हृदय का चित्र नाम सहित

  1. कार्डियोलॉजी: अवलोकन, प्रकार, प्रक्रियाएं, नैदानिक ​​परीक्षण
  2. योगासन चित्र सहित नाम और लाभ ❤️ FIZIKA MIND
  3. हार्ट ब्लॉकेज खोलने के उपाय
  4. मानव हृदय की संरचना का सचित्र वर्णन कीजिए।
  5. Hast Rekha Gyan
  6. संपूर्ण हस्त रेखा ज्ञान Pdf


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कार्डियोलॉजी: अवलोकन, प्रकार, प्रक्रियाएं, नैदानिक ​​परीक्षण

कार्डियोलॉजी हृदय और संचार प्रणाली की समस्याओं के विश्लेषण, निदान और उपचार पर केंद्रित दवा की शाखा है। हृदय रोग विशेषज्ञ हृदय की समस्याओं जैसे हृदय की विफलता, कोरोनरी धमनी रोग, अतालता और वाल्व असामान्यताओं के निदान और उपचार में विशेषज्ञ हैं। वे सभी उम्र के रोगियों के साथ काम करते हैं, शिशुओं से लेकर बुजुर्गों तक, और तीव्र और पुरानी हृदय स्थितियों के लिए निवारक देखभाल और उपचार प्रदान करते हैं। आधुनिक चिकित्सा में कार्डियोलॉजी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, क्योंकि हृदय रोग दुनिया भर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। यह शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, फार्माकोलॉजी और इमेजिंग सहित विभिन्न विषयों को शामिल करता है, और हृदय की स्थिति का निदान और उपचार करने के लिए इकोकार्डियोग्राफी, इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी और कार्डियक कैथीटेराइजेशन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर निर्भर करता है। कार्डियोलॉजी में प्रगति ने नए उपचार और हस्तक्षेपों का विकास किया है, जैसे कि कोरोनरी धमनी बाईपास सर्जरी, एंजियोप्लास्टी, और इम्प्लांटेबल कार्डियक डिवाइस, हृदय रोग के लाखों रोगियों के लिए जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार करते हैं। कार्डियोलॉजी के प्रकार कार्डियोलॉजी मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है: आक्रामक: इनवेसिव कार्डियोलॉजी चिकित्सा की एक शाखा को संदर्भित करता है जिसमें हृदय और हृदय रोगों के निदान और उपचार के लिए न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाओं का उपयोग शामिल है। यह त्वचा के माध्यम से डाले गए छोटे चीरों या कैथेटर के माध्यम से हृदय और आसपास की रक्त वाहिकाओं तक पहुंचने के लिए विशेष उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करता है। इनवेसिव कार्डियोलॉजी प्रक्रियाओं में कोरोनरी एंजियोग्राफी, पर्क्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (प...

योगासन चित्र सहित नाम और लाभ ❤️ FIZIKA MIND

1) योग का प्रयोग शारीरिक , मानसिक और आध्यत्मिक लाभों के लिए हमेशा से होता रहा है l आज की चिकित्सा शोधों ने ये साबित कर दिया है की योग शारीरिक और मानसिक रूप से मानवजाति के लिए वरदान है | 2) जहाँ जिम आदि से शरीर के किसी खास अंग का ही व्यायाम होता है वहीँ योग से शरीर के समस्त अंग प्रत्यंगों,ग्रंथियों का व्यायाम होता है जिससे अंग प्रत्यंग सुचारू रूप से कार्य करने लगते हैं | 3) योगाभ्यास से रोगों से लड़ने की शक्ति बढती है | बुढ़ापे में भी जवान बने रह सकते हैं त्वचा पर चमक आती है शरीर स्वस्थ,निरोग और बलवान बनता है | Read More : योग के 10 फायदे about योग के 10 फायदे आना ट्रोएकेस: हम जानते हैं कि आजकल ज्यादातर बीमारियों का तनाव से कुछ ना कुछ संबंध होता है. रोजमर्रा के जीवन का तनाव शरीर के कई हिस्सों, हृदय के रोग से लेकर शरीर के पूरे प्रतिरोधी तंत्र पर पड़ता है. हजारों सालों से योग में इन तनावों से निपटने के तरीकों का विकास हुआ है, जिनसे जीवन में तनाव से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके. किन बीमारियों में योग के फायदे सिद्ध हो चुके हैं ? Read More : योग से सेहत को कितना फायदा? about योग से सेहत को कितना फायदा? व्यक्ति प्राकृतिक श्वास लेना भूल गया है। प्रदूषण और तनाव के कारण उसकी श्वास उखड़ी-उखड़ी और मंद हो चली है। यहां प्रस्तुत है श्वास को शुद्ध करने के योगा टिप्स । 1.जहां भी प्रदूषण भरा माहौल हो वहां केवली प्राणायाम करने लगें और उस प्रदूषण भरे माहौल से बच निकलने का प्रयास करें। यदि रूमाल साथ रखते हैं तो केवली की आवश्यकता नहीं। 2.बदबू से बचें, यह उसी तरह है जिस तरह की हम खराब भोजन करने से बचते हैं। बेहतर इत्र या स्प्रे का इस्तेमाल करें। श्वासों की बदबू के लिए आयुर्वेदिक इलाज का सहा...

हार्ट ब्लॉकेज खोलने के उपाय

हार्ट में ब्लॉकेज होना (heart blockage) एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। इसमें दिल की धड़कन बहुत धीरे-धीरे चलने लगती है। हार्ट में ब्लॉकेज की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन अधिकांशतः यह मध्यावस्था मतलब 30 वर्ष की उम्र के बाद ही लोगों को होती है। प्रायः देखा जाता है कि हार्ट में ब्लॉकेज होने पर लोग बहुत घबराने लगते हैं। वास्तव में, यह ऐसी बीमारी है जिसमें घबराने की नहीं, बल्कि गंभीरतापूर्वक इलाज कराने की जरूरत होती है। क्या आपको पता है कि हार्ट ब्लॉकेज खोलने के घरेलू उपाय ( ayurvedic treatment for heart blockage) बीमारी का इलाज कर सकते हैं। और पढ़ें : कुछ लोगों में हार्ट में ब्लॉकेज की समस्या जन्म के साथ ही शुरू हो जाती है, जबकि कुछ लोगों में वयस्क होने पर यह समस्या विकसित होती है। आयुर्वेद के अनुसार, हार्ट के ब्लॉकेज को खोलने के लिए अनेक असरदार उपाय बताएं गए हैं। आइए सभी के बारे में जानते हैं। Contents • 1 हार्ट का ब्लॉकेज क्या है? (What is Heart Blockage?) • 2 हार्ट में ब्लॉकेज होने के कारण (Heart Blockage Causes) • 3 हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण (Heart Blockage Symptoms in Hindi) • 4 हार्ट ब्लॉकेज को खोलने के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Heart Blockage Treatment in Hindi) • 4.1 अनार से करें हार्ट के ब्लॉकेज को खोलने के उपाय (Anar: Home Remedies for Heart Blockage Treatment in Hindi) • 4.2 अर्जुन वृक्ष की छाल से करें हार्ट के ब्लॉकेज को खोलने के उपाय (Arjun Tree Bark: Home Remedies to Treat Heart Blockage in Hindi) • 4.3 दालचीनी से करें हार्ट के ब्लॉकेज को खोलने के उपाय (Dalchini: Home Remedies to Cure Heart Blockage in Hindi) • 4.4 हार्ट ब्लॉकेज के लक्षणों से राहत पा...

मानव हृदय की संरचना का सचित्र वर्णन कीजिए।

• Course • NCERT • Class 12 • Class 11 • Class 10 • Class 9 • Class 8 • Class 7 • Class 6 • IIT JEE • Exam • JEE MAINS • JEE ADVANCED • X BOARDS • XII BOARDS • NEET • Neet Previous Year (Year Wise) • Physics Previous Year • Chemistry Previous Year • Biology Previous Year • Neet All Sample Papers • Sample Papers Biology • Sample Papers Physics • Sample Papers Chemistry • Download PDF's • Class 12 • Class 11 • Class 10 • Class 9 • Class 8 • Class 7 • Class 6 • Exam Corner • Online Class • Quiz • Ask Doubt on Whatsapp • Search Doubtnut • English Dictionary • Toppers Talk • Blog • Download • Get App Solution मनुष्य का हृदय (Human heart) मनुष्य का हृदय विशेष प्रकार की हृदयी पेशियों (cardiac muscles) से. बना, खोखला, बंद मुट्ठी के आकार का लाल रंग का अंग है। यह वक्ष गुहा में दोनों फेफड़ों के बीच स्थित होता है तथा इसका एक सिरा बायीं ओर झुका रहता है। हृदय एक दोहरी भित्ति के झिल्लीमय (membranous) आवरण से घिरा हुआ रहता है। इसे हृदयावरण (pericardium) कहते हैं। इसकी दोनों सतहों के बीच एक हृदयावरणी द्रव (pericardial fluid) भरा रहता है। यह हृदय की बाहरी आघातों से रक्षा करता है तथा घर्षण से बचाता है। हृदय में चार कक्ष पाये जाते हैं। ऊपरी दो कक्ष अलिंद (atria) कहलाते हैं तथा यह रक्त प्राप्त (receive) करने का कार्य करते हैं। निचले दो अपेक्षाकृत बड़े कक्ष निलय (ventricles) कहे जाते हैं। अलिन्दों की भितियाँ अपेक्षाकृत पतली व निलय की मोटी होती हैं। बायें निलय की भित्ति । सर्वाधिक मोटी होती है। दोनों अलिंद एक पट द्वारा विभाजित रहते हैं जिसे . अन्तर अलिंद पट (inter auricular septum) कहते हैं। इसी...

Hast Rekha Gyan

Hast Rekha Gyan – हस्त रेखा ज्ञान चित्र सहित दोस्तो ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत हस्त-रेखा का एक अलग महत्व है। हस्त रेखा को भारतीय ज्योतिष शास्त्र का महत्त्वपूर्ण पार्ट माना गया है। आज के समय हम अक्षर सुनते रहते है कि अमुक व्यक्ति का भाग्य बहुत बड़ा है या अमुक व्यक्ति का भाग्य बुरा है। हस्त रेखाओं का जानकार व्यक्ति हस्त रेखा की सहायता से किसी भी व्यक्ति के भूत, भविष्य तथा वर्तमान में घटने वाली घटनाओं के बारे में अनुमान लगा सकता है। हमारे हाथ में खींची हुई हर रेखा हमारे भविष्य, वर्तमान तथा भूत से जुड़े रहस्यों को छुपाए हुए होती है। हम भी उत्सुक बने रहते है कि आखिर इन रेखाओं का क्या कनेक्शन होता है हमारे भाग्य के साथ। आज के आर्टिकल में हम बिल्कुल ही आसान तरीके से हस्त रेखाओं के बारे में जानेंगे। हमें हस्त रेखा ज्ञान के लिए कुछ बातों का ज्ञान होना आवश्यक है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली में सूर्य से राहु-केतु तक सभी ग्रहों के स्थान अलग-अलग होते हैं। हथेली की इन जगहों को ही पर्वत कहा जाता है। हथेली के पर्वत • मंगल पर्वत • गुरु पर्वत • शनि पर्वत • सूर्य पर्वत • बुध पर्वत • शुक्र पर्वत • चंद्र पर्वत मंगल पर्वत – Mangal Parvat हथेली में मंगल के दो क्षेत्र पाए जाते हैं – उन्नत मंगल और अवनत मंगल । जीवन रेखा हथेली में जहाँ से शुरु होती है उसके नीचे का क्षेत्र को मंगल क्षेत्र कहते हैं। इस पर्वत को युद्ध का प्रतीक माना जाता है। जिस जातक में मंगल प्रधान होगा , वह साहसी, निडर तथा शक्तिशाली होता है। अगर मंगल पर्वत पर कोई रेखा हो तो जातक उर्जावान माना जाता है। ऐसे लोग साहसी और पराक्रमी होते है। इस राशि पर अग्नि तत्व का प्रभाव होता है। यदि मंगल पर्वत पर क्रॉस का चिन्ह हो तो उस व्यक्ति की म...

संपूर्ण हस्त रेखा ज्ञान Pdf

2 हस्त रेखा ज्ञान चित्र सहित in Hindi pdf हस्त रेखा ज्ञान इन हिंदी विथ फोटो pdf 1- हृदय रेखा की व्याख्या करें यह रेखा भावनात्मक स्थिरता, रोमांटिक दृष्टिकोण, अवसाद और हृदय स्वास्थ्य का संकेत देती है। तर्जनी के नीचे से शुरू होना = प्रेम जीवन से संतुष्ट होना मध्यमा अंगुली के नीचे से शुरू होता है = प्यार के मामले में स्वार्थी मध्यमा और तर्जनी के बीच में शुरू होता है=देखभाल और समझ सीधा और छोटा है = रोमांस में कम दिलचस्पी जीवन रेखा को छूती है = दिल आसानी से टूट जाता है लंबा और सुडौल है = भावनाओं और भावनाओं को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करता है सीधी और मस्तक रेखा के समानांतर है = भावनाओं पर अच्छा नियंत्रण लहराती है=कई रिश्ते, गंभीर रिश्तों का न होना रेखा पर वृत्त = उदास या उदास टूटी रेखा = भावनात्मक आघात 2. शीर्ष रेखा की जांच करेंयह रेखा सीखने की शैली, संचार शैली, बौद्धिकता और ज्ञान की प्यास का प्रतिनिधित्व करती है। छोटी रेखा = मानसिक उपलब्धियों से अधिक शारीरिक उपलब्धियों को तरजीह देती है। घुमावदार, ढलान वाली रेखा = रचनात्मकता नीचे की ओर वक्र = साहित्य और कल्पना की ओर झुकाव छोटी उंगली की ओर ऊपर की ओर वक्र = गणित, व्यवसाय और तर्क के लिए योग्यता जीवन रेखा से अलग = रोमांच, जीवन के लिए उत्साहलहरदार रेखा = अल्प ध्यान अवधि गहरी, लंबी रेखा = सोच स्पष्ट और केंद्रित हैसीधी रेखा = वास्तविक रूप से सोचता है टूटी हुई हेड लाइन = विचारक में विसंगतियों के अलग-अलग हित होते हैं हेड लाइन के माध्यम से एकाधिक क्रॉस = महत्वपूर्ण निर्णय 3.जीवन रेखा का मूल्यांकन करेंयह रेखा शारीरिक स्वास्थ्य, सामान्य स्वास्थ्य और जीवन के प्रमुख परिवर्तनों को दर्शाती है। लंबाई जीवन की लंबाई से जुड़ी नहीं है। अंगूठे के पास ...