हरिवंश राय बच्चन जीवन परिचय

  1. Harivansh Rai Bachchan biography
  2. हरिवंश राय बच्चन: जीवन शैली, साहित्यिक योगदान, प्रमुख रचनाएँ
  3. हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय | Harivansh Rai Bachchan Biography in Hindi
  4. हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय
  5. हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय
  6. आत्म परिचय
  7. हरिवंश राय बच्चन – कवि परिचय : आत्म
  8. हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय, रचनाएं, कविताएं, जन्म और मृत्यु


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Harivansh Rai Bachchan biography

Harivansh Rai Bachchan | हरिवंश राय बच्चन हरिवंश राय बच्चन : Harivansh Rai Bachchan के जीवन के सम्बंधित संपूर्ण जानकारी हम यहाँ लिख रहे है. आगे इसे हम समय समय पर अपडेट भी करते रहेंगे. Harivansh Rai Bachchan biography में अगर कोई गलतियाँ हो तो हमें ज्ञात कराये. जन्म :- सन् 1907 ई० मृत्यु :- 18 जनवरी, सन् 2003 ई० जन्म-स्थान :- प्रयाग पिता का नाम :- प्रताप नारायण भाषा :- खड़ीबोली शैली :- भावात्मक गीत शैली Harivansh Rai Bachchan Books In Hindi : Buy On Amazon Harivansh Rai Bachchan ka jeevan parichay हरिवंश राय बच्चन जीवन-परिचय :- हरिवंशराय बच्चन का जन्म प्रयाग में मार्गशीर्ष कृष्ण 7, संवत् 1964 वि० (सन् 1907 ई०) में हुआ । इन्होंने काशी और प्रयाग में शिक्षा प्राप्त की । कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से इन्होंने डॉक्टरेट की । कुछ समय ये प्रयाग विश्वविद्यालय में अध्यापक रहे और फिर दिल्ली स्थिर विदेश मन्त्रालय में कार्य किया और वहीं से अवकाश ग्रहण किया । बच्चन उत्तर छायावादी काल के आस्थावादी कवि थे । इनकी कविताओं में भावनाओं की सामान्य एवं स्वाभाविक अभिव्यक्ति हुई है । सरलता, संगीतात्मकता, प्रवाह और मार्मिकता इनके काव्य की विशेषताएँ है और इन्ही से इनको इतनी अधिक लोकप्रियता प्राप्त हूई । 18 जनवरी, सन् 2003 ई० में हरिवंशराय बच्चनजी का देहान्त हो गया था । हरिवंश राय बच्चन रचनाएँ :- आरम्भ में बच्चन जी उमर खैयाम के जीवन-दर्शन से बहुत प्रभावित रहे । इसी ने इनके जीवन को मस्ती से भर दिया । इनकी काव्य-कृतियों में प्रमुख है —‘मधुशाला’ , ‘निशा निमन्त्रण’ , ‘प्रणय पत्रिका’ , ‘मधुकलश’ , ‘एकान्त संगीत’ , ‘सतरंगिणी’ , ‘बुद्ध का नाचघर’ , ‘त्रिभंगिमा’ , ‘आरती और अंगारे’ तथा ‘जाल समेटा’ । मधुशाला, मधुबाल...

हरिवंश राय बच्चन: जीवन शैली, साहित्यिक योगदान, प्रमुख रचनाएँ

हरिवंश राय बच्चन भारतीय कवि थे, जो 20वीं सदी में भारत के सर्वाधिक प्रशिक्षित हिंदी भाषी कवियों में से एक थे । इनकी 1935 में प्रकाशित हुई लंबे लिरिक वाली कविता“मधुशाला” ने उन्हें एक अलग प्रसिद्धि दिलाई। दिल को छू जाने वाली कार्यशैली वर्तमान समय में भी हर उम्र के लोगों पर अपना प्रभाव छोड़ती है। डॉ हरिवंश राय बच्चन जी ने हिंदी साहित्य में अविस्मरणीय योगदान दिया है। प्रसिद्ध साहित्यकार कवि हरिवंश राय बच्चन के जीवन के बारे में विस्तार से जानने के लिए यह ब्लॉग पूरा पढ़ें। बच्चन साहब का जन्म 27 नवंबर 1907 को गांव बाबू पट्टी, ज़िला प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव एवं उनकी माता का नाम सरस्वती देवी था। बचपन में उनके माता-पिता उन्हें बच्चन नाम से पुकारते थे, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘ बच्चा ‘ होता है। डॉक्टर हरिवंश राय बच्चन का शुरुआती जीवन के ग्राम बाबू पट्टी में ही बीता।हरिवंश राय बच्चन का सरनेम असल में श्रीवास्तव था, पर उनके बचपन से पुकारे जाने वाले नाम की वजह से उनका सरनेम बच्चन हो गया था। नाम डॉ हरिवंश राय बच्चन जन्म 27 नवंबर 1907 आयु 95 वर्ष मृत्यु तक जन्म स्थान गांव बाबू पट्टी,जिला प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव माता का नाम सरस्वती देवी पत्नी का नाम श्यामा देवी (पहली पत्नी), तेजी बच्चन ( दूसरी पत्नी) पेशा लेखक,कवि ,साहित्यकार शैली हिंदी छायावाद बच्चे अमिताभ बच्चनअभिताभ बच्चन मृत्यु 18 जनवरी सन 2003 मृत्यु स्थान मुंबई अवार्ड पद्मभूषण ,साहित्य अकादमी, आदि आरंभिक जीवन हरिवंश राय बच्चन ने कायस्थ पाठशाला में पहले उर्दू और फिर हिन्दी की शिक्षा ली जो उस समय कानून की डिग्री के लिए पहला कदम माना जा...

हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय | Harivansh Rai Bachchan Biography in Hindi

हरिवंश राय श्रीवास्तव उर्फ़ बच्चन 20वी सदी के नयी कविताओ के एक विख्यात भारतीय कवि और हिंदी के लेखक थे। ऐसा कहा जाता है कि इनकी कविताओं के द्वारा ही भारतीय साहित्य में परिवर्तन आया था और इनके द्वारा लिखी गयी कविताएं जिस शैली में लिखी गयी थी वह पूर्व कवियों की शैलियों से अलग थी, यही कारण है कि इन्हें नयी सदी का रचियता भी कहा जाता है। इनकी रचनाओं ने भारत के काव्य में नयी धारा का संचार किया। हांलाकि हरिवंशराय बच्चन अब हमारे बीच मौजूद नहीं हैं लेकिन उनकी कविताओं के द्वारा आज भी उनके जीवित होने का एहसास होता है। उनकी कविताएं वास्तविकता का दर्पण हैं जिनमे जीवन की सच्चाई का अनूठा विवरण देखने को मिलता है। पूरा नाम हरिवंश राय श्रीवास्तव उर्फ़ बच्चन जन्म 27 नवम्बर 1907 जन्मस्थान बाबुपत्ति गाव ( प्रतापगढ़) पिता प्रताप नारायण श्रीवास्तव माता सरस्वती देवी विवाह श्यामा बच्चन, उनके मृत्यु के बाद तेजी बच्चन से विवाह सन्तान अमिताभ और अजिताभ सम्मान साहित्य अकादमी पुरस्कार, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, कमल पुरस्कार, सरस्वती सम्मान आत्मकथा / रचनावली क्या भूलूँ क्या याद करूँ, नीड़ का निर्माण फिर, बसेरे से दूर, दशद्वार से सोपान तक, बच्चन रचनावली (नौ खंड) निधन 18 जनवरी 2003, मुंबई (महाराष्ट्र) हरिवंश राय बच्चन का प्रारम्भिक जीवन उनका जन्म प्रतापगढ़ जिले के बाबुपत्ति गाव में श्रीवास्तव कायस्थ परिवार में हुआ, वे हिंदी कवि सम्मलेन के विख्यात कवि थे। ऊनकी सबसे प्रसिद्ध कृति “मधुशाला” है। और वे भारतीय सिनेमा के विख्यात अभिनेता, अमिताभ बच्चन के पिता भी है। अल्लाहाबाद के कायस्थ परिवार में जन्म लिए हरिवंश राय बच्चन के पूर्वज बाबु पत्ति, रानीगंज तहसील से थे जो प्रतापगढ़ (उ.प्र.) जिले में आता है। वे प्रताप नार...

हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय

हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय हिंदी में Harivansh ray bacchan ka jeevan parichay Harivansh rai bachchan ka jivan parichay in hindi harivansh rai bachchan poems in hindi madhushala Biography Of Harivansh Ray Bachchan Harivansh rai bacchan ka jeevan parichay hindi me हरिवंशराय बच्चन का पूरा जीवन परिचय हरिवंश राय बच्चन जन्म स्थान अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंशराय बच्चन का जीवन परिचय हरिवंशराय बच्चन का महत्वपूर्ण जीवन परिचय हरिवंशराय बच्चन की रचनाएँ - हरिवंशराय बच्चन का जन्म इलाहाबाद में सन १९०७ में हुआ था। उन्होंने इलाहबाद विश्वविद्यालय से १९३८ में अंग्रेजी में एम्.ए तथा कैम्ब्रिजविश्वविद्यालय से पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। कुछ समय आप इलाहबाद विश्वविद्यालय में अध्यापक रहे और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिंदी विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत रहे। १९६६ में सरकारी सेवा में अवकाश ग्रहण करने के बाद इन्हें राज्यसभा का सदस्य भी मनोनीत किया गया था। १८ जनवरी ,२००२ को इनका देहावसान हो गया। बच्चन जी ने १३ वर्ष की अल्पायु से ही काव्य रचना आरम्भ कर दी थी। काव्य क्षेत्र में इनकी रचना मधुशाला के प्रकाशन के बाद इन्हें बहुत ख्याति मिली। इन्हें चौसठ रुसी कविताएँ (अनुवाद ) पर सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार और दो चट्टानों पर साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ है। हरिवंश राय बच्चन की भाषा शैली हरिवंश राय बच्चन बच्चन जी की भाषा में प्रवाह है ,माधुर्य है और वाणी में मोहक शक्ति। इन्होने अपनी भाषा खड़ी बोली में संस्कृत ,उर्दू और फ़ारसी के शब्दों का प्रयोग स्वतंत्रतापूर्वक किया है। आपकी कविता में आशावाद और उत्साह के भाव भरे हैं। विरह और वेदना बच्चन जी के काव्य के प्रमुख विषय...

हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय

इस आर्टिकल में हम हरिवंशराय बच्चन जी के जीवन परिचय को विस्तार से देखेंगे। यहा पर हम इनके जीवन परिचय के साथ-साथ इनके जीवन से जुड़े उन सभी प्रश्नों को समझेंगे जो, अकसर लोगो द्वारा पुछे जाते है जैसे की- हरिवंश राय बच्चन का जन्म कब और कहां हुआ था, हरिवंश राय के माता पिता का क्या नाम था, हरिवंश राय बच्चन की पहली पत्नी का नाम क्या है, हरिवंश राय बच्चन के कितने बच्चे हैं, हरिवंश राय बच्चन की रचनाएँ और हरिवंश राय बच्चन जी की मृत्यु कब हुई थी आदि। ऐसे ही और भी बहुत से प्रश्नों के उत्तर यहा पर आपको जानने को मिलेंगे, इसलिए आप इस लेख को पूरा अन्त तक अवश्य पढ़े। चलिये अब हम Harivansh Rai Bachchan Ka Jeevan Parichay विस्तार से देखे। नाम हरिवंशराय बच्चन उपनाम बच्चन जन्म तिथि 27 नवम्बर 1907 जन्म स्थान प्रयागराज, उत्तर प्रदेश (भारत) मृत्यु तिथि 18 जनवरी 2003 मृत्यु स्थान मुम्बई,महाराष्ट्र (भारत) उम्र (मृत्यु के समय) 95 वर्ष राष्ट्रीयता भारतीय व्यवसाय कवि, लेखक, प्राध्यापक भाषा खड़ीबोली, अवधी,हिन्दी शैली भावात्मक गीत शैली शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय, सेन्ट कैथेराइन कॉलेज (कैम्ब्रिज) पिता प्रताप नारायण श्रीवास्तव माता सरस्वती देवी पत्नी (तेजी बच्चन 1941-2003) (श्यामा बच्चन 1926-1936) संतान 2 संतान के नाम अमिताभ बच्चन, अजिताभ बच्चन उल्लेखनीय पुरस्कार पद्म भूषण (1976) हरिवंशराय बच्चन का जन्म प्रयागराज में सन् 1907 ई० में हुआ था। इन्होंने काशी और प्रयागराज में शिक्षा प्राप्त की। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से इन्होंने डॉक्टरेट की। कुछ समय ये प्रयागराज विश्वविद्यालय में अध्यापक रहे और फिर दिल्ली स्थित विदेश मन्त्रालय में कार्य किया और वहीं से अवकाश ग्रहण किया। बच्चन उत्तर छायावादी काल के आस्थावादी ...

आत्म परिचय

परिचय कवि हरिवंश राय बच्चन ने अपने प्रेममय व्यक्तित्व पर स्वयं प्रकाश डाला है | वह जीवन के कर्तव्यों और दायित्वों के प्रति सचेत हैं | कवि ने अपने जीवन के बारे में बताया है | प्रसंग मैं जग-जीवन का भार लिए फिरता हूँ, फिर भी जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ; कर दिया किसी ने झंकृत जिनको छूकर मैं साँसों के के दो तार लिए लिए फिरता हूँ ! व्याख्या इन काव्य पंक्तियों में कवि अपने व्यक्तित्व की विशेषताओं कर वर्णन कर रहे हैं - कवि कहता है की वह सांसारिक कठिनाइयों से जूझ रहा है , फिर भी वह इस जीवन से प्यार करता है | वह अपनी आशाओं और निराशाओं से संतुष्ट है कवि बताते हैं की मैं सांसों के तार लगे ह्रदय रुपी वाद्य यंत्र को लिए हुए हूँ, जिसे किसी ने छूकर झंकृत कर दिया है, कम्पित कर दिया है | यहाँ किसी ने कवि के प्रिय का प्रतीक है, यह प्रिय प्रेमिका हो सकती है , कोई मित्र हो सकता है कवि चाहता है की वह अपने प्रिय के प्रति प्रेम व्यक्त करे, उसे अपना स्नेह दे प्यार दे, वह अपने जीवन में प्रेम की ललक के लिए घूम रहा है प्रसंग मैं स्नेह-सुरा का पान किया करता हूँ, मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ, जग पूछ रहा उनको, जो जग की गाते मैं अपने मन का गान किया हूं व्याख्या कवि आगे कहते हैं की मेरा मन प्रेम की मदिरा पीकर मस्त है, कवि के ह्रदय में प्रेम की भावना है और कवि कहता है की ये दुनिया वाले मेरे बारे में चाहे कुछ भी कहें, मैं प्रेम का प्याला पीकर अपने में मग्न रहता है हूँ तथा प्रेम की मस्ती में झूमता हूँ | लोग सामाजिक सरोकारों वाले कवियों को पसंद करते हैं लेकिन मैं तो अपने गीतों में अपने मन के भावों को व्यक्त करता हूँ और अपनी कविताओं का विषय भी मैं खुद ही हूँ | प्रसंग निज उर के उद्गार लिए फिरता हूं मैं ...

हरिवंश राय बच्चन – कवि परिचय : आत्म

हालावादी कवि के रूप में प्रतिष्ठित हरिवंशरायबच्चनका जन्म 27 नवम्बर 1907 ई. को इलाहाबाद (उ., प्र.) में हुआ। बच्चन जी को हिंदी में हालावाद (1932-1937) का सर्वश्रेष्ठ कवि कहा गया है। प्रथम विश्व युद्ध के बाद और स्वाधीनता-संघर्ष के हर आदोलन की असफलता से उपजे अवसाद, पराजय बोध, आर्थिक एवं सामाजिक विडंबनाओं ने व्यक्ति समाज और राष्ट्र के जीवन को बहुत हद तक कुंठाग्रस्त एवं विषादग्रस्त कर दिया था। उस समय जनमानस विक्षुब्ध, कुपित और कुंठित था। ऐसे वातावरण में हरिवंशराय बच्चन सहज सुबोध भाषा-शैली में ऐसी लयपूर्ण गीत-रचनाएँ लेकर सामने आए जिन्होंने तत्कालीन जन-मानस के मन में आशा-विश्वास और उन्मुक्त जीवन- भोग के प्रति उत्कंठा जागृत की। उस समय के कवि-सम्मेलनों के मंचों पर अपनी रसाभिषिक्त कविताओं का सस्वर पाठ भी करने लगे थे। उस् समय हताश मध्यवर्गीय समाज को इन कविताओ में एक नई ताजगी जिजीविषा और जीवन- भोग की सच्चाई का पता लगा। बच्चन जी हिंदी काव्य-जगत में प्रतिष्ठित हो गए। 1954 में बच्चन जी कैब्रिज विश्वविद्यालय से ईट्स ‘पर अपना शोध कार्य पूर्ण करके स्वदेश लौटे। एक वर्ष तक अध्यापन कार्य करने के पश्चात् कुछ समय तक आकाशवाणी प्रयाग में काम किया। इसके बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में विशेष अधिकारी बना दिए गए। 1955 से 65 तक इसी पद पर कार्य करते रहे। 1966 में बच्चन जी को तत्कालीन राष्ट्रपति की ओर से राज्यसभा का सदस्य चुना गया। इसी वर्ष इनको ‘चौंसठ रूसी कविताएँ’ पर ‘ सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार’ मिला। 1969 में ‘ दो चट्टानें’ पर साहित्य अकादमीपुरस्कार मिला। 1976 में उन्हें राष्ट्रपति द्वारा ‘ पद्य भूषण’ से अलंकृत किया गया। 1992 में उन्हें ‘ सरस्वती पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। हरिवंशराय बच्चन जी...

हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय, रचनाएं, कविताएं, जन्म और मृत्यु

हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय हरिवंश राय बच्चन के काव्य में एक अनवरत अनुसंधान की धारा प्रवाहित होती थे। जीवन के सत्य को कविता में आरोपित करने की कला आधुनिक हिंदी साहित्य के लिए नया प्रयोग बंद कर विकसित हुए रचनाकारों का पथ प्रदर्शन करती है। उन्हें राष्ट्रकवि का गौरव प्राप्त हुआ है। उनकी प्रमुख कृतियां को संसार में सराहना मिली। उन्हें देश विदेश में अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से अलंकृत किया गया था। हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय हरिवंश राय बच्चन जी का जन्म जन्म 27 नवंबर सन् 1907 को जन्म स्थान प्रयाग के बापूपट्टी नामक गांव में पिता का नाम श्री प्रतापनारायण शिक्षा एम.ए. और पी.एच.डी. रचनाएं मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश, तेराहार, निशा नियंत्रण आदि मृत्यु 18 जनवरी सन् 2003 में हरिवंशराय बच्चन का जन्म 27 नवंबर सन् 1907 को एक छोटे से गांव बापूपट्टी प्रयाग ( इलाहाबाद) में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम प्रतापनारायण श्रीवास्तव और माता का नाम सरस्वती देवी था। इनके पिता एक अच्छे लेखक, साहित्यकार, और कवि थे। जिसका शाब्दिक अर्थ बच्चा या संतान होता है। बाद में ये इसी नाम से मशहूर हुए। इन्हे शांत चित्त के साथ गंभीर चिंतन के संस्कार उन्होंने बचपन में ही पा लिए थे। हरिवंश राय बच्चन जी की मृत्यु 18 जनवरी 2003 को सांस की बीमारी के कारण हुई। हरिवंश राय बच्चन जी की शिक्षा हरिवंश राय बच्चन की शिक्षा म्यूंसिपल स्कूल से शुरू हुई थी। उसके बाद इन्होंने कायस्थ पाठशाला में पहले उर्दू की शिक्षा ली जो उस समय कानून की डिग्री के लिए पहला कदम माना जाता था। उन्होंने अंग्रेजी में एम. ए.किया उसके बाद केब्रीज विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य से पीएच. डी.करने के पश्चात सन 1942 से लेकर सन 1952 तक इलाह...