हमारी धरोहर निबंध

  1. हमारी संस्कृति हमारा गौरव पर निबंध
  2. Hindi Essay on “Bharatiya Sanskriti
  3. हमारे बुजुर्ग हमारी धरोहर पर निबंध Hamare bujurg hamari dharohar hai essay hindi ~ kuchhkhas
  4. Essay On My Favorite Book : मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध
  5. हमारी संस्कृति (निबंध संग्रह)


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हमारी संस्कृति हमारा गौरव पर निबंध

प्रस्तावना किसी भी देश की संस्कृति उस देश की पहचान होती है। संस्कृति उस देश की सभी चीजों में व्याप्त होती है। इसका अनुमान लोगों के पहनावे, खान पान और व्यवहार मात्र से नहीं लगाया जा सकता है। भारत की परम्परा समस्त दुनिया में विख्यात है। हमारे देश की संस्कृति में अथिति देवो भवः यानि अथिति को भगवान का दर्जा दिया गया है। हमारे देश के हर प्रांत व हर राज्य का पहनावा अनोखा है। अलग अलग भाषाएं व परंपराएं भारतीय विविधता की परिभाषा प्रस्तुत करती है लेकिन वसुधैव कुटुंबकम् की भावना हर एक हृदय में समान रहती है। संस्कृति का अर्थ भारतीय संस्कृति की विशेषता जिसमें भारतीय संस्कृति की सभी मोतियों को एक सूत्र में पिरो कर रखा गया है। यहां हर किसी का अपना एक अलग विचार है, हर समुदाय का अपना खानपान और व्यवहार है, वेशभूषा और भाषा से लेकर कई चीजों में विविधता पाई जाती है। लेकिन विविधता में एकता ही हमारे भारतीय संस्कृति की विशेषता है। भारतीय संस्कृति का बचाव अंग्रेजों ने हमारी भारतीय संस्कृति के विभिन्न अंग जैसे कला विज्ञान धार्मिक मान्यताएं और रीति-रिवाजों को समय-समय पर बदल दिया। इस बदलाव ने भारतीय संस्कृति को हानिकारक भी बना दिया। यही कारण है कि आज वर्तमान समय में हमारी भारतीय संस्कृति पीछे रह गई है। यदि हम अपनी भारतीय संस्कृति को बचा कर रखना चाहते हैं तो अपनी भारतीय संस्कृति के समस्त विषयों पर संपूर्ण जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। इसके बाद जानकारी को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाते रहना चाहिए। निसंदेह इस प्रयास से हमारी संस्कृति आने वाली पीढ़ी के लिए अहम भूमिका निभाएगी। निष्कर्ष इस प्रकार हमारी भारतीय संस्कृति हमारे देश की धरोहर है। जिससे हमें संजोकर रखना होगा। देश के समस्त लोगों के सुख दुख में साथ देकर औ...

Hindi Essay on “Bharatiya Sanskriti

भारतीय संस्कृति : हमारी धरोहर Bharatiya Sanskriti – Hamari Dharohar भूमिका – किसी देश का आचार-विचार ही उस देश की संस्कृति कहलाती है। कछ लोग सभ्यता और संस्कृति को एक-दूसरे का पर्याय मानने लगे हैं जिससे कई प्रकार की भ्रान्तियाँ उत्पन्न हो गई हैं। वास्तव में सभ्यता और संस्कृति दोनों ही अलग-अलग होती हैं। सभ्यता का सम्बन्ध हमारे बाहरी जीवन के ढंग से है यथा खान-पान, रहन-सहन, बोलचाल जबकि संस्कृति का सम्बन्ध हमारी सोच, चिन्तन व विचारधारा से हैं। संस्कृति किसी देश, समुदाय या जाति की आत्मा होती है। संस्कृति से ही उस देश, जाति या समुदाय के उन समस्त संस्कारों का बोध होता है जिनके सहारे वे अपने आदर्शों, जीवन मूल्यों आदि का निर्धारण करता है। संस्कृति शब्द का साधारण अर्थ है— संस्कार, सुधार, परिष्कार, शुद्धि, सजावट आदि। भारतीय प्राचीन ग्रन्थों में संस्कृति का सम्बन्ध संस्कारों से माना गया है। भारत संसार का प्राचीनतम देश है। इसकी सभ्यता एवं संस्कृति अति प्राचीन है। विश्व की विभिन्न संस्कृतियाँ भारतीय संस्कृति के समक्ष उत्पन्न हुईं और मिट गईं। कुछ बात है ऐसी कि हस्ती मिटती नहीं हमारी’ क्योंकि हमारी संस्कृति की जड़े अमरता के साथ अत्यन्त दृढ़ता एवं गहराई तक जमी हुई हैं जो सरलता से सूख नहीं सकती। भारतीय संस्कृति की पृष्ठभूमि में मानव कल्याण की भावना निहित है। भारत की संस्कृति की मूल भावना “वसुधैव कुटुम्बकम्’ अथ त् सारा संसार एक परिवार के समान है, के पावन उद्देश्य पर आधारित है। भारतीय संस्कृति में मानव कल्याण की भावना ही यत्र तत्र सर्वत्र दिखाई देती है। भारतीय संस्कृति की सबसे बडी विशेषता और मूल मन्त्र आध्यात्मिकता है। भारतीय संस्कृति की आध्यात्मिकता का आधार ईश्वरीय विश्वास है। यहाँ विभिन्न धर्...

हमारे बुजुर्ग हमारी धरोहर पर निबंध Hamare bujurg hamari dharohar hai essay hindi ~ kuchhkhas

हमारे बुजुर्ग हमारी धरोहर पर निबंध प्रस्तावना- हमारे बुजुर्ग हमारी धरोहर हैं। हमें हमारे बुजुर्गों का मान सम्मान करना चाहिए, उनके चरण स्पर्श करना चाहिए, उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए। जिस घर में बुजुर्गों का सम्मान होता है उस घर में सुख समृद्धि, शांति आदि हमेशा रहती है इसके विपरीत जिस घर में बुजुर्गों का सम्मान नहीं होता उस घर में कभी भी सुख समृद्धि या शांति नहीं होती। बुजुर्गों का सम्मान करना जरूरी क्यों है- आज के समय में हम देख रहे हैं कि कई सारे ऐसे बुजुर्ग माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चों की वजह से कई सारी परेशानियों का सामना करते हैं। बच्चों को जहां उन्हें सम्मान देना चाहिए वहीं कुछ बच्चे उन्हें सम्मान देने के बजाय उनका अपमान करते हैं यहां तक कि बुढ़ापे में उन्हें दो वक्त का खाना भी नहीं देते। हमें चाहिए कि हम सभी आज के इस आधुनिक युग में बुजुर्गों को हमारी धरोहर समझें। बुजुर्ग हमारे लिए सबसे बढ़कर होते हैं हमें चाहिए कि हम हमेशा बुजुर्गों का सम्मान करें, उनकी बातों को माने, हमेशा उनसे सलाह मशवरा लें और कभी भी उनसे झगड़े ना करें। अगर आप बुजुर्गों का सम्मान करते हैं तो घर में सुख शांति तो रहेगी साथ में ऐसे घर में हमेशा लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे घर के लोग हमेशा सुखी रहते हैं और दिन प्रतिदिन कामयाबी की ओर बढ़ते जाते हैं। बुजुर्गों का सम्मान हम सभी को करना जरूरी है। कहते हैं कि हमारे बच्चे वह सब सीखते हैं जो हम करते हैं। यदि हम अपने माता-पिता का सम्मान करते हैं तो हमारे बच्चे यह सब देखते हैं वह भी हमारे साथ ऐसा करते हैं लेकिन यदि हम अपने बुजुर्ग माता-पिता का सम्मान नहीं करते, उनको अपमानित करते हैं उनको घर से निकाल देते हैं तो जाहिर सी बात है आपके बच्चे भी आपके साथ ऐसा ही करन...

Essay On My Favorite Book : मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध

Essay On My Favorite Book : मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध निबंध हिंदी में हो या अंग्रेजी में , निबंध लिखने का एक खास तरीका होता है। हर निबंध को कुछ बिंदुओं (Points ) पर आधारित कर लिखा जाता है। जिससे परीक्षा में और अच्छे मार्क्स आने की संभावना बढ़ जाती है। हम भी यहां पर “मेरी प्रिय पुस्तक /Essay On My Favorite Book ”पर निबंध को कुछ बिंदुओं पर आधारित कर लिख रहे हैं। आप भी अपनी परीक्षाओं में निबंध कुछ इस तरह से लिख सकते हैं। जिससे आपके परीक्षा में अच्छे मार्क्स आयें। Essay On My Favorite Book मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध Content • प्रस्तावना (Introduction) • मेरी प्रिय किताब (My Favorite Book ) • “सत्य के प्रयोग” क्यों हैं मेरी पसंदीदा किताब (Why this is my Favorite Book) • पुस्तक की भाषा (Language of my Favorite book) • किताब से मिली प्रेरणा ( Inspirational Book ) • उपसंहार प्रस्तावना Essay On My Favorite Book : किताबों ही इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। कहते हैं कि एक अच्छी किताब सौ दोस्तों के बराबर होती हैं। जो इंसान को विपरीत परिस्थितियों में भी सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। कठिन समय पर भले ही आपके दोस्त , परिचित , आपके रिश्तेदार आप से मुंह मोड़ लें। मगर एक एक अच्छी और प्रेरणादायक किताब आपको हमेशा जीवन में निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती ही रहेगी। ये किताबें ही हमारी सच्ची साथी व हमारी धरोहर होती हैं।जो हमारी आने वाली पीढ़ी को हमारे पूर्वजों व हमारे बारे में बिना एक शब्द बोले ही सब कुछ बता देंगी। मेरी प्रिय किताब (My Favorite Book ) मुझे बचपन से ही किताबें पढ़ने का बहुत शौक है।जब भी समय मिलता है। मैं अपने नजदीकी लाइब्रेरी में जाकर किताबों के साथ अपना समय बिताना पस...

हमारी संस्कृति (निबंध संग्रह)

हमारी संस्कृति (निबंध संग्रह) हमारी सांस्कृतिक धरोहर क्या है ? वेदों व उपनिषदों आदि में क्या है ? हमारे मनीषियों का चिन्तन क्या है ? यदि बच्चों को प्रारम्भ से ही सहज जीवन व्यतीत करने दिया जाए, परिवार में प्यार–दुलार मिले तो हमारी संस्कृति स्वयं ही समृद्ध होगी व ऊँचाई के नए आयामों का संस्पर्श कर सकेगी । परिवार में गरीबी हो सकती है किन्तु बच्चे का बचपन सहज हो, मानसिक बोझ व चिन्ताओं से लदा हुआ न हो । निर्भया जैसे काण्ड हमारी संस्कृति के लिए दाग हैं । ऐसी घटनाएँ भविष्य में न हो, उनका कारण व निवारण प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है । वास्तविक मूल्यपरक शिक्षा क्या है ? मूल्यों को कैसे सहजरूप में बालहृदय में स्थापित किया जा सकता है, वर्णित है । इसका प्रत्यक्ष उदाहरण एक लेख में वर्णित है,‘जब राष्ट्रपति की पोती को घर में खाने के लिए चावल नहीं मिला ।’ यह सत्य घटना उस समय की है जब देश में अनाज की कमी थी । इसलिए जनता से आह्वान किया गया कि वह सप्ताह में एक दिन अन्न न खावें । तत्कालीन राष्ट्रपति ने इस नियम को अपने घर में भी लागू किया तथा घर में बच्चों तक को उस दिन अन्न खाने के लिए नहीं दिया जाता था । यदि ऐसा सभी लोग करें तो हमारी संस्कृति एक आदर्श संस्कृति बन सकती है । अगर अधिक अनुभव अपनी अपने अब अर्थात् आज आत्मा आदमी आदि आप इन इस इसलिए उनके उस उसका उसकी उसके उसे एक ऐसा ओर कभी कम कर करके करता है करते करना करने करें कर्म का काम कारण किन्तु किया किसी की कुछ के लिए के साथ को कोई क्या क्योंकि गया घर चाहिए जन्म जब जल जा सकता जाए जाता है जाती जाते हैं जी जीवन जो तक तथा तब तरह तुम तो था थे दिन दिया द्वारा ध्यान नहीं है ने पर पहले पानी प्रकार प्राप्त फिर बच्चे बच्चों बहुत बात बाद भी मन मनुष्य...