Harivansh rai bachchan ka kala paksh

  1. Agneepath Poem Summary in Hindi
  2. एक गीत
  3. हरिवंश राय बच्चन वीर रस देश प्रेम कविता: रुके न तू
  4. नीड़ का निर्माण फिर
  5. Harivansh Rai Bachchan Age, Death, Wife, Children, Family, Biography & More » StarsUnfolded


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Agneepath Poem Summary in Hindi

हरिवंशराय बच्चन का जीवन परिचय- Harivansh Rai Bachchan Ki Jivani : हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवम्बर 1907 को इलाहाबाद से सटे प्रतापगढ़ जिले के एक छोटे से गाँव बाबूपट्टी में हुआ था। इनके पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव तथा माता का नाम सरस्वती देवी था। इनको बाल्यकाल में इनके माता पिता ‘बच्चन’ जिसका शाब्दिक अर्थ ‘बच्चा’ या ‘संतान’ होता है, कह कर पुकारते थे। बाद में ये इसी नाम से मशहूर हुए। इन्होंने कायस्थ पाठशाला में पहले उर्दू की शिक्षा ली, जो उस समय कानून की डिग्री के लिए पहला कदम माना जाता था। उन्होने प्रयाग विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम. ए. और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य के विख्यात कवि डब्लू बी यीट्स की कविताओं पर शोध कर पीएच. डी. पूरी की। हरिवंश राय बच्चन अनेक वर्षों तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग में प्राध्यापक रहे। कुछ समय के लिए हरिवंश राय बच्चन आकाशवाणी के साहित्यिक कार्यक्रमों से जुड़े रहे। फिर 1955 ई. में वह विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ होकर दिल्ली चले गये। उन्होंने साहस और सत्यता के साथ सीधी-सादी भाषा शैली में अपनी कविताएं लिखीं। इनकी रचनाओं में व्यक्ति-वेदना, राष्ट्र-चेतना और जीवन-दर्शन के स्वर मिलते हैं। अपनी कविताओं में उन्होंने राजनैतिक जीवन के ढोंग, सामाजिक असमानता और कुरीतियों पर व्यंग्य किया है। उनकी कृति “दो चट्टानें” को 1968 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसी वर्ष उन्हें सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार तथा एफ्रो एशियाई सम्मेलन के कमल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। बिड़ला फाउण्डेशन ने उनकी आत्मकथा के लिये उन्हें सरस्वती सम्मान दिया। हरिवंश राय बच्चन को भारत सरकार द्वारा 1976 में साहित्य एवं शिक...

एक गीत

एक गीत - हरिवंशराय बच्चन /अभ्यास के प्रश्न कक्षा 12 हिन्दी /Ek Geet poem by Harivanshray Bacchan class 12/ NCERT Solutions class 12 Hindi Core Harivansh Rai Bachchan एक गीत - हरिवंशराय बच्चन /अभ्यास के प्रश्न कक्षा 12 हिन्दी /Ek Geet poem by Harivanshray Bacchan class 12/ NCERT Solutions class 12 Hindi Core Harivansh Rai Bachchan कवि ने प्रत्यक्ष रूप से तो यात्रा करने वाले व्यक्ति का चित्रण किया है , परंतु यह प्रतीकात्मक रूप् से जीवन रूपी यात्रा का चित्रण भी है। जीवन रूपी दिन बड़ी तेजी से ढलता है। मनुष्य के मन में चिंता है कि कहीं रास्ते में ही रात न हो जाये, अर्थात जीवन का अंत उसी समय न हो जाये, जबकि अभी मंजिल तक पहुंचना बाकी हो। इसी कारण से वह अपनी गति बढ़ा देता है, ताकि अंधकार होने से पहले ही अपने लक्ष्य पर पहुंच जाये। उसका उत्साह और भी बढ़ जाता है। कवि पक्षियों के माध्यम से भी जीवन की अनिश्चितता का चित्रण कर रहा है। मादा पक्षी को संध्या होते ही यह चिंता होने लगती है कि उसके चूजे उसके लौटने की राह देख रहे होंगे। वे व्याकुल होकर घोंसलों से अपनी गर्दन निकालकर पंथ निहार रहे होंगे। तब पक्षियों के पंखों में और भी गति आ जाती है। वे विलंब किये बिना ही अपने चूजों तक पहुंचने के लिये अपनी गति बढ़ा देते हैं। उत्तर : कविता एक ओर ‘जग-जीवन का भार लिए घूमने की बात करती है’ , वह इसलिये क्योंकि यह संसार जिसमें कवि आया हुआ हूं, उसका जीवन जीने का और जीवन के साथ व्यवहार करने का अपना एक पारंपरिक ढंग है। कवि उसकी इस षैली को अपने लिये अनुकूल नहीं पाता, इसलिये वह कवि के लिये भार स्वरूप ही है। ‘ मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ’, का आषय यह है कि जीवन जीने के बारे में कवि के अपने मौलिक विचार हैं,...

हरिवंश राय बच्चन वीर रस देश प्रेम कविता: रुके न तू

नदी बहा, पवन चला विजय तेरी, विजय तेरीे ज्योति सी जल, जला भुजा–भुजा, फड़क–फड़क रक्त में धड़क–धड़क धनुष उठा, प्रहार कर तू सबसे पहला वार कर अग्नि सी धधक–धधक हिरन सी सजग सजग सिंह सी दहाड़ कर शंख सी पुकार कर रुके न तू, थके न तू झुके न तू, थमे न तू सदा चले, थके न तू रुके न तू, झुके न तू ∼ हरिवंश राय बच्चन Harivansh Rai Bachchan, was an Indian poet of the Nayi Kavita literary movement (romantic upsurge) of early 20th century Hindi literature. Born in a Hindu Awadhi Indian Srivastava Kayastha family, in Allahabad in the United Provinces of Agra and Oudh, in British India, he was also a poet of the Hindi Kavi Sammelan. He is best known for his early work Madhushala ( मधुशाला). Harivansh Rai Bachchan came from a Hindu caste that was fluent in several Hindustani dialects (Awadhi, Hindi, Urdu) as well as Persian. He incorporated a broadly Hindi-Urdu vocabulary, written in Hindi script. While he could not read Persian script, he was influenced by Persian and Urdu poetry, particularly Omar Khayyam. Harivansh Rai Bachchan‘s work has been used in movies and music. Examples include couplets of his work “Agneepath” are used throughout in the movie Agneepath (1990 film) again starring Amitabh Bachchan and later in the remake Agneepath (2012 film).

नीड़ का निर्माण फिर

नीड़ का निर्माण फिर लेखक हरिवंश राय बच्चन देश भारत भाषा हिंदी प्रकार आत्मकथा प्रकाशन तिथि 1970 पूर्ववर्ती उत्तरवर्ती नीड़ का निर्माण फिर • • नीड़ का निर्माण फिर, • • नीड़ का निर्माण फिर-फिर, नेह का आह्वान फिर-फिर! बह उठी आँधी कि नभ में छा गया सहसा अँधेरा, धूलि धूसर बादलों ने भूमि को इस भाँति घेरा, रात-सा दिन हो गया, फिर रात आई और काली, लग रहा था अब न होगा इस निशा का फिर सवेरा, रात के उत्पात-भय से भीत जन-जन, भीत कण-कण किंतु प्राची से उषा की मोहिनी मुस्कान फिर-फिर! नीड़ का निर्माण फिर-फिर, नेह का आह्वान फिर-फिर! वह चले झोंके कि काँपे भीम कायावान भूधर, जड़ समेत उखड़-पुखड़कर गिर पड़े, टूटे विटप वर, हाय, तिनकों से विनिर्मित घोंसलो पर क्या न बीती, डगमगाए जबकि कंकड़, ईंट, पत्थर के महल-घर; बोल आशा के विहंगम, किस जगह पर तू छिपा था, जो गगन पर चढ़ उठाता गर्व से निज तान फिर-फिर! नीड़ का निर्माण फिर-फिर, नेह का आह्वान फिर-फिर! क्रुद्ध नभ के वज्र दंतों में उषा है मुसकराती, घोर गर्जनमय गगन के कंठ में खग पंक्ति गाती; एक चिड़िया चोंच में तिनका लिए जो जा रही है, वह सहज में ही पवन उंचास को नीचा दिखाती! नाश के दुख से कभी दबता नहीं निर्माण का सुख प्रलय की निस्तब्धता से सृष्टि का नव गान फिर-फिर! नीड़ का निर्माण फिर-फिर, नेह का आह्वान फिर-फिर। भुमिका इन्हें भी देखें [ ] • बाहरी कड़ियाँ [ ] • • '" (PDF). www.kkbirlafoundation.org (अंग्रेज़ी में). के के बिड़ला फाउंडेशन. 2 जनवरी 2015. (PDF) से 2 जून 2018 को पुरालेखित . अभिगमन तिथि 21 अप्रैल 2019.

Harivansh Rai Bachchan Age, Death, Wife, Children, Family, Biography & More » StarsUnfolded

Bio Real Name Harivansh Rai Srivastava Profession Poet Awards/Honours • 1968: awarded Sahitya Akademi Award • 1976: honoured with the Padma Bhushan • 1991: honored with Saraswati Samman for his four-volume autobiography, Kya Bhooloon Kya Yaad Karoon, Needa Ka Nirman Phir, Basere Se Door and Dashdwar se Sopan Tak Physical Stats & More Height (approx.) in centimeters- 173 cm in meters- 1.73 m in Feet Inches- 5’ 8” Eye Colour Black Hair Colour White Personal Life Date of Birth 27 November 1909 Birthplace Babupatti, Raniganj, Pratapgrah, United Provinces of Agra and Oudh, British India Date of Death 18 January 2003 Place of Death Mumbai, Maharashtra, India Death Cause Chronic respiratory ailments Age (at the time of death) 95 Years Zodiac sign Sagittarius Signature Nationality Indian Hometown Pratapgrah, Uttar Pradesh, India School Kayastha Paathshaala, Uttar Pradesh College/University • Allahabad University, Allahabad, Uttar Pradesh • Banaras Hindu University (BHU), Uttar Pradesh • St Catharine's College, University of Cambridge, Cambridge, England Educational Qualification Ph.D. from St Catharine's College, Cambridge, Cambridge University Family Father- Pratap Narayan Shrivastav Mother- Saraswati Devi Religion Atheist [1] Catse Kayastha Hobbies Writing Poetry, Reading Favourite Things Book Srimad Bhagavad-Gita Poets William Shakespeare, W.B. Yeats (Irish Poet) Politician Girls, Affairs and More Marital Status Married (at the time of death) Wife/Spouse First Wife- Shyama Bach...