हनुमान जी के 12 नाम की स्तुति

  1. हनुमान मंत्र, स्तुति श्लोक व स्त्रोत
  2. करोड़पति बनना है तो रोज करें हनुमान जी के 12 नामों का पाठ।
  3. हनुमान जी के 12 नाम का पाठ स्त्रोत जो तुरंत काम करने वाला है
  4. Hanuman Ji Ke 12 Naam : हनुमान जी के चमत्कारी 12 नाम अर्थ सहित
  5. हनुमान जी के 12 नाम, जिनसे हर कष्ट होता है दूर, सोई हुई किस्मत भी जाग जाती है


Download: हनुमान जी के 12 नाम की स्तुति
Size: 79.18 MB

हनुमान मंत्र, स्तुति श्लोक व स्त्रोत

लेख सारिणी • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • हनुमान स्तुति श्लोक – Hanuman Mantra Sloka Hanuman Mantra – हनुमान मंत्र, हनुमान स्तुति श्लोक, हनुमान श्लोक (Hanuman Sloka) और हनुमान स्त्रोत (Hanuman Stotra) जपने से हमेशा भक्तो का उद्धार होता आया है क्यों की कालों के काल महाकाल शिव का अवतारी स्वरूप होने से श्री हनुमान जी हमेशा अपने भक्तो का बुरे वक्त में रक्षा कर, समय को अनुकूल, सुख-समृद्ध भी कर देते हैं। हर संकट की काट के लिए हनुमान उपासना का महत्व बताया गया है। हनुमान मंत्र – Hanuman Mantra हनुमान जी के मंत्र: मंगलवार के दिन दक्षिणमुखी या पंचमुखी हनुमान के दर्शन कर चरणों में नारियल अर्पित कर उनके चरणों का सिंदूर मस्तक पर लगाएं। नियत संख्या जैसे 11, 21, 51 Click Kare– नजर उतारने का हनुमान मंत्र ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय। नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः । । यह हनुमान मंत्र भी अत्यंत असरकारक है – ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः। प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानधन। जासु हृदय आगार बसिंह राम सर चाप घर।। यह भी जरूर पढ़े – • • • हनुमान सहस्त्र नाम • • • द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट। मनोकामना पूर्ण करवाने के लिए महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।। शत्रुओं और रोगों पर विजय पाने के लिए ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा || इस मंत्र का भी जाप कर सकते है हनुमान अंगद रन गाजे। हांके सुनकृत रजनीचर भाजे।। नासे रोग हरैं सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बल बीरा।। कष्...

करोड़पति बनना है तो रोज करें हनुमान जी के 12 नामों का पाठ।

हनुमान जी के 12 नामों का पाठ प्रतिदिन करने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती है जिससे वयक्ति धनवान बनता है।हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है, जो हर प्रकार संकट का हरण करने में सक्षम है। इसलिए जब भी कोई व्यक्ति मुसीबत में होता है तो वह बजरंगबली को सबसे पहले याद करता है। शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जो आज भी धरती पर मौजूद हैं। आनंदरामायण में बजरंगबली के 12 नामों से उनकी स्तुति करनेका उल्लेख किया गया है। जो भी व्यक्तिहनुमान जी के इन 12 नाम द्वारा उनकी स्तुति करता है उसकेसभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। हनुमान जी के इन 12 नामों की स्तुति करने से कष्टों से मुक्ति के साथ ही शनि के प्रकोप से मुक्ति मिलती है। हर मंगलवार या प्रतिदिनकरें हनुमान जी के इन 12 नामों का पाठ 1. ॐ श्री हनुमते नमः अर्थ:- भक्त हनुमान, जिनकी हनु अर्थातठोड़ी में दरार है। 2. ॐ अञ्जनी सुताय नमः अर्थ:- देवी अंजनी के पुत्र 3. ॐ वायुपुत्राय नमः अर्थ:- पवनदेव के पुत्र 4. ॐ महाबलाय नमः अर्थ:- जो बहुत बलवान हो 5. ॐ रामेष्ठाय नमः अर्थ:- भगवान श्रीराम के प्रिय 6. ॐ फाल्गुण सखाय नमः अर्थ:- अर्जुन के मित्र 7. ॐ पिंगाक्षाय नमः अर्थ:- लाल या सुनहरी आंखों वाले 8. ॐ अमितविक्रमाय नमः अर्थ:- जो अथाह या असीम वीरता का मालिक हो 9. ॐ उदधिक्रमणाय नमः अर्थ:- एक छलांग में समुद्र पार करने वाले 10. ॐ सीताशोकविनाशनाय नमः अर्थ:- माता सीता का दुख दूर करने वाले 11. ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः अर्थ:- लक्ष्मण के प्राण वापस लाने वाले 12. ॐ दशग्रीवस्य दर्पाय नमः अर्थ:- दस सिर वाले रावण के घमंड का नाश करने वाला हनुमानजी के 12 नाम वाली स्तुति मंत्र हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:। रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम:।।...

हनुमान जी के 12 नाम का पाठ स्त्रोत जो तुरंत काम करने वाला है

हनुमानजी के 12 नाम पाठ Hanuman Ji Ke Siddh 12 Naam Paath . हनुमानजी इस कलियुग में अति जल्द प्रसन्न होने वाले देवता है जो युगों युगों से चिरंजीवी है | भक्त की पुकार पर जल्दी ही कृपा बरसाते है | यह स्तुति आनन्दरामायण में दी गई है। यह बहुत ही चमत्कारी स्तुति है और यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से इस स्तुति का जप करता है, उसकी सभी परेशानयिां दूर होकर वे सुख सरिता में गोते लगाते है। यह 12 हनुमान जी के नाम (हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र) किसी महामंत्र से कम नही है और हर नाम हनुमानजी के गुणों का सागर है | पढ़े : हनुमान जी के 12 नाम पाठ स्त्रोत हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:। रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम:।। उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:। लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।। एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:। स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।। तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भेवत्। राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।। • हनुमान ! Hanuman • अंजनी सूत ! Anjni Soot • वायु पुत्र ! Vayu Putra • महाबल ! Mahabal • रामेष्ट ! Ramesht राम के प्रिय • फाल्गुन सख ! Phalgun Sakha अर्जुन के मित्र • पिंगाक्ष ! Pingaksh भूरे नेत्रवाले • अमित विक्रम ! Amit Vikram • उदधि क्रमण ! Udhikrman समुद्र को अतिक्रमण करने वाले • सीता सोक विनासन ! Sita Shock Vinashan • लक्ष्मण प्राण दाता ! Lakshman Pran Data • दस ग्रीव दर्पहा ! Dash Grieve Darpha : रावण के घमंड को दूर करने वाले हनुमान -हनुमान का संस्कृत में अर्थ है बिगड़े हुए जबड़े का . हनुमान जी वानर कूल में जन्मे थे और इसी कारन उन्हें हनुमान कहा जाता है . अंजनी सूत -बालाजी महाराज की माँ का नाम अंजना था और सूत का अर्थ होता है पुत्र . जब इन्...

Hanuman Ji Ke 12 Naam : हनुमान जी के चमत्कारी 12 नाम अर्थ सहित

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पोस्ट में। आज की इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं पवन पुत्र Hanuman Ji Ke 12 Naam 1. मंत्र : ॐ श्री हनुमते नमः। अर्थ -: इन्द्र के वज्र से जिनकी बायीं हनु (ठुड्डी) टूट गयी है , उस टूटी हुई विशेष हनु के कारण वे हनुमान कहलाते हैं। 2. अंजनीसुत (Anjani Suta) :- मंत्र : ॐ अञ्जनी सुताय नमः। अर्थ -: कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को प्रदोषकाल में 3. वायुपुत्र (Vayu Putra) :- मंत्र : ॐ वायुपुत्राय नमः। अर्थ -: बजरंगबली वायुदेव के मानस पुत्र हैं इसीलिये उन्हें वातात्मज, पवनपुत्र, वायुनन्दन और मारुति आदि नामों से जाना जाता है। 4. महाबल (Mahabala) :- मंत्र : ॐ महाबलाय नमः। अर्थ -: हनुमानजी अत्यंत बलशाली हैं श्रीराम ने हनुमानजी के बल का अगस्त्यमुनि से एक बार वर्णन करते हुए कहा था कि रावण और बाली के बल की कहीं तुलना नहीं है; किंतु मेरा विचार है कि दोनों का बल मिलकर भी हनुमानजी के बल की बराबरी नहीं कर सकता। 5. रामेष्ट (Rameshta) :- मंत्र : ॐ रामेष्ठाय नमः। अर्थ -: हनुमानजी को 6. फाल्गुनसखा (Phalguna Sakha) :- मंत्र : ॐ फाल्गुण सखाय नमः। अर्थ -: फाल्गुन का अर्थ है अर्जुन और सखा का अर्थ है मित्र। इस प्रकार फाल्गुनसखा का अर्थ हुआ वह जो अर्जुन के मित्र हैं। महाभारत युद्ध के समय हनुमानजी अर्जुन के रथ की ध्वजा पर विराजित थे इस युद्ध में उन्होनें अर्जुन की सहायता की थी। 7. पिंगाक्ष (Pingaksha) :- मंत्र : ॐ पिंगाक्षाय नमः। अर्थ -: श्री हनुमान के नेत्र थोड़ी लालिमा से युक्त पिंग अर्थात पीले रंग के हैं। 8. अमितविक्रम (Amita Vikrama) :- मंत्र : ॐ अमितविक्रमाय नमः। अर्थ -: अमित का अर्थ है बहुत अधिक और...

हनुमान जी के 12 नाम, जिनसे हर कष्ट होता है दूर, सोई हुई किस्मत भी जाग जाती है

भगवान श‍िवजी के रुद्रावतारों में से एक राम भक्‍त हनुमानजी की हर कोई पूजा अर्चना करता है. कहते हैं कि कलियुग में हनुमान जी इस धरती पर ही निवास करते हैं. हनुमान जी हर एक कष्ट को हरते हैं, यही कारण है कि उनको संकट मोचन तक कहा जाता है. अगर संकटमोचन की सच्‍चे मन से पूजा की जाए तो क्‍या छोटा क्‍या बड़ा सारे ब‍िगड़े कार्य सुधर जाते हैं. यही कारण है कि सनातन धर्म में मान्‍यता है क‍ि कल‍ियुग यानी क‍ि वर्तमान समय में हनुमानजी की पूजा-उपासना से न केवल लोक बल्कि परलोक भी सुधर जाते हैं. हनुमान जी की पूजा आराध्या के कई रूप हैं, लेकिन क्या आपने कई प्रभु के हर कष्ट को काटने वाले 12 नामों का जाप किया है. हम आपको अब हनुमानजी के 12 नामों के बारे में बता रहे हैं ज‍िन्‍हें अगर मंगलवार की शाम को जपा जाए तो जीवन के सारे ब‍िगड़े कार्य संवर जाते हैं. जानिए हनुमान जी के 12 नाम हनुमानजी के ये 12 नाम हैं 1- ऊं हनुमान 2- अंजनीसुत 3- वायुपुत्र 4- महाबल 5- रामेष्ट 6- फाल्गुण सखा 7- पिंगाक्ष 8- अमित विक्रम 9- उदधिक्रमण 10- सीता शोक विनाशन 11- लक्ष्मण प्राणदाता 12-दशग्रीव दर्पहा मान्‍यता है क‍ि अगर पूरी श्रद्धा के साथ हनुमानजी के के सामने दीपक जलाकर न‍ि:स्‍वार्थ भाव से इन नामों का जप क‍िया जाए तो हनुमानजी अत्‍यंत प्रसन्‍न होते हैं. कब करें इन नामों का जाप हनुमानजी के इन नामों का जाप अगर आप सुबह उठकर करते हैं तो हर एक मन की कामना पूरी होती है. इसके साथ ही अगर आप दोपहर के समय में आप इन दोनों का जाप करते हैं तो जातकों को अपार धन-संपदा की प्राप्ति होती है, जबकि शाम के समय नाम जप करने से घर-पर‍िवार में सुख-संपन्‍नता आती है. वही, रात में सोने से पहले बिस्तर पर इन नामों को जप करने से बिगड़े कार्य बनते हैं, बल्कि...