हाँ

  1. अपना बना ले लिरिक्स
  2. हाँ
  3. हाँ, मैं तुमसे
  4. मातृभूमि का मान (हरिकृष्ण ' प्रेमी ')
  5. हाँ , मुझे लगता है कि हम (haan , mujhe lagata hai ki ham) Meaning in English
  6. हाँ शब्द के अर्थ


Download: हाँ
Size: 23.31 MB

अपना बना ले लिरिक्स

Here We Present You With ‘ Apna Bana Le‘ song Lyrics In Hindi & English. ‘ Apna Bana Le‘ Song Sung By ‘ Arijit Singh, Sachin-Jigar’. ‘ Apna Bana Le‘ Song Lyrics Written By ‘Amitabh Bhattacharya‘ And Music Given By ‘ Sachin Jigar’. Please Enjoy The Song. Song Apna Bana Le Movie Bhediya (2022) Singer Arijit Singh, Sachin-Jigar Lyrics Amitabh Bhattacharya Music Sachin Jigar Music Label Zee Music Company Apna Bana Le Lyrics In English Song: Apna Bana Le Movie: Bhediya (2022) Singer: Arijit Singh, Sachin-Jigar Lyrics: Amitabh Bhattacharya Music: Sachin Jigar Music Label: Zee Music Company अपना बना ले लिरिक्स इन हिंदी तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे किया रे जो भी तूने कैसे किया रे जिया को मेरे बाँध ऐसे लिया रे समझ के भी ना समझ मैं सकूँ सवेरों का मेरे तू सूरज लागे तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे अपना बना ले पिया अपना बना ले पिया अपना बना ले मुझे अपना बना ले पिया अपना बना ले पिया अपना बना ले पिया दिल के नगर में शेहर तू बसा ले पिया म्यूजिक … छूने से तेरे हाँ तेरे हाँ तेरे फीकी रुतों को रंग लगे तेरी दिशा में क्यों चलने से मेरे पैरों को पंख लगे रहा ना मेरे काम का जग सारा हाँ बस तेरे नाम से ही गुजारा उलझ के यूँ ना सुलझ ना सकूँ ज़ुबानिया तेरी झूठी भी सच लागे तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे अपना बना ले पिया अपना बना ले पिया अपना बना ले मुझे अपना बना ले पिया अपना बना ले पिया अपना बना ले पिया दिल के नगर में शेहर तू बसा ले पिया सब कुछ मेरा चाहे नाम अपने लिखा ले बदले में इतनी तो यारी निभाले जग की हिरासत से मुझको छुड़ा ले अपना बना ले बस अपना बना ले Apna Bana L...

हाँ

यह लेख एक प्रकाशितकोशों से अर्थ शब्दसागर हाँ ^१ अव्य [सं॰ आम्] १. स्वीकृतिसूतक शब्द । संमतिसूचक शब्द । वह शब्द जिसके द्वारा यह प्रकट किया जाता है कि हम यह बात करने को तौयार हैं । जैसे,—प्रश्न—तुम वहाँ जाओगे? उत्तर—'हाँ' । २. एक शब्द जिसके द्वारा यह प्रकट किया जाता है कि वह जो पूछी जा रही है, ठीक है । जैसे,—प्रश्न— तुम वहाँ गए थे? उत्तर—हाँ । मुहा॰—हाँ करना = (१) स्वीकार होना । संमत होना । राजी होना (२) ठीक मान लेना । यह मानना कि कोई बात ऐसी ही है । हाँ न करना = इधर उधर की बात कहकर जल्दी स्वीकार न करना । न मानना । न राजी होना । हाँ हाँ करना = (१) स्वीकारसूचक शब्द कहना । मान लेना । जैसे,—अभी तो हाँ हाँ कर रहा है, पीछे धोखा देगा । (२) बात न काटना । 'ठीक है' 'ठीक है' कहना । (३) खुशामदकरना । हाँ जो हाँ जी करना = (१) खुसामदकरना । चापलूसू करना । स्वार्थ या दबाव वश समर्थन करना । उ॰—जिसके धर में रहना । ऊँट बिलैया ले गई तो हाँ जी हाँ जी कहना । (कहावत) । हाँ में हाँ मिलना = (१) बिना बिचार किए बात का समर्थन करना । प्रसन्न करने के लिये किसी के मन की बात कहना । (२) खुशामद करना । चापलूसी करना । ३. कोई बात स्वीकार न करने पर भी दूसरे रूप में स्वीकार सूचित करनेवाला शब्द । वह शब्द जिसके द्वारा किसी बात का दूसरे रूप में, या अंशतः माना जाना प्रकट किया जाता है । यह बात तो नहीं है या ऐसा तो मैं नहीं कर सकता पर इतना हो सकता है, या इतनी बात मानी जा सकती है । जैसे,—(क) तुम्हें हम अपने साथ तो न ले चलेंगे, हाँ, पीछे से आ सकते हो । (ख) हमारे सामने तो वह कुछ नहीं कहता; हाँ औरों से कहता हो तो नहीं जानते । ४. मना करना, वारण करना, बरजना आदि अर्थों में प्रयुक्त शब्द । हाँ हाँ अव्य॰ [हिं॰ अहाँ ( = नहीं)] नि...

हाँ, मैं तुमसे

मगर नहीं चाहता तुम्हारी बर्बादी, और जमाने में तुम्हारी बदनामी मैं, सिर्फ़ मेरी वजह से दोस्त, खत्म होते हुए देखना नहीं चाहता, मेरी वजह से तेरा नाम और तेरा परिवार। हाँ, मैं तुमसे बहुत मोहब्बत करता हूँ, मगर मैं नहीं चाहता कभी, तेरी आँखों से गिरते हुए आँसू , तुम्हारे माँ- बाप को रोते हुए, और नहीं हो वजह से ऐसा, कि तुम जी नहीं सके कल, समाज में सिर ऊंचा करके, इस प्यार के कारण। हाँ, मैं तुमसे मोहब्बत करता हूँ, मगर मैं नहीं चाहता कभी, कि तुमको गुजारना पड़े जीवन, गर्दिश, फकीरी और मुफलिसी में, खत्म हो जाये शान्ति घर में, बन जाये सभी हमारे दुश्मन, सिर्फ गम और दर्द हो जीवन में, मैं तो चाहता हूँ अपनी खुशी, और यही आरजू है मेरी। हाँ मैं तुमसे - शिक्षक एवं साहित्यकार- गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) - हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए विशेष • आज का विचार: स्वामी विवेकानंद • नासमझ के प्यार का इल्ज़ाम लेकर क्या करूँ • Hindi Kavita: अज्ञेय की कविता 'तुम हँसी हो - जो न मेरे होंठ पर दीखे' • Gulzar Ghazal: तुझ को देखा है जो दरिया ने इधर आते हुए, कुछ भँवर डूब गए पानी में चकराते हुए • काका हाथरसी की हास्य रचना: सीधी नजर हुई तो सीट पर बिठा गए • Social Media Poetry: एक बड़ी सी ज़िम्मेदारी, एक ज़रा सी प्रेम कहानी

मातृभूमि का मान (हरिकृष्ण ' प्रेमी ')

” मातृभूमि का मान ” सार ( Summary) प्रस्तुत एकांकी में हाड़ा राजपूत वीर सिंह के बलिदान का चित्रण किया गया है| मेवाड़ नरेश महाराणा लाखा ने सेनापति अभय सिंह से बूँदी के राव हेमू के पास यह संदेश भिजवाया कि बूँदी मेवाड़ की अधीनता को स्वीकार करे ताकि राजपूतों की असंगठित शक्ति को संगठित करके एक सूत्र में बाँधा जा सके, परंतु राव हेमू ने यह कहकर उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया कि बूँदी महाराणाओं का आदर तो करता है पर स्वतंत्र रहना चाहता है | हम शक्ति से नहीं , प्रेम का अनुशासन चाहते हैं | महाराणा लाखा क्रोधित होकर प्रतिज्ञा करते हैं कि वह जब तक बूँदी के दुर्ग ( किला) पर सेना सहित प्रवेश नहीं करूँगा , अन्न – जल ग्रहण नहीं करूँगा | महाराणा लाखा की प्रतिज्ञा को पूर्ण करने के लिए मेवाड़ में ही बूँदी का नकली किला बनाया जाता है | युद्ध में वास्तविकता तब आती है जब हाड़ा राजपूत वीर सिंह सहित कुछ सैनिक इस नकली दुर्ग की रक्षा करते हैं | वीर सिंह ने इस नकली दुर्ग को भी अपने प्राणों से अधिक प्रिय माना तथा बूँदी के इस नकली किले की रक्षा करते – करते मेवाड़ की भारी सेना के सामने अपना बलिदान कर देते हैं | महाराणा लाखा बहुत दु:खी होते हैं | वीर सिंह के बलिदान से एक लाभ अवश्य हुआ – राजपूतों की एकता का रास्ता साफ हो गया | राव हेमू और महाराणा लाखा ने यह कहा कि वीर सिंह के बलिदान ने हमें जन्मभूमि का मान करना सिखाया है | एकांकी का उद्देश्य / संदेश ” मातृभूमि का मान ” एकांकी में हाड़ा राजपूत वीर सिंह के बलिदान का चित्रण किया गया है | इस एकांकी में यह दिखाया गया है कि राजपूत अपनी जन्मभूमि या मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की बलि देने में तनिक भी संकोच नहीं करते हैं | वे अपनी मातृभूमि या जन्मभूमि को किसी अन्य राज्...

हाँ , मुझे लगता है कि हम (haan , mujhe lagata hai ki ham) Meaning in English

Español Português عربى Български বাংলা Český Dansk Deutsch Ελληνικά Suomi Français עִברִית Hrvatski Magyar Bahasa indonesia Italiano 日本語 한국어 മലയാളം मराठी Bahasa malay Nederlands Norsk Polski Română Русский Slovenský Slovenščina Српски Svenska தமிழ் తెలుగు ไทย Tagalog Turkce Українська اردو Tiếng việt 中文

हाँ शब्द के अर्थ

سنسکرت، ہندی - اسم، فعل متعلق • وہاں ، یہاں ، اس جگہ ، اس مقام پر ۔ • (کسی بات کی) رضامندی ، منظوری ، اقرار ۔ • (کسی استفسار وغیرہ کے اثباتی جواب میں) ہوں ، جی (اقرار و قبولیت کا کلمہ) نہیں کا نقیض • گھر پر ، مکان میں • حکم کا اشارہ ،کسی بات کا حکم دینے کا کلمہ ۔ • خیال میں ، رائے میں ، نزدیک ۔ • یقینا ، ضرور ، بے شک • (کلمہء تنبیہ و تاکید) آگاہ ہو جاؤ ، جان لو ، دیکھو ، ہوشیار ، خبر دار ۔ • مجبوراً بات ماننے کا کلمہ ، بہ مجبوری اقرار کرنے کا کلمہ • کلمہء تحسین و آفرین ، سبحان اللہ (شوق یا حوصلہ بڑھانے کے لیے ، شاباش ، مرحبا) ۔ • کلمہء ندا ، آواز دینے کا کلمہ ، پکار نے کا کلمہ • صرف ، بس ، محض ، فقط ۔ • اگرچہ ، گو کہ ، ہر چند ۔ • ۔ البتہ ؛ مگر ، لیکن ۔ • ۔ اصرار اور ضد کے موقعے پر ۔ • ۔ التجا یا خوشامد یا عاجزی و انکسار کے موقعے پر ۔ • ۔ کسی امر کے یاد آنے کے بعد متوجہ کرنے یا توجہ دلانے کے موقعے پر ، لیجیے ، دیکھیے ، سنیے وغیرہ کی جگہ ۔ • ۔ استفسار اور سوال کرنے کے موقعے پر ۔ • ۔ کیوں کی جگہ مستعمل ۔ ہاں خواجہ عبد الرؤوف عشرت نے لکھا ہے کہ ’’یہاں‘‘ کے معنی میں’’ہاں‘‘ غلط ہے، مثلاً یہ کہنا غلط ہے : ’’ان کے ہاں جانا ہے/آپ کے ہاں ان کو دیکھا/غالب کے ہاں فارسی تراکیب بہت ہیں‘‘، وغیرہ۔ حقیقت یہ ہے کہ ان معنی میں ’’ہاں‘‘ سارے جنوبی ہند میں اور مغربی علاقوں میں رائج ہے۔ میں خود ’’یہاں‘‘ کے معنی میں’’ہاں‘‘ نہیں لکھتا، لیکن متذکرہ معنی میں ’’ہاں‘‘ کو غلط نہیں کہہ سکتا: صحیح: میں نے ان کے ہاں مشاعرہ پڑھا ہے۔ صحیح: ۔۔۔یہاں۔۔۔ صحیح: یہ لفظ میرے ہاں کوئی دس بار تو آیا ہو گا۔ صحیح: ۔۔۔یہاں۔۔۔ بعض لوگ انھیں معنی میں’’وہاں‘‘ بھی بولتے ہیں، لیکن اب یہ بہت کم ہوگیا ہے۔ اس سے احتراز بہتر ...