छत्तीसगढ़ में आरक्षण का प्रतिशत

  1. Raipur News : Reservation percentage may increase further
  2. छत्तीसगढ़: राजभवन में अटका आरक्षण संशोधन विधेयक,सरकार चिंतित,BJP बोली
  3. सुप्रीम ने आज छत्तीसगढ़ में आरक्षण 58 प्रतिशत भर्ती पर लगी रोक को हटा दिया है और विभिन्न पदों के भर्ती के लिए आदेश जारी कर दिया गया है।
  4. छत्तीसगढ़: आरक्षण के मुद्दे पर होगा विधानसभा का विशेष सत्र, CM भूपेश बघेल ने भेजा प्रस्ताव
  5. Chhattisgarh Assembly Elections 2023 No Solution To Reservation Issue In Chhattisgarh Assembly Elections Held This Year ANN
  6. Bastar's Sarv Adivasi Samaj Will Protest Across The State On June 21 For Reservation Restoration Ann
  7. छत्तीसगढ़ में आरक्षण बढ़ा कर 76 प्रतिशत करने का फैसला न्यायालय में नहीं टिक पाएगा: विशेषज्ञ
  8. Reservation In Chhattisgarh BJP And Congress Clashed With Each Other On 76 Percent Reservation In Chhattisgarh ANN


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Raipur News : Reservation percentage may increase further

• एससी का आरक्षण प्रतिशत जनगणना 2021 के आधार पर बढ़ाया जाएगा • देश में सबसे ज्यादा आरक्षण देने वाला राज्य है छत्तीसगढ़ • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले- समाज के सभी वर्ग को न्याय दिलाना छत्तीसगढ़ सरकार का प्रमुख काम • गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा- सामाजिक समरसता में अनुसूचित जाति समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने रविवार को अनुसूचित जाति सम्मेलन एवं अभिनंदन समारोह में बड़ा ऐलान किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि समाज के सभी वर्गों को न्याय दिलाना छत्तीसगढ़ सरकार (chhattisgarh govt) का प्रमुख काम है। छत्तीसगढ़ में एससी वर्ग का आरक्षण (reservation) प्रतिशत बढ़ाए जाने पर समाज द्वारा समारोह का आयोजन बलबीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम किया गया। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का समाज ने अभिनंदन किया।

छत्तीसगढ़: राजभवन में अटका आरक्षण संशोधन विधेयक,सरकार चिंतित,BJP बोली

छत्तीसगढ़ विधानसभा से पारित होने के बावजूद आरक्षण संशोधन विधेयक राजभवन पहुंचकर रुक गए हैं। राज्यपाल अनुसूईया उइके ने अभी तक विधेयक पर हस्ताक्षर ही नहीं किये। इसके कारण से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और गरीबों के लिए बनाए आरक्षण के नवीन प्रावधान फ़िलहाल लागू नहीं हो पाए हैं। विधानसभा से पास होने के बाद विधेयक को राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया था। अभी तक नहीं हुए राज्यपाल के हस्ताक्षर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने बीते शनिवार को कहा कि वह आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 पर सोमवार काे हस्ताक्षर करेंगी,लेकिन मंगलवार बीत जाने के बाद भी अभी तक यह कार्य रुका हुआ है। अगर राज्यपाल ऐसा कर देतीं,तो छत्तीसगढ़ में नई आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती । इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में 76 प्रतिशत आरक्षण होने की स्थिति निर्मित हो जाती। क्या है आरक्षण का मामला ? ज्ञात हो कि 19 सितम्बर को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी प्रकरण में फैसला सुनाते ही छत्तीसगढ़ में चल रहे 58 फीसदी आरक्षण को असंवैधानिक बताकर रद्द कर दिया था। उसके बाद से किसी भी जाति वर्ग के लिए आरक्षण खत्म हो गया था। इस संवैधनिक संकट से निकलने के लिए भूपेश सरकार ने 1 और 2 दिसम्बर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करके आरक्षण से जुड़े 2 संशोधन विधेयक पारित करवाकर आरक्षण को बढ़ाकर 76 प्रतिशत कर दिया गया था। राज्यपाल ने रही हैं क़ानूनी सलाह विधानसभा में छत्तीसगढ़ लोक सेवाओं में (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक-2022 और शैक्षणिक संस्थानों में (आरक्षण) संशोधन विधेयक-2022 पारित तो हो गया है,लेकिन राजभवन में जाकर अटक गया है। राज्यपाल का कहना है क...

सुप्रीम ने आज छत्तीसगढ़ में आरक्षण 58 प्रतिशत भर्ती पर लगी रोक को हटा दिया है और विभिन्न पदों के भर्ती के लिए आदेश जारी कर दिया गया है।

इसी बिच भूपेश बघेल का बयान सामने आया है जिसमे भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बोला - 58% आरक्षण पर हाईकोर्ट के फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाने के निर्णय का हम सब स्वागत करते हैं. पर छत्तीसगढ़ के युवाओं के खिलाफ भाजपा के षड्यंत्र के विरूद्ध हमारा संघर्ष जारी रहेगा. राज्यपाल नए विधेयक पर हस्ताक्षर करें तभी सही न्याय मिलेगा. लड़ेंगे-जीतेंगे नौकरी खोजे-

छत्तीसगढ़: आरक्षण के मुद्दे पर होगा विधानसभा का विशेष सत्र, CM भूपेश बघेल ने भेजा प्रस्ताव

रायपुर. आरक्षण के मुद्दे को लेकर होगा छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र होगा. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को भेजा है. मुख्यमंत्री ने एक और दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किए जाने का आग्रह किया है. सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश के आदिवासी समाज को भरोसा दिलाया है कि राज्य में आरक्षण के मामले में आदिवासी निश्चिंत रहें. उन्हें 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं. महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में आरक्षण की विधिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का दल शीघ्र वहां जाएगा. सीएम ने कहा कि आदिवासियों के हित और उनके संरक्षण के लिए संविधान में जो अधिकार प्रदत्त है, उसका पालन हमारी सरकार कर रही है. हमारी स्पष्ट मंशा है कि संविधान द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग को प्रदान किए गए सभी संवैधानिक अधिकार उन्हें प्राप्त हों. राज्य सरकार ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासी समुदाय के विकास और कल्याण के लिए लगातार कार्य किया है और कर रही है. इसी कड़ी में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है. राज्य के आदिवासी अंचल में स्वास्थ्य और शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है. छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन कराते हुए छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति, सभ्यता और कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का काम किया जा रहा है. वनवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए वंचितों को वन अधिकार ...

Chhattisgarh Assembly Elections 2023 No Solution To Reservation Issue In Chhattisgarh Assembly Elections Held This Year ANN

Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ में आरक्षण मुद्दे का अब तक नहीं निकला हल, इस साल होने वाले हैं विधानसभा चुनाव Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन के आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी आरक्षण मुद्दे को लेकर उनसे मुलाकात की थी. अब तक राज्य में आरक्षण का मुद्दा नहीं सुलझा है. Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में इस साल विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने हैं. चुनाव की तारीख नजदीक भी आ रही है. यहां साल के आखिरी महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनााव को देखते हुए सभी राजनीतिक दल के नेता तैयारियों में जुट गए हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में एक ऐसा ज्वलन मुद्दा है जो अब तक नहीं सुलझा तो वो है आरक्षण. छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण विधेयक पारित तो कर दिया है. लेकिन यह विधेयक राजभवन में जाकर अटक गया है. अब तक राज्यपाल ने इस विधेयक पर साइन नहीं किया है. वहीं छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन (Biswabhusan Harichandan) के आने के बाद एक बार फिर सरकार के मंत्री और विधायक आरक्षण विधेयक को मंजूरी देने की गुहार लिए राजभवन पहुंचे थे. नए राज्यपाल से भी नहीं मिला आश्वासन नए राज्यपाल से मुलाकात के बाद मंत्री कवासी लखमा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था " नए राज्यपाल से मुलाकात तो हुई मगर जैसी उम्मीद थी वैसा आश्वासन नहीं मिला है. उनकी बातचीत से लगा कि वो राजनीतिक के दबाव में हैं. राज्यपाल यही कहते रहे कि देखते हैं. समीक्षा कर रहे हैं. मगर कुछ ठोस बात नहीं हुई. हम गए तो राज्यपाल ने हमें बैठाया हम सभी की बातें तो सुनी मगर आश्वासन नहीं दिया." सीएम बघेल भी नए राज्यपाल से कर ...

Bastar's Sarv Adivasi Samaj Will Protest Across The State On June 21 For Reservation Restoration Ann

Bastar Reservation News:छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में आगामी दिनों में सर्व आदिवासी समाज स्थानीय आरक्षण को बहाल करने की मांग को लेकर एक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में जुट गया है, आगामी 21 जून को बस्तर संभाग के 7 जिलों के साथ पूरे प्रदेश में सर्व आदिवासी समाज धरना प्रदर्शन करेगा, जिसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है. इस धरना प्रदर्शन में सर्व आदिवासी समाज के हजारों आदिवासी अपने-अपने जिलों में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेंगे और मुख्यमंत्री के नाम सभी जिलों के कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे, साथ ही 15 दिनों का अल्टीमेटम देंगे और 15 दिनों में भी मांग पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे. 'स्थानीय आदिवासी युवाओं को मिले आरक्षण का लाभ' समाज के पदाधिकारियों की मांग है कि सरकारी विभागों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की भर्ती प्रक्रिया में स्थानीय आदिवासी युवाओं को आरक्षण के हिसाब से प्राथमिकता दिए जाये, मामला कोर्ट में होने की वजह से आरक्षण पर जो रोक लगी हुई है उसे हटाया जाए. उन्होंने कहा कि आरक्षण पर रोक की वजह से बाहरी लोगों को भर्ती में प्राथमिकता मिल रही है, ऐसे में आरक्षण को बहाल करने की मांग के साथ अन्य मांगों को लेकर 21 जून को धरना प्रदर्शन किया जाएगा. 'राज्य सरकार सही ढंग से नहीं रख रही अपना पक्ष' सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने बताया कि स्थानीय भर्ती में मिलने वाले आरक्षण पर हाई कोर्ट से रोक लगने की वजह से बाहरी लोगों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की भर्ती में प्राथमिकता मिल रही है, जिसे तत्काल बंद किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से आरक्षण को लेकर सही ढंग से जवाब नहीं रखे जाने के कारण अब तक आरक्षण को बहाल नहीं किया गया है,...

छत्तीसगढ़ में आरक्षण बढ़ा कर 76 प्रतिशत करने का फैसला न्यायालय में नहीं टिक पाएगा: विशेषज्ञ

राज्य में विभिन्न श्रेणियों की जनसंख्या के अनुपात में सरकारी नौकरियों में और शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए आरक्षण से संबंधित दो संशोधन विधेयक शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा पारित किए गए, जिससे आरक्षण बढ़ कर 76 प्रतिशत हो गया। विधेयकों के अनुसार, सरकारी नौकरियों में और शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (एससी) को 13 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) को चार प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। विधानसभा ने एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें केंद्र से इन विधेयकों को संविधान की 9वीं अनुसूची में सूचीबद्ध करने का आग्रह किया गया है। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया था कि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले के बाद इस दिशा में दो महीने तक कोई प्रयास नहीं किया और भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में आदिवासी मतदाताओं को लुभाने के लिए सदन का सत्र बुलाया। सर्व आदिवासी समाज के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भानुप्रतापपुर उपचुनाव लड़ रहे भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी अकबर राम कोर्रम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए दावा किया कि राज्य सरकार ने इसके प्रभावों का आकलन किए बिना“राजनीतिक उद्देश्यों” के तहत जल्दबाजी में संशोधन विधेयक पेश किए। उन्होंने सवाल किया, “जब राज्य सरकार 2012 में लागू 58 प्रतिशत आरक्षण को अदालत में वैध ठहराने में विफल रही, तो वह इसे 76 प्रतिशत तक बढ़ाने के फैसले का बचाव कैसे कर पाएगी।” उन्होंने दावा किया कि अदालत इस निर्णय पर निश्चित रूप से रोक लगा देगी। और अंततः आरक्षण के ...

Reservation In Chhattisgarh BJP And Congress Clashed With Each Other On 76 Percent Reservation In Chhattisgarh ANN

Chhattisgarh Reservation News: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र (Chhattisgarh Assembly Budget Session) के चौथे दिन आरक्षण विधेयक पर जमकर बहस हुई. शनिवार को सदन की कार्यवाही रात 8 बजे तक चली. इस बीच बीजेपी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर राज्यपाल (Governor) के अपमान का आरोप लगाते हुए विधानसभा का बायकॉट किया. वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) बीजेपी (BJP) पर राजभवन के दुरुपयोग का आरोप लगाते रहे. इसको लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत तेज हो गई है. बीजेपी पर राजभवन के दुरुपयोग का आरोप दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को विधानसभा में बोले कि राज्यपाल के कहने पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया और विधेयक पास करवाया गया. लेकिन, विधानसभा में जब शेड्यूल लाइन में शामिल करने की बात आई, तो यह विपक्ष के लोग पलायन कर गए. इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि जैसा इन्होंने अभी किया है. यह इनका दोहरा चरित्र है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल हस्ताक्षर के लिए तैयार बैठी थीं, हमारे 5 सीनियर मंत्री रात में 9 मंत्रियों के साथ राजभवन गए. इस दौरान अधिकारी भी साथ थे, लेकिन पता नहीं, एकात्म परिसर से क्या चुटका आया? फिर बहानेबाजी शुरू हो गई. इसके बाद प्रवक्ता के रूप में बीजेपी के लोग बोलने लगे. पहले भारत सरकार ने लांघा सुप्रीम कोर्ट का प्रावधान छत्तीसगढ़ में हमने हेड काउंट करवाया और हेड काउंट में साढ़े 42 प्रतिशत पिछड़े वर्ग का आया. 3.48 ईडब्ल्यूएस का आया और हमने 4 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है. पिछड़े वर्ग के लिए 27 प्रतिशत की व्यवस्था पर अब यही बीजेपी वाले राजनीति करने लगे हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत सरकार ने खुद 50 प्रतिशत ...