हिंदी पुराने कवियों की प्रसिद्ध कविताएं

  1. Best Surdas Poems In hindi
  2. Read 10+ Motivational Poems in Hindi from Famous Poets
  3. 'हिंदी' भाषा पर विभिन्न कवियों की कविताओं के अंश...
  4. नव वर्ष पर कविता 2023 : नए साल पर 5 प्रसिद्ध हिंदी कवियों की कविताएं
  5. हिन्दी कविता के प्रसिद्ध संग्रहों से चुनिंदा पंक्तियां...
  6. हरिवंश राय बच्चन की कविताएं
  7. आपके पसंदीदा कलाकार पढ़ रहे है आपकी पसंदीदा हिंदी कवितायें 'हिंदी कविता' नामक युट्यूब चैनल पर!
  8. 5 प्रसिद्ध जयशंकर प्रसाद कविताएं


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Best Surdas Poems In hindi

इस पृष्ठ पर Hide • • • • • • • • • • • • Surdas Poems in Hindi: Introduction to Surdas: सूरदास 15वीं सदी के भक्ति कवि और भारत के संत हैं, जो संगीत पर आधारित अपने भक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म भारत के ब्रज क्षेत्र के एक गाँव में हुआ था, और कहा जाता है कि वे जन्म से अंधे थे। उनका जन्म का नाम सिरदास था, लेकिन उन्हें सूरदास के नाम से जाना जाने लगा, जिसका अर्थ है “एक अंधा आदमी”। सूरदास कवि-संत कबीर और मीराबाई के समकालीन थे, और कहा जाता है कि वे पुष्टि मार्ग, या “अनुग्रह के पथ” के संस्थापक वल्लभाचार्य के शिष्य थे। उनके भक्ति गीत, जिन्हें भजन के रूप में जाना जाता है, ज्यादातर हिंदी भाषा में हैं, और आज भी भारत के विभिन्न हिस्सों में गाए जाते हैं। सूरदास को हिंदू देवता कृष्ण की स्तुति में उनके भक्ति गीतों के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने कुल मिलाकर लगभग 100,000 गीतों की रचना की थी, लेकिन कुछ सौ ही बचे हैं। उनके गीत सरल और प्रत्यक्ष हैं, और कृष्ण के प्रति उनके गहरे प्रेम और भक्ति को व्यक्त करते हैं। सूरदास के सबसे प्रसिद्ध गीतों में से एक “सैया मोरी मैं नहीं माखन खायो” है, जिसका अर्थ है “मैं मक्खन नहीं खाऊंगा, मैं केवल कृष्ण को खाऊंगा”। यह गीत आज भी पूरे भारत में कृष्ण के भक्तों द्वारा गाया जाता है। सूरदास ने एक सरल और विनम्र जीवन जिया, और कहा जाता है कि 100 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई। उन्हें भारत के महान भक्ति कवियों में से एक के रूप में याद किया जाता है, और उनके गीत उन सभी के दिलों में प्रेम और भक्ति को प्रेरित करते हैं जो उन्हें सुनते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं हिंदी की कुछ बेहतरीन सूरदास कविताओं से। सूरदास की कविता हिंदी में – Poem of Surdas in H...

Read 10+ Motivational Poems in Hindi from Famous Poets

भाग दौड़ भरी इस जिंदगी में आज हर कोई बहुत व्यस्त हो चला है। किसी के पास खुद के लिए सोचने का वक्त ही नहीं है। जहां एक ओर हम एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में इस कदर मशगूल है कि जिंदगी में हार का सामना करते ही हताश और निराश हो जाते हैं। इतना ही नहीं जीवन में हार के कारण खुद को निराशा के गर्त में धकेल देते है, ऐसे में आज हम आपके लिए हिंदी के कुछ महान् कवियों की प्रेरक कविताएं (Motivational Poems in Hindi) लाए हैं। इन्हे पढ़कर आप जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होंगे। साथ ही यह समझेंगे कि एक हार आपकी जिंदगी नहीं हो सकती बल्कि उससे सीख लेकर आपको सदैव सही मार्ग पर स्वयं को प्रशस्त करना है। विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • जागो फिर एक बार Motivational Poems in Hindi by Suryakant Tripathi Nirala जागो फिर एक बार, प्यार जगाते हुए हारे सब तारे तुम्हें अरुण पंख तरुण किरण खड़ी खोलती है द्वारजागो फिर एक बार आंखें अलियों सी किस मधु की गलियों में फंसी बंद कर पांखे पी रही है मधु मौन अथवा सोयी कमल कौरकों में बंद हो रहा गुंजार जागो फिर एक बार एक तुम हो Motivational Poems in Hindi by Makhanlal Chaturvedi 18 वीं सदी को अपनी रचनाओं से प्रभावित करने वाले लेखक, पत्रकार और साहित्यकार माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 को मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में हुआ था। माखनलाल चतुर्वेदी की प्रस्तुत कविता का शीर्षक है – एक तुम हो ! गगन पर दो सितारें, एक तुम हो, धरा पर दो चरण है, एक तुम हो, त्रिवेणी दो नदी है, एक तुम हो, हिमालय दो शिखर है, एक तुम हो ! रहे मन भेद तेरा और मेरा, अमर हो देश का कल का सवेरा, कि वह कश्मीर, नेपाल और गोवा, कि साक्षी वह जवाहर, यह विनोबा प्रलय की आह युग है, वाह तुम हो, जरा से...

'हिंदी' भाषा पर विभिन्न कवियों की कविताओं के अंश...

पड़ने लगती है पियूष की शिर पर धारा हो जाता है रुचिर ज्योति मय लोचन-तारा बर बिनोद की लहर हृदय में है लहराती कुछ बिजली सी दौड़ सब नसों में है जाती आते ही मुख पर अति सुखद जिसका पावन नाम ही इक्कीस कोटि-जन-पूजिता हिन्दी भाषा है वही जिसने जग में जन्म दिया औ पोसा, पाला जिसने यक यक लहू बूँद में जीवन डाला उस माता के शुचि मुख से जो भाषा सीखी उसके उर से लग जिसकी मधुराई चीखी जिसके तुतला कर कथन से सुधाधार घर में बही क्या उस भाषा का मोह कुछ हम लोगों को है नहीं - अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'

नव वर्ष पर कविता 2023 : नए साल पर 5 प्रसिद्ध हिंदी कवियों की कविताएं

नव वर्ष पर कविता 2023 : 5 प्रसिद्ध हिंदी कवियों की कविताएं नए साल 2023 पर विशेष हिंदी कवियों की पांच प्रसिद्ध कविताएं। Happy New Year 2023 Poems in Hindi हैप्पी न्यू इयर पर हिंदी कवियों द्वारा लिखे गए नव वर्ष पर कविताएं। नव वर्ष पर सुमित्रा नंदन पंत की कविता, हरिवंशराय बच्चन की कविता, सोहनलाल द्विवेदी की कविता, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता, केदारनाथ अग्रवाल की कविता। Happy New Year 2023 Poems in Hindi : हिंदी के कवियों द्वारा नव वर्ष पर कविताएं Naval Harshamay Naval Varsh Yah naval harshamay naval varsh yah, kal kee chinta bhoolo kshan bhar; laala ke rang kee haala bhar pyaala madir dharo adharon par! phen-valay mrdu baanh pulakamay svapn paash see rahe kanth mein, nishthur gagan hamen jitane kshan preyasi, jeevit dhare daya kar! - Sumitranandan Pant Happy New Year 2023 न्यू इयर पर हिंदी कविताएं Aao, Nutan Varsh Mana le Aao, nutan varsh mana len! grh-viheen ban van-prayaas ka tapt aansuon, tapt shvaas ka, ek aur yug beet raha hai, aao is par harsh mana len! aao, nootan varsh mana len! utho, mita den aashaon ko, dabee chhipee abhilaashaon ko, aao, nirmamata se ur mein yah antim sangharsh mana len! aao, nootan varsh mana len! huee bahut din khel michaunee, baat yahee thee nishchit honee, aao, sada dukhee rahane ka jeevan mein aadarsh bana len! aao, nootan varsh mana len! - Harivansh Rai Bachchan नए साल 2023 की हार्दिक शुभकामनाएं नए साल 2023 की कविताएं हिंदी में Gaye Saal Ki gaye saal ki thithakee thithakee thithuran nae saal ke nae soory ne todee. desh-kaal par, dhoop-cha...

हिन्दी कविता के प्रसिद्ध संग्रहों से चुनिंदा पंक्तियां...

नहीं फूलते कुसुम मात्र राजाओं के उपवन में, अमित बार खिलते वे पुर से दूर कुञ्ज-कानन में। समझे कौन रहस्य ? प्रकृति का बड़ा अनोखा हाल, गुदड़ी में रखती चुन-चुन कर बड़े कीमती लाल जलद-पटल में छिपा, किन्तु रवि कब तक रह सकता है? युग की अवहेलना शूरमा कब तक सह सकता है? पाकर समय एक दिन आखिर उठी जवानी जाग, फूट पड़ी सबके समक्ष पौरुष की पहली आग। - रश्मिरथी (रामधारी सिंह दिनकर) जहाँ अभिषेक-अम्बुद छा रहे थे, मयूरों-से सभी मुद पा रहे थे, वहाँ परिणाम में पत्थर पड़े यों, खड़े ही रह गये सब थे खड़े ज्यों। करें कब क्या, इसे बस राम जानें, वही अपने अलौकिक काम जानें। कहाँ है कल्पने! तू देख आकर, स्वयं ही सत्य हो यह गीत गाकर। बिदा होकर प्रिया से वीर लक्ष्मण-- हुए नत राम के आगे उसी क्षण। हृदय से राम ने उनको लगाया, कहा--"प्रत्यक्ष यह साम्राज्य पाया।" हुआ सौमित्रि को संकोच सुन के नयन नीचे हुए तत्काल उनके। न वे कुछ कह सके प्रतिवाद-भय से, समझते भाग्य थे अपना हृदय से। कहा आनन्दपूर्वक राम ने तब-- "चलो, पितृ-वन्दना करने चलें अब।" हुए सौमित्रि पीछे, राम आगे-- चले तो भूमि के भी भाग्य जागे। अयोध्या के अजिर को व्योम जानों उदित उसमें हुए सुरवैद्य मानों। कमल-दल-से बिछाते भूमितल में, गये दोनों विमाता के महल में। पिता ने उस समय ही चेत पाकर, कहा--"हा राम, हा सुत, हा गुणाकर!" सुना करुणा-भरा निज नाम ज्यों ही, चकित होकर बढ़े झट राम त्यों ही। - साकेत (मैथिलीशरण गुप्त) मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला, प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊँगा प्याला, पहले भोग लगा लूँ तेरा फिर प्रसाद जग पाएगा, सबसे पहले तेरा स्वागत करती मेरी मधुशाला। प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर पूर्ण निकालूँगा हाला, एक पाँव से साकी बनकर नाचूँगा लेकर ...

हरिवंश राय बच्चन की कविताएं

विषय सूची • • • • • अग्निपथ कविता हिंदी में – Agnipath Poem in Hindi उपरोक्त कविता हरिवंश राय बच्चन जी की प्रसिद्ध कविताओं में से एक है। जिसमें कवि ने एक व्यक्ति के संघर्षमय जीवन की व्यथा का वर्णन किया है। उन्होंने मनुष्य के दुर्गम जीवन को ही इसमें ”अग्निपथ” की संज्ञा दी है। साथ ही अपनी इस कविता के माध्यम से उन्होंने व्यक्ति को नित्य कर्म कर फल की इच्छा रखने का संदेश भी दिया है। जोकि इस प्रकार से है- वृक्ष हों भले खड़े, हों घने हों बड़े, एक पत्र छांह भी, मांग मत, मांग मत, मांग मत, अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ। तू न थकेगा कभी, तू न रुकेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी, कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ, अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ। यह महान दृश्य है, चल रहा मनुष्य है, अश्रु श्वेत रक्त से, लथपथ लथपथ लथपथ, अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ। मधुशाला कविता हिंदी में – Madhushala poem in Hindi साल 1935 में हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखित “मधुशाला” उनकी सर्वोत्तम कृतियों में से एक है। जोकि उनकी अन्य रचनाओं मधुबाला और मधुकलश का ही एक हिस्सा है। इसमें बच्चन साहब ने शराब और मदिरालय की सहायता से मनुष्य जीवन की कठिनाइयों का तार्किक रूप से विश्लेषण किया है। इसलिए इसे 20वीं सदी की सर्वश्रेष्ठ कविता कहा जाता है। बच्चन साहब की इस कविता के काफी सारे भाग हैं। जिनमें से कुछ पंक्तियां निम्न प्रकार से है- मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला, प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊंगा प्याला, पहले भोग लगा लूं तेरा फिर प्रसाद जग पाएगा, सबसे पहले तेरा स्वागत करती मेरी मधुबाला। प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर पूर्ण निकालूंगा हाला, एक पांव से साकी बनकर नाचूंगा लेकर प्याला, जीवन की मधुता तो तेरे ऊपर कब का वार चुका, आज निछावर कर दूंगा मैं...

आपके पसंदीदा कलाकार पढ़ रहे है आपकी पसंदीदा हिंदी कवितायें 'हिंदी कविता' नामक युट्यूब चैनल पर!

मानव सभ्यता की सांस्कृतिक और बहुभाषी अभिव्यक्ति की सबसे कीमती विधा ‘कविता’ बहुत कम शब्दों में काफी कुछ कह जाती है। दिन के अंत में कविता हमें सुकून देती है, लेकिन ऐसे समय में जब किताबें पढ़ने के सिलसिले कम हो गये हैं, कविता के लिए लोग मुश्किल से समय निकाल पाते हैं। इसके बावजूद एक व्यक्ति की हिन्दी कविताओं के प्रति ऐसी दीवानगी है कि उन्होंने हिन्दी कविता को ही अपना काम बना लिया और लोगों तक यह संदेश पहुचाँने के लिए प्रयासरत है कि हिन्दी कविता कितनी शानदार होती है। अमरिका के मियामी में बस चुके एक सफल फिल्म निर्माता और व्यवसायी, मनीष गुप्ता ने जब मैथिलीशरण गुप्त, रामधारी सिंह दिनकर, महादेवी वर्मा, अमृता प्रीतम और कवियों की कविताओं के सम्बन्ध में लोगों की अरुचि देखी तो उन्होनें हिन्दी कविताओं को दोबारा प्रसिद्ध बनाने का,विशेष तौर पर युवाओं के बीच में,प्रयास आरम्भ कर दिया। उन्होनें “हिन्दी कविता” के नाम से यूट्यूब पर एक चैनल की शुरुआत की है, जिसमें हिन्दी कविता प्रेमियों की संख्या लाखों में पहुँच चुकी हैं। 1980 में जब मनीष मात्र ग्यारह वर्ष के थे,तब उन्होनें अपने कोर्स की किताब में पहली बार भवानी प्रसाद मिश्रा की कविता “सतपुरा के घने जंगल” पढ़ी थी। यह उनके कविताओं के साथ प्रेम की शुरुआत थी। मनीष ने युवावस्था में अनगिनत दोपहरें छिंदवाड़ा में अपने दोस्त के साथ पेड़ के नीचे बैठकर मुन्शी प्रेमचन्द की कहानियाँ, रामधारी सिंह दिनकर की कविताएँ और मार्क ट्वेन के हिन्दी रुपान्तर पढ़कर बितायीं। शब्दों के साथ इसी सम्बन्ध को 47 वर्षीय मनीष ने अपने यूट्यूब चैनल ‘हिन्दी कविता’ में पेश किया। अपने युवावस्था और मुम्बई में अपने हिन्दी चैनल शुरु करने के बीच के समय में मनीष अमरिका चले गए। वहाँ एक पेन...

5 प्रसिद्ध जयशंकर प्रसाद कविताएं

प्रसंग – प्रस्तुत कविता ‘हिमाद्रि तुंग शृंग से’ हिन्दी साहित्य के छायावाद युगीन प्रमुख 4 स्तम्भ कवियों में से एक ‘जय शंकर प्रसाद’ द्वारा रचित हैं। हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती स्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती ‘अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़- प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!’ असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सी सपूत मातृभूमि के- रुको न शूर साहसी! अराति सैन्य सिंधु में, सुवाड़वाग्नि से जलो, प्रवीर हो जयी बनो – बढ़े चलो, बढ़े चलो! 2. जयशंकर प्रसाद कविताएं – अरुण यह मधुमय देश हमारा प्रसंग –प्रस्तुत कविता ‘अरुण यह मधुमय देश हमारा’ हिन्दी साहित्य के छायावाद युगीन प्रमुख 4 स्तम्भ कवियों में से एक ‘जय शंकर प्रसाद’ द्वारा रचित हैं। अरुण यह मधुमय देश हमारा। जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा।। सरल तामरस गर्भ विभा पर, नाच रही तरुशिखा मनोहर। छिटका जीवन हरियाली पर, मंगल कुंकुम सारा।। लघु सुरधनु से पंख पसारे, शीतल मलय समीर सहारे। उड़ते खग जिस ओर मुँह किए, समझ नीड़ निज प्यारा।। बरसाती आँखों के बादल, बनते जहाँ भरे करुणा जल। लहरें टकरातीं अनन्त की, पाकर जहाँ किनारा।। हेम कुम्भ ले उषा सवेरे, भरती ढुलकाती सुख मेरे। मंदिर ऊँघते रहते जब, जगकर रजनी भर तारा।। 3. जयशंकर प्रसाद कविताएं – बीती विभावरी जाग री! प्रसंग –प्रस्तुत कविता ‘बीती विभावरी जाग री’हिन्दी साहित्य के छायावाद युगीन प्रमुख 4 स्तम्भ कवियों में से एक ‘जय शंकर प्रसाद’ द्वारा रचित हैं। अम्बर पनघट में डुबो रही तारा-घट ऊषा नागरी! खग-कुल कुल-कुल-सा बोल रहा किसलय का अंचल डोल रहा लो यह लतिका भी भर ला‌ई- मधु मुकुल नवल रस गागरी अधरों में राग अमंद पिए अलकों में मलयज बंद किए तू अब तक...