हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन

  1. हिंदी देवनागरी वर्णमाला
  2. वर्ण विचार: स्वर और व्यंजन
  3. हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन
  4. हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन सूची Hindi Varnamala List
  5. वर्ण विचार: स्वर और व्यंजन
  6. हिंदी देवनागरी वर्णमाला
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हिंदी देवनागरी वर्णमाला

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • वर्ण की परिभाषा वर्णों के व्‍यवस्थित समूह को वर्णमाला (Varnamala) कहा जाता है, वर्ण को ध्वनि भी कहते है। Hindi Varnamala (हिंदी वर्णमाला) हिंदी भाषा में वर्णों की संख्या 44 है, जिसमें 11 स्वर तथा 33 व्यंजन शामिल हैं। स्वरों तथा व्यंजनों को भी एक सुव्‍यवस्थित रूप में बांटा गया है। इसके अतिरिक्त हिंदी वर्णमाला में 2 अयोगवाह भी होते है। स्वर की परिभाषा जिन वर्णों के उच्चारण या बोलने में किसी अन्य वर्ण की आवश्यकता नहीं होती है, उन्हें स्वर कहते है। हिंदी की वर्णमाला में 11 स्वरों को शामिल किया गया है। अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ स्वर के तीन भेद (Hindi Varnamala) ह्रस्व स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में कम से कम समय लगता है उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। इन्हें मूल स्वर भी कहा जाता है। मूल स्वरों की संख्या 4 होती है :- अ, इ, उ, ऋ। दीर्घ स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व से दोगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहा जाता हैं। इनकी संख्या 7 होती है :- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ। प्लुत स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से तीन गुना समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहा जाता है। जैसे :- ओ३म, राऽऽम आदि। प्लुत स्वर का प्रयोग हिंदी में ना के बराबर ही होता है, किन्तु संस्कृत भाषा में इसे बहुधा प्रयोग में लाया जाता है। अयोगवाह अं अ: हिंदी की वर्णमाला में मात्राओं की संख्या 10 होती है। व्यंजन की परिभाषा :- जिन वर्णों के उच्चारण में स्वरों की सहायता लेनी पड़ती है उन्हें व्यंजन कहा जाता है। हिंदी वर्णमाला में 33 व्यंजन होते हैं। इन्हें भी पढ़े :- व्यंजन के तीन भेद (Hindi Alphabet) स्पर्श व्यंजन जिन व्यंजनों के उच्चारण में जीभ मुँह के अंदर के भा...

वर्ण विचार: स्वर और व्यंजन

varn vichar वर्ण विचार व्याकरण का वह भाग है जिसमें वर्णों के आकार, भेद, उच्चारण तथा उनके मेल से शब्द बनाने के नियमों का निरूपण होता है। वर्ण पर विचार करने से पहले ध्वनि और वर्ण के संबंधों को समझना जरूरी है। वर्ण को ध्वनि चिंह भी कहा जाता है किंतु इनमें अंतर भी है। वर्ण और ध्वनि में अंतर जहाँ वर्ण लिखने, पढ़ने और देखने के लिए प्रयुक्त होता है वहीं ध्वनि बोलने और सुनने के लिए। जैसे- अ, आ, इ, ई और क, ख, ग, घ आदि को जब मुँह से बोला जाता है तब ये ध्वनियाँ कहलाती हैं। वहीं इनके लिखित रूप को ‘वर्ण’ (varn) कहते हैं। किन्हीं दो या अधिक भाषाओँ के बीच वर्णगत् अंतर हो सकता है परंतु ध्वनिगत् अंतर नहीं होता। उदाहरण के रूप में अंग्रेजी का computer और हिंदी के कंप्यूटर में ध्वनिगत् अंतर नहीं है, क्योंकि दोनों एक ही प्रकार की ध्वनियाँ हैं। लेकिन लिखने में दोनों भाषाओँ के चिह्न बिल्कुल अलग हैं इसलिए वर्णगत् अंतर है। वर्ण का स्वरूप “वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं, जिसका खंड न हो।” कमल- क + म + ल = 03 ध्वनियाँ क्+अ+म्+अ+ल्+अ = 06 वर्ण अर्थात “वर्ण वह छोटी-सी-छोटी ध्वनि है, जो कान का विषय है और इसके टुकड़े नहीं किए जा सकते।” हिंदी वर्णमाला (hindi alphabet) भाषा के लेखन के लिए जो चिह्न (वर्ण) प्रयुक्त होते हैं उन्हें वर्णमाला कहते हैं। अंग्रेजी भाषा में वर्णमाला के लिए alphabet शब्द प्रयुक्त होता है। हिंदी भाषा में कुल 52 वर्ण हैं, जिनके समूह को वर्णमाला कहा जाता है। इसे नागरी या देवनागरी वर्णमाला भी कहा जाता है। hindi varnamala हिंदी वर्णों के भेद (varn vichar ke bhed) उच्चारण की दृष्टि से हिंदी वर्णों को दो भागों में बाँटा गया है- 1. स्वर, 2. व्यंजन 1. हिंदी के स्वर वर्ण जिन ध्वनियों के उच्चार...

हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन

हिंदी वर्णमाला में स्वर और व्यंजन का विस्तृत अध्ययन करेंगे | इस लेख से हिंदी वर्णमाला का नोट्स तैयार किया जा सकता है | प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी वर्णमाला से बनने वाले अति महत्त्वपूर्ण प्रश्नों को ध्यान में रखा गया है | वर्ण किसे कहते हैं- वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं जिसके खंड न हो सकें | स्वर या व्यंजन के संयुक्त रूप को वर्ण कहते हैं | वर्णों की कुल संख्या 52 होती है वर्णमाला किसे कहते हैं- वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं | वर्ण के भेद– वर्ण के दो भेद हैं 1- स्वर 2- व्यंजन Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • स्वर वर्ण का संपूर्ण अध्ययन स्वर उन वर्णों को कहते हैं, जिनका उच्चारण बिना अवरोध अथवा बिना विघ्न-बाधा के होता है | स्वर की कुल संख्य 11 (अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ए,ऐ,ओ,औ,ऋ) है | स्वर के भेद स्वर के तीन भेद हैं | 1- ह्रस्व 2- दीर्घ 3- प्लुत ह्रस्व स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में एक मात्रा का समय ह्रस्व स्वर कहते हैं | इनकी कुल संख्या चार है जिसे मूल स्वर भी कहते हैं | इन्हें एकमात्रिक स्वर भी कहते हैं | दीर्घ स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में दो मात्रा का समय उसे दीर्घ स्वर कहते हैं | इन्हें द्विमात्रिक स्वर भी कहते हैं | अ+अ=(आ) | इ+इ=(ई) | उ+उ=(ऊ) | अ+इ=(ए) | अ+ए=(ऐ) | अ+उ=(ओ) | अ+ओ=(औ) प्लुत स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में तीन मात्रा का समय लगे उसे प्लुत स्वर कहते हैं| वैदिक भाषा में इसका प्रयोग होता है | इसे त्रिमात्रिक स्वर भी कहते हैं | ओ३म उच्चारण स्थान के आधार पर स्वर के भेद उच्चारण स्थान के आधार पर स्वर के छह भेद होते हैं| कंठ्य- अ,आ | तालव्य- इ,ई | मूर्धन्य- ऋ | ओष्ठ्य- उ,ऊ | कंठ्यतालु- ए,ऐ | कंठओष्ठव- ओ,औ उच्चारण प्रयत्न के आधार पर स्वर ...

हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन सूची Hindi Varnamala List

Contents • • • • • हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन Hindi Varnamala Information किसी भी भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण या अक्षर होती है। भाषा के उच्चारण या लेखन में ध्वनि की सबसे छोटी इकाई ही वर्ण कहलाती है। इसे विभाजित नही किया जा सकता है। वर्णों के व्यवस्थित समूह को ही वर्णमाला ( Hindi Alphabet) कहते है। दोस्तों, हिंदी में स्वर और व्यंजन मिलाकर लिखित के कुल 52 वर्ण है। हिंदी वर्णमाला में उच्चारण (मौखिक) के कुल 45 वर्ण होते है। आइए दोस्तों, हिंदी वर्णमाला (Hindi Varnamala) के अक्षरों के नाम जानने का प्रयास करते है। हिंदी वर्णमाला (Hindi Varnamala) – इसके वर्णों को 2 भागों में विभाजित किया गया है। 1. स्वर (Vowels) – हिंदी वर्णमाला में कुल 11 स्वर है। स्वर वर्ण को स्वतंत्र रूप से उच्चारित किया जाता है। इनका उच्चारण कंठ और तालु से होता है। अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ इन 11 के अलावा लिखित में 2 स्वर अं (अनुस्वार), अ: (विसर्ग) भी होते है। इन दोनों का प्रयोग स्वर के बाद होता है। स्वर (Vowels) मुख्यत दो प्रकार के होते है (उच्चारण के आधार पर) – • लघु स्वर – इन स्वरों को बोलने में कम समय लगता है। जैसे कि अ, इ, उ इत्यादि। • दीर्घ स्वर – इन स्वरों को बोलने में अधिक समय लगता है। जैसे कि आ, ई, ऊ इत्यादि। लघु और दीर्घ स्वर के अलावा प्लुत स्वर भी होते है। इनके उच्चारण में दीर्घ स्वर से अधिक तीन मात्राओं का समय लगता है। जैसे कि ओम इत्यादि। 2. व्यंजन (Consonants) – हिंदी वर्णमाला में कुल 41 व्यंजन होते है। व्यंजन को स्वर की मदद से बोला जाता है। अ स्वर के साथ ही व्यंजन उच्चारित होता है। व्यंजनों को वर्गों में बांटा गया है – 1. क वर्ग व्यंजन के नाम – क, ख, ग, घ, डं 2. च वर्ग व्यंजन के नाम – च...

वर्ण विचार: स्वर और व्यंजन

varn vichar वर्ण विचार व्याकरण का वह भाग है जिसमें वर्णों के आकार, भेद, उच्चारण तथा उनके मेल से शब्द बनाने के नियमों का निरूपण होता है। वर्ण पर विचार करने से पहले ध्वनि और वर्ण के संबंधों को समझना जरूरी है। वर्ण को ध्वनि चिंह भी कहा जाता है किंतु इनमें अंतर भी है। वर्ण और ध्वनि में अंतर जहाँ वर्ण लिखने, पढ़ने और देखने के लिए प्रयुक्त होता है वहीं ध्वनि बोलने और सुनने के लिए। जैसे- अ, आ, इ, ई और क, ख, ग, घ आदि को जब मुँह से बोला जाता है तब ये ध्वनियाँ कहलाती हैं। वहीं इनके लिखित रूप को ‘वर्ण’ (varn) कहते हैं। किन्हीं दो या अधिक भाषाओँ के बीच वर्णगत् अंतर हो सकता है परंतु ध्वनिगत् अंतर नहीं होता। उदाहरण के रूप में अंग्रेजी का computer और हिंदी के कंप्यूटर में ध्वनिगत् अंतर नहीं है, क्योंकि दोनों एक ही प्रकार की ध्वनियाँ हैं। लेकिन लिखने में दोनों भाषाओँ के चिह्न बिल्कुल अलग हैं इसलिए वर्णगत् अंतर है। वर्ण का स्वरूप “वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं, जिसका खंड न हो।” कमल- क + म + ल = 03 ध्वनियाँ क्+अ+म्+अ+ल्+अ = 06 वर्ण अर्थात “वर्ण वह छोटी-सी-छोटी ध्वनि है, जो कान का विषय है और इसके टुकड़े नहीं किए जा सकते।” हिंदी वर्णमाला (hindi alphabet) भाषा के लेखन के लिए जो चिह्न (वर्ण) प्रयुक्त होते हैं उन्हें वर्णमाला कहते हैं। अंग्रेजी भाषा में वर्णमाला के लिए alphabet शब्द प्रयुक्त होता है। हिंदी भाषा में कुल 52 वर्ण हैं, जिनके समूह को वर्णमाला कहा जाता है। इसे नागरी या देवनागरी वर्णमाला भी कहा जाता है। hindi varnamala हिंदी वर्णों के भेद (varn vichar ke bhed) उच्चारण की दृष्टि से हिंदी वर्णों को दो भागों में बाँटा गया है- 1. स्वर, 2. व्यंजन 1. हिंदी के स्वर वर्ण जिन ध्वनियों के उच्चार...

हिंदी देवनागरी वर्णमाला

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • वर्ण की परिभाषा वर्णों के व्‍यवस्थित समूह को वर्णमाला (Varnamala) कहा जाता है, वर्ण को ध्वनि भी कहते है। Hindi Varnamala (हिंदी वर्णमाला) हिंदी भाषा में वर्णों की संख्या 44 है, जिसमें 11 स्वर तथा 33 व्यंजन शामिल हैं। स्वरों तथा व्यंजनों को भी एक सुव्‍यवस्थित रूप में बांटा गया है। इसके अतिरिक्त हिंदी वर्णमाला में 2 अयोगवाह भी होते है। स्वर की परिभाषा जिन वर्णों के उच्चारण या बोलने में किसी अन्य वर्ण की आवश्यकता नहीं होती है, उन्हें स्वर कहते है। हिंदी की वर्णमाला में 11 स्वरों को शामिल किया गया है। अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ स्वर के तीन भेद (Hindi Varnamala) ह्रस्व स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में कम से कम समय लगता है उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। इन्हें मूल स्वर भी कहा जाता है। मूल स्वरों की संख्या 4 होती है :- अ, इ, उ, ऋ। दीर्घ स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व से दोगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहा जाता हैं। इनकी संख्या 7 होती है :- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ। प्लुत स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से तीन गुना समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहा जाता है। जैसे :- ओ३म, राऽऽम आदि। प्लुत स्वर का प्रयोग हिंदी में ना के बराबर ही होता है, किन्तु संस्कृत भाषा में इसे बहुधा प्रयोग में लाया जाता है। अयोगवाह अं अ: हिंदी की वर्णमाला में मात्राओं की संख्या 10 होती है। व्यंजन की परिभाषा :- जिन वर्णों के उच्चारण में स्वरों की सहायता लेनी पड़ती है उन्हें व्यंजन कहा जाता है। हिंदी वर्णमाला में 33 व्यंजन होते हैं। इन्हें भी पढ़े :- व्यंजन के तीन भेद (Hindi Alphabet) स्पर्श व्यंजन जिन व्यंजनों के उच्चारण में जीभ मुँह के अंदर के भा...

हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन सूची Hindi Varnamala List

Contents • • • • • हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन Hindi Varnamala Information किसी भी भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण या अक्षर होती है। भाषा के उच्चारण या लेखन में ध्वनि की सबसे छोटी इकाई ही वर्ण कहलाती है। इसे विभाजित नही किया जा सकता है। वर्णों के व्यवस्थित समूह को ही वर्णमाला ( Hindi Alphabet) कहते है। दोस्तों, हिंदी में स्वर और व्यंजन मिलाकर लिखित के कुल 52 वर्ण है। हिंदी वर्णमाला में उच्चारण (मौखिक) के कुल 45 वर्ण होते है। आइए दोस्तों, हिंदी वर्णमाला (Hindi Varnamala) के अक्षरों के नाम जानने का प्रयास करते है। हिंदी वर्णमाला (Hindi Varnamala) – इसके वर्णों को 2 भागों में विभाजित किया गया है। 1. स्वर (Vowels) – हिंदी वर्णमाला में कुल 11 स्वर है। स्वर वर्ण को स्वतंत्र रूप से उच्चारित किया जाता है। इनका उच्चारण कंठ और तालु से होता है। अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ इन 11 के अलावा लिखित में 2 स्वर अं (अनुस्वार), अ: (विसर्ग) भी होते है। इन दोनों का प्रयोग स्वर के बाद होता है। स्वर (Vowels) मुख्यत दो प्रकार के होते है (उच्चारण के आधार पर) – • लघु स्वर – इन स्वरों को बोलने में कम समय लगता है। जैसे कि अ, इ, उ इत्यादि। • दीर्घ स्वर – इन स्वरों को बोलने में अधिक समय लगता है। जैसे कि आ, ई, ऊ इत्यादि। लघु और दीर्घ स्वर के अलावा प्लुत स्वर भी होते है। इनके उच्चारण में दीर्घ स्वर से अधिक तीन मात्राओं का समय लगता है। जैसे कि ओम इत्यादि। 2. व्यंजन (Consonants) – हिंदी वर्णमाला में कुल 41 व्यंजन होते है। व्यंजन को स्वर की मदद से बोला जाता है। अ स्वर के साथ ही व्यंजन उच्चारित होता है। व्यंजनों को वर्गों में बांटा गया है – 1. क वर्ग व्यंजन के नाम – क, ख, ग, घ, डं 2. च वर्ग व्यंजन के नाम – च...

हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन

हिंदी वर्णमाला में स्वर और व्यंजन का विस्तृत अध्ययन करेंगे | इस लेख से हिंदी वर्णमाला का नोट्स तैयार किया जा सकता है | प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी वर्णमाला से बनने वाले अति महत्त्वपूर्ण प्रश्नों को ध्यान में रखा गया है | वर्ण किसे कहते हैं- वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं जिसके खंड न हो सकें | स्वर या व्यंजन के संयुक्त रूप को वर्ण कहते हैं | वर्णों की कुल संख्या 52 होती है वर्णमाला किसे कहते हैं- वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं | वर्ण के भेद– वर्ण के दो भेद हैं 1- स्वर 2- व्यंजन Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • स्वर वर्ण का संपूर्ण अध्ययन स्वर उन वर्णों को कहते हैं, जिनका उच्चारण बिना अवरोध अथवा बिना विघ्न-बाधा के होता है | स्वर की कुल संख्य 11 (अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ए,ऐ,ओ,औ,ऋ) है | स्वर के भेद स्वर के तीन भेद हैं | 1- ह्रस्व 2- दीर्घ 3- प्लुत ह्रस्व स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में एक मात्रा का समय ह्रस्व स्वर कहते हैं | इनकी कुल संख्या चार है जिसे मूल स्वर भी कहते हैं | इन्हें एकमात्रिक स्वर भी कहते हैं | दीर्घ स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में दो मात्रा का समय उसे दीर्घ स्वर कहते हैं | इन्हें द्विमात्रिक स्वर भी कहते हैं | अ+अ=(आ) | इ+इ=(ई) | उ+उ=(ऊ) | अ+इ=(ए) | अ+ए=(ऐ) | अ+उ=(ओ) | अ+ओ=(औ) प्लुत स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में तीन मात्रा का समय लगे उसे प्लुत स्वर कहते हैं| वैदिक भाषा में इसका प्रयोग होता है | इसे त्रिमात्रिक स्वर भी कहते हैं | ओ३म उच्चारण स्थान के आधार पर स्वर के भेद उच्चारण स्थान के आधार पर स्वर के छह भेद होते हैं| कंठ्य- अ,आ | तालव्य- इ,ई | मूर्धन्य- ऋ | ओष्ठ्य- उ,ऊ | कंठ्यतालु- ए,ऐ | कंठओष्ठव- ओ,औ उच्चारण प्रयत्न के आधार पर स्वर ...