हनुमान जी का जन्म कहां हुआ था

  1. कहां हुआ था हनुमान जी का जन्म? ये बताने वाली पुस्तक का होगा विमोचन, तिरुमला की...
  2. हनुमान जी का जन्म स्थान कहां है ? दो राज्यों और तीन स्थानों के अलग
  3. कहां हुआ था हनुमान जी का जन्म? ये रहे तीन जगहों के अलग
  4. हनुमान
  5. Hanuman Birth Place : वो पर्वत जहां हनुमान पैदा हुए, शिला में दिखता है उनका चेहरा
  6. Shri Hanuman Birthplace
  7. कहां हुआ था हनुमान जी का जन्म? ये रहे तीन जगहों के अलग
  8. हनुमान
  9. हनुमान जी का जन्म स्थान कहां है ? दो राज्यों और तीन स्थानों के अलग
  10. Shri Hanuman Birthplace


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कहां हुआ था हनुमान जी का जन्म? ये बताने वाली पुस्तक का होगा विमोचन, तिरुमला की...

Where is the birthplace of Lord Hanuman: भगवान हनुमान का जन्म कहां हुआ, ये बताने वाली एक पुस्तक चर्चा में है. इस पुस्तक का विमोचन होने जा रहा है. इस किताब में हनुमान जी का जन्म स्थल बताने का दावा दिया गया है. इस पुस्तक में बताया गया है कि तिरुमला (आंध्र प्रदेश) की सात पवित्र पहाड़ियों में से एक पर हनुमान जी का जन्म हुआ था. ये दावा करने वाली एक ‘साक्ष्य’ आधारित पुस्तक का विमोचन 13 अप्रैल को किया जाएगा. ये जानकारी तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है. Also Read: • • • इस पुस्तक के विमोचन की चर्चा है. वहीं, राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन के पूर्व निदेशक प्रो. वी वेंकटरमण रेड्डी ने कहा है कि ‘देवताओं के जन्मस्थल’ पर इस तरह की ‘खोज’ उचित नहीं है, जबकि तिरुमला में स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी एवी रमना दीक्षितुलु ने इस संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. अधिकारी ने बताया कि ‘‘खगोलीय, पुरालेखीय, वैज्ञानिक और पौराणिक प्रमाण’’ वाली पुस्तक, जो यह साबित करेगी कि तिरुमला पहाड़ियों पर भगवान हनुमान का जन्म हुआ था, का विमोचन तेलुगू नववर्ष के दिन ‘उगादि’ पर किया जाएगा. टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी केएस जवाहर रेड्डी ने गत दिसम्बर में विद्वानों की एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था. इस समिति का गठन अध्ययन करने और सात पहाड़ियों में से एक ‘अंजनाद्रि’ में प्रमाण एकत्रित करने के लिए किया गया था. तेलुगू देशम पार्टी के प्रवक्ता एन बी सुधाकर रेड्डी, ने कहा कि ‘‘यह विश्वास करने की पूरी संभावनाएं हैं कि भगवान हनुमान का जन्म तिरुमला पहाड़ियों पर हुआ था.’’ हनुमान को दक्षिण भारत में ‘श्री अंजनीस्वामी’ के नाम से जाना जाता है.

हनुमान जी का जन्म स्थान कहां है ? दो राज्यों और तीन स्थानों के अलग

To Start receiving timely alerts please follow the below steps: • Click on the Menu icon of the browser, it opens up a list of options. • Click on the “Options ”, it opens up the settings page, • Here click on the “Privacy & Security” options listed on the left hand side of the page. • Scroll down the page to the “Permission” section . • Here click on the “Settings” tab of the Notification option. • A pop up will open with all listed sites, select the option “ALLOW“, for the respective site under the status head to allow the notification. • Once the changes is done, click on the “Save Changes” option to save the changes. दिल्ली, अप्रैल 14: अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थान पर उनका भव्य मंदिर बनने का काम लगातार जारी है। अब उनके परम भक्त हनुमान जी की असल जन्मभूमि को लेकर दो राज्यों में बहस छिड़ गई है। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक दोनों दावे कर रहे हैं बजरंगबली का जन्म उन्हीं के प्रदेश में हुआ था। कर्नाटक का दावा है कि हनुमान जी का जन्म उत्तर कर्नाटक में हम्पी के पास किष्किंधा में अंजेयांद्री पहाड़ पर हुआ था। जबकि, आंध्र प्रदेश के मुताबिक जिस अंजनाद्री पहाड़ पर हनुमान जी ने जन्म लिया था, वह तिरुमाला के सात पहाड़ों में से एक है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने आने वाली राम नवमी को इसकी आधिकारिक घोषणा करने की भी बात कह दी है। इन दोनों स्थानों के बीच जारी बहस के बीच पवित्र रामायण के आधार पर एक और स्थान को उनके जन्म स्थान होने का दावा ठोक दिया गया है, जहां अगले साल की राम नवमी तक एक भव्य हनुमान प्रतिमा बनाने की योजना है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने बनाया था एक्सपर्ट पैनल आंध्र प्रदेश ...

कहां हुआ था हनुमान जी का जन्म? ये रहे तीन जगहों के अलग

हिंदू धर्म में जब भी भक्तों की बात होती है तो सबसे पहला नाम हनुमान जी का आता है क्योंकि वे प्रभु श्रीराम के परम भक्त थे. उनका नाम जपते-जपते उनका जीवन बीत गया. सभी जानते हैं कि श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ थे लेकिन क्या आप जानते हैं कि Hanuman ji ka Janam कब और कहां हुआ था? वैसे तो इसको लेकर दो राज्य और तीन जगहों के नाम हैं लेकिन असल में इसपर लेकर कई चर्चे हुए मगर इसका साफ निष्कर्ष कोई नहीं निकाल पाया. आज हम आपको बताएंगे कि Hanuman ji ka janam कहां हुआ था? Hanuman ji ka janam कहां है? हनुमान जी का जन्म के लिए दो राज्यों आंध्र प्रदेश और कर्नाटक का दावा है. कर्नाटक का दावा है कि इनका जन्म उत्तर कर्नाटक में हम्पी के पास किष्किंधा में अंजेयांद्री पहाड़ पर हुआ था, लेकिन आंध्र प्रदेश का कहना है कि जिस अंजनाद्री पहाड़ पर हनुमान जी का जन्म हुआ था वह तिरुमाला के सात पहाड़ों में एक है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने राम नवमी पर इसकी आधिकारिक घोषणा की थी. इन दोनों जगहों के बीच अभी भी बहस जारी है और पवित्र रामायण के आधार पर इस जगह दोनों ही राज्यों के लोग धूमधाम से रामनवमी और हनुमान जयंती मनायी जाती है. Hanuman ji ka janam कुछ विद्वानों के अनुसार, नवसारी (गुजरात) में एक डांग जिला है जो पूर्व काल में दंडकारण्य प्रदेश के रूप में जाना जाता था. इस दंडकारण्य में श्रीराम ने करीब 10 साल गुजारे थे. डांग जिला आदिवासियों का क्षेत्र है और इस समय यहां ईसाई मिशनरी सक्रिय है, हालांकि आदिवासियों के प्रमुख देव राम ही हैं. आदिवासी के मुताबिक, भगवान राम वनवास के दौरान पंचवटी की ओर जाते हुए डांग प्रदेश से गुजरे थे. इसी के पास शबरी धाम भी है और यहां से करीब 7 किमी दूर पूर्णा नदी स्थित पंपा सरोवर है. यहां...

हनुमान

अनुक्रम • 1 हनुमान के द्वारा सूर्य को फल समझना • 2 हनुमान का नामकरण • 3 हनुमान जी का रुप • 4 ग्रंथों • 4.1 हिन्दू धर्म • 4.1.1 रामायण • 4.1.2 महाभारत • 4.1.3 अन्य साहित्य • 4.1.4 हनुमान चालीसा • 4.1.5 देवी अथवा शक्ति के साथ संबंध • 4.2 बुद्ध धर्म • 4.3 जैन धर्म • 4.4 सिख धर्म • 4.5 दक्षिण पूर्व एशियाई ग्रंथ • 5 बारह नाम , उनके अर्थ और उनका महत्व • 6 बाहरी कड़ियाँ • 7 सन्दर्भ हनुमान के द्वारा सूर्य को फल समझना [ ] इनके जन्म के पश्चात् एक दिन इनकी माता फल लाने के लिये इन्हें आश्रम में छोड़कर चली गईं। जब शिशु हनुमान को भूख लगी तो वे उगते हुये राहु की यह बात सुनकर इन्द्र घबरा गये और उसे साथ लेकर सूर्य की ओर चल पड़े। राहु को देखकर हनुमानजी सूर्य को छोड़ राहु पर झपटे। राहु ने इन्द्र को रक्षा के लिये पुकारा तो उन्होंने हनुमानजी पर वज्रायुध से प्रहार किया जिससे वे एक पर्वत पर गिरे और उनकी बायीं ठुड्डी टूट गई। हनुमान की यह दशा देखकर हनुमान का नामकरण [ ] इन्द्र के वज्र से हनुमानजी की ठुड्डी ( हनुमान जी का रुप [ ] हिँदू महाकाव्य रामायण के अनुसार, हनुमान जी को वानर के मुख वाले अत्यंत बलिष्ठ पुरुष के रूप में दिखाया जाता है। इनका शरीर अत्यंत मांसल एवं बलशाली है। उनके कंधे पर ग्रंथों [ ] हिन्दू धर्म [ ] रामायण [ ] श्री रामचरितमानस का पांचवा काण्ड, सुंदरकांड, हनुमान जी पर केंद्रित है। असुरराज रावण ने सीता का अपहरण कर लिया था, जिसके बाद 14 साल के वनवास के आखिरी साल में हनुमान राम से मिलते हैं। अपने भाई लक्ष्मण के साथ, राम अपनी पत्नी सीता को खोज रहे हैं। यह और संबंधित राम कथाएं हनुमान के बारे में सबसे व्यापक कहानियां हैं। रामायण के कई संस्करण भारत के भीतर मौजूद हैं। ये हनुमान, राम, सीता, लक...

Hanuman Birth Place : वो पर्वत जहां हनुमान पैदा हुए, शिला में दिखता है उनका चेहरा

किष्किंधा की चर्चा काफी विस्तार से बाल्मीकी रामायण में की गई है यहीं भारत राम की मुलाकात दंडकारण्य में हनुमान से हुई प्राचीन भारत में ये सुग्रीव और बाली जैसे ताकतवर वानरों की नगरी थी भगवान हनुमान का जन्म कर्नाटक के किष्किंधा में एक पर्वत पर हुआ था. इस पर्वत की एक शिला दूर से देखने पर उनके चेहरे जैसी आकृति बनाती है. यहां जाने वाला हर शख्स इसे देखकर चमत्कार ही समझता है. इस पर्वत पर ऊपर चढ़ने पर एक मंदिर है. जहां हनुमानजी का जन्म बताया जाता है. यहां हमेशा अखंड कीर्तन चलता रहता है, ये पूरा इलाका बहुत सुंदर है. इसी इलाके में भगवान राम ने सीताहरण के बाद कुछ समय गुजारा था. ये वो जगह भी है जहां वानरों की राजधानी हुआ करती थी. इसे हम दण्डकारण्य भी कहते हैं. मनोरम स्थान. इस पर्वत जहां हनुमानजी का जन्म हुआ, उसको अंजनी पर्वत के नाम से जानते हैं. ये वो जगह भी है, जहां दक्षिण भारत की पवित्र नदी तुंगभद्रा यानि पम्पा पहाड़ियों के बीच बल खाते हुए पूरे इलाके को खूबसूरत नजारे में बदल देती है. यहां अलौकिक पहाड़ियां हैं. दूर तक फैले हुए धान के खेत. केले के बाग और जिधर देखो उधर नारियल के पेड़ों का झुंड. यहां आने पर हवा मोहक अंदाज में आपके कानों में अलग सा संगीत घोलती है. इसे किष्किंधा कहते हैं. जो कर्नाटक के बेल्लारी जिले में है. जिसके पड़ोस में एक और दर्शनीय स्थल हम्पी है, जो महान प्रतापी राजा श्रीकृष्णदेवराय की राजधानी थी. खूबसूरत किष्किंधा किष्किंधा के पूरे रास्ते में आपको पहाड़ियां दिखती हैं. हरे-भरे खेत और नारियल से लदे-फदे वृक्ष. इस इलाके की ग्रेफाइट चट्टानें भी ऐसी विशेष हैं कि पूरे देश में उनकी मांग है. सबसे पहले रामायण में हुई किष्किंधा की चर्चा किष्किंधा की चर्चा काफी विस्तार से बाल्मी...

Shri Hanuman Birthplace

सभी जानना चाहते हैं कि हनुमानजी का जन्म भारत में कहां हुआ था। हनुमानजी के माता-पिता कौन हैं। हनुमानजी की माता का नाम अंजना है इसीलिए उन्हें आंजनेय भी कहा जाता है। उनके पिता का नाम केसरी है इसीलिए उन्हें केसरीनंदन भी कहा जता है। केसरी को कपिराज भी कहा जाता था, क्योंकि वे कपिक्षेत्र के राजा थे। अब सवाल यह उठता है कि यह कपि क्षे‍त्र भारत में कहां स्थित था? इस विषय में विद्वानों में मतभेद हैं। हनुमानजी का जन्म कल्पभेद से कोई भक्त चैत्र सुद 1 मघा नक्षत्र को मानते हैं। कोई कारतक वद 14, कोई कारतक सुद 15 को मानते हैं। कुछ चैत्र माह की पूर्णिमा को उनके जन्म का समय मानते हैं और कुछ कार्तिक, कृष्ण चतुर्दशी की महानिशा को, लेकिन ज्यादातर जगह चैत्र माह की पूर्णिमा को मान्यता मिली हुई है। हनुमानजी की जन्मतिथि को लेकर मतभेद हैं। कुछ हनुमान जयन्ती की तिथि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी मानते हैं तो कुछ चैत्र शुक्ल पूर्णिमा। इस विषय में ग्रंथों में दोनों के ही उल्लेख मिलते हैं, किंतु इनके कारणों में भिन्नता है। पहला जन्मदिवस है और दूसरा विजय अभिनन्दन महोत्सव। FILE अंजनी पर्वत : कुछ विद्वान मानते हैं कि नवसारी (गुजरात) स्थित डांग जिला पूर्व काल में दंडकारण्य प्रदेश के रूप में पहचाना जाता था। इस दंडकारण्य में राम ने अपने जीवन के 10 वर्ष गुजारे थे। डांग जिला आदिवासियों का क्षेत्र है। आजकल यहां ईसाई मिशनरी सक्रिय है। हालांकि आदिवासियों के प्रमुक देव राम हैं। आदिवासी मानते हैं कि भगवान राम वनवास के दौरान पंचवटी की ओर जाते समय डांग प्रदेश से गुजरे थे। डांग जिले के सुबिर के पास भगवान राम और लक्ष्मण को शबरी माता ने बेर खिलाए थे। शबरी भील समाज से थी। आज यह स्थल शबरी धाम नाम से जाना जाता है। शबरी धाम से लगभग...

कहां हुआ था हनुमान जी का जन्म? ये रहे तीन जगहों के अलग

हिंदू धर्म में जब भी भक्तों की बात होती है तो सबसे पहला नाम हनुमान जी का आता है क्योंकि वे प्रभु श्रीराम के परम भक्त थे. उनका नाम जपते-जपते उनका जीवन बीत गया. सभी जानते हैं कि श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ थे लेकिन क्या आप जानते हैं कि Hanuman ji ka Janam कब और कहां हुआ था? वैसे तो इसको लेकर दो राज्य और तीन जगहों के नाम हैं लेकिन असल में इसपर लेकर कई चर्चे हुए मगर इसका साफ निष्कर्ष कोई नहीं निकाल पाया. आज हम आपको बताएंगे कि Hanuman ji ka janam कहां हुआ था? Hanuman ji ka janam कहां है? हनुमान जी का जन्म के लिए दो राज्यों आंध्र प्रदेश और कर्नाटक का दावा है. कर्नाटक का दावा है कि इनका जन्म उत्तर कर्नाटक में हम्पी के पास किष्किंधा में अंजेयांद्री पहाड़ पर हुआ था, लेकिन आंध्र प्रदेश का कहना है कि जिस अंजनाद्री पहाड़ पर हनुमान जी का जन्म हुआ था वह तिरुमाला के सात पहाड़ों में एक है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने राम नवमी पर इसकी आधिकारिक घोषणा की थी. इन दोनों जगहों के बीच अभी भी बहस जारी है और पवित्र रामायण के आधार पर इस जगह दोनों ही राज्यों के लोग धूमधाम से रामनवमी और हनुमान जयंती मनायी जाती है. Hanuman ji ka janam कुछ विद्वानों के अनुसार, नवसारी (गुजरात) में एक डांग जिला है जो पूर्व काल में दंडकारण्य प्रदेश के रूप में जाना जाता था. इस दंडकारण्य में श्रीराम ने करीब 10 साल गुजारे थे. डांग जिला आदिवासियों का क्षेत्र है और इस समय यहां ईसाई मिशनरी सक्रिय है, हालांकि आदिवासियों के प्रमुख देव राम ही हैं. आदिवासी के मुताबिक, भगवान राम वनवास के दौरान पंचवटी की ओर जाते हुए डांग प्रदेश से गुजरे थे. इसी के पास शबरी धाम भी है और यहां से करीब 7 किमी दूर पूर्णा नदी स्थित पंपा सरोवर है. यहां...

हनुमान

अनुक्रम • 1 हनुमान के द्वारा सूर्य को फल समझना • 2 हनुमान का नामकरण • 3 हनुमान जी का रुप • 4 ग्रंथों • 4.1 हिन्दू धर्म • 4.1.1 रामायण • 4.1.2 महाभारत • 4.1.3 अन्य साहित्य • 4.1.4 हनुमान चालीसा • 4.1.5 देवी अथवा शक्ति के साथ संबंध • 4.2 बुद्ध धर्म • 4.3 जैन धर्म • 4.4 सिख धर्म • 4.5 दक्षिण पूर्व एशियाई ग्रंथ • 5 बारह नाम , उनके अर्थ और उनका महत्व • 6 बाहरी कड़ियाँ • 7 सन्दर्भ हनुमान के द्वारा सूर्य को फल समझना [ ] इनके जन्म के पश्चात् एक दिन इनकी माता फल लाने के लिये इन्हें आश्रम में छोड़कर चली गईं। जब शिशु हनुमान को भूख लगी तो वे उगते हुये राहु की यह बात सुनकर इन्द्र घबरा गये और उसे साथ लेकर सूर्य की ओर चल पड़े। राहु को देखकर हनुमानजी सूर्य को छोड़ राहु पर झपटे। राहु ने इन्द्र को रक्षा के लिये पुकारा तो उन्होंने हनुमानजी पर वज्रायुध से प्रहार किया जिससे वे एक पर्वत पर गिरे और उनकी बायीं ठुड्डी टूट गई। हनुमान की यह दशा देखकर हनुमान का नामकरण [ ] इन्द्र के वज्र से हनुमानजी की ठुड्डी ( हनुमान जी का रुप [ ] हिँदू महाकाव्य रामायण के अनुसार, हनुमान जी को वानर के मुख वाले अत्यंत बलिष्ठ पुरुष के रूप में दिखाया जाता है। इनका शरीर अत्यंत मांसल एवं बलशाली है। उनके कंधे पर ग्रंथों [ ] हिन्दू धर्म [ ] रामायण [ ] श्री रामचरितमानस का पांचवा काण्ड, सुंदरकांड, हनुमान जी पर केंद्रित है। असुरराज रावण ने सीता का अपहरण कर लिया था, जिसके बाद 14 साल के वनवास के आखिरी साल में हनुमान राम से मिलते हैं। अपने भाई लक्ष्मण के साथ, राम अपनी पत्नी सीता को खोज रहे हैं। यह और संबंधित राम कथाएं हनुमान के बारे में सबसे व्यापक कहानियां हैं। रामायण के कई संस्करण भारत के भीतर मौजूद हैं। ये हनुमान, राम, सीता, लक...

हनुमान जी का जन्म स्थान कहां है ? दो राज्यों और तीन स्थानों के अलग

To Start receiving timely alerts please follow the below steps: • Click on the Menu icon of the browser, it opens up a list of options. • Click on the “Options ”, it opens up the settings page, • Here click on the “Privacy & Security” options listed on the left hand side of the page. • Scroll down the page to the “Permission” section . • Here click on the “Settings” tab of the Notification option. • A pop up will open with all listed sites, select the option “ALLOW“, for the respective site under the status head to allow the notification. • Once the changes is done, click on the “Save Changes” option to save the changes. दिल्ली, अप्रैल 14: अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थान पर उनका भव्य मंदिर बनने का काम लगातार जारी है। अब उनके परम भक्त हनुमान जी की असल जन्मभूमि को लेकर दो राज्यों में बहस छिड़ गई है। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक दोनों दावे कर रहे हैं बजरंगबली का जन्म उन्हीं के प्रदेश में हुआ था। कर्नाटक का दावा है कि हनुमान जी का जन्म उत्तर कर्नाटक में हम्पी के पास किष्किंधा में अंजेयांद्री पहाड़ पर हुआ था। जबकि, आंध्र प्रदेश के मुताबिक जिस अंजनाद्री पहाड़ पर हनुमान जी ने जन्म लिया था, वह तिरुमाला के सात पहाड़ों में से एक है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने आने वाली राम नवमी को इसकी आधिकारिक घोषणा करने की भी बात कह दी है। इन दोनों स्थानों के बीच जारी बहस के बीच पवित्र रामायण के आधार पर एक और स्थान को उनके जन्म स्थान होने का दावा ठोक दिया गया है, जहां अगले साल की राम नवमी तक एक भव्य हनुमान प्रतिमा बनाने की योजना है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने बनाया था एक्सपर्ट पैनल आंध्र प्रदेश ...

Shri Hanuman Birthplace

सभी जानना चाहते हैं कि हनुमानजी का जन्म भारत में कहां हुआ था। हनुमानजी के माता-पिता कौन हैं। हनुमानजी की माता का नाम अंजना है इसीलिए उन्हें आंजनेय भी कहा जाता है। उनके पिता का नाम केसरी है इसीलिए उन्हें केसरीनंदन भी कहा जता है। केसरी को कपिराज भी कहा जाता था, क्योंकि वे कपिक्षेत्र के राजा थे। अब सवाल यह उठता है कि यह कपि क्षे‍त्र भारत में कहां स्थित था? इस विषय में विद्वानों में मतभेद हैं। हनुमानजी का जन्म कल्पभेद से कोई भक्त चैत्र सुद 1 मघा नक्षत्र को मानते हैं। कोई कारतक वद 14, कोई कारतक सुद 15 को मानते हैं। कुछ चैत्र माह की पूर्णिमा को उनके जन्म का समय मानते हैं और कुछ कार्तिक, कृष्ण चतुर्दशी की महानिशा को, लेकिन ज्यादातर जगह चैत्र माह की पूर्णिमा को मान्यता मिली हुई है। हनुमानजी की जन्मतिथि को लेकर मतभेद हैं। कुछ हनुमान जयन्ती की तिथि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी मानते हैं तो कुछ चैत्र शुक्ल पूर्णिमा। इस विषय में ग्रंथों में दोनों के ही उल्लेख मिलते हैं, किंतु इनके कारणों में भिन्नता है। पहला जन्मदिवस है और दूसरा विजय अभिनन्दन महोत्सव। FILE अंजनी पर्वत : कुछ विद्वान मानते हैं कि नवसारी (गुजरात) स्थित डांग जिला पूर्व काल में दंडकारण्य प्रदेश के रूप में पहचाना जाता था। इस दंडकारण्य में राम ने अपने जीवन के 10 वर्ष गुजारे थे। डांग जिला आदिवासियों का क्षेत्र है। आजकल यहां ईसाई मिशनरी सक्रिय है। हालांकि आदिवासियों के प्रमुक देव राम हैं। आदिवासी मानते हैं कि भगवान राम वनवास के दौरान पंचवटी की ओर जाते समय डांग प्रदेश से गुजरे थे। डांग जिले के सुबिर के पास भगवान राम और लक्ष्मण को शबरी माता ने बेर खिलाए थे। शबरी भील समाज से थी। आज यह स्थल शबरी धाम नाम से जाना जाता है। शबरी धाम से लगभग...