on 27 april do these work। 27 अप्रैल को गुरु पुष्य योग के साथ बन रहा अद्भुत संयोग, इन कामों को करने से हो सकती हैं धन
  2. Guru Pushya Yog:आज बन रहा दुर्लभ गुरु पुष्य योग, देखें शुभ योग, मुहूर्त और महत्व
  3. Guru Purnima 2023 Date: आने वाली है गुरु पूर्णिमा गुरुजी का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन जरुर करें ये एक काम
  4. पुष्य नक्षत्र 2023 कैलेंडर
  5. Guru Pushya Yog 2023: इस दिन बन रहा है गुरु पुष्य योग, गोल्ड, प्रॉपर्टी की खरीदारी व इन कार्यों के लिए माना जाता है शुभ
  6. Guru Pushya Yoga April 2023 Guru Nakshatra Know the date and importance
  7. 25 मई 2023 को गुरु पुष्य का महासंयोग : Guru Pushya Nakshtra में क्या खरीदना चाहिए?


Download: Guru pushya nakshatra 2023 in hindi
Size: 48.12 MB

Guru Pushya Yoga 2023। Guru Nakshatra। guru pushya yoga 2023 with guru uday and these auspicious yoga on 27 april do these work। 27 अप्रैल को गुरु पुष्य योग के साथ बन रहा अद्भुत संयोग, इन कामों को करने से हो सकती हैं धन

Guru Pushya Yoga 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुष्य योग हर माह पड़ता है, लेकिन जब यह गुरुवार के दिन पड़ता है, तो इसे गुरु पुष्य योग और रविवार के दिन पड़ने के कारण इसे रवि पुष्य योग माना जाता है। ज्योतिष के मुहूर्त शास्त्र में 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन विवाह को छोड़कर किसी भी काम को आरंभ करने से उसमें सफलता जरूर हासिल होती है। अप्रैल माह में पड़ने वाला गुरु पुष्य योग काफी खास है। अप्रैल का गुरु पुष्य योग क्यों है खास? 27 अप्रैल को पड़ने वाला गुरु पुष्य योग काफी खास है, क्योंकि इस दिन ही गुरु ग्रह उदय होने वाले हैं। जिसके साथ ही मांगलिक और शुभ काम होना शुरू हो जाएंगे। इतना ही नहीं इस दिन अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है। इतने शुभ योग बनने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है। कब लग रहा है गुरु पुष्य योग? हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरु पुष्य योग 27 अप्रैल 2023, गुरुवार की सुबह 7 बजे से शुरू होकर 28 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। इसके साथ-साथ सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 28 अप्रैल को को सुबह 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अमृतसिद्धि योग भी सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही रहने वाला है। गुरु पुष्य योग पर करें ये काम • गुरु पुष्य योग में धर्म- कर्म, अनुष्ठान, मंत्र दीक्षा अनुबंध, व्यापार आरंभ करने के लिए अति शुभ माना गया है। • गुरु पुष्य योग में भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें। इसके साथ-साथ विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इसके साथ ही कुंड...

Guru Pushya Yog:आज बन रहा दुर्लभ गुरु पुष्य योग, देखें शुभ योग, मुहूर्त और महत्व

Guru Pushya Yog 2023: आज यानी 27 अप्रैल, गुरुवार को गुरु ग्रह मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं। गुरु ग्रह का यह गोचर मेष राशि में 12 साल बाद हो रहा है और साथ ही गुरु ग्रह मेष राशि में ही उदित भी हो रहे हैं। इन्हीं संयोगों के चलते 27 अप्रैल को पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है। 27 अप्रैल को बना रहा है यह संयोग अक्षय तृतीया के समान लाभकारी माना जा रहा है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, गुरु पुष्य योग में खरीदा गया सोना या अन्य संपत्ति हमेशा स्थाई रहती है, उसमें कोई कमी नहीं होती है। इस वजह से गुरु पुष्य योग में लोग सोना, चांदी, मकान या अन्य प्रॉपर्टी खरीदते हैं, ताकि वह धन-संपत्ति स्थाई रहे। आइए जानते हैं गुरु पुष्य योग के शुभ योग, महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में। गुरु पुष्य योग 2023 तिथि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि आरंभ: 27 अप्रैल, गुरुवार, प्रातः 07:00 बजे से वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि समाप्त: 28 अप्रैल, शुक्रवार, प्रातः 05: 06 मिनट तक 27 अप्रैल को सुबह 7:00 बजे तक पुनर्वसु नक्षत्र है और उसके बाद पुष्य नक्षत्र प्रारंभ हो रहा है। पुष्य नक्षत्र के प्रारंभ होते ही गुरु पुष्य योग बन जाएगा।

Guru Purnima 2023 Date: आने वाली है गुरु पूर्णिमा गुरुजी का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन जरुर करें ये एक काम

Guru Purnima 2023 Date: गुरुओं के सम्मान में हर साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। इसलिए इसे कई लोग वेदव्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। महर्षि वेदव्यास जी को प्रथम गुरु भी माना जाता है, क्योंकि इन्होंने पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था। इसके साथ ही हमारे संस्कृति में गुरुओं को भगवान के समान श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि वे हमें ज्ञान प्रदान करते हैं। ऐसे में प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा के तौर पर बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस साल गुरु पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त, और कुछ जरुरी बातें। गुरु पूर्णिमा 2023 तिथि पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि 2 जुलाई 2023 को रात में 8 बजकर 21 मिनट से शुरु होगी और अगले दिन 3 जुलाई, 2023 शाम 5 बजकर 08 मिनट पर इसका समापन होगा। चूंकि उदया तिथि मान्य होती है इसलिए इस साल गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई 2023, सोमवार के दिन मनाई जाएगी। गुरु पूर्णिमा के दिन जरुर करें ये एक काम गुरु अपने शिष्यों को शिक्षा के साथ-साथ उन्हें सही मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं। वहीं, गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुजनों का आशीर्वाद लेना बहुत जरुरी होता है। इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुओं और बड़ों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद जरुर लें। गुरु पूर्णिमा पूजा विधि गुरु पूर्णिमा वाले दिन गुरु की पूजा की करनी चाहिए। इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें और फिर अपने घर के पूजा स्थल में लगे देवी-देवताओं की प्रतिमा को प्रणाम करते हुए उ...

पुष्य नक्षत्र 2023 कैलेंडर

दिनांक आरंभ काल समाप्ति काल रविवार, 08 जनवरी 03:08:36 30:06:05 रविवार, 05 फरवरी 09:17:01 12:13:36 शनिवार, 04 मार्च 15:44:10 18:42:31 शुक्रवार, 31 मार्च 22:59:47 25:57:52 शुक्रवार, 28 अप्रैल 06:59:45 09:52:57 गुरुवार, 25 मई 15:06:35 17:53:53 बुधवार, 21 जून 22:36:37 25:21:08 बुधवार, 19 जुलाई 05:11:42 07:58:07 सोमवार, 11 सितंबर 17:07:01 20:01:37 रविवार, 08 अक्टूबर 23:57:23 26:45:33 रविवार, 05 नवंबर 07:57:41 10:29:53 शनिवार, 02 दिसंबर 16:40:46 18:54:35 शुक्रवार, 29 दिसंबर 01:05:21 27:10:28 पुष्य नक्षत्र कैलेंडर के द्वारा आप सुवर्णप्राशन के बारे में सही समय का अंदाजा लगा सकते हैं। पुष्य नक्षत्र में सुवर्णप्राशन एक अत्यंत शुभ प्रक्रिया है जोकि शिशु के शारीरिक विकास के लिए अति आवश्यक है क्योंकि सुवर्णप्राशन के द्वारा ही शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाता है। पुष्य नक्षत्र वैदिक ज्योतिष में सर्वाधिक शुभ नक्षत्र है और यही वजह है कि इस नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव होते हैं लेकिन देव गुरु बृहस्पति को इसका अधिष्ठाता देवता माना जाता है। जब चंद्रमा अपनी दैनिक गति से अपनी कर्क राशि में प्रवेश करते हैं तो कर्क राशि में 3 अंश 40 कला से 16 अंश 40 कला तक पुष्य नक्षत्र का विस्तार होता है। इस नक्षत्र को पोषण करने वाला माना जाता है और इस नक्षत्र में औषधि ग्रहण करना ईश्वर के वरदान सदृश्य है। सुवर्णप्राशन हिंदू धर्म का एक प्रमुख संस्कार है जो कि आज के समय में और भी अधिक महत्वपूर्ण है। पुष्य नक्षत्र कैलेंडर के द्वारा सुवर्णप्राशन की सही तिथि को जाना जा सकता है। सुवर्णप्राशन में शिशुओं को शुद्ध स्वर्ण चटाया जाता है। यह शिशुओं की रोग प्रतिरोधक...

Guru Pushya Yog 2023: इस दिन बन रहा है गुरु पुष्य योग, गोल्ड, प्रॉपर्टी की खरीदारी व इन कार्यों के लिए माना जाता है शुभ

डीएनए हिंदीः ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) के अनुसार, ग्रह और नक्षत्रों में निरंतर बदलाव होता रहता है. इन्हीं बदलाव के कारण कई तरह के योग बनते हैं. इनमें से कई योग अशुभ होते हैं जबकि कई योग व्यक्ति के भाग्य के लिए बहुत ही अच्छे होते हैं. ग्रह नक्षत्र से बनने वाले गुरु पुष्य योग (Guru Pushya Yog 2023) को सबसे अधिक शुभ माना जाता है. अभी मई का महीना चल रहा है ऐसे में मई में गुरु पुष्य योग (Guru Pushya Yog 2023) का निर्माण हो रहा है. गुरु पुष्य योग (Guru Pushya Yog 2023) में कई चीजों की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है. चलिए जानते हैं कि यह योग (Guru Pushya Yog 2023) किस दिन बन रहा है और इस दिन क्या खरीदना शुभ होता है. इस दिन बन रहा है गुरु पुष्य योग यह योग ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को बन रहा है. पंचांग की यह तिथि अग्रेंजी कैलेंडर के हिसाब से 25 मई 2023 को पड़ रही है. इस दिन सुबह 05ः26 से 05ः55 तक यह योग रहेगा. बता दें कि, इसी समय पर सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का भी निर्माण हो रहा है. इस दिन स्कंद षष्ठी व्रत रखा जाएगा. - नए काम की शुरुआत के लिए भी यह योग बहुत ही शुभ माना जाता है. भवन निर्माण की शुरुआत भी इस शुभ योग में करा सकते हैं. - गुरु पुष्य योग वाले दिन जो सोना-चांदी जैसी मूल्यवान वस्तुओं को नहीं खरीद सकता है उसे मंदिर में दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना अवश्य करनी चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर आर्थिक समस्याएं दूर करती हैं.

Guru Pushya Yoga April 2023 Guru Nakshatra Know the date and importance

Guru Pushya Yoga April 2023 Guru Nakshatra Know the date and importance | Guru Pushya Yog 2023: सभी योगों का राजा है गुरु पुष्य योग, बन जाते हैं अटके काम; आप भी इस दिन शुरू कर लें नए काम Guru Pushya Yog 2023: सभी योगों का राजा है गुरु पुष्य योग, बन जाते हैं अटके काम; आप भी इस दिन शुरू कर लें नए कार्य Guru Nakshatra Pushya Yog 2023: वैदिक शास्त्रों में कहा गया है कि जिस तरह जंगल का राजा शेर होता है, उसी तरह सभी योगों में गुरु पुष्य योग प्रधान माना जाता है. कहते हैं कि इस शुभ योग में किए जाने वाले सभी कार्य सफल होते हैं. यही वजह है कि सभी लोग अपने नए कार्य का श्रीगणेश इसी गुरु पुष्य योग में करना शुभ मानते हैं. नई नौकरी या कारोबार शुरू करने के साथ ही लोग नया वाहन, संपत्ति या निवेश शुरू करने के लिए भी इसी शुभ योग में अंजाम देते हैं. ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक ग्रहों की विपरीत दशा होने के बावजूद गुरु पुष्य योग (Guru Pushya Yog 2023) बहुत शक्तिशाली माना जाता है. इसके प्रभाव में आकर सभी बुरे प्रभाव अपने आप दूर हो जाते हैं. इस पुष्य नक्षत्र की अनुकंपा है, जो अशुभ घड़ी को भी शुभ घड़ी में परिवर्तित कर देती है. हालांकि ऐसी भी मान्यता है कि इस योग में विवाह जैसा शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. शास्त्रो में वर्णित एक श्राप के अनुसार इस दिन किया हुआ विवाह कभी भी सफलतापूर्वक नहीं चल सकता. इसी दिन हुआ था मां लक्ष्मी का जन्म पुराणों के मुताबिक इसी गुरु पुष्य नक्षत्र (Guru Pushya Yog 2023) में धन-वैभव की देवी मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था. जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार को पड़ता है तो उसे गुरु पुष्यामृत योग कहते हैं. वहीं जब पुष्य नक्षत्र योग रविवार के दिन पड़ता है तो उसे रवि पुष्यामृत योग कहते हैं. ...

25 मई 2023 को गुरु पुष्य का महासंयोग : Guru Pushya Nakshtra में क्या खरीदना चाहिए?

1. पुष्य नक्षत्र में स्वर्ण खरीदने का प्रचलन इसलिए हैं, क्योंकि पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं और गुरु की कारक धातु सोना है। इसे शुद्ध, पवित्र और अक्षय धातु के रूप में माना जाता है इसीलिए पुष्य नक्षत्र पर सोने की खरीदी अत्यधिक शुभ होती है। सोना नहीं खरीद सकते हैं तो पीतल या चांदी खरीदें। गुरुवार को आने वाले पुष्य नक्षत्र को खरीदी गई वस्तु घर में शुभता, प्रसन्नता और आरोग्य लेकर आती है।