Hindu dharm kitna purana hai

  1. Sanatan Dharma in Hindi
  2. Puran kitne h? जानें प्रमुख 18 पुराण के नाम और जरूरी तथ्य
  3. सनातन हिन्दू धर्म कितना पुराना है (Hindu Dharm Kitna Purana Hai)
  4. हिन्दू धर्म की जानकारी, इतिहास, संस्थापक
  5. Hindu Sanatan Dharm Kitna Purana Hai
  6. सनातन धर्म कितना पुराना है
  7. Puran kitne h? जानें प्रमुख 18 पुराण के नाम और जरूरी तथ्य
  8. हिन्दू धर्म की जानकारी, इतिहास, संस्थापक
  9. Sanatan Dharma in Hindi
  10. सनातन हिन्दू धर्म कितना पुराना है (Hindu Dharm Kitna Purana Hai)


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Sanatan Dharma in Hindi

आप लोग सनातन धर्म को एक यूनिवर्सिटी के मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका मतलब हुआ कि आप एक विशाल और परम प्रक्रिया को एक सीमित और कहीं छोटे मंच पर रखने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि अब वो समय आ गया है, जब ऐसा करना ही होगा, इसमें कोई दो राय ही नहीं है। लेकिन ऐसा करते समय कुछ बुनियादी सावधानियां बरतने की जरूरत है, ताकि यह किसी धर्म शास्त्र के अध्ययन जैसा बन कर न रह जाए, बल्कि यह लोगों के भीतर ज्ञान की लालसा जगाने का कारण बन कर उभरे। सनातन धर्म क्या है सनातन धर्म कोई ऐसी प्रक्रिया नहीं है, जो आपको बताए कि आप इस पर विश्वास कीजिए, वर्ना आप मर जाएंगे। यह इस तरह की संस्कृति नहीं है। यह आपको कुछ ऐसा बताता है, जो आपके मन में सवाल उठाए, ऐसे सवाल जिनके बारे में शायद आपने कभी कल्पना भी नहीं की हो। मानव बुद्धि या समझ की प्रकृति ही खोजने की है। लोगों के भीतर यह जिज्ञासा इसलिए खत्म होती गई, क्योंकि उन पर विश्वास या मत थोपे गए। सनातन धर्म की पूरी प्रक्रिया आपके भीतर प्रश्नों को खड़ा करने के लिए ही है। और सबसे बड़ी बात यह आपके सवालों के ‘रेडिमेड जवाब’ नहीं देता, बल्कि यह आपके भीतर इस तरह से सवाल खड़े करने की गहनता लाता है कि आप खुद ब खुद इन सवालों के जवाब का स्रोत तलाश लेते हैं। तो जिज्ञासा का वो आयाम या स्तर लाने के लिए इसमें कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतने की जरूरत है, ताकि यह एक दूसरी तरह का आध्यात्मिक अध्ययन भर बन कर न रह जाए। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि भारत से बाहर भी बहुत सारे लोगों में कुछ चीजों को स्थापित करने की बेचैनी धीरे-धीरे घर करती जा रही है। दूसरे धर्मों के आगे निकल जाने की भावना पैदा हो रही है। इस कोशिश में वह पूरे शाश्वत व सनातन ज्ञान को महज एक पवित्र किताब या ग्रंथ तक सीमित...

Puran kitne h? जानें प्रमुख 18 पुराण के नाम और जरूरी तथ्य

क्या आप जानते हैं कि पुराण क्या है? पुराण का शाब्दिक अर्थ क्या है? और पुराण कितने हैं (Puran kitne h)? पुराण का अर्थ है प्राचीन आख्यान अथवा रचना। हमारे सनातन धर्म में सभी धार्मिक ग्रंथों में से पुराण का विशेष महत्व है तथा ये प्राचीनतम ग्रंथों में से एक है। इन पुराणों में लिखी बातें और ज्ञान आज भी सही साबित हो रहे हैं। पुराण में लिखा ज्ञान हमारी हिन्दू संस्कृति और सभ्यता का आधार है। इस बात से सभी सहमत हैं लेकिन पुराण क्या है और पुराण कितने हैं (Puran kitne h) ये सभी नहीं जानते। पुराण में हिन्दू धर्म के ईश्वर, संतों, ऋषि मुनियों और वीर राजाओं, उनके द्वारा रची लीलाओं, उनके जीवन और उनके सिद्धान्तों को विस्तार रूप से दर्शाया गया है। पुराण संस्कृत भाषा में लिखे गए, जिन्हें बाद में हिंदी और अंग्रेजी में अनुवादित किया गया ताकि आम जनता पुराणों को पढ़ पाए, समझ पाए और जीवन में अपना पाए। पुराण कितने हैं (Puran kitne h) और उनका नाम क्या है और उनमें क्या क्या बताया गया है ये सब आज आपको इस पोस्ट में पता चलने वाला है। पुराण कितने हैं ? Puran Kitne Hai? पुराण क्या है आपने समझ लिया लेकिन क्या आप जानते हैं पुराण कितने हैं (Puran kitne h)? आपके सवाल puran kitne hai का जवाब है, हिन्दू धर्म में कुल 18 पुराण है जिनके नाम है- ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, वायु पुराण, भागवत पुराण, नारद पुराण, मार्कण्डेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण, लिङ्ग पुराण, वाराह पुराण, स्कन्द पुराण, वामन पुराण, कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण, गरुड़ पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण। इन सभी पुराणों में देवी देवताओं पर आधारित कई गाथाएँ कही गई हैं जिसमें पाप – पुण्य और धर्म – अधर्म के युद्ध के बारे में भी बताय...

सनातन हिन्दू धर्म कितना पुराना है (Hindu Dharm Kitna Purana Hai)

Hindu Dharm Kitna Purana Hai: हिंदू धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है, इसे सनातन धर्म भी कहा जाता है। इस धर्म से पहले दुनिया में कोई दूसरा धर्म नहीं था। यह पहला धर्म है जिसके आज भी 100 करोड़ से ज्यादा अनुयायी हैं। इस धर्म की खास बात यह है कि यह धर्म पूरी दुनिया को अपना परिवार मानने की बात करता है। आज इस लेख हम सभी यह जानेंगे की हिन्दू धर्म कितना पुराना है, सनातन धर्म कितना पुराना है, तो आइये जानते है – हिन्दू धर्म कितना पुराना है (Sanatan Dharma Kitna Purana Hai) वर्तमान शोधों के अनुसार हिन्दू धर्म 12 से 15 हजार वर्ष पुराना तथा ज्ञात रूप से लगभग 24 हजार वर्ष पुराना माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिन्दू धर्म 90 हजार वर्ष पुराना बताया जाता है। हिन्दू धर्म में स्वयंभुव मनु का जन्म सबसे पहले 9057 ईसा पूर्व, वैवस्वत मनु का जन्म 6673 ईसा पूर्व, भगवान श्री राम का जन्म 5114 ईसा पूर्व व भगवान श्रीकृष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व में हुआ था। वेदों के अनुसार सतयुग लगभग 17 लाख 28 हजार वर्ष, त्रेतायुग 12 लाख 96 हजार वर्ष, द्वापर युग 8 लाख 64 हजार वर्ष और कलियुग 4 लाख 32 हजार वर्ष बताया गया है। त्रेता युग में भगवान राम का जन्म हुआ था। भगवान कृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महर्षि व्यास जी के अनुसार सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग ये चार युग हैं और अभी कलयुग चल रहा है। FAQs - Advertisement - पृथ्वी पर सबसे पहला धर्म कौन सा है? पृथ्वी पर सबसे पहला धर्म हिन्दू धर्म है। कौन सा धर्म पुराना है हिन्दू या इस्लाम? हिन्दू धर्म सबसे पुराना है। क्या हिंदू धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है? हाँ, हिंदू धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है। हिंदू धर्म में...

हिन्दू धर्म की जानकारी, इतिहास, संस्थापक

Hindu Dharm Information – भारत का सर्वप्रमुख धर्म हिन्दू धर्म है, जिसे इसकी प्राचीनता एवं विशालता के कारण ‘सनातन धर्म’ भी कहा जाता है। ईसाई, History Of Hindu Dharm in Hindi – हिन्दू धर्म का इतिहास हिन्दू धर्म को वेदकाल से भी पूर्व का माना जाता है, क्योंकि वैदिककाल और वेदों की रचना का काल अलग-अलग माना जाता है। सदियों से वाचिक परंपरा चली आ रही है फिर इसे लिपिबद्ध करने का काल भी बहुत लंबा रहा है। जब हम इतिहास की बात करते हैं तो विद्वानों ने वेदों के रचनाकाल की शुरुआत 4500 ई.पू. से मानी है। अर्थात यह धीरे-धीरे रचे गए और अंतत: माना यह जाता है कि पहले वेद को तीन भागों में संकलित किया गया- ऋग्‍वेद, यजुर्वेद व सामवेद जि‍से वेदत्रयी कहा जाता था। मान्यता अनुसार वेद का वि‍भाजन राम के जन्‍म के पूर्व पुरुरवा ऋषि के समय में हुआ था। बाद में अथर्ववेद का संकलन ऋषि‍ अथर्वा द्वारा कि‍या गया। दूसरी ओर कुछ लोगों का यह मानना है कि कृष्ण के समय में वेद व्यास ने वेदों का विभाग कर उन्हें लिपिबद्ध किया था। इस मान से लिखित रूप में आज से 6508 वर्ष पूर्व पुराने हैं वेद। यह भी तथ्‍य नहीं नकारा जा सकता कि कृष्ण के आज से 5300 वर्ष पूर्व होने के तथ्‍य ढूँढ लिए गए हैं। एक विकासशील धर्म होने के कारण विभिन्न कालों में इसमें नये-नये आयाम जुड़ते गये। वास्तव में हिन्दू धर्म इतने विशाल परिदृश्य वाला धर्म है कि उसमें आदिम ग्राम देवताओं, भूत-पिशाची, स्थानीय देवी-देवताओं, झाड़-फूँक, तंत्र-मत्र से लेकर त्रिदेव एवं अन्य देवताओं तथा निराकार ब्रह्म और अत्यंत गूढ़ दर्शन तक- सभी बिना किसी अन्तर्विरोध के समाहित हैं और स्थान एवं व्यक्ति विशेष के अनुसार सभी की आराधना होती है। वास्तव में हिन्दू धर्म लघु एवं महान परम्पराओं का...

Hindu Sanatan Dharm Kitna Purana Hai

हेल्लो फ्रेंड्स यहाँ पर हम बात करेंगे सनातन धर्म के बारेमे, सनातन धर्म क्या है और Sanatan dharm kitna purana hai. सनातन शब्द हिन्दू धर्म से जुड़ा हुआ शब्द है, हिंदू धर्म का इतिहास हजारों साल पुराना है. ॐ को सनातन धर्म का प्रतीक चिह्न ही नहीं बल्कि सनातन परम्परा का सबसे पवित्र शब्द माना जाता है, सनातन धर्म: (वैदिक धर्म) जो वैदिक धर्म के वैकल्पिक नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म मूलतः भारतीय धर्म है, वैदिक काल में भारतीय उपमहाद्वीप के धर्म के लिये ‘सनातन धर्म’ नाम मिलता है। ‘सनातन’ का अर्थ है – शाश्वत या ‘हमेशा बना रहने वाला’, अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त। सनातन धर्म मूलत: भारतीय धर्म है, जो आत्मा (आत्मान), जन्म और मृत्यु के चक्र (संसार), और इस चक्र से मुक्ति (मोक्ष) की खोज में विश्वास पर जोर देता है भगवान श्री कृष्ण ने गीता में दूसरे अध्याय के, 24वें श्लोक में, बड़ा स्पष्ट उत्तर दिया गया है। अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च | नित्य: सर्वगत: स्थाणुरचलोऽयं सनातन: || अर्थात हे अर्जुन! जो छेदा नहीं जाता। जलाया नहीं जाता। जो सूखता नहीं। जो गीला नहीं होता। जो स्थान नहीं बदलता। वो कौन है। ऐसे रहस्यमय व सात्विक गुण तो केवल परमात्मा में ही होते हैं। जो सत्ता इन दैवीय गुणों से परिपूर्ण हो। वही सनातन कहलाने के योग्य है। सनातन धर्म का मूल सत्य नासा कर्मणा वाचा के सिद्धांत के अनुसार, मनुष्य के मन, वाणी तथा शरीर द्वारा एक जैसे कर्म होने चाहिए। ऐसा हमारे धर्मशास्त्र कहते हैं। मन में कुछ हो, वाणी कुछ कहे और कर्म सर्वथा इनसे भिन्न हो। इसे ही मिथ्या आचरण कहा गया है। कर्मेन्द्रियाणि संयम्य य आस्ते मनसा स्मरन्। इन्द्रियार्थान्विमूढात्मा मिथ्याचारः स उच्यते।। उपनिषदों की संख्या लगभग 108 ...

सनातन धर्म कितना पुराना है

सनातन धर्म कितना पुराना है | Sanatan dharma kitna purana hai आज के इस लेख में हम आपको सनातन धर्म कितना पुराना है (Sanatan dharma kitna purana hai). सनातन धर्म क्या है Sanatan Dharm Kya Hai. सनातन धर्म का अर्थ. (meaning of sanatan dharma). सनातन धर्म के संस्थापक कौन हैं, सनातन धर्म के नियम Sanatan dharma rules. what is sanatan dharma. sabse purana dharm kaun sa hai. कुल मिलाकर सनातन धर्म के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी बताने वाले हैं Sanatan dharma kitna purana hai : आज के समय में सनातन धर्म (sanatan dharma) बहुत ही प्रसिद्ध धर्म है भारत में सनातन धर्म मानने वालो की संख्या बहुत ही ज्यादा है सनातन धर्म (sanatan dharma) को हिन्दू धर्म भी कहा जाता है अगर आप भी भारतीय हैं और हिन्दू हैं तो आपको सनातन धर्म (sanatan dharma) के बारे में जानना जरूरी है अगर आप हिन्दू नहीं भी हैं तब भी सनातन धर्म (sanatan dharma) के बारे में जानना चाहिए क्योकि यह धर्म किसी एक आदमी का धर्म नहीं है बल्कि यह धर्म सत्य का धर्म है। अगर आप सनातन धर्म (sanatan dharma) के बारे में जानना चाहते हैं तो आज के इस लेख में हम आपको सनातन धर्म कितना पुराना है (Sanatan dharma kitna purana hai). सनातन धर्म क्या है Sanatan Dharm Kya Hai. सनातन धर्म का अर्थ. (meaning of sanatan dharma). सनातन धर्म के संस्थापक कौन हैं, सनातन धर्म के नियम Sanatan dharma rules. what is sanatan dharma. sabse purana dharm kaun sa hai. कुल मिलाकर सनातन धर्म के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी बताने वाले हैं अगर आप हिन्दू हैं और सनातन धर्म (sanatan dharma) को मानते हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़ें। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • •...

Puran kitne h? जानें प्रमुख 18 पुराण के नाम और जरूरी तथ्य

क्या आप जानते हैं कि पुराण क्या है? पुराण का शाब्दिक अर्थ क्या है? और पुराण कितने हैं (Puran kitne h)? पुराण का अर्थ है प्राचीन आख्यान अथवा रचना। हमारे सनातन धर्म में सभी धार्मिक ग्रंथों में से पुराण का विशेष महत्व है तथा ये प्राचीनतम ग्रंथों में से एक है। इन पुराणों में लिखी बातें और ज्ञान आज भी सही साबित हो रहे हैं। पुराण में लिखा ज्ञान हमारी हिन्दू संस्कृति और सभ्यता का आधार है। इस बात से सभी सहमत हैं लेकिन पुराण क्या है और पुराण कितने हैं (Puran kitne h) ये सभी नहीं जानते। पुराण में हिन्दू धर्म के ईश्वर, संतों, ऋषि मुनियों और वीर राजाओं, उनके द्वारा रची लीलाओं, उनके जीवन और उनके सिद्धान्तों को विस्तार रूप से दर्शाया गया है। पुराण संस्कृत भाषा में लिखे गए, जिन्हें बाद में हिंदी और अंग्रेजी में अनुवादित किया गया ताकि आम जनता पुराणों को पढ़ पाए, समझ पाए और जीवन में अपना पाए। पुराण कितने हैं (Puran kitne h) और उनका नाम क्या है और उनमें क्या क्या बताया गया है ये सब आज आपको इस पोस्ट में पता चलने वाला है। पुराण कितने हैं ? Puran Kitne Hai? पुराण क्या है आपने समझ लिया लेकिन क्या आप जानते हैं पुराण कितने हैं (Puran kitne h)? आपके सवाल puran kitne hai का जवाब है, हिन्दू धर्म में कुल 18 पुराण है जिनके नाम है- ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, वायु पुराण, भागवत पुराण, नारद पुराण, मार्कण्डेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण, लिङ्ग पुराण, वाराह पुराण, स्कन्द पुराण, वामन पुराण, कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण, गरुड़ पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण। इन सभी पुराणों में देवी देवताओं पर आधारित कई गाथाएँ कही गई हैं जिसमें पाप – पुण्य और धर्म – अधर्म के युद्ध के बारे में भी बताय...

हिन्दू धर्म की जानकारी, इतिहास, संस्थापक

Hindu Dharm Information – भारत का सर्वप्रमुख धर्म हिन्दू धर्म है, जिसे इसकी प्राचीनता एवं विशालता के कारण ‘सनातन धर्म’ भी कहा जाता है। ईसाई, History Of Hindu Dharm in Hindi – हिन्दू धर्म का इतिहास हिन्दू धर्म को वेदकाल से भी पूर्व का माना जाता है, क्योंकि वैदिककाल और वेदों की रचना का काल अलग-अलग माना जाता है। सदियों से वाचिक परंपरा चली आ रही है फिर इसे लिपिबद्ध करने का काल भी बहुत लंबा रहा है। जब हम इतिहास की बात करते हैं तो विद्वानों ने वेदों के रचनाकाल की शुरुआत 4500 ई.पू. से मानी है। अर्थात यह धीरे-धीरे रचे गए और अंतत: माना यह जाता है कि पहले वेद को तीन भागों में संकलित किया गया- ऋग्‍वेद, यजुर्वेद व सामवेद जि‍से वेदत्रयी कहा जाता था। मान्यता अनुसार वेद का वि‍भाजन राम के जन्‍म के पूर्व पुरुरवा ऋषि के समय में हुआ था। बाद में अथर्ववेद का संकलन ऋषि‍ अथर्वा द्वारा कि‍या गया। दूसरी ओर कुछ लोगों का यह मानना है कि कृष्ण के समय में वेद व्यास ने वेदों का विभाग कर उन्हें लिपिबद्ध किया था। इस मान से लिखित रूप में आज से 6508 वर्ष पूर्व पुराने हैं वेद। यह भी तथ्‍य नहीं नकारा जा सकता कि कृष्ण के आज से 5300 वर्ष पूर्व होने के तथ्‍य ढूँढ लिए गए हैं। एक विकासशील धर्म होने के कारण विभिन्न कालों में इसमें नये-नये आयाम जुड़ते गये। वास्तव में हिन्दू धर्म इतने विशाल परिदृश्य वाला धर्म है कि उसमें आदिम ग्राम देवताओं, भूत-पिशाची, स्थानीय देवी-देवताओं, झाड़-फूँक, तंत्र-मत्र से लेकर त्रिदेव एवं अन्य देवताओं तथा निराकार ब्रह्म और अत्यंत गूढ़ दर्शन तक- सभी बिना किसी अन्तर्विरोध के समाहित हैं और स्थान एवं व्यक्ति विशेष के अनुसार सभी की आराधना होती है। वास्तव में हिन्दू धर्म लघु एवं महान परम्पराओं का...

Sanatan Dharma in Hindi

आप लोग सनातन धर्म को एक यूनिवर्सिटी के मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका मतलब हुआ कि आप एक विशाल और परम प्रक्रिया को एक सीमित और कहीं छोटे मंच पर रखने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि अब वो समय आ गया है, जब ऐसा करना ही होगा, इसमें कोई दो राय ही नहीं है। लेकिन ऐसा करते समय कुछ बुनियादी सावधानियां बरतने की जरूरत है, ताकि यह किसी धर्म शास्त्र के अध्ययन जैसा बन कर न रह जाए, बल्कि यह लोगों के भीतर ज्ञान की लालसा जगाने का कारण बन कर उभरे। सनातन धर्म क्या है सनातन धर्म कोई ऐसी प्रक्रिया नहीं है, जो आपको बताए कि आप इस पर विश्वास कीजिए, वर्ना आप मर जाएंगे। यह इस तरह की संस्कृति नहीं है। यह आपको कुछ ऐसा बताता है, जो आपके मन में सवाल उठाए, ऐसे सवाल जिनके बारे में शायद आपने कभी कल्पना भी नहीं की हो। मानव बुद्धि या समझ की प्रकृति ही खोजने की है। लोगों के भीतर यह जिज्ञासा इसलिए खत्म होती गई, क्योंकि उन पर विश्वास या मत थोपे गए। सनातन धर्म की पूरी प्रक्रिया आपके भीतर प्रश्नों को खड़ा करने के लिए ही है। और सबसे बड़ी बात यह आपके सवालों के ‘रेडिमेड जवाब’ नहीं देता, बल्कि यह आपके भीतर इस तरह से सवाल खड़े करने की गहनता लाता है कि आप खुद ब खुद इन सवालों के जवाब का स्रोत तलाश लेते हैं। तो जिज्ञासा का वो आयाम या स्तर लाने के लिए इसमें कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतने की जरूरत है, ताकि यह एक दूसरी तरह का आध्यात्मिक अध्ययन भर बन कर न रह जाए। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि भारत से बाहर भी बहुत सारे लोगों में कुछ चीजों को स्थापित करने की बेचैनी धीरे-धीरे घर करती जा रही है। दूसरे धर्मों के आगे निकल जाने की भावना पैदा हो रही है। इस कोशिश में वह पूरे शाश्वत व सनातन ज्ञान को महज एक पवित्र किताब या ग्रंथ तक सीमित...

सनातन हिन्दू धर्म कितना पुराना है (Hindu Dharm Kitna Purana Hai)

Hindu Dharm Kitna Purana Hai: हिंदू धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है, इसे सनातन धर्म भी कहा जाता है। इस धर्म से पहले दुनिया में कोई दूसरा धर्म नहीं था। यह पहला धर्म है जिसके आज भी 100 करोड़ से ज्यादा अनुयायी हैं। इस धर्म की खास बात यह है कि यह धर्म पूरी दुनिया को अपना परिवार मानने की बात करता है। आज इस लेख हम सभी यह जानेंगे की हिन्दू धर्म कितना पुराना है, सनातन धर्म कितना पुराना है, तो आइये जानते है – हिन्दू धर्म कितना पुराना है (Sanatan Dharma Kitna Purana Hai) वर्तमान शोधों के अनुसार हिन्दू धर्म 12 से 15 हजार वर्ष पुराना तथा ज्ञात रूप से लगभग 24 हजार वर्ष पुराना माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिन्दू धर्म 90 हजार वर्ष पुराना बताया जाता है। हिन्दू धर्म में स्वयंभुव मनु का जन्म सबसे पहले 9057 ईसा पूर्व, वैवस्वत मनु का जन्म 6673 ईसा पूर्व, भगवान श्री राम का जन्म 5114 ईसा पूर्व व भगवान श्रीकृष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व में हुआ था। वेदों के अनुसार सतयुग लगभग 17 लाख 28 हजार वर्ष, त्रेतायुग 12 लाख 96 हजार वर्ष, द्वापर युग 8 लाख 64 हजार वर्ष और कलियुग 4 लाख 32 हजार वर्ष बताया गया है। त्रेता युग में भगवान राम का जन्म हुआ था। भगवान कृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महर्षि व्यास जी के अनुसार सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग ये चार युग हैं और अभी कलयुग चल रहा है। FAQs - Advertisement - पृथ्वी पर सबसे पहला धर्म कौन सा है? पृथ्वी पर सबसे पहला धर्म हिन्दू धर्म है। कौन सा धर्म पुराना है हिन्दू या इस्लाम? हिन्दू धर्म सबसे पुराना है। क्या हिंदू धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है? हाँ, हिंदू धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है। हिंदू धर्म में...